बदलते रिश्ते-1

दोस्तों यह स्टोरी एक दम सच है। इस स्टोरी में नाम बदला हुआ है, लेकिन कहानी एक दम सच्ची है। यह मेरी पहली स्टोरी है। इसमें कुछ भी गलत लगे तो माफ करना। तो बिना समय को बर्बाद किए कहानी पर चलते है।

मेरा नाम अमन है, उम्र 20 साल है। वैसे मैं दिल्ली रह कर B.sc की पढ़ाई करता हूं, और अपने 2nd ईयर का फाइनल पेपर देकर अपने गांव छुट्टी मनाने कुछ महीने के लिए गया हुआ था। तभी मैं कुछ दिन बाद मामी जहां रहती थी वहीं घूमने गया। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। उस दिन मामी के साथ सेक्स करने का मौका मिल गया।

मामी का नाम उर्मिला है। इनकी उम्र 32 साल है। पेशे से सरकारी अध्यापिका है। मामी को एक बेटा है 14 साल का, और एक बेटी 10 साल की है। मामा अपने गांव पर बिजनेस करते है‌। अब कहानी पे आते है।

मैं अपना 2nd सेमेस्टर का लास्ट पेपर दे कर अपने गांव आ गया। कुछ दिन बीतने के बाद मेरा गांव में मन नहीं लग रहा था। सोचा शहर घूमने चलूं। तो मुझे याद आया कि मामी तो शहर में ही रहती थी अपने बेटा-बेटी के साथ, और मामा गांव से शहर रोज आते-जाते रहते थे। मामा ने रेंट पर फ्लैट लिया हुआ था। दो कमरे थे और एक हॉल, किचन, और बाथरूम था।

मैंने मामी को फोन किया: मामी आज मैं आपके यहां आ रहा हूं एक-दो दिन रहने के लिए।

मामी बोली: आ जाईये, कोई दिक्कत नहीं है।

मैं फिर मम्मी से बोला: अंशी के पास जा रहा हूं 2 दिन के लिए।

मम्मी बोली: जाओ और अंशी को परेशान मत करना।

अंशी मेरे मामी की बेटी का नाम है। अगला दिन शाम के 4 बजे मैं मामी के फ्लैट पर पहुंच गया‌। मेरे गांव से 30 मिनट की दूरी पर है टाउन/शहर। मैंने देखा तीनों लोग अपने-अपने स्कूल से आ चुके थे। मेरी मामी मेरे को अपना पैर नहीं छूने देती, तो मैं उनको नमस्ते मामी कर के अंशी और आशु के पास गया। आशु मेरे मामी के बेटे का नाम है।

एक घंटे बाद देखा मामी मामा को फोन करके बताई: अमन आज आया हुआ है‌ एक-दो दिन के लिए घूमने।

फिर मामी पूछी: आप आज आयेंगे ना?

तो मामा ने बोला: ठीक है, आज वो आया हुआ‌ है, तो मैं नहीं आज आऊंगा।

मामी बोली: ठीक है जी, जैसी आपकी इच्छा।

फिर मामी फोन रख दी। मैं पता नहीं क्यूं आज यह सुन के खुश हुआ कि मामा नहीं आ रहे थे। आज तक मामी के लिए कोई गलत फीलिंग नहीं थी। फिर आज मैं मामी को देख पागल हो रहा था। मामी बहुत ही हॉट और सेक्सी दिख रही थी।

रात के 8 बजे मामी किचन मे नाश्ता बनाने गयी। नाश्ता तैयार होने के बाद मामी बुलाने आई-

मामी: चलो खाना बन गया, खालो।

मामी सबकी थाली लगाई, और हम सभी साथ बैठ गए और मामी भी साथ बैठी डिनर करने। मेरी नज़र खाते वक्त पहली बार मामी पर पड़ी।‌ वो बहुत करीब थी। मैं ध्यान से मामी को देखने लगा। मामी गुलाबी साड़ी पहनी हुई थी, और उनके मम्मे कुर्ती के उपर से दिख रहे थे। यह देख मन करने लगा अभी मामी के दूध को चूस लूं ( मामी के मम्मे का साइज बहुत ही मस्त हैं )।

मामी का फिगर और भी कतिलाना है। उनके मम्मे देख अब मेरा लंड खड़ा होने लगा, और मैं लोवर पहना था तो दिखने भी लगा। तभी मैंने अपने एक हाथ से लंड को दबा दिया। मामी की नज़र मेरे खड़े लंड पर पड़ चुकी थी, और वह अपने मम्मे देखी की उपर से दिख रहे थे। तो मामी समझ गयी और मामी अंदर से मुस्कुरा भी रही थी।

मैं खाना खा कर हाथ धोया, और तुरंत बाथरूम मे घुस गया और ब्लू फिल्म सर्च की। मामी और भांजे की चुदाई नहीं मिली।  मामी की ब्रा और पेंटी बाथरूम में ही थी। उसको और मामी का फोटो देख मन ही मन मामी को फील करके मुठ मारने लगा, और 10 मिनट बाद लावा (वीर्य) निकल गया।

बाथरूम में से देर हो गयी निकलने में तो मामी पूछी: सब ठीक है ना अमन?

मैं बोला: हां मामी सब ठीक है।

फिर मैं अंशी के पास जाकर मस्ती करने लगा। तभी मामी साड़ी बदल मैक्सी पहन कर आई बोली: दूध लेकर आ रही हूं। (मामी के बच्चे दूध से नफरत करते थे फिर भी पीना पड़ता है)

बच्चे बोले: लाओ मम्मी।

फिर मामी हमसे पूछी: अमन जी आप को कौन सा दूध पीना है?

मेरा ध्यान मामी की चूची पे था, क्यूंकि मामी मैक्सी के अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी, जिससे उनके मम्मे साफ दिखाई पड़ रहे थे। मैं मामी के दूध की तरफ उंगली दिखा के बोला-

मैं: यह वाला पीना है।

तभी मेरा दिमाग खुला और बोला: चीनी वाला मामी।

मामी समझ गयी कि मैंने क्या बोला था। मामी किचन जाने लगी। मैं देखा मामी हंसती हुई जा रही थी। मैं समझ गया मेरा काम बन सकता था (हसी तो फसी), बस कोशिश नहीं छोड़नी है। रात के 10 बज गये। मामी सोने के लिए बिस्तर सही करने लगी।

मामी बोली: हम आपका दूसरे वाले रूम में बिस्तर लगा दी है।

इधर मेरी नज़र फिर मामी की चूची पे ही थी।

फिर मैं बोला: हां मामी, क्या बोली?

मामी बोली: कहां पर ध्यान है, सब समझ रही हूं।

मामी दोबारा बोली: बिस्तर दूसरे रूम में लगा दी हूं।

मैं बोला: आप के मम्मे…

मामी बोली: क्या?

मैं बोला: मम्मी याद आ रही है।

बाल-बाल बचा भगवान।‌ फिर मैं चला गया रूम में सोने। इधर मामी और उनके बच्चे सोने की तैयारी कर रहे थे। मैं गया रूम में, फोन लिया, और सर्च करने लगा मामी को कैसे पटाये।‌ लगभग 2 घंटे तक रिसर्च किया, कुछ खास नहीं मिला। फिर लगभग 12 बजे सेक्स वीडियो सर्च करके देखने लगा, और जब मैं अपना हाथ लोवर मे डाला, तभी अचानक मेरे दरवाजे पे मामी आई।

मैं सोने का नाटक करने लगा। मामी देख कर चली गयी। मुझे अब मुठ मारनी थी, तो मैं उठा और बाथरूम मे गया। तो देखा मेरे से पहले ही कोई बाथरूम में था। मैंने आवाज नहीं की और चारों तरफ शांति थी।

तभी बाथरूम से आह बाबू आह की धीमी आवाज आने लगी। मैं झांकने के लिये छेद ढूंढने लगा, तो छेद नहीं था कही भी। दरवाजे के नीचे खुला था, और लेट के देखने के लिए काफी जगह थी। बाथरूम के बाहर की तरफ एक भी बल्ब नहीं जल रहा था। केवल बाथरूम में जल रहा था। मैंने जब लेट के देखा तो मैं दंग रह गया।

मैंने क्या देखा, और आगे क्या हुआ, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी का मजा आया हो तो फीडबैक जरूर दें।

अगला भाग पढ़े:- बदलते रिश्ते-2