मकान मालकिन किरायेदार से चुदी-1

आप सभी को मेरा नमस्कार। मैं हाज़िर हूं आज आप सब के सामने आंटी की चुदाई कहानी लेकर, जो मेरे साथ घटी। इसे पढ़ कर आप सब एक-दम गर्म हो जायेंगे। औरतें और लड़कियां अपने कपड़े उतार कर चूत सहलाते हुए पढ़े। लड़के अपना हिलाते हुए।

अब मैं सीधा कहानी पे आता हूं। मैं यूपी के मुजफ्फरनगर से हूं। मेरी ये कहानी है 2012 की। तब मैं गुड़गांव रहता था। वहां जॉब करता था। जिस घर में मैं किराये पर रहता था, वो एक लेडी का था, जो एक 55 साल की लेडी थी। उनका नाम था निर्मला। वो भले ही 55 साल की थी, पर दिखने में 40 से ऊपर की नहीं लगती थी।

उस जमाने में भी वे योगा करती थी, और अपनी हेल्थ का पूरा ध्यान रखती थी। उनके 2 बच्चे थे, एक लड़का एक लड़की। पति 1999 में ही मर चुके थे। वे अपने कमरे किराये पर चढ़ाती थी, और खुद का कपड़ो का काफी अच्छा कारोबार था। पैसे की कोई कमी नहीं थी।

अब मुझे जब पता लगा उनका घर खाली था, तो मैं उनसे मिला, और बात-चीत हुई। उन्होंने मुझे कमरा दे दिया। मेरा कमरा दूसरे फ्लोर पे था। उस कमरे में मुझसे पहले एक लड़का रहता था, जो कुछ महीने पहले ही कमरा खाली करके गया था। वो कमरा मिला मुझे। मैं जल्दी से शिफ्ट हुआ और एक IT कम्पनी में जहां सेलेक्शन हुआ था, वहां रोज़ जाने लगा। कुछ दिन तो मेरा रोज़ यही रूटीन रहा।

फिर एक दिन मैं ऑफिस से आकर ऊपर छत पर चला गया। बरसात का मौसम था। बाय चांस आंटी भी वहीं खड़ी थी। आंटी ने मैक्सी डाल रखी थी महरून रंग की। आंटी की लंबाई अच्छी थी 5 फीट 9 इंच और फिगर था चूचिया 42″, पेट 36″, और गांड 44″। गोल चेहरा, और ऐसी माल की आदमी उसे देख कर लंड हिलाए बिना ना रहे। आंटी की बॉडी में सबसे बेस्ट बात थी एक-दम कसावट। चूचियां एक-दम कसी हुई थी, और गांड भी टाइट, और कमर तक बाल एक-दम काले। आंटी को देख कर मैंने गुड इवनिंग कहा।

आंटी ने भी रिप्लाई दिया। फिर आंटी तपाक से बोली: तू किस टाइम आता है ऑफिस से, कब जाता है, कुछ पता नहीं लगता तेरे आने-जाने का।

मैंने अपनी टाइमिंग बता दी सुबह 9 जाना और शाम को 6 तक वापस आ जाना।

फिर आंटी बोली: आज ऊपर छत पे कैसे? रोज़ तो तू नहीं आता।

मैंने कहा: आप रोज आती हो क्या छत पे?

तो बोली: हां और रात होने तक यहीं रहती हूं। और तेरी हरकतें भी नोट करती हूं।

मैंने कहा: हरकतें मतलब?

तो आंटी एक-दम बोली: तेरे कमरे के ऊपर छत खुली हुई है तुझे पता है ना?

मैंने कहा: हां।

वो बोली: अंदर की तेरी खिड़की खुली रहती है। तो तू कैसे बैठा है, उठ रहा है, सब दिखता है। इस हिसाब से बोल रही हूं।

फिर आंटी बोली: तू अगर फ्री है तो नीचे आजा, तुझसे कुछ काम है।

मैंने कहा: अभी आया।

आंटी सबसे नीचे ग्राउंड फ्लोर पे रहती थी। पड़ोस में ही मेरा एक दोस्त बन गया था, जो मुझे आंटी की बोल्डनेस और मुंहफट होने की सब बात पहले ही बता चुका था।

मैं जल्दी से कमरा बन्द करके नीचे गया। मेरी नज़र आंटी पर थी। क्योंकि हवस तो मुझमें कूट-कूट कर भरी है, पर चांस इतनी जल्द मिलेगा साला ये नहीं पता था।

मैं जल्दी नीचे गया तो आंटी बोली: मेरे 2 काम कर सकता है?

मैंने पूछा: क्या-क्या?

आंटी बोली: एक तो मेरे कंप्यूटर में विंडो में कुछ प्रॉब्लम आ रही है, वो देख ले। दूसरा काम मैं चाय बना कर लाती हूं फिर बताऊंगी।

मैंने कहा: आंटी मैं चाय नहीं पीता ज़्यादा।

तो बोली: क्या लाऊं फिर?

मैंने कहा: अगर कोल्डड्रिंक हो तो ले आओ, वो मुझे पसन्द है।

आंटी ने कहा: ठीक है।

आंटी किचन में गई, कोल्डड्रिंक और स्नैक्स ले आई। फिर मेरे बगल में आकर बैठ गई। आंटी के कंप्यूटर में कुछ फोटो थे, जिसमें एक-दम माल लग रही थी। एक-दम कसे हुए कपड़ो में मेरी नियत पूरी खराब थी। मैंने जैसे पहले बताया हुआ है, मैं भी एक-दम और बोल्ड बेशर्म हूं।

तो मैं औरतों के सामने नंगा होने में, और बेशर्म होने में समय नहीं लगाता, और ना ही नंगी करने में। बेशर्म और नंगा मर्द ही औरत को गर्म कर सकता है, शर्मिला गधा नहीं। आंटी मेरे बगल में आ गई, और मुझे कोल्डड्रिंक का ग्लास दे दिया आंटी ने।

फिर बोली: क्या हुआ है इसमें?

मैंने बता दिया कि विंडो की कुछ फाइल्स मिस थी, और पूरा कंप्यूटर भर गया था, तो एक बार इसे दोबारा फॉरमेट करके विंडो डाल दूंगा, तो सही हो जाएगा।

आंटी बोली: प्लीज कर दे बाबू, मेरा सब काम इसपे ही रहता है। सब इसी पे करती रहती हूं।

मैं कहा: ठीक है।

फिर फ़टाफ़ट मैंने अपने पास रखी एक हार्ड डिस्क उसमें लगा कर जरूरी सामान अपने पास लिया, और विंडो फॉर्मेट करके दुबारा इंस्टालिंग पे लगा दी।

फिर मैंने कहा: आंटी अब दूसरा काम क्या था?

आंटी बोली: अरे हां, दूसरा काम ये था मैंने सुना है कि तू कुंडली वगैरह देख लेता है।

मैंने कहा: जी, मैंने इसकी पढ़ाई की हुई है।

आंटी बोली: वाह बढ़िया है! तू तो बड़े काम का लड़का है। कम्प्यूटर का काम भी जानता है। कुंडली भी देखता है। और क्या क्या सीखा हुआ है?

मैंने भी बोल दिया: सब कुछ सीख रखा है।

आंटी बोली: क्या-क्या बता?

तो मैं बोला: आंटी पहले कुंडली दिखा लो, फिर आगे बता दूंगा‌।

आंटी बोली: हां लाई।

आंटी कुंडली लेकर आई अपने लड़के की। उसे देख कर उसके काम में कुछ प्रॉब्लम आ रही थी मैंने बता दिया, और उपाय बता दिया। फिर उन्होंने अपनी कुंडली दी और कुंडली देखते ही पता लग गया आंटी में बहुत हवस में भरी हुई थी। उन्हें दाना फेंका तो एक-दम चुग लेंगी। बस मेरे लिए इतना ही काफी था

मैंने तब पूछा: आंटी जो पूछूं सच बताना। आपका शादी से पहले किसी से अफेयर था, ये कुंडली बता रही है। एक-दम सच बोलना। मुझसे कुछ नहीं छुपेगा।

आंटी एक-दम से सकपका कर बोली: तुझे ये इसमें दिख गया?

मैं: जी इसमें सब है।

फिर मैंने उन्हें उनका अंकल का रिलेशन कैसा रहा। उनकी पढ़ाई वगैरह और एक दो चीज़े बताई। आंटी एक-दम उत्सुकता से हां-हां करके सुन रही थी।

फिर मैंने एक-दम बोला: अब जो पूछूं, सच बताना, एक दोस्त की तरह समझ कर। और अगर आप बुरा ना मानो तो मैं आपको नाम लेकर तू कह कर बुला लूं?

ये मेरा दाव था, तांकि वो पूरी बेशर्मी पे आ जाये, तू तड़ाक सब पे, और अब कोई आंटी वगैरह की बकचोदी ना रहे। क्योंकि नीचे लोड़ा कह रहा था इसके मुंह मे डाल के धक्के मार।

आंटी बोली: हां कोई दिक्कत नहीं।

फिर मैं बोला: निर्मला सुन तेरे शादी से पहले रिलेशन रहे है एक या दो?

वो बोली: हम्म्म्म।

मैं: कितने रहे?

वो बोली: 2।

मैं: तुझमें बहुत सेक्स है, शुरू से ही कामुकता, और तू अपने पति से सन्तुष्ट नहीं थी।

आंटी: ह्म्म्म, तू सही कह रहा है।

मैं: तेरा शादी के बाद भी किसी से चक्कर रहा है, बुरा मत मानना जो है वहीं बता रहा हूं।

आंटी कुछ नहीं बोली।

मैं: निर्मला अगर दोस्त है तो खुल कर बता। सब तेरे-मेरे बीच रहेगा। वैसे भी यहां बस हम दो ही रहते है मकान में, और तू नीचे मैं ऊपर। सही बता शादी के बाद कितनों से किया है?

आंटी ने क्या जवाब दिया, और आगे क्या हुआ, इस हिंदी सेक्स कहानी के अगले पार्ट में पढ़े।

अगला भाग पढ़े:- मकान मालकिन किरायेदार से चुदी-2