पिछला भाग पढ़े:- मां बेटे के चुदाई रिश्ते-1
मैंने भी देर नहीं करी और सीधा बाथरूम में घुस गया। और मां को जाकर पकड़ लिया।
मां कहने लगी: नहीं बेटा, अभी नहीं, अभी मुझे छोड़ दे, तेरी बहन आने वाली है। रात को मैं तेरी सारी इच्छा पूरी कर दूंगी। लेकिन अभी मुझे छोड़ दे बेटा।
फिर मैंने मां से कहा: आप जैसी औरत को कोई कैसे छोड़ सकता है? इतनी हॉट और सेक्सी औरत छोड़ने के लिए नहीं चोदने के लिए होती है मेरी जान रीना।
मां यह सुन कर हंसने लगी और बोली: मैं तेरी मां हूं कुत्ते, तेरी जान नहीं।
फिर मैंने मां से बोला: तू मेरी जान है रीना। आज से तू मेरी मां नहीं मेरी रण्डी है। जिसे मैं अब दिन रात चोदूंगा।
ये सुन कर मां बोली: हां मेरे प्यारे बेटे, आज से मैं तेरी मां नहीं तेरी रण्डी हूं। अब तू ही मेरी चूत की आग को शांत किया कर मेरे बेटे। अब तू ही दिन रात अपनी मां को चोदा कर।
यह सुन कर मैंने मां को कमर से पकड़ लिया, और उनको किस करने लगा। मां भी किसी रण्डी की तरह मेरे होंठो को खाने लगी। मैं मां को किस करते हुए उनकी गांड को अपने हाथों से दबाने लगा। मां के मुंह से आह ओह उई आह की आवाजे आने लगी। फिर मैंने मां को अपना लंड चूसने के लिए कहा।
मां नीचे बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी। मां के मुंह में जाते ही मेरा लंड लोहे की तरह सख्त हो गया। मां मेरे लंड को पूरा मुंह में लेकर चूस रही थी। मैं भी उनके बाल पकड़ कर उनसे जोर-जोर से अपना लंड चुसवा रहा था। दोस्तों मैं आपको बता नहीं सकता, उस वक्त मुझे कितना आनंद मिल रहा था। कुछ समय बाद मैंने अपना सारा माल अपनी मां के मुंह में भर दिया।
मां भी मेरा सारा माल पी गई और बोली: तेरा लंड बहुत बड़ा है। किसी की भी चूत फाड़ सकता है।
और हसने लगी।
फिर मैंने मां से कहा: मेरी जान, यह तेरे लिए ही इतना बड़ा किया है। तांकि तेरी चूत को फाड़ सके और तेरी चूत की आग शांत कर सकूं।
फिर हम दोनों ने साथ में नहाया, और रूम में जाकर कपड़े पहनने लगे। मां ने आज लाल ब्रा और पैंटी पहनी, जिसे देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, और मैंने मां को पीछे से पकड़ लिया। लेकिन मां मना करने लगी और बोली-
मां: अभी नहीं बेटा, तेरी बहन के आने का टाइम हो गया है। वो आती ही होगी। रात को करेंगे। आज सारी रात तू अपनी मां की चुदाई करना।
पर मैं नहीं माना और मां को किस करने लगा। मां मना करती रही, लेकिन मैं होंठो को चूमता रहा। फिर मैंने मां को झुकने के लिए कहा और उन्हें घोड़ी बना कर उनकी चुदाई करने लगा। मैं मां के बाल पकड़ कर उन्हे डॉगी स्टाइल में चोदने लगा। मां भी चुदाई का पूरा मजा लेने लगी और बोली-
मां: आह, ओह, मर गई, कितना बड़ा लंड है तेरा, आह। ओह बेटा चोद दे। और चोद अपनी मां को। चोद बेटा, और चोद इस रण्डी की चूत फाड़ दें आह, ओह।
मां के मुंह से ऐसी आवाजें सुन कर मेरा जोश और बढ़ गया, और मैं उन्हें तेज-तेज धक्के देने लगा। पूरे रूम में चुदाई का माहोल हो चुका था। पच-पच की आवाजों से पूरा रूम गूंज रहा था। मैंने करीब 15 मिनट तक मां को घोड़ी बना कर चोदा। फिर मैंने मां से उनकी गांड मारने को कहा।
लेकिन मां ने मना कर दिया और बोली: नहीं बेटा, यहां बहुत दर्द होता है। मैंने आज तक अपनी गांड किसी से भी नहीं मरवाई है।
लेकिन उनकी गांड इतनी हॉट और बड़ी थी कि कोई उनकी गांड मारे बिना रह ही नहीं सकता था। मैंने मां को मनाने की बहुत कोशिश करी, लेकिन मां मान ही नहीं रही थी। तो फिर मैंने जैसे-तैसे अपना लंड मां की गांड में घुसा दिया। लंड अन्दर जाते ही मां बहुत जोर से चिल्लाई और तड़पने लगी। उनकी गांड में से खून निकलने लगा। उन्हें काफी दर्द हो रहा था।
वो रो कर कहने लगी: बेटा छोड़ दे, बहुत दर्द हो रहा है। बेटा प्लीज मुझे छोड़ दे बहुत दर्द हो रहा है।
और खुद को मुझसे छुड़ाने की कोशिश करने लगी। लेकिन मैंने मां को कस कर पकड़ लिया और उनकी गांड मारने लगा। मां की आंखो से आंसू गिर रहे थे, और वो दर्द में जोर-जोर से चिल्ला रही थी। लेकिन मैंने उनकी गांड की चुदाई जारी रखी, और उनकी गांड मारता रहा। कुछ टाइम बाद मां का दर्द कम हुआ और वो शांत हो गई, और अब मां को भी मजा आने लगा था। अब वो भी अपनी गांड हिला-हिला कर गांड मरवा रही थी।
मां: आह बेटा चोद, और जोर से आह। और जोर से मार अपनी मां की गांड। साले मादरचोद फाड़ दे अपनी मां की गांड, आह। और जोर से आह।
मां की गांड मार कर मुझे स्वर्ग का सुख मिल रहा था। मैं मां के बाल पकड़ कर उनकी गांड पर जोर-जोर से चांटे मार रहा था, और उनकी गांड को चुदाई कर रहा था। हम दोनों मां-बेटे परम सुख प्राप्त कर रहे थे। करीब 10 मिनट मां की गांड मारने के बाद मैंने अपना सारा माल मां की गांड में भर दिया, और हम दोनों साथ में चिपक कर लेट गए।
कुछ टाइम बाद मां उठ कर कपड़े पहनने लगी, और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए, और अपने रूम में चला गया। मां रसोई में जाकर खाना बनाने लगी। इतने में नीतू भी आ गई। फिर हम सब ने साथ में खाना खाया। अब बस मुझे रात का इंतजार था। मैं बाजार जा कर कुछ सेक्स की गोलियां ले आया, ताकि मां की रात भर चुदाई कर सकूं। अब रात हो चुकी थी, और मेरा लंड मां को चुदाई को लेकर बहुत बेताब था।
हम सब ने खाना खाया और अपने-अपने रूम में चले गए। अब बस नीतू के सोने का इंतजार था, ताकि मां जल्दी से मेरे रूम में आ जाए, और मैं उनकी चुदाई कर सकूं।
मैंने 2 सेक्स की गोलियां भी खा ली, जिससे मेरा लंड किसी लोहे के सरिए जैसा हो चुका था। कुछ टाइम बाद मां मेरे रूम में आ गई। उन्हें देख कर मेरा लंड फुंकारने लगा। उन्होंने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे वो बहुत ही सुंदर लग रही थी। वो किसी दुल्हन की तरह लग रही थी।
मैंने मां को कहा: आज तो आप पूरी दुल्हन लग रही हो।
फिर मां बोली: तो मना लो सुहागरात मेरे राजा। चोद दो इस दुल्हन को।
मैंने मां का हाथ पकड़ा और उन्हें अपने ऊपर खींच लिया और उन्हें किस करने लगा। मां ने रेड कलर की लिपस्टिक लगाई थी। मैं उनके होंठो को खाने लगा। फिर मैंने मां की साड़ी उतार दी, और उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए। मैंने मां की ब्रा उतार कर फेंक दी, और उनके बड़े-बड़े दूध दबाने लगा। मां पूरी तरह से गरम हो चुकी थी।
मैंने मां के दूध पर अपने दांतों से बहुत काटा। उन्हें बहुत मजा आ रहा था। फिर मां ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, और मेरे लिंग को पकड़ कर बोली-
मां: आज तो तेरा लंड बहुत मोटा और बड़ा लग रहा है।
फिर मां ने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया, और उसे चूसने लगी। मां मेरे लंड को बहुत अच्छे से चूस रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरे मुंह से आह, आह, मजा आ रहा है मां, और चूसो आह। चूस लो मेरी जान, आह की आवाजें निकल रही थी। मेरा लंड अब बहुत टाइट हो चुका था। मां अब मेरे लंड पर बैठ गई, और मेरे हाथ पकड़ कर अपनी चूत मेरे लंड पर रख दी।
मेरा पूरा लंड एक बार में ही मां की चूत में घुस गया। मां की हल्की सी चीख निकल गई, आह। फिर मां मेरे लंड पर बैठ कर उपर-नीचे होने लगी। उनके मुंह से आह आह ओह आह निकलने लगा। मां के दूध उछाल मार रहे थे। मैं हाथों से मां के दूध दबा कर उनकी चुदाई कर रहा था।
फिर मैंने मां को घोड़ी बनाया, और उनकी चूत में अपना लंड डाल कर उनकी चुदाई करने लगा। हम दोनों को ही बहूत मजा आ रहा यह। मैं मां के बाल पकड़ कर उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदने लगा। मां आह। ओह आह की आवाजें निकाल रही थी।
करीब 15 मिनट तक लगातार मां की चुदाई के बाद मां की चूत ने पानी छोड़ दिया। फिर मैंने मां को सीधा किया और मां की चूत का सारा अमृत पी लिया। अब मैंने मां को सीधा लिटाया और उनके ऊपर लेट गया और अपना लंड मां की चूत में डाल कर उनकी चुदाई करने लगा। मैं जोर-जोर से मां की चुदाई कर रहा था। हम दोनों चूत चुदाई को इस मस्ती में इतना डूब गए कि हमें ध्यान ही नहीं था की नीतू भी इस घर में रहती हैं। मैं जोर-जोर से मां की चुदाई कर रहा था।
पूरे रूम में पच-पच की आवाजें गूंज रही थी। करीब 45 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद हम दोनों ने अपना पानी छोड़ दिया। मैंने अपना सारा माल मां को चूत में भर दिया, और मां को सीने से लगा के लेट गया। अचानक मां की नज़र गेट पर पड़ी जहा पर नीतू खड़ी होकर सब कुछ देख रही थी। मां नीतू को देख कर एक दम से खड़ी हो गई। नीतू को देख कर मैं भी डर गया। फिर नीतू बिना कुछ बोले अपने रूम में चली गई।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा।
अगला भाग पढ़े:- मां बेटे के चुदाई रिश्ते-3