मैं हूं शशि कुमार और हम अमृतसर में एक संयुक्त परिवार में रहते हैं – जॉइंट फैमिली। किस्सा पिछले साल का है, 2021 का, लेकिन इसकी शुरूआत हुई थी 2008 में – जिस साल मेरी शादी हुई थी नीना के साथ।
मेरी ससुराल जयपुर में है। ससुराल में सास, ससुर और एक इकलौता साला है। मेरी पत्नी की एक बुआ है जो जयपुर में ही ब्याही है। उसके पति, मेरी पत्नी नीना के फूफा, मिलिट्री में हैं।
2008 में, जिस साल मेरी शादी हुई, नीना के फूफा बंगलौर में पोस्टेड थे।
हमारी शादी के समय उनकी एक छः या सात साल की बेटी थी किरण – मेरी साली।आगे के चार दांत टूटे हुए थे। हमारी शादी के दौरान और बाद में किरण जीजा जी जीजा जी करके मेरे पीछे पीछे घूमती रही।
मेरी पत्नी नीना और किरण की उम्र में 14 साल का फर्क था। बड़ा शौक था किरण को अपने जीजी की शादी का और अपने जीजू का।
वक़्त गुज़रता गया। इस बीच कई बार मेरा जयपुर जाना हुआ – एक दो बार ही नीना के फूफा फूफी और किरण से मुलाकात हुई।
किरण अब बड़ी हो रही थी। मेरे पत्नी नीना के साथ किरण की बड़े अच्छी पटरी खाती थी। दोनों अक्सर मोबाइल पर बातें किया करती थी।
2016 के बाद मेरा जयपुर जाना नहीं हुआ। नीना जाती रहती थी। हफ्ता दस दिन बिता कर आ जाती थी।
साल 2021 में 19 – 20 साल की किरण कालेज में पहुंच चुकी थी।
2021 में हमारा जयपुर जाना हुआ। मेरे ससुर का दिल का ऑपरेशन हुआ था। वो ठीक थे लेकिन नीना के जिद थी की मैं भी इस बार उनका हाल चाल पूछने चलूं – पांच साल से मैं जयपुर गया नहीं था।
नीना के पिता का घर काफी बड़ा है, पुराने किस्म का। एक लाइन में चार पांच कमरे। दो कमरों के साथ बाथ रूम टॉयलेट जुड़े थे। एक तरफ रसोई थी। बीच में आंगन। और आंगन के एक तरफ एक और बाथ रूम और टॉयलेट – और जो सबके प्रयोग में आता है।
टॉयलेट के साथ जुड़े एक कमरे में नीना के पिता थे, मेरे ससुर। दूसरा कमरा हमारे पास था।
मैं तो रात को दस बजे तक सो जाता था, नीना ग्यारह ग्यारह बारह बारह बजे तक आती थी – अपने मां और बाउजी के पास बैठी रहती थी।
हमारे पहुंचने के चार दिन बाद नीना के फूफा फूफी भी जयपुर आ गए। किरण साथ ही थी।
किरण अब पूरी तरह से जवान हो चुकी थी – गज़ब की सुन्दर। चूचियां तन चुकी थे और चूतड़ भर चुके थे। अपनी जीजी से खूब खुल के मिली। वो लोग तो आपस में फोन पर बात भी करते रहते थे।
किरण बड़े ही प्यार से “जीजू” बोल मेरे गले मिली – तनी हुई चूचियों को मेरे सीने दबा कर। मेरा तो लंड ही खड़ा होने लग गया।
सब से मिल मिला कर वो लोग चले गए किरण भी चली गयी।
चार दिन हो गए थे, मैंने नीना का एक चुम्मा भी ढंग से नहीं किया था, चुदाई तो दूर की बात थी। चौथे दिन, जिस दिन नीना के फूफा फूफी पहुंचे, रात को बारह बजे मैंने नीना को पकड़ लिया और चुदाई की जिद करने लगा।
नीना का चुदाई का मन नहीं था और मेरा लंड खड़ा था। नीना बोली, “शशि क्या कर रहे हो रात के बारह बज रहे हैं, मुझे नींद आ रही है। मैं थक गयी हूं”।
मैंने कहा “हफ्ता हो गया चुदाई को, इतने दिन तो हम कभी नहीं रहे बिना चुदाई के”। मैंने खड़ा लंड उसके हाथ में दे दिया और बोला, “ये देखो इसकी हालत”।
नीना ने लंड पकड़ कर कहा, “आज चुदाई रहने दो, मुट्ठ मार कर हाथ से निकाल देती हूं, शशि सच में ही बहुत थकी पड़ी हूं। कल पक्का, कह कर वो मेरा लंड आगे पीछे हिलाने लगी। मैं सीधा लेट गया। दस मिनट में ही मुझे मजा आ गया और मेरा वीर्य नीना के हाथ में ही निकल गया।
मैंने कहा, “क्या नीना, बर्बाद कर दिया, ऐसे थोड़ी मजा आता है “।
नीना ने हाथ पोंछते हुए कहा, “प्लीज़ शशि कल पक्का, वादा। तुम्हारी मुट्ठ मारने के बाद मेरा भी चुदाई का करने लगा है”।
अगले दिन दोपहर को नीना के फूफा फूफी फिर आये किरण साथ ही थी। शाम को सात बजे जब वो जाने लगे तो किरण ने कहा की वो जीजी के पास ही रहेगी।
“किसी को क्या ऐतराज़ हो सकता, किरण अपने ननिहाल में ही तो रुक रही थी”।
मगर इस बार किरण का व्यवहार मेरे प्रति कुछ अलग सा था। बार बार वो मुझे छू रही थी। अपनी चूचियां मेरे साथ सटा रही थी।
एक बार जब उसे ऐसा किया तो वहा कोई नहीं था और मैंने उसकी चूची दबा दी। किरण कुछ नहीं बोल – केवल हंस दी। वहां से गयी भी नहीं। मैंने इधर उधर देखा कोइ नहीं था, मैंने उसके होठों पर एक चुम्मा जड़ दिया और उसके चूतड़ पकड़ कर जोर से दबा दिए – इतनी जोर से कि किरण के मुंह से हल्की चीख निकल गयी …..उई जीजू।
उसके बाद किरण बिना कुछ कहे चली गयी।
अब मुझे डर लगा की ये किसी को बता ही ना दे। थोड़ी देर बाद मैं कमरे से बाहर निकला तो देखा किरण नीना के साथ हंसती हुई आ रही थी। किरण ने मेरी ओर भी हंस कर ही देखा – मतलब उसने किरण से इस चुम्मे और चूतड़ दबाने के बारे में कोइ बात नहीं की।
खाना खा कर किरण ने अपना फोल्डिंग बेड भी हमारे कमरे में लगा दिया। मैंने पूछा, “किरण क्या हमारे कमरे में सोयेगी “?
नीना ने कहा ,”क्या करूं जिद कर रही है “।
मैंने कहा “ये क्या बात हुई,और आज का हमारा प्रोग्राम, हमारी चुदाई “।
नीना बोली “चुदाई कल कर लेंगे, अब ये जिद कर रही है तो मैं बताओ मैं क्या करूं”।
“जिद कर रही क्या मतलब ? ये बच्ची तो नहीं जो पति पत्नी के कमरे में सोना चाहती है। कल रात से लंड हाथ में ले कर घूम रहा हूं “।
मेरी इस बात पर नीना हंस पड़ी, “तो एक दिन और लंड हाथ मैं लेकर घूम लो, कल चुदाई कर लेंगे पक्का – वादा”।
मुझे सच में ही गुस्सा आ रहा था। किरण के साथ चुहुलबाजी के बावझूद, किरण को चोदने का ना ख्याल मेरे दिल में आया था ना मेरी ऐसे कुछ मंशा थी। मैं तो बस अपनी बीवी नीना की चुदाई करना चाहता था।
मैंने गुस्से में ही कहा, “और अगर उसने कल भी हमारे कमरे में ही सोने की इच्छा जताई तो “?
नीना असहाये सी बोली, “तो बताओ शशि, मैं क्या करूं “?
मैंने भी कहा, “तुम कुछ मत करो मैं ही करता हूं। मैं ही कहीं और सो जाऊंगा”।
अब नीना बोली, “बड़े ज़िद्दी हो शशि, चलो अब गुस्सा छोड़ो। रात को जब किरण सो जाए तो कर लेना मेरे साथ चुदाई “।
“हालांकि इस बात से मैं खुश नहीं था लेकिन फिर भी मैं मान गया”।
रात को किरण आ गयी। मैं और नीना नींद आने का बहाना करने लगे। जल्दी ही किरण भी साथ लगे फोल्डिंग बेड पर लेट गयी। मैंने लाइट बंद की और नीना की बगल में लेट गया।
मैं नीना की चूचियां दबा रहा था, उसकी चूत सहला रहा थ। नीना ने भी मेरा लंड हाथ में ले लिया।
नीना अब एक हाथ से मेरे लंड को धीरे धीरे दबा रही थे। उसका दूसरा हाथ मेरे हाथ की ऊपर था जो उसकी चूची पर था।
नीना की चूत पानी छोड़ चुकी थी। नीना पूरी गर्म हो चुकी थी। नीना ने मेरा लंड जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया।
नीना को अब लंड चाहिए था। उसने केवल सलवार उतारी। मैंने भी केवल पायजामा ही उतारा और तकिया नीना के चूतड़ों के नीचे रख कर चूत ऊंची की और टांगें फैला कर लंड चूत के अंदर डाल दिया।
मैं धक्के लगा रहा था। नीना मस्ती में चूतड़ हिला रही थी। नीना ने मुझे कस कर पकड़ा हुआ था।
“तभी लाइट जल गयी”।
हैरान सा मैं एकदम नीना के ऊपर से उतर कर खड़ा हो गया । लंड मेरा खूंटे की तरह खड़ा था। नीना की गीली चूत का छेद सामने था।
“दो मिनट तो हमे समझ ही नहीं आया की हुआ क्या है। हम परेशान कि क्या कहें, क्या करें”।
नीना ने किरण कि तरफ देख कर कहा ,”यह क्या बदतमीजी है किरण “?
किरण हमारे पास आ गयी और नीना से बोली, “जीजी, मुझे भी जीजू से चुदना है “।
नीना अभी भी सकते की हालत में थी। वो अभी भी ऐसे ही लेटी हुई थी – नंगी, टांगें चौड़ी और गीली खुली चूत का छेद सामने।
हैरान नीना बोला, “क्या बक रही है किरण ? समझ भी रही है क्या बोल रही है”?
“हां जीजी समझ रही हूं। मुझे जीजू से चुदाई करवानी है, इनका लंड अपनी चूत में लेना है”। किरण मेरे लंड की तरफ हाथ कर के बोली।
अब जा कर नीना को ध्यान आया कि वो नंगी है, टांगें उसकी फ़ैली हुई हैं और चूत दिखाई दे रही है। उसने हड़बड़ा कर टांगें सीधी की और चद्दर ऊपर ले कर नंगी गीली चूत को ढका।
मैं अभी भी ऐसे ही खड़ा था बिना पायजामे के। लंड मेरा बैठ चुका था।
नीना किरण से बोली, “शर्म आनी चाहिए तुझे। शशि तुझ से कितने बड़े हैं “।
किरण तो जैसे बेशर्म ही हो चुकी थी, “जीजी मैंने कब कहा जीजू बड़े नहीं हैं। जीजू अगर बड़े हैं तो क्या मैं बच्ची हूं ? मैं जवान हूं, मेरी उम्र की लड़कियों की तो शादी भी हो जाती है। मेरे साथ की कई लड़कियां तो चुदवाती भी हैं। फिर मैं तो अभी चुदी भी नहीं मेरा भी चुदाई का मन करता है। इस बार जीजू को देखते ही मेरा मन इनसे चुदने का होने लगा। अब बताओ जीजी इसमें मेरा क्या कसूर है।
“जीजी प्लीज, जीजू को मेरी सील तोड़ने दो I चोदने दो जीजू को मुझे। प्लीज जीजी”।
अजीब स्थिति थी। एक जवान लड़की अपने जीजू से चुदने के लिए अपनी बहन से मिन्नतें कर रही थी।
अब तक तो मैंने किरण को चोदने के बारे सोचा भी नहीं था। मगर अब मेरी मर्ज़ी भी उसे चोदने के होने लगी थी। इसकी सील तोड़ने वाली बात पर तो मेरा बैठ गया लंड फनफनाने लगा I
नीना चुप थी। उसने अपनी चूत तो चद्दर से ढक ली थी, मगर अब तक कपडे नहीं पहने थे। शायद किरण से शर्मा रही थी।
उधर मेरा लंड अब तन चुका था।
मैंने किरण को फोल्डिंग पर बैठने के लिए बोला और नीना के कान में धीरे से कहा, “नीना ये आज गर्म है। इसकी चूत में आग लगी हुई है। ये चुदवाएगी तो जरूर। किसी ऐरे गैर के हत्थे चढ़ गयी तो वो इसकी चूत का कचरा कर देगा”।
नीना गुस्से से जोर से बोली, “तो मैं क्या करूं अगर इसकी चूत में आग लगी हुई है तो ? तुम्हें इसको चोदने दूं वो भी अपने सामने ? ये नहीं हो सकता। जाये जा कर किसी से भी चुदवा ले, लेकिन तुमसे ? वो भी मेरे सामने – बिलकुल भी नहीं”।
फिर वो किरण से गुस्से से बोली, “किरण जा तू यहां से”।
किरण तो जैसे कुछ और ही सोच कर आयी थी। वो नीना के हाथ ही जोड़ने लग गयी। “बस एक बार जीजी। मैंने हमेशा ही अपनी चूत में जीजू का लंड महसूस किया है। बस जीजी एक बार चोदने दो जीजू को मुझे, बस एक बार प्लीज़”।
मैं हैरान था की ये हो क्या रहा है। इतना उतावलापन मुझ से चुदवाने के लिए – वो भी एक कुंवारी लड़की को ?
अब तो नीना भी परेशान हो रही थी वो बोली, “बेवकूफ लड़की सोचा भी की अगर किसी को पता लग गया तो क्या होगा”?
किरण टस से मस होने के मूड में नहीं थी। बोली, “जीजी किसी को कैसे पता चलेगा। किसी को ना पता चले इसी लिए तो जीजू से चुदवाना चाहती हूं। इस कमरे के अंदर जीजू से मेरी चुदाई की बात हम तीनो में ही तो रहेगी। प्लीज जीजी मान जाओ, सिर्फ एक बार जीजू को चोदने दो मुझे”।
जब किरण नहीं मानी तो तो नीना ने अपने माथे पर हाथ मार कर बोली, “अजीब मुसीबत है – क्या पागलपन है इस लड़की का”?
और नीना मुझ से बोली, “जाओ शशि, चोदो इस पागल को बुझाओ इसकी चूत की प्यास, तोड़ो इस पागल लड़की की चूत की सील “।
मेर लंड तो कुलबुला ही रहा था, मगर में नीना की नाराज़गी मोल ले कर किरण को नहीं चोदना चाहता था।
मैंने कहा,” नीना मैं तुम्हारी अधूरी चुदाई छोड़ कर उठा हूं जब तक तुम्हारी चूत की आग ठंडी ना कर लूं , मैं किरण को नहीं चोद सकता I
नीना को अब सच ही गुस्सा आ गया। “भाड़ में गयी मेरी आधी अधूरी पूरी चुदाई। कोइ आग नहीं लगी हुई मेरी चूत में। ठंडी हो चुकी है मेरी चूत की आग इस पागल किरण की हरकतें देख कर”। नीना किरण की तरफ इशारा कर के बोली।
मैंने कहा,”अगर इसकी हरकतों के कारण तुम्हारी चूत ठंडी हुई है तो गरम भी यही करेगी “। मैंने किरण को कहा ,”जा किरण जीजी की चूत चूस और गरम कर “।
किरण नीना की तरफ बढ़ी, मगर नीना ने रोक दिया।
किरण बोली, “जीजी नाराज़ क्यों हो। हाथ जोड़ कर बस एक बार जीजू को एक चुदाई के लिए मांग ही तो रही हूं छीन तो नहीं रही। प्लीज़ जीजी, गुस्सा थूक दो और खुशी से करने दो मुझे जीजू से चुदाई”।
किरण ने नीना की सलवार का नाडा खोलने की कोशिश करते हुए कहा, “प्लीज़ जीजी उतार दो सलवार और चूसने दो मुझे अपनी प्यारी सी चूत “।
किरण ने फिर सलवार का नाडा खोलने की कोशिश की तो नीना बोली,”रहने दे मैं खोल लूंगी नाड़ा – उतार लूंगी सलवार। तू मानेगी नहीं आज बिना अपनी सील तुड़वाये।”
नीना ने सलवार उतार दी और लेट गयी और टांगें उठा कर चौड़ी की और अपनी उंगलियों से अपनी चूत की फांकें खोल कर किरण से बोली, “ले ये – ये रही मेरी फुद्दी आजा चूस ले इसको पागल लड़की। इतना शौक चढ़ा है आज तुझे जीजू से चुदवाने का “?
किरण ने नीना की चूत की खुली चूत की फांकों में अपना मुंह घुसाया और चूत का दाना चूसने लगी।
किरण की चुसाई से तो ये लग रहा था की अगर ये किरण चुदी नहीं भी है तो भी अपनी सहेलियों के साथ चूत चुसाई जरूर करती है।
कितना बढ़िया चूस रही थी किरण नीना की फुद्दी को। स्कूल कालेज में लड़कियां अक्सर ये करती ही हैं।