मेरी खूबसूरत पत्नी को अकेले रहना पसंद नहीं-9

पिछला भाग पढ़े:- मेरी खूबसूरत पत्नी को अकेले रहना पसंद नहीं-8

अंजली: तुम कहते हो कि सीमा बहुत सुंदर थी और तुम्हारे साथ ग़रीबी में नहीं रहना चाहती थी। लेकिन मुझे लगता है कि अगर तुम केडिया की तरह अमीर भी होते तब भी कोई औरत तुम्हारे साथ नहीं रहती। घर में सिर्फ़ हम और तुम थे। फिर भी तुम मुझे चोद नहीं पाये। अब फिर कभी मुझे चोदना तो दूर छूने की भी कोशिश मत करना। मैंने ग़लत नहीं कहा था, तुमसे चुदवाने से बढ़िया है कि केडिया को अपनी नंगी जवानी दिखाऊं। मैं नामर्दों से बात भी नहीं करती।

बल्लू: मालकिन, कल पहली बार आपकी खूबसूरती, दुनिया की सबसे मस्त माल को नंगा देखा था। इसलिए ज़्यादा जोश में आ गया था, और ठीक से चोद नहीं पाया था। अंजली मालकिन, एक बार और मौक़ा दो, इस बार अगर आपको पूरा ठंडा नहीं कर दिया, तो फिर कभी आपके सामने नहीं आऊंगा। और हां, तैयार रहिएगा, वो बुड्ढा केडिया बहुत जल्दी आपको नंगा नचाने के लिए आयेगा।

अंजली: तुम तो कल कह रहे थे कि औरतें ही उसके घर जाती हैं, वो किसी के घर नहीं जाता। फिर मेरे पास क्यों आया? कभी सीमा को केडिया के सामने नचवाया कि नहीं।

बल्लू: सीमा यहां रहती तो केडिया उसे चोद भी लेता। लेकिन वो दूर दूसरे शहर में रहती है। यहां केडिया को अपनी नंगी जवानी दिखाने वाली बहुत हैं। कल दोपहर में एक साथ दो बहनें आई थी। पहले तो केडिया ने दोनों को खूब सहलाया, खूब रगड़ा, और उसके बाद दोनों बहनों को हम दोनों, मुझसे और भीमा से चुदवाया। भीमा ने एक ही बहन तो चोदा, लेकिन मैंने दोनों बहनों को चोदा।

अंजली: कितना मिला दोनों को?

बल्लू: जिस बहन ने हम दोनों से चुदवाया उसे 30 हज़ार मिला, और दूसरी वाली को बीस हज़ार। दोनों ने जाते-जाते मुझसे कहा कि मैंने उन्हें बढ़िया चोदा। मालकिन, एक बार और चोदने दो। खुश कर दूंगा।

अंजली: आज चुदाई का मूड नहीं है। वैसे भी तुम ने कहा ना कि आज केडिया आयेगा। फिर आज तू कैसे मुझे लेगा? जब मेरी चूत को तेरे लंड की ज़रूरत होगी, तो तुझे ख़ुद बुला लूंगी। अगर बहुत गर्मी चढ़ी है तो चल किसी झाड़ी के पीछे चूस कर ठंडा कर दूंगी।

बल्लू: बूर चूसना, लंड चूसना बच्चों का काम है। हम मर्द तो सिर्फ़ बूर में लंड ही पेलते हैं। जाओ झांट साफ़ कर लो, केडिया साहब को झांट नहीं पसंद है।

अंजली: माया चली जाये तो आ जाना, बातें करेंगे चाय पियेंगे।

अंजली अब घर में अकेली नहीं रहना चाहती थी। 40-45 मिनट गार्डन में घूम-फिर कर अंजली घर घुसी तो देखा कि माया सोफ़ा को पकड़ कर कुतिया बनी हुई थी, और आनंद साइड से हाथ घुसा कर चूचियों को पकड़ कर लंड को माया की बूर के अंदर-बाहर कर रहा था।

माया: देख, तू अपने घरवाली को नहीं खिला रही है,‌‌ तो मुझे कितनी मेहनत करनी पड़ रही है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि इतना शरीफ़ दिखने वाला आदमी इतनी बढ़िया चुदाई कर सकता है।

अंजली ने साड़ी और ब्लाउज़ खोल दिया और सिर्फ़ पेटीकोट और ब्रा पहन कर रही।

अंजली: आनंद के लंड को मेरी बूर पसंद नहीं है। 15 मिनट होते-होते उल्टी कर देता है। तू जी भर कर चुदवा, मैं तेरा काम कर देती हूं।

और सही में माया चुदवाती रही, और अंजली ने घर में झाड़ू लगाया और पोछा भी लगाया। किचन में चाय बनाने लगी। आनंद ने माया को तीसरी बार चोदा और तीनों बार 46 मिनट से ज़्यादा चोद कर झड़ा। माया नंगी ही आकर अंजली से चिपक गई।

माया: रंडी, तुझे काम करने की ज़रूरत नहीं है। अभी आराम कर ले। वो केडिया ज़रूर आयेगा। फिर बहुत मेहनत करवायेगा।

अंजली: उसके घर जाकर कुत्ते को मना कर दे। साला आनंद आज घर में ही रहेगा।

माया: वो आयेगा ज़रूर, देखें आनंद तुम्हें कितने में बेचता है। तेरी झांट थोड़ी बढ़ गई है। चिकना कर ले। उसे चिकनी चूत पसंद है।

अंजली: मुझे झांट पसंद है। उसे चिकनी चूत चाहिए तो उसे ही बूर चिकनी करनी पड़ेगी। बल्लू ने तुम्हें कभी चोदा है?

माया: नहीं, क्यों पूछ रही है? औरत को देख कर केडिया फैंसला करता है कि किस औरत को बल्लू चोदेगा, और किसे भीमा। भीमा ने मुझे एक बार चोदा था। लेकिन उस जानवर के साथ मुझे मज़ा नहीं आया था। तेरा आनंद उससे बहुत बढ़िया चोदता है।

अंजली: लेकिन मेरी बूर को आनंद का लंड पसंद नहीं है।

माया: यह कोई नई बात नहीं है। अधिकतर औरतों को अपना घरवाला पसंद नहीं आता है। तैयार रहना। आज दोपहर में अपनी भाभी सपना को लाऊंगी, और तुम्हें होटल ले चलूंगी। तुझे बढ़िया क़ीमत भी मिलेगी और बढ़िया चोदने वाला भी मिलेगा।

अंजली: नहीं, होटल या बाहर जाकर नहीं चुदवाऊंगी। जब मुझे लंड की ज़रूरत होगी तुम्हें बता दूंगी।

माया: मुझे लगा था कि तू बहुत चुदासी है। लेकिन साली तुम्हें सिर्फ़ मस्ती चाहिए। तू बहुत ही ठंडी औरत है। अब तुम्हें बढ़िया लगे या ख़राब तेरे घरवाले को मैं नहीं छोड़ने वाली, मादरचोद बढ़िया चोदता है।

अंजली: तू रात में भी यही रह ना। मुझे उसका ढीला धक्का नहीं चाहिए।

माया ने ज़ोर से चूचियों को दबाया।

माया: आज ही केडिया से कहती हूं कि ये कुतिया उसके कुत्ते भीमा से चुदवाने को तैयार है।

दोनों में ऐसी ही मस्ती भरी बात-चीत होती रही, और दरवाज़े पर नॉक हुआ। माया किचन में नंगी ही थी। अंजली पेटीकोट और ब्रा पहन कर लिविंग रूम में बैठी थी। आनंद ने माया के कपड़ों को किचन में फेंका और ख़ुद एक टॉवेल लपेट कर दरवाज़ा खोला।

आनंद: गुड मॉर्निंग केडिया साहब। आप बढ़िया समय पर आये। चाय तैयार है।

केडिया अंदर आया और उसकी नज़र सामने बैठी अंजली पर पड़ी।

केडिया: नमस्ते अंजली। तुम्हारी ख़ुशबू रोड तक जा रही थी, अपने को रोक नहीं पाया। सुंदर तो हो ही आज और भी खूबसूरत लग रही हो।

अंजली ने चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं आने दी।

अंजली: ये दोनों कपड़े भी उतार दूंगी तो आप को ज़्यादा सुंदर लगूंगी। मैं आपकी नाती पोती से भी छोटी हूं, फिर भी आप।

केडिया: माया, तेरी मेम साहब आज बहुत नाराज़ है। लगता है आनंद ने रात में बढ़िया से चोदा नहीं, इसलिए चिड़चिड़ापन आ गया है। यह तो नहीं पूछेगी, तू ही एक बढ़िया चाय पिला दे।

सुन कर भी तीनों में से किसी को विश्वास नहीं हुआ कि 72 साल के बुड्ढा ने अंजली की चुदाई की बात की। लेकिन अंजली के जवाब ने सभी को और भी चौंका दिया।

अंजली: माया, इस बुड्ढे को चाय दे, और इसका लंड देख कर बता कि ये चोद सकता है कि नहीं। केडिया लंड में दम है तो लंड दिखाओ। आनंद मुझे कैसे चोदता है उसे छोड़ो, तुम्हारा लंड मुझे पसंद आया तो मैं अभी सब के सामने तुमसे चुदवाऊंगी।

आनंद ने कभी सोचा नहीं था कि उसकी खूबसूरत पत्नी इतना गंदा बोल सकती थी। कुछ देर सभी चुप रहे। माया ने अंजली जैसा सिर्फ़ एक कुर्ता पहना और ट्रे में सब के लिए चाय लेकर आई। उसने सबको एक-एक कप चाय दी, और वापस किचन में जाने लगी तो केडिया ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी गोदी में बिठा लिया।

केडिया: माया, मैंने भीमा और बल्लू दोनों से कह दिया है कि तू जब भी आना चाहें तेरा काम कर दे। वहां तो तुझे दस-बीस ही मिलता है तू अभी आनंद से चुदवा तो तुझे भी पचास दूंगा, और आनंद को भी पचास हज़ार दूंगा।

माया ना-ना-नहीं करती रही, लेकिन केडिया ने कुर्ता निकाल दिया।

आनंद: केडिया साहब ये बहुत ग़लत है। माया को छोड़िए। आप चाय पीकर जाइए।

केडिया: आनंद, तुम मेरे बारे में क्या जानते हो मुझे नहीं मालूम। अपने ऑफिस में जितने भी तुम्हारे साथी है, सिनियर हैं उनसे पूछ लेना। सब तुम्हें बता देंगें कि मैं क्या हूं। मेरे सामने नंगी होने के लिए बड़े बड़े ऑफ़िसर की घरवालियां और बेटियां मेरे यहां दरखास्त देती है। कम से कम 15 दिन के इंतज़ार के बाद ही उनका नंबर आता है। मैं ये काम पिछले 15 साल से कर रहा हूं। इन पन्द्रह सालों में सिर्फ़ अंजली ही एक ऐसी माल है जिसको नंगा करने में मैं उसके घर आया हूं, नहीं तो सभी की सभी मेरे ही घर आती है।

केडिया: अब तुम्हारे सामने दो ही रास्ते है। या तो जो मैं बोलता हूं वो करो, नहीं तो अभी से अंजली हर हमेशा मेरे साथ मेरे घर में रहेगी। मुझे ज़बरदस्ती बिल्कुल पसंद नहीं है। लोगों से पूछ लो मैं सब की पूरी क़ीमत देता हूं। तुम बोलो, अंजली को नंगा करने के लिए तुम्हें कितना चाहिए? ये लो 2 लाख रुपया।

अंजली सब सुन रही थी। वो ख़ुद मस्ती चाहती थी, लेकिन अपना भाव बढ़ाना चाहती थी।

अंजली: मैं कपड़े नहीं खोलूंगी।

केडिया ज़ोर से हसा।

केडिया: तुम सिर्फ़ मेरे लिए नंगी नहीं होना चाहती हो तो तैयार रहो। दोपहर में तुम्हें पुलिस स्टेशन में पचासों आदमी के सामने नंगा होना पड़ेगा। मैं कुछ नहीं करूंगा, पुलिस तुम्हें धंधा करने के जुर्म में गिरफ़्तार करेगी। तुम्हारा घरवाला आनंद ही गवाही देगा कि तुम धंधा करती हो।

केडिया को जब अंजली की ख़ूबसूरती के बारे में मालूम हुआ, तो उसने अपने आदमी बल्लू को यहां का माली रखवा दिया। वो ख़ुद भी अंजली को देखने, उससे बात करने की कोशिश में लगा रहा, लेकिन अंजली कभी घर से अकेले बाहर नहीं निकली। आनंद के साथ कार में जाती थी और वापस आती थी।

केडिया ने बल्लू को बहुत लालच दिया कि वो किसी तरह अंजली को उसके पास लेकर आये। लेकिन बल्लू ने जैसा कहा था उसे खूबसूरत औरतों से सख़्त नफ़रत थी। अंजली उस के साथ खुल कर बात करने लगी थी, लेकिन उसके दिल में लालच आ गया था। रुपया का लालच नहीं, अंजली की ख़ूबसूरती का लालच। उसने सोचा कि अगर एक बार अंजली केडिया के पास जाकर नंगी हो गई, तो वह फिर कभी बल्लू या किसी और से मुफ़्त में नहीं चुदवायेगी। इसलिए वो बार-बार केडिया से यहीं कहता रहा कि अंजली बहुत ही कड़क औरत है। वो रुपया लेकर नहीं चुदवायेगी।

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