मां बेटे के चुदाई रिश्ते-1

हेलो दोस्तों मेरा नाम रोहित है। मैं नैनीताल का रहने वाला हूं। दोस्तों आज मैं आपको अपनी मां और बहन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं कि कैसे मैंने अपनी मां और बहन को चोदा।

मेरी बहन का नाम नीतू है, और वो मुझसे 5 साल छोटी है। अभी उसकी उमर सिर्फ 19 साल ही है लेकिन दिखने में वो एक जवान लकड़ी की तरह दिखती है। उसका रंग काफी गोरा है, और वो अभी कॉलेज फर्स्ट ईयर में पढ़ती है। उसके दूध किसी जवान औरत की तरह भरे हुए और गांड फूली हुई है। वो दिखने में एक दम किसी हिरोइन की तरह लगती है।

मेरी मां रीना एक विधवा है। जब हम दोनों भाई-बहन छोटे थे, तभी हमारे पिता जी का देहांत हो गया था। घर की प्रोब्लम की वजह से मैं भी छोटी उमर में काम पर लग गया और अपनी मां के साथ ही एक फैक्ट्री में काम करने लगा। मेरी मां दिखने में बहुत सुंदर है। वो एक दम माल लगती है। उनकी गांड काफी बड़ी है, और उनके दूध क्या ही बताऊं यार मैं। अगर कोई उन्हें एक बार देख ले, तो उन्हें चोदे बिना ना रह पाए।

चलो दोस्तों अब कहानी पर आते है,‌ कि कैसे मैंने अपनी मां और बहन की चुदाई करी, और कैसे मैंने अपनी बहन को अपने बच्चे की मां बनाया। जब मैं और मेरी मां काम पर जाते थे, तो फैक्ट्री में सब लोग मां की गांड और दूध को घूरते रहते थे, और उन्हें बहाने से छूने की कोशिश करते थे।

मां भी उनसे काफी हस कर बाते करती थी, जो कि मुझे बिलकुल भी पसंद नहीं था। इसलिए मैंने अपनी मां को काम करने से मना कर दिया। पहले तो उन्होंने कहा कि नहीं, तू अकेले घर का गुजारा कैसे करेगा, ये वो, लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी, और काम करने से मना कर दिया।

फिर वो आखिर में मान गई। मैंने अपनी मां को कहा कि आप अब घर पर रहो, और नीतू का ध्यान रखो। फिर उन्होंने हां कह दिया। कुछ दिन सब अच्छा चलता रहा। लेकिन एक दिन जो हुआ, उसने हमारी जिंदगी ही बदल दी।

एक दिन मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं थी, इसलिए मैं काम से जल्दी घर वापस आ गया। मैंने देखा की घर के बाहर फैक्ट्री के सुपरवाइजर की मोटरसाइकिल खड़ी हुई थी, और घर का दरवाजा अंदर से बंद था। मैं पीछे वाले दरवाजे से घर के अंदर गया और मैंने खिड़की में से जो देखा, उससे मेरी आंखे फटी की फटी रह गई।

मैंने देखा कि सुपरवाइजर जिसका नाम रमेश है, पूरी तरह नंगा खड़ा हुआ था, और मां सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। मां नीचे बैठ कर रमेश का लंड चूस रही थी। मां रमेश के लंड को किसी रंडी की तरह चूस रही थी, और रमेश भी उनके बाल पकड़ कर अपना पूरा लंड उनके मुंह में घुसा रहा था। मैं खिड़की के पास चुप-चाप छुप कर सब देख रहा था।

करीब 5 मिनट लंड चुसवाने के बाद रमेश ने मां के सारे कपड़े उतार दिए, और मां बेड पर जा कर लेट गई। मां पूरी तरह नंगी हो चुकी थी। उनकी चूत काफी गोरी थी। आज मैंने पहली बार अपनी मां की चूत देखी थी,‌ जिसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था। रमेश मां की दोनों टांगो को खोल कर उनकी चूत में लंड डालने लगा।

उसने एक बार में ही अपना पूरा लंड मां की चूत में घुसा दिया, जिससे मां की चीख निकल गई, और उनकी आंखों में आंसू आ गए। लेकिन रमेश मां की टांगे पकड़ कर उन्हें जोर-जोर से चोदने लगा। मां दर्द के मारे चिल्ला रही थी। लेकिन वो मां को किसी रंडी की तरह चोद रहा था। फिर कुछ टाइम बाद मां को भी मजा आने लगा और वो भी आह उई ओह आह की आवाजें निकलाने लगी।

फिर करीब 10 मिनट मां की चुदाई के बाद रमेश बेड पर सीधा लेट गया, और मां उसके लंड के ऊपर बैठ कर उससे चुदवाने लगी। वो दोनों चुदाई में इतने डूब चुके थे, कि उन्हें पता ही नहीं चला कि मैं खिड़की के पास खड़ा था। मैंने अपना फोन निकाला और उनकी वीडियो बना ली, और वहां से चला गया।

मैं शाम को घर जब वापस आया तो मां काफी खुश दिख रही थी। उनके चेहरे पर अलग ही खुशी थी। मैंने मां को कुछ नहीं कहा, और सीधा अपने रूम में चला गया। कुछ टाइम बाद मां ने खाने के लिए बुलाया तो मैंने कहा कि नीतू को बोलो मेरा खाना रूम में ले आए। नीतू मेरा खाना लेकर रूम में आ गई।

मैंने खाना खाया और अपने बिस्तर पर लेट गया। लेकिन मुझे नींद कहा आने वाली थी। जिसकी मां चुद गई, उसे नींद कहा‌ से आएगी। मैं बिस्तर पर लेटा हुआ मां की चुदाई को याद करने लगा। मेरा लंड खड़ा हो गया था। फिर मैंने अपने फोन में मां और बेटा की चुदाई की विडियोज निकाली, और उन्हें देख कर मुठ मारने लगा।

मैंने अपना सारा माल बेड पर गिरा दिया।मुझे लगा शायद कोई मुझे खिड़की में से देख रहा था। लेकिन जब मैंने बाहर जा कर देखा, तो वहां कोई नहीं था। मैं बिस्तर में लेट गया, और जब सुबह उठा तो मैंने देखा कि आज नीतू मुझे कुछ अलग नजरिए से देख रही‌‌ थी, और बार-बार मेरे पास आने की कोशिश कर रही थी। वो बार-बार मुझे छूने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उस पर इतना ध्यान नहीं दिया।

क्योंकि मेरा ध्यान अब मां की चुदाई करने पर था। मैंने सोच लिया था, कि अब मैं मां की चुदाई करके रहूंगा और उसकी तड़पती जवानी की आग को बुझा दूंगा। मैंने आज काम से छुट्टी लेली, और घर पर ही रुक गया, और अपने रूम में नीतू से कॉलेज जाने का इंतजार करने लगा। जब नीतू कॉलेज चली गई, तो मैंने मां को बुलाया और उन्हें अपने पास बैठने को कहा। मां मेरे पास आ कर बैठ गईं।

तब मैंने अपना फोन निकाला, और उन्हें उनकी कल को वीडियो दिखाने लगा। वीडियो देख कर मां एक-दम शॉक हो गई उनकी आंखों में आंसू आ गए, और वो मुझसे माफ़ी मांगने लगी। तब मैंने उन्हें समझाया-

मैं: मां इसमें आपकी गलती नहीं है। पिता जी को गए हुए काफी टाइम हो गया‌ है। आपकी उमर ही क्या है अभी। आपकी भी कुछ जरूरत है। आप रोए मत।

यह सुन कर मां ने मुझे सीने से लगा लिया। मां के सीने से लगाते ही मेरा लंड एक-दम से टाइट हो गया। मैंने भी मां को जोर से पकड़ लिया, और उनकी पीठ को सहलाने लगा। यह देख कर मां मुझसे दूर हो गई। मैंने फिरसे उन्हे अपनी ओर खींच लिया, और उनके होंठो पर किस करने लगा। मां मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैं उनके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा।

फिर मां मुझसे खुद को छोड़ने को बोलने  लगी। लेकिन मेरे ऊपर तो उन्हें चोदने का भूत सवार था। मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटा लिया, और उनके ऊपर बैठ कर उनके ब्लाउज के बटन खोल कर उनके दूध दबाने लगा। मां खुद को छोड़ने के लिए बोलने लगी। लेकिन मैं उनके दूध दबाते गया। फिर मैंने अपना पजामा निकाल कर अपना अंडरवियर भी निकाल दिया।

मेरा लंड देख कर मां की आंखे फटी की फटी रह गई। मेरा 8″ इंच का लंड देख कर वो डर गई। मैंने जल्दी से उनका पेटीकोट ऊपर किया, और उनकी टांगो तो अलग करके अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया। लंड अन्दर जाते ही मां की जोर से चीख निकल गई, और दर्द के मारे रोने लगी।

वो बोलने लगी: बेटा मुझे छोड़ दे। मैं तेरी मां हूं। अपनी मां की चूत कोन फाड़ता है? बेटा रहम कर मुझ पर बेटा, मुझे छोड़ दे। मैं तेरी मां हूं बेटा। अपनी मां पर थोड़ा रहम कर।

पर मैं मां की चूत को चुदाई करता रहा। कुछ टाइम बाद मां शांत हो गई, और सिसकारी लेने लगी। अब वो भी चुदाई का मजा लेने लगी थी। मां के मुंह से आह ओह। मार डाला। आह। की आवाजें आ रही थी। मां मेरे मोटे लंड का पूरा आनन्द ले रही थी। कुछ समय लगातार मां की चुदाई करने के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया।

फार मां के ऊपर ही लेट गया। मां ने मुझे दोनों हाथों से जकड़ लिया और मुझसे चिपक गई। कुछ समय ऐसे ही लेटे रहने के बाद मां उठ कर चली गई और बाथरूम में जाकर नहाने लगी। मां ने बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया, और ऐसे ही नहाने लगी।

मैं भी उठ कर मां के पास गया, और उन्हें नहाते हुए देखने लगा। मैं मां के पास खड़ा हुआ था। मां मुझे हवस भरी नज़रों से देख रही थी। मां की नजर मेरे लंड पर टिकी हुई थी। मां ने मुझे एक प्यारी सी मुस्कान दी। मैं समझ गया कि मां फिर से मेरे लंड का स्वाद लेना चाहती थी।

इसके आगे की कहानी अगले भाग में पढ़ने को मिलेगी।

अगला भाग पढ़े:- मां बेटे के चुदाई रिश्ते-2

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