कामवाली ने चूसा लंड-1

आज की मेरी कहानी कामवाली सेक्स कहानी है। मेरा नाम राजू है, और मैं बेंगलुरु में अकेले 1 बेडरूम का फ्लैट लेकर रहता हूं। मेरी उमर 26 वर्ष है, और मैं हट्टा-कट्टा नौजवान हूं। गोरा रंग और गठीला बदन है। मैं क्रॉसफिट और स्पोर्ट्स खेलता हूं, जिससे मेरी बॉडी मस्कुलर पर स्लिम-ट्रिम है।

मेरे घर पर काम करने के लिए एक लड़की आती है। उसका नाम रानी है, और वो बंगाली है। वो 21-22 साल की होगी। बेंगलुरु में पढ़ने आई है। पर यहां के खर्चे की वजह से 2-3 घरों में खाना बनाती है। पर मेरे यह वो पूरा काम करती है। मैंने उससे पहले ही बात कर ली थी कि देखो मुझे तो पूरा काम चाहिए, भले ही ज्यादा पैसे लेलो।

वो भी मान गई, क्योंकि छोटा ही घर है, तो झाड़ू पोछे में कितना ही समय लगेगा, और बर्तन तो बस खाना बनाने के होते है, बाकी 1-2 प्लेट जिसमें खाया हो। मुझे ऑफिस जाना होता है और रानी अपने टाइम से काम करने आती है। तो मैंने एक चाबी रानी को ही दे रखी है। वो अपने हिसाब से आकर काम कर देती है। अब मैं ठहरा कुंवारा लड़का। मेरे घर में ले-दे कर लैपटॉप और फोन ही काम का है। वो तो मेरे साथ ऑफिस में रहता है। तो चोरी का भी कोई डर नहीं।

रानी हल्के सावले रंग की बहुत ही कसी हुई लड़की है। उसके बोबे और गांड भी कमल के है, और वो जींस-टॉप पहन कर आती है काम करने। एक सुबह के समय आती है और एक शाम के समय। मेरे अलावा वो एक और घर में काम करती है।

कई बार रानी जब सुबह आती, तो मैं अपने बॉक्सर में ही होता। अक्सर मेरी गर्लफ्रेंड रात रुक जाया करती थी, और रानी कई बार हमारी सुबह-सुबह की मस्त चुदाई की आवाज़ भी सुनती थी। मैं अपनी गर्लफ्रेंड की जबरदस्त चुदाई के बाद उस पर अपना गरमा-गरम स्पर्म बहा देता था। जिसके बाद वो बाथरूम में जा कर खुद को साफ करती, और मैं अपना बॉक्सर डाल कर किचन में पानी पीने चला जाता।

वहां उस वक्त रानी कई बार खाना बना रही होती थी। मैं रानी के सामने पूरा नंगा सिर्फ चड्डी में होता, तो उसको भी शर्म आ जाती।

राजू: और रानी कैसी हो आज? क्या खिला रही हो?

रानी: भैय्या आज भिंडी की सब्जी है। आपको अच्छी लगती है?

राजू: तुम्हारे हाथ का तो सब अच्छा लगता है‌ (पानी पीते हुए)।

रानी: क्या भैय्या आप भी।

राजू: आज पहले खाना बना रही, हो सफाई करने नहीं आई?

रानी: मुझे लगा आप थोड़ा काम कर रहे थे, तो मैं नहीं आई।

राजू: काम तो मैं तुम्हारे साथ भी कर सकता हूं।

रानी: क्या मतलब?

राजू: कुछ नहीं ऐसी ही। चलो मैं चलता हूं। मैडम को थोड़ा गले में खराश है, उसका इलाज करने जाना है।

हमारे बीच ऐसी बातें चलते रहती थी।उसके लिए भी मेरा बॉक्सर में या तोलिए में घूमना बहुत साधारण बात थी। और अपनी गर्लफ्रेंड को चोदना भी चलते ही रहता था। मैं कई बार रानी को मजाक-मजाक में उसकी कमर पर चिकोटी भी काट देता था।

एक दिन तो मैं काफी पिया हुआ आया और नंगा ही सो गया। जब रानी ने सुबह मुझे देखा तो मैं अपने बिस्तर पर उल्टा लेटा हुआ था, और मेरी नंगी गांड दिख रही थी। उसने मुझे एक-दो आवाज़ दी, पर मैं नहीं हिला। तो उसे लगा कि मैं नींद में था। तो उसने आकर मुझे छूना शुरू कर दिया।

मैं सच में इतनी बेहोशी की हालत में था, कि मुझे पता ही नहीं पड़ा, और रानी मेरी गांड सहलाने लगी। इससे मेरा लंड कड़क होने लगा। फिर उसने एक हाथ से लंड पकड़ लिया, और दूसरे से मेरे गोटे सहलाने लगी।

उसके बाद उसने मुझे चूमना शुरू किया, और धीरे-धीरे लंड चाटने लगी। मैं इतनी मदहोशी की हालत में था कि मुझे लगा मेरी गर्लफ्रेंड श्रिया थी। मैं आहे भरने लगा और बेहोशी में ही रानी का सिर पकड़ कर अपने लंड में दबाने लगा। मैं नींद में बस श्रिया-श्रिया का नाम ले रहा था।

राजू: आह श्रिया चूसती रहो। और अंदर लो। आह श्रिया आई लव यू।

और रानी श्रिया बन मेरा लंड चूसे जा रही थी। फिर मेरा स्पर्म निकालना शुरू हो गया। रानी ने मेरा पूरा स्पर्म अपने मुंह में ही ले लिया। मैं भी स्पर्म निकलते ही वापिस चुप-चाप मदहोशी में सो गया।

बाद में जब मेरी नींद खुली तब तक रानी काम कर के जा चुकी थी। मैं ऑफिस के लिए लेट हो रहा था तो मैं भी तयार हो गया। ऑफिस में जब श्रिया से मिला तो-

राजू: श्रिया तुम कहा चली गई थी सुबह सुबह?

श्रिया: मैं कहा गई?

राजू: सुबह तुमने मुझे उठाया ही नहीं।

श्रिया: मैंने तुम्हे फोन करा पर तुमने उठाया ही नहीं।

राजू: फोन क्यूं कर रही थी सीधे ही उठा देती ना।

श्रिया: तो उसके लिए मुझे तुम्हारे घर पर भी तो होना पड़ता ना।

मैं एक-दम सोच में पड़ गया कि श्रिया तो थी ही नहीं, तो वो सब किसने करा? कही मेरा सपना तो नहीं था? पर मुठ निकलने के बाद जैसा भी लग रहा था। फिर मैंने सोचा कही रानी ने तो नहीं? मैं तो आज जब उठा तो पूरा नंगा था। उसने तो मुझे वैसे देखा होगा। कही उसी ने तो कुछ नहीं करा?

मैं इसी सोच में घर पहुंचा कि क्या रानी ने मेरा फायदा उठाया? पर मैं ये उससे केसे पूछूं? कही उसने कुछ नहीं करा हो और मेरा वहम हो? बिना मतलब हंगामा हो जायेगा। फिर रानी शाम का काम करने आई, और रोज की तरह ही काम करने लगी। मैंने सोचा चलो कुछ बात करता हूं, कभी खुद ही कुछ बोल दे।

राजू: रानी आज तुम सुबह कब आकर चली गई पता ही नहीं चला।

रानी: हां भैय्या आप नींद में थे, तो मैंने उठाया नहीं, और अपना काम करके चली गई।

राजू: अच्छा तुमने मेरे कमरे में भी झाड़ू पोछा कर दिया था?

रानी: हां भैय्या, अच्छे से साफ कर दिया था। कोई कमी रह गई क्या?

राजू: नहीं कोई कमी नहीं रही। तुम तो अच्छा ही काम करती हो।

रानी: भैय्या आप ही मेरी इतनी तारीफ करते हो। बाकी दूसरी आंटी तो गलतियां ही निकालती रहती है।

राजू: अरे आंटियों की तो आदत होती है चिक चिक करने की। तुम दिल पर मत लिया करो।

मैंने सोचा कि ये तो पक्का हो गया था कि रानी ने मुझे नंगा तो देखा था। क्योंकि अगर मेरे कमरे में साफ सफाई करी तो मुझे भी देखा ही होगा। मैं फिर हाल में चले गया, और वर्कआउट करने लगा।

रानी अपना काम खतम करके जाने लगी, और मुझसे बोली-

रानी: भैय्या मैंने खाना बना कर रख दिया है, और फ्रिज में खीर भी रखी है, उसे भी खा लेना।

राजू: ठीक है। और तुम भी खीर खा लो।

रानी: मैंने तो सुबह ही खीर खा ली थी (थोड़ा कामुकता के साथ कहते हुए)।

राजू: अच्छा ठीक है, और चाहिए हो तो लेलो।

रानी: नहीं भैय्या, वो मैं कल देखूंगी इच्छा हुई तो।

मुझे भी उसकी बातों से अजीब लगा। और मैंने सोचा कि कुछ तो करना पड़ेगा। एक-दो दिन तो ऐसे ही चलता रहा। फिर मैं एक दिन वापिस से नंगा सो गया, और कमरे में दारू की बोतल भी फैला दी, और खुद के उपर भी छिड़क ली।

इसके आगे क्या हुआ, आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक अगर आपको ये कामवाली सेक्स कहानी अच्छी लगी हो, तो आपके विचार जरूर सांझे करें।

अगला भाग पढ़े:- कामवाली ने चूसा लंड-2