नमस्कार दोस्तों, मैं Thor अपनी अगली चुदाई की कहानी लेके आ गया हूं। मेरी पिछली कहानियों को अपना प्यार देने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। नौकरानी की चुदाई की ये कहानी मुझे ब्रिजेश ने भेजी है उत्तर प्रदेश से। तो चलिए कहानी शुरू करते है ब्रिजेश की जुबानी-
दोस्तों मेरा नाम ब्रिजेश है, और मैं उतर प्रदेश का रहने वाला हूं। मेरी उमर 44 साल है, और मैं एक शादी-शुदा परिवार वाला आदमी हूं। मेरे परिवार में मैं, मेरी बीवी, मेरी 2 बेटियां, और एक बेटा है। मेरा बेटा 19 साल का है, और बेटियां उससे बड़ी है। इसके अलावा मेरे घर पे काम करने के लिए एक परमानेंट नौकरानी रखी हुई है। जिसका नाम नुसरत है।
नुसरत काफी सालों से हमारे यहां काम कर रही है। उसकी उमर भी 40 के आस-पास है। उससे पहले उसकी मां हमारे यहां काम करती थी, जिसको दादा जी ने काम पर रखा था। जब वो बुड्ढी हो गई, तो उसने अपनी जवान बेटी को काम पर रखवा दिया। उसके बाद से वो यहीं पर काम करने लगी, और यहीं रहने लगी।
नुसरत की शादी भी हुई, लेकिन कुछ ही सालों बाद उसका तलाक हो गया, और उसके बाद वो दोबारा हमारे घर पर काम मांगने आई, और उसको काम मिल भी गया। क्योंकि वो काफी सालों से हमारे यहां काम कर रही थी, तो मैं उसको अपनी जवानी के दिनों से जानता था। वो मुझे हमेशा भैया कह कर बुलाती थी, और मेरे मन में भी कभी उसके लिए कोई ऐसा-वैसा ख्याल नहीं आया। लेकिन 6 महीने पहले वहीं नौकरानी जो मेरी नज़र में शरीफ थी, और मुझे भैया कह कर बुलाती थी, उसके लिए मेरी सोच बदल गई, और वो मेरी नज़र में एक कुलटा बन गई। चलिए बताता हूं सब कैसे हुआ।
6 महीने पहले मेरी सासू मां थोड़ी बीमार हो गई थी। तो ससुर जी ने मेरी बीवी को फोन करके बताया। अब क्योंकि एक औरत ही किसी बीमार व्यक्ति का खयाल अच्छे से रख सकती है, तो मेरी बीवी ने मुझसे अपने माइके जाने की परमिशन मांगी। मैंने भी उसको जाने के लिए बोला। क्योंकि मेरी दोनों बेटियां भी काफी देर से अपने ननिहाल नहीं गई थीं, तो वो भी साथ जाना चाहती थी, इसलिए मैंने उनकी भी परमिशन दे दी। अब घर में मैं और मेरा बेटा ही रह गए थे। खाने की कोई टेंशन नहीं थी, क्योंकि नुसरत थी यहां उसके लिए।
3 दिन बीत चुके थे मेरी बीवी और बेटियों को गए हुए, और सब नॉर्मल चल रहा था। मैं सुबह काम पर जाता, और शाम को काम से वापस आ जाता। उन दिनों मेरे बेटे के एग्जाम चल रहे थे, तो किसी दिन उसको छुट्टी होती थी, और किसी दिन उसका एग्जाम होता था।
चौथे दिन जब मैं ऑफिस में था, तो मुझे मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही थी। मैंने थोड़ी दवाई लेली, और सोचा कि ठीक हो जाऊंगा, लेकिन नहीं हुआ। इसलिए मैंने सोचा कि घर चल कर आराम करूं। उस दिन मेरा बेटा घर पर ही था।
फिर मैं ऑफिस से निकला, और गाड़ी में बैठ कर घर पहुंच गया। मैंने अपनी चाबी से दरवाजा खोला, और अंदर चला गया।
अंदर जाके मैंने नुसरत को आवाज दे कर बुलाया। मुझे उससे चाय बनवानी थी। लेकिन आवाज देने पर वो नहीं आई। फिर मैंने दोबारा आवाज लगाई, लेकिन वो फिर भी नहीं आई। मुझे लगा पता नहीं कहां गई है। फिर मैं उसके कमरे की तरफ जाने लगा, लेकिन वो वहां पर भी नहीं थी। मुझे मेरा बेटा भी कहीं दिखाई नहीं दे रहा था, तो मुझे लगा वो अपने कमरे में होगा। मैंने सोचा उसको पूछता हूं कि नुसरत कहां थे।
ये सोच कर मैं उसके कमरे की तरफ चल पड़ा। जब मैं उसके कमरे के बाहर पहुंचा, तो उसका दरवाजा खुला था। दरवाजे पर पहुंच कर जब मैंने अंदर देखा, तो मेरी आँखें हैरानी से खुल गई। अंदर नुसरत और मेरा बेटा दोनों बाहों में बाहें डाले खड़े थे, और एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे।
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको नुसरत के बारे में बता देता हूं। नुसरत एक हल्के सावले रंग की और भरे हुए शरीर वाली कामुक औरत है। अगर आप उसके हवस वाली नजरों से देखो, तो आपका लंड बिना उसको छुए ही पानी छोड़ जाए। उसके शरीर पर जहां-जहां मांस होना चाहिए वहीं पर था।
उसका फिगर साइज तकरीबन 36-34-38 होगा। वो हमेशा सलवार सूट ही पहनती थी, और उसके साथ दुपट्टा नहीं लेती थी। उसके शर्ट का गला हमेशा डीप होता था, जिसमें से उसकी क्लीवेज आसानी से देखी जा सकती थी। गांड उसकी इतनी मोटी था कि उसके चलने पर मटकने लगती थी। अब मैं कहानी पर वापस आता हूं।
तो मेरा बेटा और नुसरत एक-दूसरे को खड़े रह कर चूस रहे थे। कुछ देर होंठ चूसने के बाद मेरा बेटा नुसरत की गर्दन चूमने लगा। नुसरत आह आह कर रही थी, और उसके मुंह को अपनी गर्दन और क्लीवेज में दबा रही थीं। गर्दन चूमते हुए मेरा बेटा नुसरत की पीठ पर हाथ फेर रहा था।
फिर नुसरत ने मेरे बेटे को दूर किया, और अपने आप ही अपना शर्ट उतार कर साइड में फेंक दिया। नीचे उसने सफेद रंग के ब्रा पहन रखी थी।उसकी ब्रा टाइट थी, जिसमें से उसके चूचे बाहर आने के लिए तड़प रहे थे। उसने चूचे बहुत बड़े और दूध से भरे हुए लग रहे थे।
अब उसने मेरे बेटे को दोबारा अपनी बाहों में लिया, और उसके सर पर हाथ रख कर दोबारा उसको अपनी गर्दन की तरफ धकेला। मेरा बेटा नुसरत की गर्दन, कंधों, क्लीवेज पर चूमने और चाटने लगा। बेटे ने नुसरत की ब्रा की स्ट्रैप को कंधे से नीचे खिसका दिया दोनों तरफ से। अब उसकी ब्रा सिर्फ उसके चूचों पर टिकी हुई थी। फिर बेटे ने ब्रा को सामने से पकड़ा, और खींच कर नुसरत के चूचों से अलग कर दिया।
अब नुसरत के बड़े-बड़े गरम दूध से भरे चूचे मेरी और मेरे बेटे की आंखों के सामने थे। चूचे देखते ही मेरे बेटे की आंखों में चमक आ गई। इधर मेरे मुंह में भी पानी आने लगा।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको सेक्स कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक कि कहानी के बारे में अपने विचार gulati.gulati555@gmail.com पर सांझे करें।
अगला भाग पढ़े:- कुलटा नौकरानी की चुदाई-2