दुकान वाली भाभी की चुदाई-2

पिछला भाग पढ़े:- दुकान वाली भाभी की चुदाई-1

मैंने कहा, “जो चाहिए वह बस बताता हूं”।

फिर वह चाय बनाने लगी तो मैंने कहा, “भाभी आज ज्यादा दूध की चाय बनाना”। तो वह बोली, “कल से अपना दूध ले आया करना”। तो मैंने कहा, “आपके पास है तो, इन्हीं का बना दिया करो”। वह तभी एकदम चौक गई। तभी मैं किचन बाहर आया, और हिम्मत करके दोबारा अंदर घुस गया। फिर मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया।

वह घबरा गई। मैंने उनकी चूची दबाना शुरू कर दिया, और एक हाथ कमर में डाल कर कस के पकड़ लिया। वह दूर हट रही थी, और सिसकियां भी ले रही थी। मैं लगातार गर्दन चूम रहा था। थोड़ी देर बाद उनका विरोध बहुत कम हो गया। अब वो आंख बंद कर आह आह कर रही थी। अब उनके निप्पल कड़क होने लगे थे। मैंने भी तुरन्त निप्पल पकड़ लिए ब्लाउज के ऊपर से। अब वो मचलने लगी थी।