मैं तन्हा थी वो अकेला था

हाय दोस्तों, मेरी हिंदी कामुकता कहानी में आपका स्वागत करती हूं। मैं अपनी महिला साथियों से क्या छिपाऊं? जिंदगी में एक बार तो अकेलेपन का शिकार हम औरतें होती ही है। मेरे पति दिवाकर जो 46 साल के है, अब मुझमें बिल्कुल रुचि नहीं लेते, और अधिक से अधिक समय घर के बाहर लगाते है।

मैंने अपने अकेलेपन की बात दिवाकर से शेयर भी की। उन्हें बिना शर्त डाइवोर्स का ऑफर भी दिया। लेकिन वो नहीं माने, और माफी मांगने लगे। दरअसल मैंने उन्हें उनकी सेक्रेटरी के साथ संभोग लीला में लिप्त देख लिया था। उन्होंने आखिरी मौका मांगा, तो मैंने भी अकेले रह जाने के डर से उनकी बात मान ली। उन्होंने एक दिन कहा कि, “रीटा चलो आज क्लब चलते है। मस्ती करेंगे और अपने प्यार को नया रंग देने की कोशिश करेंगे।”

मैं उस समय 45 साल की थी, और लगभग डिप्रेशन की शिकार हो ही गई थी। मैंने उनकी बात मान ली। तो उन्होंने कहा कि वो मुझे ऑफिस से सीधा क्लब मिलेंगे रात 9 बजे। और साथ ही उन्होंने मुझे सिल्वर कलर की टाइट और जांघों से ऊपर तक की ड्रेस भी गिफ्ट की पहनने के लिए जिसकी नेक जरूरत से ज्यादा डीप थी।

उस ड्रेस में मेरे 40″ के कूल्हे, 32″ की कमर और 38c की छाती लगभग अर्धनग्न ही थी। ठीक 9 बजे मैं क्लब पहुंच कर इंतेज़ार करने लगी। करीब एक घंटे तक ना दिवाकर आए, ना मेरा फोन पिक किया। मैंने ऑफिस के गार्ड को पैसे खिला कर अपना खबरी बनाया हुआ था। उसने बताया कि दिवाकर आज फिर सेक्रेटरी के साथ बहुत देर से निकला और साथ ही कहीं चला गया।