कुसुम आंटी-2

पिछला भाग पढ़े:- कुसुम आंटी-1

मैं देख रहा था कपड़े बदलने के लिए उन्होंने नाइटी उतार दी। उफ्फ क्या चूची थी बाप रे, मन किया कि चूस डालू। वो सिर्फ चड्डी में थी, पर नज़ारा दिख रहा था। उन्होंने सफेद ब्रा पहनी, उफ्फ चूचे ब्रा में अंधेरे में दो-दो सौ वोल्ट के सीएफएल लग रहे थे। फिर वो सूट पहनने लेगी, और फिर लाइट बंद करके चली गई।

मैं उठते ही बाथरूम भागा और लंड हिलाने लगा। 10 मिनट बाद मैं झड़ गया, और अपने रूम में ऊपर चला गया। अब मुझे उमर नहीं बस चूत नजर आ रही थी। मैं पक्का हो गया कि चूत मिलने वाली थी। मुझको चैन नहीं था। मुठ मार कर मैं थक चुका था। एक दो घंटे के अंतराल में मैं 4 बार मुठ मार चुका था। लंड भी अब जवाब दे चुका था। आंटी दिल दिमाग पर छा चुकी थी। मेरे अंदर आग दहक रही थी। मैं नहा-धोकर लेटा हुआ था। आंखें बंद करके आंटी को ही सोच रहा था।

कुछ समझ नहीं आ रहा था। अब पहल तो वो कर ही चुकी थी, पर ये कन्फर्म करना था कि वो नींद में थीं क्या। अगर वो नींद में थी, तो जो सामने कपड़े पहनना तो अनजाने में था। तभी आंटी आ गईं मेरे रूम में, अंकल भी थे पीछे।

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