पिछला भाग पढ़े:- माँ को लगी लंड की लत
हैलो दोस्तो मैं अजय अपनी कहानी का दूसरा भाग लेकर हाजिर हूं। पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसै मेरे कहने पर मेरी चिड़चिड़ी माँ ने एक ब्यायफ्रेंड बनाया और हमारे घर के सोफे पर उससे चुदी।
धीरे-धीरे समय बीतता गया, और इस घटना को एक महीना बीत गया। उस दिन मम्मी को चोद कर अशोक किसी काम से शहर के बाहर चला गया। मम्मी भी कई सालों बाद जिस्मानी सुख पाकर काफी खुश थी।
दोनों घंटो फोन पर बात करते। एक महीने बाद जब अशोक मम्मी से मिलने आया, तो मम्मी उससे ऐसे लिपट गई, जैसे दोनों पिछले जन्म के प्रेमी हो। फिर वो एक हफ्ते तक हमारे साथ रहता। मम्मी भी उसके साथ बाहर घूमने जाती और कभी भी रात को घर नहीं आती। मम्मी ने अब सिलाई कढ़ाई का काम भी बंद कर दिया था।
घर आने पर भी दोनों दिन भर एक-दूसरे के साथ चिपके रहते। यहां तक की नहाने भी दोनों साथ जाते। ऐसा लग रहा था कि मम्मी मुझे भुला ही चुकी थी। मैं भी उस दिन को कोस रहा था, जिस दिन मैंने मम्मी को ब्यायफ्रेंड बनाने का आईडिया दिया। अशोक बराबर ही महीने भर के लिये गायब हो जाता, लौट कर मम्मी के लिये तरह-तरह के गिफ्ट, गहने और कपड़े लाता, और फिर एक एक हफ्ता हमारे साथ रूकता।
उसने मम्मी के सारे सपने पूरे कर दिये थे। पर अंजान मर्द को इस तरह मम्मी के साथ रहते और आते-जाते देख मोहल्ले के लोग हमें तिरछी नजर से देखने लगे थे।
इसी बीच अचानक एक दिन जब मम्मी किचन में खाना बना रही थी तो अशोक ने मम्मी से कहा, “इतिश्री हम कई महीनों से पति-पत्नी बनकर रह रहे है, हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते है, चलो अब सच में पति-पत्नी बन जाते है”।
मम्मी बोली, “मैं तो कबसे तैयार बैठी हूं, चलो अब अपने रिश्ते को पक्का कर देते है, और अपना घर बसा लेते है”।
एक महीने बाद अशोक ने मम्मी से शादी कर ली। मैं भी खुश था कि मम्मी को एक प्यार करने वाला पति मिल गया, मुझे भी नया बाप मिल गया, और अब मोहल्ले के लोगों के ताने भी नहीं सुनने पड़ेंगे। शादी के बाद हम अपने किराये के घर को छोड़ कर अशोक के घर में शिफ्ट हो गये।
अशोक की बात करे तो उसके घर में तीन लोग है। उसका बड़ा भाई सुशांत और मंझला भाई संजय। परिवार में अशोक ही सबसे छोटा था। माँ-बाप गुजर गये थे। पर काफी जमीन जायदाद और फैमिली बिजनेस छोड़ गये थे।
इसी बीच मुझे आगे की पढ़ाई के लिये बाहर जाना पड़ा। मैं बाहर होस्टल में रहकर पढ़ने लगा।
सुहागरात वाले दिन अशोक उदास बैठा था। तो मम्मी ने पुछा, “आज उदास क्यों हो, आज तो हम दोनों के लिये खुशी का दिन है”। अशोक बोल पड़ा, “इति तुम तो जानती हो हमारे घर में एकलौती औरत तुम्ही हो। माँ-बाप के गुजरने के बाद हमारा घर वीरान हो गया था। तुम हमारे सूने घर में फिर से रौनक लेकर आई हो। थैंक्यू”, अब हमारे घर में कोई ऐसा चाहिये जो हमारे शांत घर में फिर से शोर-शराबा लेकर आये”।
मम्मी अशोक के इशारे को समझ गई थी और मुस्कुराकर बोली, “आपको कितने बच्चे चाहिये? एक बड़ा बेटा तो पहले से है”।
अशोक बोला, “कम से कम तीन बच्चे जिसमें हम तीनों भाईयो का एक-एक बच्चा हो”।
ये सुन कर मम्मी हक्की-बक्की रह गई, और बोल पड़ी, “ये आप क्या कह रहे है”?
अशोक भावुक होकर बोला, “इति तुम तो जानती ही हो, हम तीन भाई है, बड़े भईया सुशांत को शराब की लत है। जिसके काऱण उनकी वाईफ ने उन्हें छोड़ दिया और किसी दूसरे के साथ सेटल हो गई। मंचले भईया संजय थोडे क्रिमिनल प्रवृति के है, और कई बार जेल जा चुके है। जिसके काऱण उनकी शादी नहीं हो रही। ऐसे में बस हमारे बच्चे को परिवार की सारी संपत्ति मिलेगी। तो हम तीनों भाईयो में दुश्मनी हो जायेगी। जो मैं नहीं चाहता”।
“माँ-बाप के गुजरने के बाद मैं ही सारे बिजनेस को संभाल रहा हूँ। ऐसे में हम तीनों भाई साथ नहीं रहे तो परिवार बिखर जायेगा।” “जब उस दिन तुम मुझे बियर बार में मिली थी तब तुमसे बात करके मुझे लगा कि एक तुम ही हो जो मेरे घर और बिजनेस को बर्बाद होने से बचा सकती हो।
ये कह कर अशोक रोने लगा।
मम्मी ने कहाँ, “अगर आप यही चाहते है तो मैं वादा करती हूं कि मैं आप तीनो भाईयो के बच्चे की माँ बनूंगी, और आपके साथ अपने दोनों देवरों को भी पत्नी का सुख दूंगी। इसके बाद दोनों सेक्स करने लगे।
छह महीने बाद मम्मी का जन्मदिन आ गया। मैं भी छुट्टी लेकर मम्मी का जन्मदिन मनाने घर चला आया।
मम्मी मुझे देख कर खुश हो गई। पार्टी में मम्मी ने जालीदार साड़ी और बिना स्ट्रैप वाली बिकिनी ब्लाउज पहन रखा था, जिसके कारण उनकी बड़ी क्लीवेज साफ दिख रही थी। ऐसा लग रहा था उन्होने ब्लाउज बस अपने निपप्ल ढकने के लिये ही पहना है। उस दिन मम्मी बहुत सेक्सी लग रही थी।
पार्टी के बीच-बीच में ही अशोक के सामने ही सुशांत और संजय मम्मी को आके कभी किस और कभी हग करते। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था ये क्या हो रहा था। अशोक कैसै अपने दोनों भाईयो को मम्मी को छूने दे रहा था। केक वगैरह काटने के बाद तीनों भाई शराब पीने लगे। थोड़ा पीने के बाद सब नशे में आ गये, और मम्मी से कहा, “इति चलो आज हम तीनों भाई मिलकर तुम्हें बर्थडे गिफ्ट देंगे”।
ये बोल कर अशोक ने मम्मी को हाथ पकड़ कर खींचा और चूमने लगा, और सुशांत मम्मी की कमर सहलाने लगा। मम्मी उन्हें रोकने की कोशिश करने लगी और बोली, “बेटा आया हुआ है, उसके सामने ये सब नहीं”।
पर शराब नशे में धुत वो सब कहां रुकने वाले थे। उन्हें अब शबाब चाहिये था। संजय ने मम्मी के बूब्स को दबाना चालू किया। अशोक शराब की बोतल ले आया और उसमे कुछ मिला कर मम्मी को शराब पिला दी। अब मम्मी को भी नशा चढ़ने लगा, और उनकी भी काम वासना जाग उठी।
अब आगे कैसै अशोक, सुशांत और संजय ने मम्मी के साथ गैंग-बैंग किया वो कहानी के अगले भाग में।
आपको कहानी के दोनों भाग कैसे लगे, मुझे कमेंट और इमेल में जरूर बताये। मेरा इमेल आईडी [email protected]
अगला भाग पढ़े:- माँ को लगी लंड की लत-3 (अंतिम भाग)