हैल्लो फ्रेंड्स,
मैं प्रीति यादव ,मेरी उम्र 18 वर्ष, रंग गोरा है और कद 5 फीट 4 इंच है | साथ ही दोनो बूब्स संतरे के समान गोल है और चिकनी जांघें के बीच में बुर की फांकें थोड़ी मासंल और चूतड गोल गद्देदार है, मैं क्लास 12th की छात्रा हूं | मै अपने मम्मी, पापा और दो भाइयों के साथ गुमला ( झारखण्ड ) में रहती हूँ | पापा प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते है | और मम्मी हाउसवाइफ है | बड़ा भाई ग्रेजुएशन कर रहा है और छोटा भाई क्लास 10th में है | तोह अब स्टोरी पे आते हैं | यह तब की बात है जब मेरी गर्मियों की छुटियां शुरू हुई थी |
हम हमेसा गर्मियों की छुटियाँ मानाने नानी के घर सिमडेगा ( झारखण्ड ) जाते थे | मेरी नानी का घर एक 3 bhk फ्लैट है | पर इस बार सिर्फ मै और मम्मी जा रहे थे क्योंकि पापा को जॉब से छूटी नहीं मिली थी और दोनों भाइयों ने घर पे रह कर पापा का हेल्प करने का सोचा क्योंकि मम्मी नहीं रहेंगी घर पे तोह पापा को सारा काम खुद करना होगा | और फिर मैं और मम्मी नानी घर के लिए निकल गए | मेरे नानी घर में मेरी नानी, मेरी मम्मी से छोटी 2 मौसी और एक मेरे मामा जी हैं,
दोनों मौसी ग्रेजुएशन के लिए बाहर रह कर पढ़ाई कर रही है और राहुल मामा भी ग्रेजुएशन कर रहे है | पर घर पे रह कर क्योंकि उन्हें उनका फैमिली बिज़नेस भी देखना होता है |
राहुल 23 साल के होंगे और अभी तक उनकी कोई गर्लफ्रेंड भी नही है, हम दोनो नानी घर पहुंचे तो दोपहर के 12:00 बजे थे फिर फ्रेश होकर हम लोगों ने साथ खाना खाया | तभी घर में सिर्फ नानी जी थी । खाना खाने के बाद मैं एक कमरे में चादर ओढ़कर सो गई और फिर यात्रा की थकावट की वजह से नींद भी आ गई,
शाम के चार बजे मेरी नींद खुली तो मैं उठकर बाथरूम गई और फिर दरवाजा सटाकर मूतने लगी, उस बाथरूम के दरवाजे की कुंडी टूटी हुई थी और मैं टॉयलेट सीट पर टांगे फैलाई बैठी हुई मूत रही थी तभी अचानक से दरवाजा खुला , मैं तो डर से सीट पर बैठी रही लेकिन मेरे मामा राहुल जिन्होंने गलती से दरवाजा खोल दिया था मेरी बुर को ही देखते रहे |
मामा – ” ओह सॉरी, दरवाजा पकड़ कर बैठती न”
और वो मेरी बुर को घूर कर चले गए, मेरा बदन तो सिहर गया लेकिन जिस कदर मामा मेरी बुर को देख रहे थे | मैं समझ गई कि ये साला मेरे पर नजर डालेगा और साथ ही मुझे रिझाने की कोशिश भी करेगा ताकि मेरी बुर के साथ मजा कर सके और मैं तो पहले से ही सेक्स और मर्द के शरीर को नंगा देखने के लिए उत्सुक थी और कुवारी लड़कियों की तरह | मैंने सोचा की रात को सबके सोते ही मामा के साथ सेक्स कर लुंगी क्योंकि मुझे मेरे मामा पे क्रश था | मेरा मामा बिलकुल फिट रहता है किसी एथलिट के जैसा और वोह बहोत सीधा और प्यारा है |
लेकिन आसानी से सब आइटम परोस दी तो वो मुझे चरित्रहीन समझेंगे! मैं अब हॉल में आकर बैठी तो मामा जी वहीं पर बैठे हुए थे, मुझे तिरछी नजरों से देख रहे थे | तो मैं वहीं बेड पर बैठ गई और नानी शायद चाय बना रही थी | तो मां भी उधर ही थी, राहुल मेरी चुचियों को भूखे भेड़िए की तरह देख रहा था और मैं शर्म महसूस करते हुए सर झुकाए बैठी थी तभी मामा पूछे
मामा – ” जिया तुम कितने टाइम बाद यहां आई हो ?
मैं चेहरा ऊपर कर बोली – जी मुस्किल से 9 महीने हुए होंगे क्यों मामा |
वो हंसकर बोले तो फिर चलो मै तुम्हे सिमडेगा का नेशनल पार्क घूमता हूँ और हमने एक नया फ्लैट भी लिया है यही पास में वह भी दिखाऊंगा |
मुझे उन पर शक हुआ तो मैंने कहा – क्या मामा आपको लगता है मैं इतनी दुर्र से फ्लैट देखने आई हूँ | फ्लैट भी कोई देखने की चीज होती है क्या ?
फिर मां और नानी दोनो आ गए और सब लोग साथ में चाय पी रहे थे, मेरी ओर देखते हुए नानी मजाक में मम्मी से बोली
नानी – ” बेटी अब प्रीति के लिए कोई अच्छा सा लड़का देखकर इसकी शादी क्यों नही करा देती ?
मैं शरमाने की बजाय हंस दी ”
मैं – क्या नानी अभी तो मेरी उम्र खेलने कूदने की है क्यों इतनी जल्दी शादी के बंधन में बांधना चाहती हैं मुझे |
मामा बोले – सो क्या तुम्हारी उम्र 10 साल की है, बीस इक्कीस साल की हो तो चुकी हो
मैं बोली – तो पहले आप क्यों नही शादी करते ?
फिर चाय का प्याला रखकर मैं रूम में गई तो पीछे से मां भी आई
मां – ” कितनी बेशर्म हो गई है, इस तरह से नानी से कोई मुंह लगाता है भला ? तुम जाओ राहुल के साथ जाकर घूम फिर लो थोड़ा
मैं बोली – ठीक है जैसी आपकी इच्छा ”
फिर मैं अपना सलवार सूट को खोलकर टॉप और स्कर्ट पहन ली जोकि मेरे जिस्म के उभार को दर्शा रहे थे, फिर मामा और मैं साथ में घर से निकले, मुझे मालूम था की नेशनल पार्क यहां से 2 km है | जहां तक चलकर जाना होगा | वैसे भी बसंत ऋतु का समय था और दोनो नेशनल पार्क की ओर चल दिए, खेतों का नजारा लेते हुए दोनो आगे बढ़ रहे थे की मामा अचानक से मेरे कमर में हाथ डाल दिए, मैं हाथ झटकते हुए बोली –
मैं – ये क्या मामा जवान भांजी के कमर में हाथ डाल दिए आप
मामा – सॉरी मुझे लगा की तुम्हारे कदम कहीं फिसल ना जाएं
मैं बोली – आपकी तो नजरें टिकी रहती है मुझ पर क्यों मामा ?
वो शर्मिंदिगी महसूस कर रहे थे
मामा – तुम दरवाजा को पकड़ बैठती तो फिर ” ये कहकर चुप हो गए,
साला मेरी बुर को देखकर अपने आंखों में बसा लिया था और फिर थोडी दूरी चलने के बाद एक अपार्टमेंट आया, वहां पर एक नया फ्लैट लिया था नानी ने मामा के लिए | तभी मामा जी ने कहा कि इतनी दूर आ गई हो तो फ्लैट भी देखती जाओ और मुझे फ्लैट पे ले गए और फ्लैट का ताला खोला तो मैं सहमती हुई अंदर अपने कदम रखे, यह फ्लैट भी 3 bhk ही था और बहोत सुन्दर था वहां पर शायद शिफ्टिंग का काम चालू था पर अभी भी बहोत काम बचा हुआ था | मैं यह सब देख ही रही थी की तभी मामा अचानक से मुझे पीछे से दबोच कर चूमने लगे |
मैं – ” क्या मामा तुम फ्लैट दिखाने लाए हो या कुछ और, छोड़ो नही तो तेरी शिकायत करूंगी ”
राहुल का लौड़ा मेरी चूतड में चुभ रहा था और वो मुझे छोड़ने की जगह मेरे चूची पर ही हाथ लगाकर मसलने लगा, मैं गर्म तो हो रही थी लेकिन दिखावटी गुस्सा करते हुए उनसे छूटने की कोशिश कर रही थी और वो मेरे दोनो चूची को पकड़ कर दबाए जा रहे थे, ऐसे ही मैं ढीली पड़ती जा रही थी उस पर से उनके ओंठ का प्यार गर्दन पर मुझे तरसा रहा था, मैं धीमे स्वर में बोली ”
मैं – राहुल जरा आराम से दबाओ, वैसे भी तेरी भांजी भागे नही जा रही है ”
और अब मैं उसके हाथ को चूची पर से हटाकर पीछे मुड़ी, राहुल पैजामा और कुर्ता पहना हुआ था और मैं उसके करीब खड़ी होकर उसके गाल सहलाने लगी |
मैं – ” तू तो छुपा रुस्तम निकला, क्या जमीन पर लिटाकर अपनी भांजी का सील तोड़ेगा ”
वो चुप था लेकिन उसका एक हाथ मेरे स्तन को दबाने लगा और तभी मैं कामुकता वश उसके पैजामा का नाडा को पकड़ कर खोल दी | राहुल मुझे यह सब करते हुए देखता रहा और मैंने झट से उसके चढ्ढी पर हाथ लगा कर उसके लन्ड के उभार को पकड़ लीया |
मैं – ” तू ने तो जानबूझ कर बाथरूम का दरवाजा खोला था न ? ताकी मुझे और मेरी बुर को नंगी देख सके | तूने मेरी तोह देख ली मामा अब तेरी बारी है दिखाने की |
मैं उसके चढ्ढी को निचे कर लन्ड को देखने लगी
मैं – तेरा लंड तो काफी मोटा है ”
और उसे पकड़कर हिलाना शुरू की तो राहुल अब मेरे स्कर्ट के हुक को खोलने लगा, मैं सिर्फ पेंटी पहने खड़ी थी और उसके लन्ड को हिलाते हुए खुद से अपनी पेंटी खोलने लगी और नंगी होकर खड़े खड़े अपनी टांगे फैला दी |
मैं – ” ले देख ले साले शकुनी मामा | अपनी ही भांजी को नंगा देखने का शौक है ना तुझे ”
वो असमंजस में था लेकिन मैं उसके गाल चूमते हुए उससे लिपट गई तो उसका हाथ मेरे चूतड पर आ गया और वोह मेरे को चूतडो को सहलाने लगा |
मामा – ” प्रीति , तभी मुझे तेज पिसाब लगी थी लेकिन तेरा वो देखकर ही मेरे तो होश उड़ गए थे और तभी से मेरे मन में बस तेरे बूर के खयाल आ रहे है ”
और फिर फ्लैट के दरवाजे को बंद कर मामा मुझे अंदर रूम में ले गए, वहां एक चौकी थी साथ ही गद्दा भी, मैं अब राहुल का मोटा लन्ड देख तड़प उठी थी और उसके कुर्ते को खोलते हुए खुद भी नंगी हो गई, उसने जब मुझे चौकी पर लिटाया तो
मैं बोली – ” मामा जो करना है कर लो लेकिन वो करने नही दूंगी ”
मैं नंगे लेटी हुई थी और राहुल भी पूरा नंगा था, अब वो मेरे ऊपर सवार हुआ और मेरे चेहरे को चूमने लगा तो मैं भी उसके पीठ को सहलाते हुए उसके बाल सहला रही थी। राहुल का शरीर देखने में बहुत फिट था क्योंकि वह डेली सुबह – श्याम एक्सरसाइज किया करता था | और साथ ही उसका मर्द की तरह मोटा लन्ड मुझे आकर्षित कर रहा था, जब किसी दिन किसी मर्द के लंड से चुदना ही है तो फिर 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लन्ड लेकर क्यों ना अपनी बुर को अभी ही संतुष्ट कर लूं, |
फिर भी मामा को अभी तो चोदने नही दूंगी, हां रात को आराम से बुर चुदवाऊंगी यही सोचते हुए मस्त थी, मामा मेरे चेहरे को चूमते हुए मेरे ओंठ पर ओंठ रखा तो मैं उनके गर्दन को पकड़ कर उनके ओंठ चूमने लगी और बोली
मैं – ” मामा फ्रेंच किस्स का मजा लेंगे क्या मेरे साथ ?
वो हंसते हुए बोले – भांजी जो देगी प्यार से लूंगा ”
और फिर मैं अपना जीभ निकाल कर उनके ओंठ को चाटने लगी, वो मुंह खोल कर मेरा जीभ अंदर लेकर चूसने लगे और उनका मोटा लन्ड मेरे जांघो के बीच बुर को छूने लगा, उनका जीभ चूसते हुए मैं उनके पीठ पर नाखून गड़ाने लगी और फिर मैं जीभ निकाल कर बोली
मैं -” मामा अपनी भांजी को मौका तो दो फिर बताती हूं की शहर की लौंडिया कैसे मजा देती है
और राहुल मेरे जिस्म पर से हटा फिर मैंने उनको लेटने को बोला, रूम का एक खिड़की खुला था इसलिए अंदर रोशनी आ रही थी और अब मैं मामा के लन्ड को पकड़ कर हिलाने लगी
मैं -” तो मामा कितनी लड़कियों को इसका मजा मिला है ?
मामा मेरे बूब्स पकड़ कर दबा रहे थे और बोले
मामा – मैं सिंगल ही ठीक हूँ मुझे इधर उधर मुंह मारना ठीक नहीं लगता है | और तू बता क्या मेरी प्यारी भांजी अपना चुत चुदाई करवा चुकी है ?
मैं उनके लन्ड का चमड़ा नीचे कर के चूमने लगी और बोली
मैं – मुझे सिर्फ ओरल सेक्स, यानि चूमने चाटने और चूसने का अनुभव है | क्योंकि मैं पोर्न देखती हूँ | फिलहाल उस मायने में कुंवारी हूं ”
ये कहते हुए मै लन्ड के सुपाड़ा को चेहरे पर रगड़ने लगी, साले का मूसल लन्ड अंदर लेने को, मेरी चुत बेक़रार थी | मैं अब सुपाड़ा को मुंह में लिए चूसने लगी तो राहुल मेरी बूब्स को पकड़ कर दबा रहा था और मैं उनसे नजर मिलाते हुए उनके लन्ड को मुंह में ले ली | लेकिन आधा से अधिक लन्ड नहीं ले पा रही थी मैं क्योंकि सुपाड़ा गले तक पहुंच गया था फिर भी मैं लन्ड को चूसते हुए सर को झटका देने लगी,
मामा का हाल खराब था और वो मेरी चूंची को मसलते हुए मेरे बाल को कसकर पकड़े हुए सिसक रहे थे
मामा – ” ओह साली, तू तो उम्र से अधिक जवान हो गई है”
To be continued…