मैं आपको सबको अपना परिवार के बारे में बताता हूं, हमारी फैमिली में 4 सदस्य हैं, मेरे मम्मी पापा, मेरी एक बड़ी बहन और मैं।
मेरे पापा एक बिजनेस मैन है और हम रांची में रहते हैं, मेरी मम्मी एक सरकारी बैंक में जॉब करती है। हमारे घर में सब लोग बहुत अच्छे दिखते हैं, मेरे पापा, मेरी मम्मी जो की एक बोहत खूबसुरत औरत है, वो अपने आप को कफी मेनटेन रखती है, और मेरी बहन के तो क्या कहने, वो एक बोहत ही सेक्सी लड़की है, फिगर भी बड़ा मस्त है, मेरी बहन का नाम चंदा है। मैं भी देखने में कफी स्मार्ट हूं।
हमारा दिल्ली में 3 बेडरूम का घर है, जिसमे एक कमरा मम्मी पापा का है, एक चंदा का, और एक मेरा। चंदा और मेरे बेडरूम का बाथरूम कॉमन है मेरा सेक्स में बड़ा इंटरेस्ट है, मगर कभी किसी के साथ मौका नहीं मिला, मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी। जब घर में कोई नहीं होता था, मेी हमेश कंप्यूटर पे पोर्न साइट्स पे ब्लू फिल्म देखा करता था। मगर मेरे मन में अभी तक चंदा को लेके कोई गलत इरादा नहीं थी।
मगर पिचले कुछ दिनों से चंदा में कुछ चेंज आ रहा था, उसके कपड़े पहनने में, वो अक्सर धीरे धीरे फोन पर बात करती रहती थी। मुझे शक था के उसका कोई बॉयफ्रेंड है। उसकी बॉडी में भी कुछ चेंज आ रहे थे, उसकी ब्रेस्ट का साइज थोड़ा बढ़ने लगा था, मुझे पूरा याकीन था, के वो कही मजे ले रही है।
उस दिन के बाद से मैं छुप छुप के चंदा को और उसकी बॉडी को ध्यान से देखने लगा। वो एक बेहद सेक्सी लड़की थी, वो जब चलती थी तो पिचे से क्या कयामत लगती थी। मैं फिर उसे सोच सोच के मुठ मारने लगा। मैं कभी उसके नहाने के बाद जब नहाने जाता था तो उसकी ब्रा – पैंटी को हाथ में लेके मुठ मरता था।
मुझे उस का एक नशा सा होने लगा था, मगर उसे बोलने की मेरी कभी हिम्मत भी नहीं हो सकती थी। फिर मैं उसे गलत नज़र से देखने लगा, मुझे ये पता था के वो ब्रा पहन के नहीं सोती है, तो यही सोच के मैं उसकी कल्पना करके मुठ मारे बिना नहीं सोता था। मन करता था को पिछे से जा के जकड लू और रेप कर डालू। मै उसके अंडर गारमेंट की तलाश में रहने लगा, उनको सुघ के चाट के पागल होने लगा। मम्मी पापा सूबा ऑफिस चले जाते थे, और चंदा ने भी कोई एक्स्ट्रा लैंग्वेज क्लास…
शूरू कर दी थी तो सुबाह 10 बजे के बाद शाम के 4 बजे तक मैं अकेला ही घर में रहता था। मेरे मन में उसके अलमारी को चेक करने का ख्याल आया। मगर वो अलमारी को हमेश ताला लगा कर रखती थी, और चाबियां हमेशा अपने पास रखती थी। मगर हमारे घर में हर ताला की एक अलग चाबी मम्मी की अलमारी में रहती थी। तो मैं एक दिन मौका पाके वो चाबियां का गुच्छा ही मम्मी की अलमारी में से निकल लिए, और फिर सब का ज़ाने का इंतजार करने लगा।
उस रात पूरी रात मुझे नींद नहीं आइ, ऐसा लग रहा था, के सुबाह कोई खजाना मिलने वाला है। उस रात मैंने 3 बार मुठ मारी और फिर जैसे तैसे मेरी आख लग गई। जब मैं सुबह उठा तो सब लोग तैयार हो गए थे जाने के लिए, मैं भी उठा, फ्रैश होके नाश्ता करके सबके जाने का इंतजार करने लगा। फिर एक एक करके सब निकल गए और आखिरी में मेरी बहन भी निकल गई। मैंने झट से दरवाज़ा बंद किया और मेरी धड़कने बडने लगी, मैं अपने सारे कपड़े वही हाल में ही उतार दिए
और अपने रूम से चाबियों का गुच्छा लेके चंदा के रूम में जाने लगा, मेरा लुंड एक दम टाइट हो चुका था, और ऐसा लग रहा था के मैं एक चोर हूं। फिर मैंने चंदा की अलमारी खोली जिसमे आगे उसके कपड़े और मेकअप का सामान रखा हुआ था। फिर मैंने देखा के आगे वाले जगहे पे एक बैग में उसके अंडरगारमेंट्स राखे हुए थे, मेरी धड़कन और बढ़ने लगी, मैंने उस बैग को बहार निकला, और एक एक करके बैग से सारे कपड़े बहार निकला, और बेड पे फेला दिया।
उसके बैग में अलग अलग रंग की और अलग अलग तरह की ब्रा पैंटी थी, जिसे देख के मैं बड़ी बहन की कल्पना करने लगा। एक ब्लैक कलर की ब्रा जिसमे के आगे की तरफ नेट था, वो बोहत ही रिवीलिंग लग रही थी, और मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था। उसके पास बोहत अलग अलग तरह के अंडरगारमेंट्स थे। मैं उन ब्रा और पैंटी के ऊपर ही लेट गया और एक हाथ से लंड हिलाने लगा, थोड़ी देर बाद जब झड़ने वाला था तो मैंने बिस्तर के कोने पे बैठा के ब्रा पैंटी को हाथ में लेके डिस्चार्ज कर दिया।
मुझे बोहत अच्छा लग रहा था। फिर मैं बाथरूम में जेक फ्रेश हुआ, और थोड़ी देर उन ब्रा पैंटी पर ही लेटा रहा, और अपनी दी चंदा को कल्पना करने लगा। थोडी देर बाद मेरा फिर खड़ा हो गया, और मैंने फिर उन ब्रा पैंटी में चंदा को कल्पना करके हिलाने लगा मुझे उस वक्त बोहत मजा आ रहा था दोस्तो मैं बता नहीं सकता, अब मुझे बड़ी संतुष्टि मिल रही थी। थोड़ी देर बाद हीलाने के बाद मैं उसकी अलमारी में कुछ और डुडने लगा। मगर एक पैकेट में सैनिटरी नैपकिन के अलावा मेरा लिए कुछ ज्यादा नहीं था।
अब मेरा डेली का शेड्यूल हो गया, और सबके निकलने के बाद मैं रोज ऐसा करने लगा, और इंतजार करने लगा के कभी ये सपना सच भी हो सकता है या नहीं। मेरी जिज्ञासा और बढ़ने लगी के मैं चंदा को नंगा कैसे करूअ और कुछ और कैसे पता करू। मैं कफी बार उसके मोबाइल को चेक करने की कोशिश करी मगर अलीमिराह की तरह वो अपने मोबाइल को भी लॉक रखती थी। फिर एक दिन चंदा को बुखार हो गया, और मम्मी ने मुझे उसके कमरे में सोने को ही कहा, मैं भी खुशी से चला गया के शायद
कुछ करने को मिले, मैं टीवी देखने लगा वो तो सो गई, मगर मेरी हिम्मत नहीं हुई के मैं उसे कुछ करू और सोच के हाथ भी लगाउ, फिर थोड़ी देर बाद मेरा ध्यान उसके मोबाइल पे पड़ा, जब मैंने चेक किया तो वो अनलॉक था, मेरी धड़कने फिर बढ़ गई, मैं चोरी छुपे उसका मोबाइल उठा लिया, और मैसेज चेक करने लगा। उसमे एक राहुल नाम के लड़के के बॉहत संदेश थे। और कुछ नॉर्मल बातो के साथ नॉन वेज बातो के भी मैसेज थे, उन मैसेज के रिप्लाई में चंदा ने भी खूब नॉन वेज बातें की हुई थी।
पहले तो मुझे अच्छा नहीं लगा लेकिन मैं कुछ बोल भी नहीं सकता था, फिर मैंने जब उसकी इमेज में तस्वीरें देखी तो कफी तस्वीरें एक लड़की के साथ थी, मैं समझ गया जरूर ये वही राहुल है। कफी पिक्स मैं अनहोने हग किया हुआ था, और चीक पे किस करते हुए भी पिक्स थी। मन में ख्याल आया के एक बार उससे पुचु, मगर रुक गया। फिर एक अलग फोल्डर में चेक करने पर मेरे होश उड़ गए, उसमे उसने हमारी बाथरूम के मिरर के सामने खड़े हो कर, अपने टॉपलेस तस्वीर खिची हुई थी।
मुझे समझने में समय नहीं लगा के वो तस्वीरें शायद उसने अपने बॉयफ्रेंड के लिए खिची है। मगर पिक को देख के मेरा फिर खड़ा हो गया, पहले तो मैंने उसके पिक को ब्लूथूथ के थ्रू अपने मोबाइल में डाला, और फिर, बाथरूम में जाके, उन पिक को देखते हुए अपने लंड हिलाने लगा, उसके स्तन बोहत ही बड़े और वेल शेप्ड थे. मुझे फिर उसका नशा होने लगा, मन किया के उसी हलत में उसे दबोच लू, और कपड़े फड़ के रेप कर डालू। मगर फिर हिम्मत नहीं हुई।
फिर दिन ऐसे ही निकलते गए मैं कभी उसकी ब्रा पैंटी को देख के तो कभी उसकी टॉपलेस तस्वीर को देख के मुठ मार के संतुष्ट होने लगा। फिर एक दिन पापा मम्मी ने घुमने का प्लान बनाया और फैसला हुआ के हम पहले पटना और फिर मनाली जाएंगे। फिर रविवार की सुबह ही हम पटना के लिए निकल गए, कैब करके। पापा आगे ड्राइवर के साथ बैठे थे। और चंदा मैं और मम्मी पिचे। कुछ घंटो की ड्राइव के बाद हम पटना पोहच गए।
और रूम लेके रेस्ट करने लगे वहा भीड होने के कारन हम सिरफ एक रूम ही अरेंज कर पाए। सफर के थके हुए, फिर हम डिनर करके सोने की तय्यारी करने लगे। हमारा रूम कफी बड़े होने के करन दो बेड लगे हुए थे, जिसमे एक पर मैं और चंदा और दसरे पे मम्मी और पापा लेटे हुए थे। मगर मेरा तो सोने का मन ही नहीं था, मैं तो इंतजार कर रहा था, के कब सब सोये और मुझे कुछ मौका मिल पाए। चंदा थके होने के कारन जल्दी सो गई मगर मैं आखे बंद करके…
मम्मी और पापा के सोने का इंतजार करने लगा, मगर कुछ देर बाद कुछ धीरे-धीरे बात करने की आवाज आई, शायद मम्मी पापा भी हमारे सोने का इंतजार कर रहे थे। मगर शायद एक कमरे में सोने की वजह से कुछ झिझक थी, और फिर इंतजार करते करते मेरी ही आख लग गई। सुबाह मम्मी ने उठया और ब्रेकफास्ट के लिए आने के लिए बोला। मैं ही सबसे पिछे में उठा था। सब लोग फ्रेश होके ब्रेकफास्ट के लिए ऑर्डर किया, और दिन का शेड्यूल बनाने लगे।
चंदा को बहार घुमना था, मगर पापा शायद रूम में ही रहना चाहते थे, फिर आखिरी में ये ही तय हुआ कि हुआ के मैं और चंदा घुमने जाएंगे और मम्मी पापा होटल में ही रहेंगे, मुझे उनके रुकने का कारण का आइडिया था। फिर हम तैयार हो गए निकल गए, कुछ लोगो से पुचा याहा घुमने के लिए कौन सी जगा है, मगर वहा कुछ खास नहीं था। फिर चंदा ने कहा चलो होटल ही चलते हैं, तो मैंने मजाक में कह दिया, के उनको भी तो थोड़ा प्राइवेट टाइम दो साथ रहने के लिए।
और वो थोड़ा मुसकुराइ और समझ गई मगर जदा चर्चा ना करते हुए कहा बोलो कहा चलना है, मैंने बोला चलो देखते हैं, कुछ आगे चले। फिर रास्ते में किसी ने बता के आगे ही एक वाटर फॉल है, वहा कफी विदेशी लोग आते हैं। हमने सोचा के चलो वही चलते हैं, वो एरिया थोड़ा सा रोड से हट के था, बीच में थोड़ा सा जंगल भी था। मगर आगे ज़ाके देखा तो वकाई में एक बोहत अच्छी जगह थी, जहां वाटर फॉल हो रहा था।
मेरा तो मन वही नहाने का करने लगा, मगर चंदा मना कर रही थी, हमने ध्यान से देखा की वहा कुछ अंडर गारमेंट्स भी परे हुए थे, और कुछ कंडोम के पैक भी। उन चिजो पे मेरी और चंदा की नजर एक साथ पड़ी। मगर उसने नज़र अंदाज़ कर दिया, मैंने मज़ाक में कह दिया के यहाँ का तो महोल ही कुछ और है। फिर चंदा शायद ज्यादा दिलचस्प नहीं थी वह रुकने में, मगर मेरा जाने का मन नहीं था।
और मैं कपड़े उतर के सिरफ अंडरवियर में पानी में कुद पाड़ा, और चंदा वही बैठा के उपन्यास पढ़ने लगी, वो मेरे सामने ही एक तरह से बैठी हुई थी, के उसकी जांघों तक मुझे नजर आ रही थी उसकी पैंटी के साथ। मेरा लंड खड़ा हो गया, मन किया के उसे पानी में ही खिच लू, और अपने लंड को हाथ से एडजस्ट करने लगा, ये करते हुए शायद चंदा ने मुझे देख लिया, और फिर मुझे चोरी से मेरी हरकाते देखने लगी। मैंने भी सोचा के इससे अच्छा मौका नहीं है, कुछ बात बढ़ाने का।
मैं वही पानी में थोड़ा और झुक के मुठ मारने लगा, और चंदा मुझे टेडी नजर से देखने लगी, फिर मैंने थोड़ा आगे जाके चंदा से छीप के पानी से निकल के एक पत्थर के पीछे ज़ाके मुठ मार्ने लगा। मुझे पूरा याकीन था के चंदा को मेरे हरकत के बारे में 100% आइडिया है। फिर डिस्चार्ज होने के बाद मैं फिर पानी में चंदा के पास आ गया, तो चंदा ने थोड़े नॉटी से स्टाइल में पुछा के पानी से निकल के कहा गया था, मैं बोला टॉयलेट गया था, क्यू?
To be countinue…..