नमस्कार दोस्तों, फिर से मैं राज़ मां की चुदाई की नई सच्ची बातें बताने जा रहा हूं।
जैसा कि आप जानते है मेरा नाम राज है और मेरी मां का नाम ज्योति हैं, जिसकी उम्र 40 के पास है, दिखने में हल्की मोटी, रंग मोती जैसा चमकता हुआ, लंबे काले बाल, चिकनी मोटी जांघें, और भरी हुई चमकती गांड है।
तो चलो कहानी पर आते हैं। हम दोनों को शादी में जाना था, जहां हम 2 दिन के लिए गए थे। पापा अपने काम पर बिजी थे, तो हम दोनों सुबह-सुबह शादी वाली जगह पर पहुंच गए थे। हम दोनों शादी वाली जगह पर बस से आए ही थे, जहां हम दोनों ने पहले ही चूदाई कर ली थी। तो यहां बस हम दोनों एक मौके की तलाश में ही थे, कि कहीं वापस मौका मिले, और हम दोनों के चूत और लंड का मिलन वापस हो।
शादी वाली जगह बहुत बड़ी और शानदार थी। बहुत बड़ा होटल बुक किया गया था, और ज्यादा लोग नहीं होने से सब को अपने पर्सनल रूम भी मिले थे। हम दोनों पहुंचे तो जो हमें नहीं जानते थे वो हम दोनों को हसबैंड-वाइफ समझ कर बाते कर रहे थे। जो जानते थे वो पापा को पूछ रहे थे। लेकिन हम दोनों ने किसी को रोका टोका नहीं, और अपने रूम पर जाते ही मैंने गेट लाक करके अपनी मां को पकड़ लिया।
फिर मां को बिस्तर पर लेके आ गया। लेकिन उतने में ही बाहर से किसी ने आवाज दी कि, “ज्योति जल्दी तैयार होके बाहर आ जाओ। संगीत और हल्दी का काम हैं।”
तो मां मुझे देख कर बोली: सबर कर बेटा, आज तो एक अलग ही रूम मिला है। रात तो यही होगी। तो अच्छे से करेंगे।
पहले तो बाहर वालो को थोड़ा शांत करना पड़ेगा, तांकि रात में कोई हमे परेशान ना करे, और हम अपनी जिंदगी का एक नया मजा ले।
फिर मेरे लंड को दबा के बोली: इसको भी थोड़ा आराम दे।
और मुझे धक्का देके अपने कपड़े निकाल कर बाथरूम में चली गई। मैं वहीं लेटा रहा थोड़ी देर और। जब मां बाहर निकली, तो कयामत लग रही थी।
पिंक सारी में स्लीवलेस ब्लाउस, साड़ी नाभि के नीचे से पहनी हुई, लाल होंठ, मैं तो देखता रह गया।
मैं बोला: आज तो लग रहा जैसे दुल्हन तुम ही हो।
मेरी मां बोली: बेटा तेरी दुल्हन तो आज ही बनने वाली हूं तभी तो ऐसा तैयार हुई हूं। तांकि सब को पता तो चले तेरी दुल्हन किसी से कम नहीं (और मुझे किस करके बाहर चली गई)।
मेरा भी हथियार खड़ा था। लेकिन मैं अपना पानी वेस्ट नहीं करना चाहता था। तो मैं भी फ्रेश होकर तैयार होके बाहर आ गया। जब बाहर आया तो आदमी लोग, लड़के, बूढ़े, सब मेरी मां को ही देख थे। कुछ तो कह रहे थे कि, “मेरी बीवी ऐसी होती तो एक बूंद दूध मैं पीता, और एक बूंद बेटे को पिलाता।” ऐसे ही सब मेरी मां को आंखों से ही नंगी कर रहे थे।
लेकिन मैं भी सब के साथ अपने काम पर लग गया। तो जो मुझे नहीं जानते थे, वो भी मुझसे बाते करने लगे, पहचान बनाने लगे मेरी ज्योति को देख कर, क्योंकि वो जानते थे मुझसे दोस्ती करेंगे तो ज्योति से भी बात करने का मौका मिलेगा, और ये बात मैं भी समझ ही गया था।
तो मैं भी बातें कर रहा था नॉर्मली, जिससे थोड़ी दोस्ती और हसी मजाक होने के बाद वो लोग बोले, “तुम्हारी शादी कब हुई? कहां हुई?” तो में अपनी ज्योति और अपनी शादी को एक हफ्ता हुआ बता दिया, और अपनी नानी के घर का बता दिया वहां से हैं। तब वो लोग बोले, “बहुत अच्छी है जोड़ी।” और मैं वो लोगों को देख कर हस रहा था, क्योंकि मेरी जोड़ी अच्छी है, ये कहना उनकी मजबूरी जो थी। लेकिन मैंने कुछ कहा नहीं।
इतने में ज्योति मुझे कॉल करते हुए मेरे पास आई और बोली: चलो खाना खा लेते है।
तब मेरे नए दोस्तों ने बोला: अरे भाभी जी, आप बैठो ना। हम आप दोनों के लिए खाना ले आते है।
तो मेरी मां ने मुझे देखा और बोली: भाभी क्यों बोल रहे है (इशारे से पूछी मुझसे)?
मैंने भी ज्योति का हाथ पकड़ कर बिठा लिया वहां पर, और ऐसे बोला ज्योति को, जैसे वो मेरी बीवी हो-
मैं: अरे ज्योति, ये यहीं पर मिले है, और हम दोनों की शादी के बारे में पूछे तो बताया कि वन वीक हुआ हैं।
तो मेरी मां मुझे हल्के से चूंटी काटते हुए बोली-
ज्योति: अच्छा कोई बात नहीं। अच्छा हुआ आपको दोस्त मिल गए, नहीं तो बोर हो जाते।
तभी वो लोग बोले: भाभी आप बहुत खूबसूरत लग रही हो। ऐसा लग रहा है कि शादी आप दोनों की है यहां।
तो मैं और ज्योति हंसने लगे, और खाना खाने लगे साथ में। खाने के बाद मां सभी औरतों के साथ काम पर बिजी हो गई, और मेरे दोस्त लोग मुझसे मेरी सेक्स लाइफ की बातें करने लगे।
वो बोले: ऐसी वाइफ है तुम्हारी, तो क्या रात सो पाते हो?
मैंने भी बताया: अभी तक हनीमून नहीं हुआ है। यहीं पर आए है।
फिर बाकी सब ने भी अपनी सेक्स लाइफ बताई।
सब ने बोला: लगता है, आज तुम्हारा हनीमून यहीं पर होगा।
मैं बोला: अब ये तो ऊपरवाला जाने। अगर यह रिश्तेदार थोड़ा अकेला छोड़े तो हो सकता है। और वैसे भी मुझे थोड़ा टाइम लगता है पानी निकालने में भी, तो ये भी जरूरी है पूरी रात मिले, तो ही मजा आएगा।
सब हंसने लगे और एक दोस्त तो अपनी वाइफ लेके रूम में चले गया, और अपने काम पर लग भी गया। जिसकी आवाजें बाहर तक आ रही थी। लेकिन वहां कोई सुनने वाला था नहीं। लाउड म्यूजिक में सारी आवाजें दब जा रही थी। लेकिन हम सब तो चुदाई की ही आवाज सुनने को बैठे थे, तो हमें साफ सुनाई दे रहा था।
“आह धीरे करो आह, पागल हो गए हो क्या?” ऐसी आवाजें बाहर आ रही थी। हमने भी दोस्त को कॉल करके बोला: तेरी आवाज बाहर आ रही है। थोड़ा आराम से, जैसा तेरी बीवी बोल रही धीरे करने को।
और हम सब हंसने लगे। वो भी 15 मिनट में ही ठंडे पड़ गए, और सो गए। हम अब भी अपने-अपने काम पर लग गए, और रात की तैयारी में बिजी हो गए। इन्हीं सब चीजों में मेरी नज़र एक अंकल पर पड़ी, जो मम्मी के साथ फ्लर्ट कर रहे थे। तो मालूम चला कि वो मौसा जी है, जो अपनी साली से मजाक कर रहे थे। लेकिन उनकी नजर मम्मी के भरे और चमकते हुए दूध पर थी।
बाकी औरतें भी मेरी मां की खूबसूरती से थोड़ी जलन फील कर रही थी। मौसा जी भी साली बोल कर पूरा साली का मजा लेने का मौका नहीं छोड़ रहे थे। गांड पर हाथ लगा रहे थे। लेकिन मां भी इन सब चीजों का बुरा नहीं मान रही थी। वो बस ऐसे ही ये सब मजाक में ले रही थी। लेकिन एक आदमी की नियत को तो दूसरा आदमी समझ ही जाता हैं।
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