पिछला भाग पढ़े:- मम्मी को सिड्यूस करके चोदने लगा-11
हिंदी सेक्स स्टोरी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, कि बुआ और मम्मी का सेक्स चल रहा था कि अचानक मनीषा आ गई। फिर दोनों ने उसको पैर चाटने को बोला। अब आगे-
5 से 6 सेकंड सोच कर मनीषा आगे झुकते हुए कुत्ती बन गई, और यामिनी के पैर को चाटने लगी। यामिनी ये देख कर बहुत खुश हो रही थी। कुछ देर के बाद यामिनी ने अपने पैर के अंगूठे को मनीषा के होंठों में रखते हुए हल्का सा दबाया। तो मनीषा समझ गई और वो अपने मुंह में यामिनी के अंगूठे को भर के चूसने लगी। सच में मुझे ये देख कर बड़ा मजा आ रहा था।
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद यामिनी ने अपना पैर पीछे ले लिया। फिर वो मेरा हाथ पकड़ कर बेड पर बिठा देती है, और इशारा करती है, तो मनीषा अब आगे सरक कर मेरे पैर की उंगलियों को चाटने लगती है, और बारी-बारी से मुंह में भर के जीभ से टटोल भी रही थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। तभी यामिनी आकर मनीषा की पीठ पर बैठ जाती है, और उसके बालों को पकड़ कर खींचती है, तो मनीषा दर्द में कराह उठती है।
ये देख कर मैं अपने पैर के अंगूठे को उसके मुंह में डाल कर जीभ को रगड़ने लगती हूं। और दूसरे पैर से उसके स्तनों को सहलाने लगती हूं। ऊपर यामिनी उसके सिर को दबा-दबा के मेरे पैर चुसवाने लगती है। करीब 5 से 6 मिनट के बाद जाकर यामिनी उसके बालों को छोड़ कर खड़ी होती है।
फिर मनीषा को खड़ा करके बेड पर बिठाती है। मनीषा के आंखों से आंसू गिर रहे थे। फिर यामिनी बगल में बैठ कर उसे कल कॉलेज में क्या करना है समझाती है। सब समझा कर फिर यामिनी खड़े होते हुए कहती है, “याद रहे, अगर कुछ गड़बड़ हुई तो तू अपना हिसाब लगा लेना।”
फिर यामिनी मुझे बाहर आने का इशारा करती है, तो फिर हम दोनों रूम के बाहर आ गए, और पार्क में घूमने चले गए। शाम को खाना खा कर, वापस हम रूम में आ गए। कुछ देर बाद मनीषा भी आ गई। कुंडी लगा कर मनीषा वहीं खड़ी हो गई थी। यामिनी ने उसे इशारे से बुलाया तो वह बेड के पास आकर खड़ी हो गई। फिर यामिनी ने उसे कपड़े उतारने का इशारा किया।
ये देख कर वो सिर झुका कर खड़ी हो गई। तो यामिनी खड़ी हो गई और एक हाथ से उसका गला पकड़ लिया। इससे वो दर्द में तिलमिला उठी। यामिनी बोली, “कुत्तिया, आज से तू हमारी गुलाम है। जितना कहा जाए उतना ही कर। चल कपड़े उतार।” ये कह कर वो वापस बैठ गई।
फिर मनीषा अपने कपड़े उतारने लगी। अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी। यामिनी ने उसे वापस नीचे बैठने को कहा, तो वो वापस कुत्तिया बन कर बैठ गई। फिर यामिनी उठ कर उसके पीछे जाकर बैठ गई। ये देख कर मैं भी उत्तेजित हो रही थी। फिर यामिनी पीछे से उसके चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ के सहलाने लगी। बीच-बीच में वो चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रही थी। ये देख कर मैंने बेड पर रखे यामिनी के दुपट्टे को मनीषा के गले में बांध दिया, और दुपट्टे के एक सिरे को पकड़ लिया।
फिर बेड पर वापस बैठ कर अपने पैर को मनीषा के आगे बढ़ा दिया, तो मनीषा ने मेरे पैर को चाटना शुरू कर दिया। मैं बीच बीच में दुपट्टे को खींच भी देती इससे वो दर्द से सराह उठती। उधर यामिनी ने उसके चूतड़ों को मसलते हुए चूत रगड़ना भी शुरू कर दिया था। इससे अब मनीषा के बदन में झुरझुरी उठने लगी थी। तो मैं भी अब दूसरे पैर से उसके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ही मसल रही थी।
ऐसा करते-करते अब उसके बदन में कपकपी होने लगी, और मैं समझ गई कि अब ये झड़ने वाली थी। पर तभी यामिनी पीछे हट गई और मुझे भी इशारा किया तो मैंने भी उसे उसी हाल में छोड़ दिया। इस कारण मनीषा का बदन मचलने लगा, पर हमने उसे छुआ नहीं। कुछ समय बाद उसकी गर्मी शांत हुई, तो यामिनी आगे आती हुई दुपट्टे को पकड़ कर कहती है-
यामिनी: साली रंडी, बड़ी जल्दी है तुझे पानी छोड़ने की। आज रात तू ऐसे ही सोएगी।
ये कहकर उसने उसे लात से धक्का दिया तो मनीषा साइड में गिर गई।
यामिनी बोली: खबरदार जो उंगली की या कपड़े पहने तो।
मनीषा लंबी-लंबी सांसों को काबू कर रही थी। फिर यामिनी जाकर रूम की लाइट बंद करके बेड पर लेट जाती है, और मेरे शर्ट को पीछे से पकड़ कर खींचती है। तो मैं भी सरक कर उसके साथ लेट जाती हूं। फिर हम दोनों एक-दूसरे के होंठों का रसपान करते हुए एक-दूसरे से चिपक के सो जाते है।
मनीषा नीचे जमीन पर ही सोई थी। अगली सुबह प्लान के हिसाब से हम कॉलेज गए। जाने से पहले भी हमने मनीषा को वापस बताया कि आज उसे कॉलेज में क्या करना था।
फिर कॉलेज खत्म होने के बाद हमने मनीषा को इशारा किया तो उसने कंप्यूटर टीचर को काल करके कॉलेज के स्टोररूम में आने को कहा। हम दोनों रूम के पास वाले ही क्लास में बैठ गए। मैंने अपना फोन का वीडियो कॉल चालू करके मनीषा को दे दिया था। उसने उसे एक कोने में रख दिया था, जिसे हम यामिनी के फोन में देख पा रहे थे। थोड़ी देर बाद टीचर स्टोररूम में आता है। टीचर ने अंदर आते ही मनीषा से कहा-
टीचर: बोल मनीषा, क्यों बुलाया है मुझे?
तो मनीषा बोली: जान आज बड़ा प्यार करने का मन कर रहा है।
ये कहते हुए उसने टीचर को अपनी बाहों में भर लिया, और चूमना शुरू कर दिया।
टीचर ने तुरंत किस्स तोड़ते हुए कहा: अरे रूम पर आ जा, यहां कोई आ जाएगा।
पर मनीषा ने वापस उसे जकड़ते हुए चूमना शुरू किया। पहले तो टीचर विरोध करता नज़र आ रहा था, पर धीरे-धीरे वो भी साथ देने लगा, और अब वो अपने दोनों हाथों से मनीषा के चूतड़ों को दबाते हुए किस्स में साथ देने लगा। फिर उसने मनीषा को दीवार से सटा दिया, और एक हाथ से उसके स्तन मसलने लगा, और दूसरे हाथ से चूतड़ों को भी मसल रहा था।
मनीषा किस्स करते हुए उसके बटन खोलने लगी और उसके सीने को चूमने लगी। ये देख कर हम दोनों भी गर्म होने लगे थे। मैंने यामिनी को देखा तो वो बड़े ध्यान से सब देख रही थी। मुझे मस्ती चढ़ने लगी। यामिनी और मैं कुर्सी पर बैठे थे, और फोन यामिनी के हाथ में था। मैंने यामिनी के हाथ से फोन छीन लिया, तो वो मुझे देखने लगी। मैंने उसे मेरी गोद में बैठने का इशारा किया, तो उसने मन कर दिया।
ये देख कर मैंने फोन बैग पर रख कर उसके हाथ को पकड़ कर उसे उठाया, और फिर वापस अपनी गोद में बिठा लिया। यामिनी सामने के तरफ मुंह करके बैठी थी तो मेरी तरफ उसकी पीठ हो गई। उसने तुरंत ही मोबाइल उठा लिया और वापस देखने लगी। मैंने भी जब वीडियो में देखा तो अब तक टीचर ने मनीषा की टॉप को उतार दिया था। वो सिर्फ ब्रा में ही थी, और टीचर उसके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ही मसलते हुए उसके गले को चूम रहा था।
मनीषा अपने नाखून उसकी पीठ में गढ़ा देती है, तो ये देख कर टीचर उसके निप्पलों को मसल देता है। इससे मनीषा की आह निकल जाती है। टीचर उसके स्तन को ब्रा से आजाद करते हुए, उसके निप्पलों को पकड़ कर अंगूठे से मसलने लगता है। इसे अब मनीषा आहें भरने लगती है।
ये देख कर मुझे भी जोश चढ़ने लगा। मैंने भी धीरे से एक हाथ आगे बढ़ा कर यामिनी के दाएं स्तन को पकड़ा तो यामिनी हल्की सी मचल उठी पर उसने कुछ नहीं कहा। ये देख कर मैं फिर उसके स्तन को सहलाने लगी। साथ ही दूसरे हाथ से धीरे-धीरे उसकी उसकी जांघें सहला रही थी। साथ ही मैंने उसके गले के पीछे किस्स करना भी शुरू कर दिया था।
इससे यामिनी की सांसे भी तेज हो रही थी। उधर टीचर अब मनीषा की चूत को सलवार के ऊपर से ही सहलाते हुए उसके स्तनों को चूस रहा था। इधर मेरा हाथ भी यामिनी के चूत के पास सहलाने लगा। कि तभी हमें चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। यामिनी तुरंत बोली, “चल रागिनी मनीषा ने अपना काम कर दिया है।” ये कह कर वो उठ गई।
असल में सेक्स के दौरान ही मनीषा को टीचर के लंड पर कस कर मारना था। हमें टीचर के चीखने की आवाज आने लगती है, जो चारों तरफ फैल जाती हैं। तभी मनीषा स्टोर रूम से बाहर आकर बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगती है। आवाज सुन कर हम दोनों भी क्लास रूम से बाहर आते हैं, साथ ही गलियों से कई लड़कियां और टीचर्स भाग के इकट्ठे हो जाते है। मनीषा ने अपनी टी-शर्ट पहन ली थी, पर उसको कई जगह से फाड़ दिया था, ताकि लोगों को लगे कि टीचर उसके साथ जबरदस्ती कर रहा था।
वो रोते हुए बोलने लगी कि टीचर ने मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की है। बस फिर क्या था, मैं और यामिनी इसी मौके की तलाश में थे। हम दोनों सीधा अंदर रूम में जाकर टीचर को बाहर लाते है, जो कि पहले ही दर्द में था। पर तभी यामिनी कहती हैं, “साले तू क्या समझता है, अकेली लड़की को देख कर अपनी प्यास बुझाएगा? ले बुझा।” फिर क्या था, ले दना दन, लड़कियां उसे फुटबॉल समझ कर घुमाती है। तब तक प्रिंसिपल भी आ जाते है जो सब को रोक कर सारा वाकया समझते हैं, और तुरंत ही पुलिस को कॉल करके सारी घटना बता कर उसे अरेस्ट करवा देते है।
फिर हम दोनों मनीषा को लेकर हॉस्टल के रूम पर आ जाती है। रूम लॉक करके यामिनी मनीषा को पकड़ कर, दीवार से सटा कर, उसके होंठों को चूसने लगती है। मैं बिस्तर पर बैठ कर यामिनी के इस बदले हुए रूप को देखने लगती हूं। 2 से 3 मिनट के चुम्बन के बाद, वो मनीषा के होंठों को आजाद करके बोलती है, “वाह मेरी जान, तूने तो कमाल ही कर दिया।” अब ज़िंदगी भर जेल में सड़ेगा साला। फिर वो मनीषा से कहती है, “तेरा इनाम तो बनता ही है। रात को खाना खाने के बाद सीधा छत पर मिलना। हम दोनों वहीं तुझे इनाम देने वाले है।”
ये सुन कर वो और मैं यामिनी को देखने लगते हैं। तो यामिनी मेरे पास आकर खड़ी हो जाती है। फिर आगे झुक कर मेरे होंठों को चूसने लगती है, और फिर कहती है, “अरे तू चिंता मत कर, मैंने गार्ड अंकल को कुछ समय पहले 1000 रुपए दिए थे। आज मांगा तो वो टाइम मांग रहे थे देने को, तो मैंने उन्हें बहला कर छत की चाबी मांग ली।”
ये सुन कर तो मैं यामिनी के शातिर दिमाग की दाद देने लगी। मैंने उसे खींच कर अपने साथ बेड पर लिटा दिया। फिर उसके ऊपर चढ़ कर, उसके होंठों को चूसते हुए, उसके स्तनों को मसलने लगी। यामिनी ने आंखें बंद कर ली थी। कुछ देर होंठों का रसपान करने के बाद जब मैं उसकी शर्ट के बटन खोलने लगी, तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर रोक दिया। फिर धक्का देकर, मुझे साइड में लिटा कर मेरे ऊपर आ गई।
फिर उसने कामुक अंदाज में झुकते हुए मेरे होंठों को चूमते हुए कहा: मेरी जान। क्यों ना रात में मजे करें। अभी थोड़ा रात का इंतजाम करने के लिए बाजार चले (और फिर एक आंख मार दी)।
ये देख कर मैं समझ गई कि जरूर इसके दिमाग में कोई खुराफात चल रही थी। मैंने हां में सिर हिला दिया। फिर यामिनी मेरे ऊपर से उठ कर बैठ गई। तभी मैंने देखा कि मनीषा हमें ही घूर रही थी। मैंने उसे इशारे से पास बुला कर हंसते हुए कहा, “जान रात के लिए अच्छे से नहा कर तैयार रहना। और हां, अगर कोई गड़बड़ की तो तुझे पूरे कॉलेज में फेमस कर दूंगी।” ये सुन कर यामिनी मुझे घूरने लगी तो मैंने उठते हुए उसके गले में हाथ डाल कर कहा, “चल यामिनी, बाजार चलते है।” फिर हम कपड़े बदल कर बाजार के लिए निकल गए।
दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। आगे की कहानी अगले पार्ट में आएगी
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