रजनी की चुदाई उसीकी जुबानी-16 – करनाल का करंट

करनाल में दूसरा दिन

रात हो गयी – खाना सब खा ही चुके थे।

लड़कियों की चूत और गांड के छेद फड़क रहे थे और लड़कों के लंड फनफना रहे थे। सब चोदने चुदवाने के लिए तैयार थे।

मैंने सारे कपड़े उतार दिए थे और चद्दर ओढ़ कर लेट गयी और दीपक का इंतज़ार करने लगी। रजनी और सरोज उधर संतोष के पास जा चुके थे।

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