पिछला भाग पढ़े:- स्कूल मैडम की जवानी
दोस्तों, जैसे कि मैंने आपको बताया एकता मैडम मेरे बेटे की क्लास टीचर हैं। पिछली कहानी में मैंने आपको एकता मैडम की चुदाई कैसे की, बताया था। एकता के साथ मैं पंद्रह दिन से उन्हीं के फ्लैट पर रह रहा था, क्योंकि मेरी बीवी अपने मायके गई हुई थी।
एक दिन मैं शाम को घर आया और चेंज करके एकता मैडम के फ्लैट पर चला गया, जैसे मैं पंद्रह दिन से कर रहा था। डेली उन्ही के घर में रात को एकता के साथ सोता था, और रात भर एकता को जी भर कर चोदा करता था। एकता भी मुझसे बहुत खुश थी, क्यूंकि मैंने उसे प्रेगनेंट कर दिया था जैसे कि वो चाहती थी।
मैं एकता के फ्लैट पर पहुंचा, तो वहां एक और लड़की जिसका नाम साक्षी था पहले से ही आई हुई थी। एकता ने मेरी मुलाकात साक्षी से कराई और बताया-
एकता: साक्षी मेरी कॉलेज फ्रेंड है, और मुंबई में रहती है।
उसकी उमर भी लगभग 29 से 30 साल होगी। लेकिन वो भी बहुत ही सुंदर जिस्म को मालकिन थी। मैं उसे देखता ही रह गया। उसकी पिंक कलर का टॉप जो स्लीवलेस था, और नीचे एक ब्लैक स्कर्ट जो घुटनों तक थी पहन रखी थी।
मेरे वहा पहुंचने पर एकता ने जब उसे बताया कि यहीं अरुण है, तो उसकी आखों में चमक आ गई, और वो मुझे देखती ही रह गई। हम दोनों चुप-चाप एक-दूसरे को देखे जा रहे थे। इसी बीच एकता मेरे लिए पानी ले कर आ गई, और मेरे पास बैठ गई।
एकता बोली: साक्षी मेरे साथ अब दस दिन रहेगी। लेकिन ये सिर्फ मेरे से नहीं बल्कि तुमसे भी मिलने आई है। साक्षी तुम्हारे बारे में सबकुछ जानती है। हमारे बीच कुछ भी छुपा नहीं है। हम दोनों के रिश्ते के बारे में भी सब कुछ।
इतनी देर में एकता ने मेरे होठों पर किस कर दिया साक्षी के सामने ही। वो मुस्कुराने लगी। मुझसे रहा नहीं गया, और मैंने एकता के मुंह को पकड़ कर एक जोरदार किस किया। मेरा लंड मेरे लोअर में खड़ा हो गया, और उपर से ही साफ दिखने लगा। साक्षी मेरे लंड को एक टक देख रही थी। हम दोनों एकता और मैं अपने किस्स में व्यस्त थे। तभी मेरे लंड पर किसी का हाथ था, जो उसे उपर से सहला रहा था।
मैंने सोचा कि एकता ऐसा कर रही थी। लेकिन जैसे ही मैंने सामने देखा, तो साक्षी अपनी सीट पर नहीं थी। वो मेरे बगल में बैठी थी, और मेरे लंड को मसल रही थी। उसने धीरे से मेरे लोअर को नीचे कर दिया। मैंने नीचे अंडरवियर नहीं पहना था, तो उसके ऐसा करते ही मेरा लंड उसके हाथ में आ गया। वो मेरे इतने लंबे और मोटे लंड को देख कर बहुत खुश हुई, और लंड पर अपने होठों से किस्स करने लगी।
अब दोनों हुस्न की मल्लिकाएं एक मुझे उपर से और दूसरी नीचे से चाटने में लगी थी। मैं भी एक हाथ से एकता के और दूसरे से साक्षी के जो बहुत ही मस्त बूब्स थे, दबाने लगा। इतने में साक्षी मेरे लंड को अपने मुंह में पूरा लेकर चूसने लगी। उस समय मैं तो जन्नत में था। एकता ने मेरी टीशर्ट उतार दी, और मेरे निप्पल चूसने लगी। मैं एक-दम पागल हो गया, और साक्षी के सर को पकड़ कर अपने लंड पर दबा-दबा कर उसके मुंह को चोदने लगा।
एक बार तो मैंने कुछ समय के लिए लंड उसके हलक तक डाल दिया। वो तड़प उठी, लेकिन कुछ कर ना सकी। उसकी आखों में पानी आ गया, और वो लंड मुंह से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी। फिर मैंने उसे थोड़ा ढीला छोड़ा, तो वो लंड को कुल्फी की तरह चूसने और चाटने लगी। एकता मेरे निप्पल को चूसे जा रही थी। अब दोनों ने अपनी जगह बदली, और एकता मेरे नीचे और साक्षी उपर आ गई।
साक्षी मेरे होठों पर लगातार किस किए जा रही थी, और मेरे होठों को चूस रही थी। एकता ने नीचे मेरे लंड को कुल्फी बना रखा था।
करीब बीस मिनट बाद में बोला: मैं झड़ने वाला हूं।
तभी साक्षी ने एक-दम एकता को हटाया, और वो मेरे लंड को चूसने लगी। मैं समझ गया कि वो आज मेरा मॉल पीना चाहती थी। वो घुटनो के बाल बैठ गई। मैं भी खड़ा हो कर उसके मुंह को चोदने लगा। इतनी देर में मैंने उसके मुंह को जोर से दबाया और अपना सारा मॉल उसके मुंह में ही छोड़ दिया। उसने मेरे वीर्य की लास्ट बूंद तक चाट कर साफ कर दी। वो बहुत खुश दिख रही थी।
तभी एकता बोली: अब तो तेरे मन की तमन्ना पूरी हो गई।
वो बोली: अभी कहां?
मैं अब समझा ये इन दोनों का प्लान था। तभी एकता बोल रही थी कि साक्षी आप से मिलने आई है। मैं बहुत खुश था आज दो हसीनाओं के बीच में आकर।
साक्षी बोली: यार एकता मजा आ गया। क्या मर्द है! यार साली तू अकेले ही इसके मजे लूट रही थी। मुझे बहुत देर से बताया, नहीं तो मैं पहले ही आ जाती। लेकिन अभी मुझे भी अरुण के बच्चे की ही मां बनना है।
एकता बोली: अबे यार, अब तुम दोनों यहीं हो ना, खूब मजा लूट लो। क्यों अरुण, इसकी भी तमन्ना पूरी करोगे ना?
मैं बोला: जरूर। अगर मेरी वजह से किसी का भला हो रहा है तो जरूर करूंगा।
अब हम तीनों ने मिल कर खाना खाया, और बातें की अपने अगले प्लान के बारे में। फिर हम तीनो बाहर आइस-क्रीम खाने चले गए। करीब दो घंटे बाद हम फ्लैट पर वापिस आए।
अब हम लोग सीधा बेडरूम में चले गए। वहां जाते ही दोनों मेरे उपर टूट पड़ी। एक ने मेरी टीशर्ट, और एक ने मेरा लोअर उतार कर मुझे नंगा कर दिया। अब मेरी बारी थी। एकता को तो मैं रोज नए-नए स्टाइल से नंगा करता था। लेकिन आज की हीरोइन साक्षी थी। तो मैंने पहले साक्षी को पकड़ा, और उसके मुंह पर किस करने लगा। उसने भी मुझे पकड़ लिया, और मुझे चूमने लगी।
अब मैंने उसके टॉप को उपर किया। उसने पूरा ब्रा पैंटी और टॉप का सेट पहन रखा था, जो पिंक कलर का था। मैंने उसके टॉप और ब्रा को निकाला, और उसके 32″ साइज के एक दम गोरे, और उन पर ब्राउन कलर के छोटे-छोटे निप्पलों को चाटने और चूसने लगा। ऐसा करने से वो आहा आह करने लगी, और जोश में आ कर मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी।
मैंने उसको अपने से कड़ा चिपका लिया, जिससे उसके दोनों बूब्स मेरी छाती से लग गए, और लंड उसकी चूत को स्कर्ट के उपर से ही छूने लगा। मैंने एक हाथ उसकी स्कर्ट में डाला, तो उसकी पैंटी एक-दम गीली थी। मतलब उसकी चूत से पानी निकल रहा था।
मैं उसको बोला: आज मैं सबसे पहले तुम्हें घोड़ी बना कर चोदूंगा।
वो बोली: राजा जी, अब मैं आपकी हूं, जैसे मर्जी आप पेल दो। बस मुझे आपके बच्चे की मां बनना है।
लेकिन उसे चोदने से पहले मैं उस हसीना की चूत के दर्शन करना चाहता था। मैं अपने घुटनों पर बैठ गया, और धीरे-धीरे उसकी स्कर्ट को उतार दिया, और फिर उसकी पैंटी जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी, को उतारा। दोस्तों क्या नजारा था। एक दम गोरी-गोरी, छोटी सी, बिना एक भी बाल वाली नरम और मुलायम चूत मेरे सामने थी।
मैं एक-दम बेहोश जैसे हो गया। धीरे से अपने हाथों से उसकी दोनों फांकों को अलग किया, तो अंदर से बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ी की तरह से गुलाबी और एक-दम रस से भरी हुई।
तभी मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए। वो एक-दम मचल गई। मैंने तुरंत अपनी जीभ उसके उपर फिरानी शुरू की, और उसे बेड पर लिटा कर उसकी दोनों टांगे खोल कर जीभ से चुदाई शुरू कर दी। मैं अपने दोनों हाथो से उसके बूब्स को निचोड़ रहा था, और जीभ से चोद रहा था। इतनी देर में वो झड़ गई। उसकी चूत से एक-दम गरम लावा फूट पड़ा, और एक बार वो ठंडी हो गई। वो मेरे सर को बार-बार अपनी चूत में दबाए जा रही थी।
एकता हम दोनों को देख कर मुस्कुरा रही थी। वो सिर्फ पैंटी में थोड़ी दूर खड़ी थी, और अपना एक हाथ पैंटी में और एक हाथ बूब्स पर रख कर दबा रही थी। मतलब वो भी गरम हो रही थी।
मैं बोला: एकता आओ, हमें ज्वाइन करो।
वो बोली: नहीं, आज साक्षी को आप कैसे पेलते हो, मैं उसका मजा लूंगी।
अब मैंने साक्षी को घोड़ी बनने के लिए बोला। वो झट से घोड़ी बन गई। मैंने अपने लंड को उसके छेद पर सेट किया, और एक धक्का दिया। लेकिन उसका छेद इतना छोटा था, कि लंड फिसल गया। लेकिन तभी पास खड़ी एकता ने मेरे लंड को पकड़ा, और साक्षी के छेद पर सेट करके पकड़े रही, और बोली-
एकता: अरुण अब पेलो, मैं देखती हूं अब ये कहां जायेगा ये साला।
फिर मैंने एक जोर का झटका साक्षी के दोनों कूल्हे पकड़ कर मारा। लंड को एकता ने पकड़ रखा था। मेरा आधा लंड साक्षी की चूत में घुस गया। वो चिल्लाने लगी। उसे बहुत दर्द हो रहा था, और वो बाहर निकालने को हुई। लेकिन मैंने उसको कड़ा पकड़ रखा था। अब एकता धीरे-धीरे उसके बूब्स को सहलाने लगी और बोली-
एकता: साली तेरे ही आग लगी थी अपनी खुजली मिटाने को। अब सहन कर।
तो साक्षी बोली: यार ये इतना बड़ा है, कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
एकता बोली: मैंने तुझे बोला था ना, कि ऐसा मजा तुझे जिंदगी में कभी नहीं मिलेगा।
वो बात किए जा रहे थे। तभी मैंने बिना कुछ बोले एक और जोर का झटका मार दिया। मेरा पूरा लंड साक्षी की चूत में समा गया। वो खूब चिल्लाने लगी और बोली-
साक्षी: जल्दी बाहर निकालो अरुण, मैं मर जाउंगी।
लेकिन मैं कहा मानने वाला था। उधर एकता भी मुझे उकसा रही थी-
एकता: अरुण आज इस साली की पूरी आग मिटा दो। पेल दो साली को। दस दिन से मेरी जान खा रखी है चुदने के लिए। मैंने इसे बोला था कि तू सहन नहीं कर पायेगी इतना बड़ा है अरुण का, लेकिन मानी नहीं। अब सहन कर।
वास्तव में उसकी चूत हद से ज्यादा छोटी थी। पता नहीं उसके पति ने उसे चोदा भी था या नहीं। खैर मैं तो लगातार उसकी चूत में लंड को अंदर-बाहर करने में लगा रहा। थोड़ी देर में साक्षी भी अपनी गांड को उचकाने लगी, और उसे मजा आने लगा। ऐसे करीब पंद्रह मिनट करने बाद मैं बोला-
मैं: अब सीधी हो जाओ।
मैं उसे मिशनरी पोजिशन में ले आया। मैंने सोचा अब इसे आराम से चोदता हूं, नहीं तो साली परेशान हो जायेगी। अब मैं उसके उपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत में डाल कर उसे चोदने लगा। अब वो आराम से चुद रही थी। करीब दस मिनट के बाद वो एक बार फिर से झड़ गई, जिससे चूत काफी चिकनी हो गई और लंड सटासट अंदर-बाहर होने लगा।
फिर कुछ पांच मिनट बाद मैं बोला: मेरा होने वाला है।
साक्षी बोली आपने बोला था कि मैं आपको मां बनाऊंगा, तो पूछना क्या है, निभाओ अपना वादा।
मैंने चार-पांच झटके जोर से मारे और पूरा साक्षी की चूत में झड़ गया।
वो बोली: एक दम गरम लावा मेरे अंदर बह रहा है।
अब वो शांत हो गई थी और ऐसे ही बेड पर लेटी रही। लेकिन अभी एकता कहां शांत हुई थी? सिर्फ शांत होने का नाटक कर रही थी। उसकी पैंटी एक-दम गीली हो चुकी थी। मेरा लंड भी एक बार मुरझा गया था। तभी एकता मेरे उपर पड़ गई, और पहले मेरे निप्पल चूसने लगी, और एक हाथ से लंड को सहलाने लगी। मेरे लंड में थोड़ा दर्द भी हो रहा था, क्योंकि साक्षी की चूत बहुत टाइट थी, इसलिए मेरे हथियार को थोड़ा टाइम लग रहा था।
तभी एकता मेरे नीचे आ गई, और लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। इधर साक्षी भी उसका साथ देते हुए मेरे निप्पल चूसने लगी। अब वो दोनों अपने काम पर लगी रही। कुछ समय में लंड वापस अपनी पोजीशन में आ गया। तभी तुरंत एकता ऐसे ही लंड को पकड़ कर मेरे उपर आ गई, और अपनी चूत में डाल कर मेरे उपर ही बैठ गई, और उपर नीचे होने लगी। बस फिर क्या था। मैंने एकता को भी जम कर पेल दिया।
उस रात मैंने दो बार और साक्षी को, और एक बार और एकता को पेला। हम तीनों रात दो बजे तक सेक्स का प्रोग्राम करके ऐसे नंगे ही सो गए। ऐसे ही हमने दस दिन तक खूब मजे लिए। अब दस दिन के बाद साक्षी मुंबई लौट गई, और हम दोनों फिर से अपने काम पर लगे रहे।
फिर एकता बोली: अरुण मुझे नोएडा अपने पति के पास होकर आना है। छुट्टी खत्म होने में एक वीक बचा है। वापस आ कर स्कूल ज्वाइन करना है।
मुझे भी अपनी बीवी को लेने दिल्ली जाना था, तो हम दोनों ने एक साथ प्रोग्राम फ्लाइट से ना जा कर ट्रेन से जाने का प्लान किया, ताकि हम दोनों और समय साथ बिता सके। मैंने एकता को बोल दिया था ट्रेन टिकट मैं ले लूंगा।
हमने ट्रेन में चुदाई का मजा कैसे लिया, अगली स्टोरी में बताता हूं।