विधवा मां का रंडीपना-3

पिछला भाग पढ़े:- विधवा मां का रंडीपना-2

तभी वसीम ने मम्मी के मुंह में पानी निकाला। कुछ बूंदे विजू के चहरे पर गिर रही थी। मम्मी लंड को मुंह में लेकर उछलने लगी। तभी उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया। मम्मी चूत से लंड निकाल कर उसकी कमर पर बैठ गई, और विजू के चहरे को चूमते हुए हांफने लगी। उसके चहरे पर जो बूंदे गिरी थी, वो चाटने लगी। फिर विजू के ऊपर से मां उठी, और लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। विजू का सुपाड़ा पूरा लाल हो गया था।

विजू का लंड मम्मी ने चाट कर साफ कर दिया, और उसके कमरे पर पानी था, वो भी चाट लिया, और किस्स करने लगी। फिर वसीम भी वहा बैठ गया। मम्मी दोनों को बारी-बारी चूमने लगी। फिर दोनों के बीच मम्मी लेट गई, और दोनों मम्मी के जिस्म से खेलने लगे।

वसीम: दारु पीते है और एक राउंड करते है।

विजू: अब मैं नहीं करुंगा। आप करो, मुझे लंड पर जलन हो रही है।

मम्मी: ठीक है, चोद नहीं सकता तो चूत चाट मेरी।

विजू नीचे गया और चूत चाटने लगा।

मम्मी: चूत को फैलाओ और जीभ अंदर ताक डाल कर अच्छे से चाटो।

फिर मम्मी और वसीम किस्स कर रहे थे, और मम्मी के बूब्स दबा रहे थे। मम्मी का सावला बदन पसीने से भीग गया था। वसीम मम्मी के गले को चाट रहे थे।

फिर मैं वहां से चला गया और मेरे बूढ़े के घर गया। बूढ़ा 65 साला का था। थोड़ा मोटा था। बूढ़ा मुझे देख कर खुश हुआ।

बूढ़ा: अरे मेरी जान, तुझे ही याद कर रहा था। आजा चाय बनाई है, बैठ मैं लाता हूं।

मैं बैठ गया। मेरे दिमाग में मम्मी की घमासान चुदाई ही चल रही थी, और उस विजू और वसीम जी का लंड देख कर मेरा मन उन दोनों से चुदवाने का हो रहा था‌। मुझे मम्मी से जलन होने लगी, कि कितनी खुशनसीब थी वो, जो इस उमर में भी जवान लंड ले रही थी। तभी बूढ़ा चाय लेकर आया, और बैठ गया। मैं चुप-चाप चाय पीने लगा। बूढ़े का नाम राजीव था।

राजीव: क्या हुआ मेरी जान, चुप क्यों हो?

मैं: कुछ नहीं वो, आ छोड़ो, बाद में बताऊंगा।

राजीव जी: अभि बताओ क्या हुआ? कोइ प्रोब्लम है?

मैं: वो आज मेरी मां की चुदाई देख कर आया हूं।

वो वसीम और उसकी दुकान पर एक लड़का काम करता है, दोनों से चुदाई करवा रही थी।

राजीव: क्या बात कर रहे हो? तुम्हारी मां ऐसी औरत नहीं है।

मैं: मुझे भी ऐसा ही लगता था। पर अपनी आंखों से देख कर आया‌ हूं। खैर छोड़ो, लंड निकालो बाहर, मुझे भी खुजली हो रही गांड में।

राजीव: अच्छा आजा।

तभी बूढ़े ने पजामा उतारा और कच्छा उतार दिया। मैं झूल कर उसका लंड मुंह में लेकर चूसने लगा।

मैं: मेरे बाल पकड़ो और लंड अंदर-बाहर करो।

राजीव जी: क्या बात है, तू तो चुदाई का नॉलेज लेकर आया है।

मैं: क्या बताऊं‌ आपको, दोनों के लंड केले जैसे लंबे थे। मुंह में पानी आ रहा था।

राजीव जी: अच्छा तो मेरा लो मुंह में और प्यास बुझाओ।

फिर मैंने लंड चूस कर गीला किया, और खड़ा होकर पेंट और चड्डी निकाली, और शर्ट उतार कर पूरा नंगा हो गया।

बूढ़े ने मेरे कूल्हे फैलाए और गाड चाटने लगा। फिर मैं उनकी जांघों पर बैठा और किस्स करने लगे। मैंने उनकी कमीज उतारी और उनकी सफेद बालों से भरी छाती चूमने लगा।

मैं: आपके लिए एक सरप्राइज़ है।

राजीव जी: क्या सरप्राइज़ है?

मैं: मैं आप का पानी मुंह में लूंगा।

राजीव जी मेरी छाती मसलते हुए: सच में?

मैं: हां पर फिर हम किस्स करेंगे, और आधा-आधा पानी पियेंगे।

राजीव जी: ठीक है।

फिर मैं खड़ा हुआ, और घोड़ी बन गया। राजीव जी पीछे से गांड में लंड डाल कर चोदने लगे। 5 मिनट बाद मैं डॉगी स्टाईल में गांड मरवाने लगा। फिर उन्होंने स्पीड बढ़ाई और जोर से चोदने लगे।

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। तभी लंड निकाल कर मेरे मुंह के पास आये। मैंने लंड को पोछा और मुंह में लेकर चूसने लगा। तभी उन्होंने मेरे बाल पकड़े, और लंड को अंदर करके पूरा पानी मुंह में गिराया। मुझे थोड़ा अजीब सा टेस्ट लगा।

फिर बूढ़े ने मेरा मुंह अपनी तरफ करके किस करना स्टार्ट किया,‌ और दोनों पानी पी गए।

एक बार फ़िर मैंने उनका लंड चूस कर खड़ा किया और गांड मरवाई। फिर मैं उनकी गोद में बैठी कर किस्स करने लगे।

राजीव जी: अच्छा सुनो, तुम्हारी मां की गांड भी बहुत बढ़िया है। तूने तो देखी ही होगी।

मैं: हां मम्मी के कूल्हे काफ़ी बड़े है। उसने गांड भी मारी है मम्मी की।

राजीव जी: अच्छा अगर मैं तुम्हारी मां को चोदना चाहूं, तो वो मुझे देगी?

मैं: ट्राई करके देखो, शायद देदे।

राजीव जी: तुम मेरी हेल्प करोगे?

मैं: मैं कैसे करूं? वो दोनों कर सकते है। उनके साथ पहचान बनाओ। पहले पहचान बनाओ। उनसे सेक्सी किताबे खरीदो। फिर उनको बताओ आप मुझे चोदते हो। अगर वो मुझे चोदना चाहे तो डील कर लेना। अगर मम्मी को वो लोग राजी करें तो मैं भी उनसे गांड मरवाऊंगा।

राजीव जी: वो दोनों मानेंगे?

मैं: मुझे तो लगता है मानेंगे। वो वसीम को गांड चोदने में मजा आता है। फिर गांड औरत की हो या लड़के की, क्या फरक पड़ता है?

फिर मैं कपड़े पहन कर घर आया तो मम्मी घर पर अभी तक नहीं आई थी। शाम के 6 बजे मम्मी आई और नहा कर खाना बनाने लगी। मम्मी बहुत खुश थी। एक-दो दिन ऐसी ही गुजर गये। राजीव जी ने वसीम से पहचान बनाई। तीसरे दिन मम्मी 5 बजे विजू की बाइक पर बैठ कर आई।

मैंने विजू को देखा और बैठने को बोला।

मम्मी बोली: आज बहुत काम था स्कूल में। थक गई थी मैं। अच्छा हुआ इसने मदद की।

मैं: मम्मी को घर छोड़ने के लिए थैंक्स।

विजू: इट्स ओके।

मैं उसकी तरफ देख के स्माइल करने लगा। फिर मेरी नज़र उसकी पेंट पर गई। उसका लंड खड़ा था। मैं थोड़ी देर देखता रह गया। उसने मुझे नोटिस किया। फिर मम्मी ने मुझे मार्केट भेजा और सामान की लिस्ट दी।

मैं समझ गया मुझे बाहर भेज कर ये चुदाई करेंगे। तो मैंने मम्मी की रूम में अपनी शर्ट टांगी, और उसमे मोबाइल का कैमरा ऑन करके शर्ट की जेब में मोबाइल रखा। फिर चला गया।

उसके बाद क्या हुआ, ये मैं आपको अगले पार्ट में बताऊंगा। कहानी का मजा आया हो, तो फीडबैक जरूर दे।