मनाली में अंजू की चुदाई-1

नमस्कार दोस्तों, कैसे हो आप सब लोग? मैं आपका सूरज। आज मैं आप को अपनी और मेरी एक कॉलेज फ्रेंड की सैक्स स्टोरी बता रहा हूं। बात 2021 की है, फरवरी की। हमारे ग्रुप के एक फ्रेंड का जन्मदिन था, तो सब उस दिन इकट्ठा हुए। सब अपनी जॉब के बाद क्लब में मिले।

हम लोग का 8 लोग का ग्रुप है जिसमें 5 लड़के और 3 लड़किया है, मैं, मोहित, हिमांशु, दीपक और रजत और लड़कियों में अंजू, नताशा, और पलवी। सब की उमर अब करीब 25 से 27 साल की है। नताशा मोहित की गर्लफ्रेंड है, और पलवी रजत की। सब लोग हिमांशु के बर्थडे पर आए थे।

सब कॉलेज की पुरानी बातों को याद कर रहे थे। कोई अपने काम के दुखड़े रो रहा था, तो कोई कुछ और। फिर बाद ने सब ने प्लान बनाया कि हम सब कहीं घूम के आया जाए। आखिर में सब ने मनाली के लिए हां कर दी। उसके अगले दिन सब की बस की टिकट हुई। 2 दिन बाद सब ने मनाली जाना था। 2 दिन बाद सब शाम के वक्त चंडीगढ़ बस स्टैंड पहुंच गए।

बस रात के 11 बजे थी, और अगली मॉर्निंग हम सब 8 बजे मनाली पहुंच गए। फिर हम सब अपने बुक किए होटल में गए। नताशा मोहित अपने रूम में, और पलवी और रजत अपने रूम में, और मैं, हिमांशु, और दीपक का एक रूम था।

फिर सब लोग फ्रैश हुए और उस दिन हम लोग बस लोकल ही घूमें। पूरी मनाली बर्फ से ढकी हुई थी। फिर शाम को हम एक क्लब में गए, जहां हमने खूब मस्ती की। उस दिन सब 3 दिन के लिए आज़ाद थे। हिमांशु और दीपक फुल दारू पी कर भांड हो गए थे। मोहित नताशा पलवी रजत भी अच्छे मूड में थे।

मैंने ज्यादा नहीं पी। अंजू भी ठीक थी। रात के 10 बज गए थे। वो सब 6 लोग पूरे नशे में थे। फिर मैंने 2 टेक्सी की। हम सब अपने होटल पहुंचे। मैं और एक होटल स्टाफ हिमांशु और दीपक को रूम में ले गए, और बेड पर लिटा कर, रजाई ओढ़ा‌ कर बाहर आ गए। तब तक मोहित नताशा पलवी और रजत को होटल स्टाफ ने इनके रूम में कर दिया था।

अंजू टेक्सी वाले को पेमेंट देने लगी और फिर मैं भी अपने रूम के पास आ गया। जब मैंने रूम खोलने की कोशिश की तो रूम नहीं खुला। मेरे को याद आया कि रूम का लोक कार्ड दीपक के पास था, और वो तो भांड होकर सो गया होगा। उतनी देर में अंजू भी आ गई। मैंने उसको सारी बात बताई। उस वक्त 11 बज गए थे।

फिर अंजू बोली: तुम आज मेरे रूम में सो जाओ।

मैंने भी हा बोला और हम दोनों रूम में आ गए। रात ठंड भी बहुत थी। अंजू बाथरूम में चेंज करने चली गई, और मैंने कमरे की खिड़कियां अच्छे से बंद कर ली और कच्छे और बनियान में लेट गया। फिर वो बाथरूम में से कपड़े बदल कर आई। मैं ये सब हल्की आंखो से देख रहा था। उसने एक हॉफ निक्कर और टी-शर्ट पहनी थी, और रजाई में आ गई।

रात के 1 बज गए थे। ठंड और ज्यादा हो गई थी, और बर्फ पड़नी भी शुरू हो गई थी। मैंने फोन का टेंप्रेचर देखा तो -15 था। मैंने रजाई के अंदर देखा तो अंजू एक-दम सिकुड़ के सोई थी। उसकी गांड मेरी तरफ थी। अब मेरे अंदर भी सेक्स का कीड़ा दौड़ रहा था। मैं सोचा एक बार ट्राई करके देखता हूं।

तो मैंने अंजू की गांड पर हाथ रख दिया उसकी तरफ से कोई हलचल नहीं हुई। फिर मैंने उसकी गांड के गाल को थोड़ा दबाया। वो बिल्कुल नहीं हिली। फिर मैंने उसकी चूत की दरार को थोड़ा रगड़ा, कम से कम 10 सेकंड तक। पर अंजू की तरफ़ से अभी भी कुछ नहीं था। मेरा लंड पूरा तन गया था अब।

फिर मैंने अपना अंडरवियर निकाल लिया। अब मैं अंजू से थोड़ा चिपक गया, और उसकी चूत को अपनी उंगलियों से रगड़ने लगा। करीब 5 मिनट बाद उसकी कच्छी गीली हो गई थी। अब मैंने किसी भी तरह अंजू को नीचे से नगा कर लिया था, और अपने फोन की लाइट जला कर रजाई में रख दिया। फिर मैं उससे पूरी तरह चिपक गया।

अब दोनों के शरीर की गर्मी से रजाई के अंदर गर्मी हो गई, और अंजू भी अब थोड़ा मेरे से चिपक गई। मैंने उसकी टी-शर्ट में हाथ डाला, और उसके दूध तक गया। उसने ब्रा नहीं पहनी थी। मैं अब उसके स्तन के एक निप्पल को थोडा रगड़ा। अब थोड़ा अंजू की बॉडी में हरकत हुई। वो मेरे से थोड़ा और चिपक गई, और गांड मेरे लंड से छू रही थी।

अब मैंने अपना लंड पकड़ा और टोपा उसकी बुर की दरार पर उपर-नीचे करने लगा। मैं एक हाथ से उसका एक स्तन मसलने लगा। ऐसा करीब मैंने 2 मिनट तक किया। अब अंजू के शरीर में थोड़ी हरकत हुई। उसकी सिसकी निकली उफ्फ! अहा हा हा हा! अंजू की आंख खुल गई।

उसने मेरी तरफ देखा। फिर रजाई थोड़ी ऊपर उठा कर अंदर देखा, तो मेरा लंड उसकी गांड के छेद और चूत के छेद के बीच में था। वो कुछ नहीं बोली और अपनी गांड थोड़ी सी उठाई, और चूत को लंड के टोपे पर लगा कर थोड़ा सा मेरी तरफ हुई। टोपा अब चूत में चला गया। उसके मूंह से उफ्फ आहा आह की आवाज़ें आई। मैंने भी एक हाथ उसके सर के नीचे डाल उस को अपनी तरफ खींचा, और एक हाथ उसके पेट को पकड़ कर नीचे से 3 ईच लंड अंदर डाल दिया।

अंजू: उफ्फ सूरज, करो और।

मैं: हां अंजू।

और फिर पूरा लंड अंदर डाल दिया।

अंजू: आह आह आ हा सूरज (और अपनी गांड आगे पीछे करने लगी)।

अब मैं भी उस की चूत में लंड अंदर-बाहर करने लगा था। करीब 5 मिनट तक किया।

अंजू: आह‌ आह हा हा (और फिर वो सीधी लेटी गई))। सूरज मेरे ऊपर आ कर चोदो मुझे। आओ, खा जाओ आज रात मेरे को।

मैं: हां मेरी जान।

फार मैं उस के ऊपर आ कर उसकी लात फैला कर लंड चूत में डाल कर चोदने लगा।

मैं: आह आह अंजू!

उफ्फ उसकी चूत में लंड को लावा जैसा महसूस हो रहा था। अंजू ऊई आई आ सूरज, उफ्फ मेरे को अपने पैरो में फसा कर नीचे से गांड उठा कर लंठ चूत में ले रही थी।

इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में।

अगला भाग पढ़े:- मनाली में अंजू की चुदाई-2