पिछला भाग पढ़े:- आत्माराम की बीवी और बेटी बनी रंडियां-4
नमस्कार दोस्तों, अपनी TMKOC सेक्स कहानी का अगला भाग लेके मैं आप सब के सामने फिर से हाजिर हूं। उम्मीद है आप सब ने इस कहानी का पिछला पार्ट पढ़ा होगा, और उसको पढ़ कर आप सब को मजा भी आया होगा। अगर अभी तक आपने पिछला पार्ट नहीं पढ़ा है, तो कृपया उसको पहले जा कर पढ़ ले।
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि जेठालाल ने अपनी नौकरानी माधवी को पूरी नंगी करके अलग-अलग पोजीशन में उसकी जम के चुदाई की। उसने माधवी की चूत को अपने पानी से भर दिया। अब आगे बढ़ते है-
अब जेठालाल और माधवी दोनों बिस्तर पर नंगे लेटे हुए थे। माधवी जेठालाल से लिपटी हुई थी, और उसका एक हाथ जेठालाल के लंड पर था, जिससे वो उसके लंड को सहला रही थी। धीरे-धीरे जेठालाल का लंड फिर से खड़ हो रहा था। जब उसका लंड पूरी तरह खड़ा होके तन गया, तब माधवी ने उससे कहा-
माधवी: ये तो मेरे अंदर जाने के लिए फिर से तैयार हो गया है। कहो तो चढ़ जाऊं फिर से?
जेठालाल: इस बार ये तेरे लिए नहीं किसी और के लिए तैयार हुआ है।
माधवी: किसी और के लिए? किसके लिए? मेरे अलावा यहां और कौन है?
जेठालाल: यहां नहीं है, लेकिन रहती यहीं है।
माधवी जेठालाल की बात समझ नहीं पा रही थी। फिर उसने दोबारा पूछा-
माधवी: मुझे समझ नहीं आ रहा कि आप किसकी बात कर रहे हो?
जेठालाल: मैं सोनू की बात कर रहा हूं।
ये सुन कर माधवी हैरान हो जाती है, और उसी वक्त जेठालाल के पास से उठ कर खड़ी हो जाती है। उसके चेहरे पर गुस्सा और हैरानी वाले भाव दोनों रहते है। फिर वो जेठालाल से बोलती है-
माधवी: ये क्या बकवास कर रहे है आप जेठालाल जी? सोनू मेरी बेटी है, और आप उसके बाप की उमर के हैं। आप ऐसा सोच भी कैसे सकते है?
जेठालाल: अरे चिंता मत कर, पैसे दूंगा मैं तुझे।
माधवी: मैंने पैसे ले लिए अपनी चूत चुदवाने के लिए, वो मेरी मजबूरी थी। लेकिन मेरी बेटी बिकाऊ नहीं है।
जेठालाल: हर चीज की एक कीमत होती है माधवी। देख मैंने तुझे 10000 दिए है। सोनू के लिए मैं 20000 दूंगा।
माधवी: मैंने कहां ना नहीं।
और ये बोल कर माधवी अपने कपड़े उठाती है, और कमरे से बाहर जाने लगती है। जेठालाल उसको जाते हुए कहता है-
जेठालाल: चल 30000।
माधवी नहीं रूकती। जेठालाल कीमत बढ़ाता जाता है।
जेठालाल: अच्छा 40000, 50000, 60000।
लेकिन माधवी नहीं रुक रही थी। फिर जेठालाल कहता है-
जेठालाल: माधवी मैं 200000 दूंगा सोनू को चोदने के।
इतने ज्यादा पैसे सुन कर माधवी के बढ़ते हुए कदम वहीं रुक जाते है। वो रुक जाती है, और पीछे मुड़ कर जेठालाल की तरफ देखती है।
जेठालाल उसको कहता है: मैं 200000 दूंगा।
माधवी नहीं चाहती थी कि सोनू की कुंवारी चूत को जेठालाल फाड़े। लेकिन 200000 सुन कर उसने सोचा कि अगर ऐसा हो भी जाए तो इससे फरक भी क्या पड़ेगा। फिर माधवी दोबारा जेठालाल के पास जाती है, और उसको कहती है-
माधवी: पैसे एडवांस देने पड़ेंगे।
जेठालाल: अभी दे देता हूं, अगर तुम कहो तो।
माधवी: नहीं चुदाई से पहले दे देना। पहले मैं सोनू को मन तो लूं।
जेठालाल: जैसी तुम्हारी मर्जी।
फिर माधवी वहां से निकल आती है, और सोनू के वापस आने का इंतेज़ार करने लगती है। अगली सुबह सोनू घर वापस आती है। जब वो आती है, तो जेठालाल सोफा पर बैठ चाय पी रहा था। सोनू ने जींस और टीशर्ट पहनी हुई थी। उसकी टीशर्ट और जींस काफी टाइट थी, और उसके जिस्म की पूरी शेप दिखाई दे रही थी। सोनू के सामने आते ही जेठा उसको ऊपर से नीचे देखने लगता है। उसकी सेक्सी बॉडी देख कर जेठा का लंड खड़ा हो जाता है।
सोनू जेठा को सामने देख कर नमस्ते बुलाती है। जेठा भी उसको नमस्ते कहता है। फिर सोनू अपने कमरे की तरफ जाने लगती है, और पीछे से जेठा उसके मटकते चूतड़ों को हवस भरी नजरों से देखता रहता है। वो मन में सोचता है कि जल्दी ही इन कोमल-कोमल चूतड़ों में उसका लंड जाएगा। अब वो बस इंतेज़ार कर रहा था कि कब माधवी सोनू को उससे चुदने के लिए राजी करेगी।
उधर सोनू कमरे में जाती है, तो माधवी वहां बैठी होती है। माधवी सोनू को देख कर कहती है-
माधवी: आ गई सोनू बेटा?
सोनू: जी मम्मी।
माधवी: ठीक रहा सब? पढ़ाई हो गई अच्छे से?
सोनू: हां मम्मी, बढ़िया पढ़ाई हो गई।
माधवी: चल तू नहा-धो कर फ्रेश हो जा, मैं तेरे लिए नाश्ता बनती हूं।
फिर सोनू बाथरूम में जा कर फ्रेश होती है, और नहाने के लिए अपने कपड़े उतारने लगती है। अपनी जींस और टीशर्ट उतार कर वो ब्रा-पैंटी में शीशे के सामने खड़ी हो जाती है, और खुद को निहारने लगती है। फिर वो अपने दोनों हाथ ब्रा के ऊपर से अपने बूब्स पर रखती है, और उनको दबाने लगती है।
बाथरूम में पीछे की तरफ एक रोशनदान था, जिसकी खिड़की ऊपर छत की तरफ खुलती थी। सोनू जब ये सब कर रही थी, तब वो ये नहीं जानती थी, कि जेठालाल छत पर खड़ा था, और उसी रोशनदान से बाथरूम के अंदर झांक रहा था। उसका लंड उसके हाथ में था, और वो सोनू के सेक्सी बदन को देख कर अपना लंड मसल रहा था।
उधर सोनू अपने बूब्स दबा-दबा कर गरम हो जाती है, और फिर अपने हाथ पीछे ले जा कर, अपनी ब्रा के हुक खोल कर, ब्रा को निकाल देती हैं। ब्रा निकलते ही सोनू के कसे हुए, एक-दम गोल बूब्स आजाद हो कर बाहर निकल आते है। फिर वो अपने बूब्स को दबाती है, और अपने खड़े हुए निपल्स पर गोल-गोल करके उंगली घूमने लगती है। ऐसा करते हुए उसके मुंह से हल्की आहें निकलनी शुरू हो जाती है।
ऐसे करते-करते अपने आप ही सोनू का दूसरा हाथ पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर चला जाता है। फिर वो पैंटी के ऊपर से अपनी चूत रगड़ने लगती है।
इससे आगे क्या होता है, वो आपको इस सेक्स कहानी के अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगा। कहानी मजेदार लग रही हो, तो कमेंट करके फीडबैक जरूर दें। मैं आपकी फीडबैक का इंतेज़ार करूंगा।