मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-27

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इंदिरा सच में अपने बेटे से ही चुदवाने आई थी। रास्ते में, ट्रेन में एक जवान मर्द ने बहुत सारे रुपये का लालच देकर उसे चोद लिया, लेकिन वो आई थी बेटे से ही चुदवाने। आनंद ने ट्रेन में सिर्फ़ 10 हज़ार ही नगद दिया था। लेकिन उसने वादा किया था कि देहरादून पहुंच कर बाक़ी 75 हज़ार देगा। यानी 43 साल की औरत ने 27 साल के नौजवान से चुदवाने की डील एक लाख में की थी। ऊपर से होटल में रहने, 2 दिन मसूरी में हनीमून ट्रीप का सारा खर्चा आनंद को ही उठाना था। इंदिरा बेड पर फ़्लैट लेट गई और बेटे की तरफ़ दोनों बाहों को बढ़ाया।

इंदिरा: बेटा, पहले राउंड में और कुछ नहीं। 22 साल गुजर गये, लेकिन तेरे बाप की चुदाई आज भी वैसे ही याद है मानो उसने अभी-अभी चोदा हो। उसके लंड की फील, लंड का धक्का, आज भी उसी तरह महसूस करती हूं जैसे उससे चुदवाने समय करती थी। बस और सब कुछ बाद में, पहले लंड को बूर में पेलो। जिस बूर से तू निकला है उसी बूर में दुबारा घुस जा। तेरा लंड मुझे बहुत डरा रहा है, हटा उसे मेरी आंखों के सामने से।

अपनी मां की मधमस्त करने वाली जवानी को देख कर अमित बहुत ही मस्ता गया था। उसने कई लंबी-लंबी सांसें ली और अपनी मां की थंडर जांघों के बीच जगह ली। दोनों हाथों से चूचियों को मसला और दबाया। होंठों को कई बार चूसा। एक हाथ से लंड को पकड़ कर मां की बूर में दबाया। चूत्तड़ को थोड़ा उपर उठाया और पूरी ताकत से धक्का मारा। करीब डेढ़ इंच लंबाई अंदर चला गया।

इंदिरा: आउच.. थोड़ा धीरे बेटा!

अमित: रंडी, चुदवाती नहीं क्या या फिर बूर में गोंद लगा कर आई है? कल रात ही एक कुंवारी माल को चोदा, हरामजादी, तेरी बूर भी वैसी ही टाइट है।

और इंदिरा ने खुद बता दिया। उसे बेटे के लंड का पहला धक्का ही अपनी बुर में बहुत बढ़िया लगा। आनंद का धक्का ऐसा तेज नहीं था। अमित लगातार धक्के मारता रहा। आख़िरकार, लंड की पूरी लंबाई अपनी ही मां की बूर के अंदर गायब हो गई। अमित ने लंड को मां की बूर में टाईटली दबा कर रखा और कुछ देर गाल, होंठ और चूचियों को बढ़िया से चूसा। फिर धीरे-धीरे धक्के मारना शुरु किया।

अमित: पिछले दो सप्ताह में 7-8 माल को, 19 साल की कुंवारी लड़की से लेकर तेरी उम्र की औरत को चोदा। लेकिन रानी तेरे मुंह पर नहीं कह रहा हूं तुझे ज़रूर किसी का बढ़िया आशीर्वाद मिला हुआ है। किसी की भी चूत इतनी रसीली और टाइट नहीं थी जितनी तेरी है।

अपने बेटे की बातें सुन कर इंदिरा बहुत ही ज़्यादा खुश हुई। लेकिन खुशी बेटे को नहीं दिखाई।

इंदिरा: बेटा, स्पीड तेज कर, और ताक़त से मार। इस दुनिया में हर दस बेटों में कम से कम सात बच्चे ऐसे होते हैं जो मां को चोदना चाहते हैं। लेकिन हज़ारों बेटों में से एक या दो ही बेटों की ऐसी क़िस्मत होती है जो अपनी सगी मां की बूर पेल सकता है। आज कल लड़कों के बीच ही नहीं औरतों के बीच एक फ़ैशन चला हुआ है।

जैसा इंदिरा ने कहा था बेटे ने अपनी चोदने की स्पीड भी बढ़ाई और चोदने की पावर भी। इंदिरा ने कहा नहीं लेकिन उसे बेटे से चुदवाने में कुछ ज़्यादा ही मज़ा आ रहा था। पिछली रात आनंद ने इंदिरा को रुपया दिया या देने की बात कह कर रात भर चुदाई की, लेकिन आनंद के साथ की चुदाई में वैसा मज़ा नहीं आ रहा था, जैसा बेटे अमित के साथ आ रहा था।

अमित: कैसा फ़ैशन मां?

इंदिरा: वहीं अपनी मां को चोदने और दूसरे से चुदवाने की बात। वैसे 1000 में इक्का-दुक्का ही मेरे जैसी छिनाल होगी जो अपने बेटे से ख़ुशी-ख़ुशी चुदवाती होंगी। लेकिन बहुत सी ऐसी हरामज़ादियां जो अपने बेटे के साथ नहीं उनके दोस्तों से चुदवाती है। मैं 43-44 साल की हो गई हूं, और मैं बढ़िया से जानती हूं कि मेरी उम्र की औरते किस तरह के आदमियों से चुदवाना चाहती हैं।

मां की जवानी तो अमित को मस्त कर ही रही थी। उसकी बातें औरतों के बारे में उसका ज्ञान भी बढ़ा रही थी।

अमित: तुम्हारे जैसी औरतों को किस तरह का मर्द चाहिए?

इंदिरा ने मुस्कुराते हुए ज़ोर से चूत्तड़ों को उपर की ओर उचकाया।

इंदिरा: झूठ नहीं बोल रही हूं। तेरे चेहरे पर तुझे खुश करने के लिए नहीं बोल रही हूं। बेटा तेरी रेखा मां ग़लत नहीं है, कि तू बहुत ही बढ़िया चोद रहा है।

अमित: और मां, मैं भी तुम्हारे चेहरे पर तुम्हें खुश करने के लिए नहीं बोल रहा हूं। अभी तक जितनी कुतिया को चोदा किसी के साथ ऐसा मज़ा नहीं आया जितना मज़ा अपनी इस कुतिया, अपनी मां को चोदने में आ रहा है।

इंदिरा: बेटा, तुमने हमें बिल्कुल सही नाम दिया है। हमारी जैसी औरतें दो टांगों वाली कुतिया ही तो हैं। और हमारी उम्र की कुतिया तुम्हारी उम्र के जवान लड़कों से चुदवाना पसंद करती है। और यही कारण है कि आजकल पत्नी की अदला-बदली के साथ-साथ मां की अदला-बदली बहुत साधारण बात हो गई है। लड़के आज-कल अपने दोस्तों के साथ अपनी मां की अदला-बदली करने लगे हैं। लेकिन ऐसी अदला-बदली में बता सकते हो किसका नुक़सान होता है?

अमित तो अपने भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि मां के बूर के अंदर उसका लंड वैसा ही टाइट रहे जैसा था।

अमित: नुक़सान तो औरतों का ही होता होगा। क्योंकि उन्हें मन लायक़ चुदाई नहीं मिलती होगी।

इंदिरा: नहीं बेटा, नुक़सान औरतों का नहीं जवान लड़कों का होता है। औरत कोई भी हो। अगर वो चाहे तो किसी भी आदमी के साथ, चाहे वो बढ़िया चोद पाता हो या नहीं पूरा मज़ा ले लेती है। लंड में दम नहीं है तो बूर चुसवायेगी, बदन की मालिश करवायेगी या अगर लड़का अमीर होगा तो उसे पूरा लूट लेगी। दूसरी तरफ़ अगर किसी औरत को कोई लड़का पसंद नहीं आया तो लड़का कुछ भी करे वो वैसे लड़के को चोदने नहीं देगी। उपर से उससे अपनी क़ीमत भी लेगी।

जब इंदिरा ने क़ीमत लेकर चुदाई की बात की तो बेटा भी अपनी मां के रंडी-पने के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गया।

अमित: मेरा एक दोस्त है विनोद, वो तुम्हें चोदने के लिए 20-25 हज़ार देने को तैयार है। सिर्फ़ तुम्हें नंगा देखने के लिए दस हज़ार देगा। चुदवायेंगी उससे? मैंने उससे कहा है कि अगर वो अपनी मां और बहन को मुझसे चुदवायेगा, तभी में अपनी मां को उसके साथ चुदवाऊंगा। मां चुदवाओगी मेरे दोस्त से?

अमित की बात सुन कर इंदिरा बेटे को घूरने लगी। इंदिरा को अपने बेटे में साफ़-साफ़ दिखा कि अमित उसे अपनी मां समझ कर ही चोद रहा था।

इंदिरा: तुम अपनी मां को दूसरे के साथ चुदवाते हुआ देखना चाहते हो?

अमित: मालूम नहीं मां, पिछले रविवार को अरविंद ने अपने सामने अपनी घरवाली को मुझसे चुदवाते देखा। 10-12 दिन पहले एक और आदमी चाहता था कि मैं उसके सामने उसकी घरवाली को चोदूं। रेखा के पति ने खुद कहा कि वो अपने सामने अपनी मां को दूसरे से चुदवाता था।

अमित: हेडमास्टर को मालूम है कि यहां का एक गार्ड सिर्फ़ उसकी बेटी और घरवाली को ख़ुद ही नहीं चोदता है, उससे धंधा भी करवाता है। सच कहता हूं मां कि मुझे नहीं मालूम कि दूसरे से तुम्हें चुदवाते देखना कैसा लगेगा। लेकिन मैं दिल से चाहता हूं कि तुम मेरे सिवा किसी और के सामने नंगा भी ना हो। मैं नहीं चाहता कि कोई भी दूसरा, बाबू जी भी तुम्हें चोदे।

इंदिरा बहुत ज़ोर से हसी और बेटे की छाती पर ज़ोर से मुक्का मारा।

इंदिरा: मादरचोद, अपनी मां को चोद ही रहा है। मौक़ा मिलते ही अपनी बहन को भी चोद लेगा। घरवाले के सामने उसकी घरवाली को चोदता है, बाप के सामने बेटी को चोदता है, और मां से कहता है कि वो किसी और से ना चुदवाये। बेटा तू मान या ना मान, अपने घर की औरतों को दूसरों से चुदवाते देखने में जैसा मज़ा आता है वैसा मज़ा तो अपनी मां, बहन, या बेटी को खुद चोद कर भी नहीं आता है। मैं तेरे सामने किसी से भी चुदवाने को तैयार हूं। सच कहती हूं, मुझे, अपनी बहन, या अपनी घरवाली को अपने सामने दूसरों से चुदवायेगा तो तुझे बहुत मज़ा आयेगा।

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