बदलते रिश्ते-2

पिछला भाग पढ़े:- बदलते रिश्ते-1

मैंने देखा मामी बाथरूम मे नंगी बैठी हुई थी। उनका नंगा जिस्म मेरी आंखों के सामने था। मामी के चूचे लटक रहे थे जिसके लिए मैं पागल हो गया था। मेरे सामने एक-एक किलो के मटके लटक रहे थे। मामी अपनी मैक्सी टेबल पर रखी हुई थी, और एक हाथ में फोन ली हुई और एक हाथ से चूत मे उंगली कर रही थी।

यह देख मेरा लंड फुफकारने लगा। मामी अपनी चूत को साफ रखी हुई थी। एक भी बाल नहीं था चूत पे। एक कान में इयरफोंस लगाई हुई थी। यह देख मैं भी अपने फोन से वीडियो बनाना शुरू कर दिया। मेरा नजर मामी के बगल में पड़ी, और देखा कि मामी 5 इंच का खीरा रखी हुई थी।

इधर मामी को नंगा देख मेरा लंड बेकाबू होने लगा था। तभी मैं भी मामी को नंगा देख मुठ मारने लगा। इधर मामी अपनी चूत में खीरा डालने लगी, और फिर ध्यान गया फोन पे तो कोई वीडियो कॉल पे था, जिसे मामी दिखा-दिखा के अपनी चूत में खीरा पेल रही थी। इधर मेरा वीर्य निकल गया, जो मैंने अपनी चड्डी में निकाल दिया।

इधर मामी का भी पानी निकलने लगा। जब मामी का पानी निकला, बहुत तेज फोर्स था पानी निकलने का। मैं हैरान रह गया जैसे लग रहा था कि बोरिंग हुआ था, और पानी मिला और बाहर की और फेंक दिया हो। मुझे लगा मामी की बहुत दिनों से मामा ने चुदाई नहीं की थी, इसलिए मामी खीरा डाल रही थी।

पर फोन पे कौन था, यह सवाल मेरे दिमाग पे चढ़ चुका था। मामी अब अपनी चूत को पानी से साफ करने लगी। खड़ी हुई तो मैं धीरे से रूम चला गया, और लेट गया। मामी 5 मिनट बाद मेरे कमरे में आई, देखी मेरे को, और अपने रूम में चली गयी। मैं तुरंत उठा और एक बार और मुठ मारी। पहली बार एक दिन में तीन बार मुठ मारी थी, बस मामी के लिए।

फिर मैं फ्रेश होके 30 मिनट बाद मामी के रूम में गया। मामी अपने रूम में जीरो वाल्ट वाला बल्ब जला रखी थी। मैंने देखा मामी अपनी मैक्सी अपनी कमर पर चढ़ा रखी थी, जिससे उर्मिला मामी की चूत पर कोई पर्दा नहीं था, और साफ नंगी दिखाई दे रही थी।

अब मुझसे नहीं रहा गया। मामी के बगल में एक बंदे के लिए जगह थी, तो मैं जाके वहीं लेट गया।‌ फिर उर्मिला मामी के पैर के उपर अपना पैर रख मामी को निहारने लगा। मामी को सुबह ही उठना पड़ता है, और सोई 1:30 बजे के आस-पास थी, तो गहरी नींद में थी।

मैंने फिर मामी के बालों को उनकी गर्दन से हटा के उनके गाल पे किस किया। फिर मामी की नंगी चूत को हाथ से स्पर्श किया।छूते ही मुझे जन्नत मिल गयी। बहुत मजा आया। पहली बार किसी स्त्री की चूत को स्पर्श किया‌ था। मामी की चूत गीली पड़ी हुई थी। एक बार के लिए अपनी जीभ मामी की चूत पे सटा दी। फिर मामी को देखा। वो अभी भी सोई थी।

मैं अब मामी की चूत को जीभ से चाटने लगा। मामी की चूत के छेद को चाटने में मजा आ रहा था। मामी के सारे रस को साफ कर दिया चाट के, और लगभग 5 मिनट तक मामी की चूत मे जीभ फेरी। वो अभी भी नहीं जगी कि क्या हो रहा था उनके साथ। मैंने अब मामी की मैक्सी का उपर का बटन खोला (मामी की मैक्सी बटन वाली थी)।

जैसे ही तीनों बटन खोले, मामी एक बार और नंगी मेरे सामने हो चुकी थी। मैं तुरंत अपने होंठों से मामी के निप्पल को चूसने लगा, और एक हाथ से दूसरे मम्मे को मसल रहा था। तभी मामी जग गयी। वह अपने को नंगा देख मेरे को गुस्से से देखी।मेरी फट के हाथ में आ गयी। मुझे लगा मैं गया‌ और मामी चिलाने वाली थी।

तभी उर्मिला मामी मेरा हाथ पकड़ के मुझे मेरे वाले रूम में ले गयी, और दरवाजा बंद कर दी। यह देख मेरी फट के पूरी हाथ में आ गयी।

फिर उर्मि मामी बोली: मेरे साथ यहां क्या कर रहा था तु? मेरा मैक्सी क्युं खोली, और तू मेरे पास कब आया?

वो चिलाने लगी: तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे को छूने की? बदतमीज, हरामी, तुम्हारे बारे में तुम्हारी मम्मी को बताऊंगी कल।

इतना सुनते मैं मामी के पैर पकड़ लिया। मामी अभी भी उसी अवस्था में थी जैसे मैंने कर रखा था। मेरे सामने मामी के मटके लटक रहे थे, और चूत फिर से गीली पड़ चुकी थी।

मैं बोला: माफ कर दो मामी, मेरा ऐसा कुछ इरादा नहीं था। पर आपने दूध की बातें की जिससे मेरा मन आपका दूध पीने को करने लगा, और आप दूध लाते समय आप मैक्सी में थी, तो आपके मम्मे झलक रहे थे। और यह देख हमें नींद ही नहीं आ रही थी।‌ माफ कर दो, मैं अब आपको नहीं टच करूंगा। फिर कुछ देर बाद मामी की नज़र उनकी चूत पे गयी, तो पूछने लगी-

मामी: तूने मेरी चाटी है ना?

मैं बोला: नहीं मामी, यह कैसी बात कर रही है। हमें नहीं मालूम। मैं बस आपके मम्मे ही पी रहा था।

मामी बोली: बेटा झूठ मत बोलो, तुमने चाटा है, और साफ हमें दिख रहा है। सच बोल, नहीं तो अभी तुम्हारी मम्मी को फोन करती हूं।

मैं बोला: हां मामी आपकी चूत को चाटा मैंने।

अब मामी के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ चुकी थी, पर हमे वैसा नहीं दिखा रही थी। वह अब मैक्सी का बटन लगा ली।

मामी पूछी: क्यूं चाटा?

मैंने अब बोलना शुरू किया: मामी मैं 1:30 बजे टॉयलेट करने गया तो हमें अच्छा नहीं लग रहा था। इसलिए आपके रूम में आया कि जगह होगी तो मैं भी सो जाऊंगा। लेकिन मैंने आपको नंगा देखा तो रहा नहीं गया। किसी स्त्री के सामान को पहली बार आंखों से देखा तो रहा नहीं गया, और आपकी चूत भी गीली थी, जैसे लग रहा था कुछ देर पहले ही कोई आपकी चूत मारा हो।

मामी बोली: बदतमीज, इसीलिए आये हो? यही सब करने?

मैं बोला: गलती हो गयी मामी जी, माफ कर दो।

मामी बोली: एक शर्त पे माफ करूंगी, वो शर्त सोच के बताऊंगी।

फिर मामी बोली: चलो किसी से नहीं कहूंगी। लेकिन तुम भी यह बात किसी को मत बताना, नहीं तो मेरी और तुम्हारे मामा की बदनामी होगी।

मैं: पक्का मामी, मैं अभी से सब भूल गया।

मामी: हां, और तू कब जा रहा है?

मैं बोला: सुबह होते ही मामी।

मामी बोली: नहीं कल भर रुको, उसके बाद चले जाना। अभी शर्त बाकी है, सोचने दो अभी।

मैं बोला: जैसा आप कहो।

इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा।

अगला भाग पढ़े:- बदलते रिश्ते-3