राजू और उसके प्यारे सन्तोष मौसा-3

पिछला भाग पढ़े:- राजू और उसके प्यारे सन्तोष मौसा-2

नाश्ता करके दोनों ही रोज की तरह चुप-चाप खाना बनाने में लगे, और खाना बनने के बाद उसे पैक कर खेत पर ले गए। खेत पर बने कमरे में राजू ने घर से लाया खाना रखा और मौसा के पीछे-पीछे मज़दूरों की तरफ जाने लगा।

मजदूर सुबह बारिश रुकने के बाद से ही काम पर लगे थे, और धूप बढ़ने के साथ-साथ अपने काम को रोकने की सोच रहे थे, जिस पर मौसा ने भी हां कर दी। मजदूर अपना काम समेट के जाने लगे और राजू और मौसा दोनों खेत पर बने कमरे की तरफ आ गए। वहां आकर मौसा ने हाथ पैर धोये, और चारपाई पर एक करवट से लेट गये। राजू को कमरे के पास लगी घास को काटने की बोल दिया।

सुबह से ही दोनों ने एक-दूसरे से कोई बात नहीं की थी, और ना ही एक-दूसरे की तरफ़ देखा था। लेटे-लेटे मौसा राजू के मुंह में अपने लंड की छूटती पिचकारियों से राजू के मुंह में भरे अपने माल को याद कर रहे थे, और इधर उनका लंड सलामी दें रहा था। लंड के तनाव को छुपाने के लिए मौसा भरसर कोशिश कर रहे थे। लेकिन लंड रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।