ममेरे भाईयों ने मुझे गांडू बनाया-1

दोस्तों मेरी उम्र 20 साल है। मैं गोरा और स्लिम हूं। मैं होश संभालते से ही अपने आप को एक गे के रूप में देखने लगा था। मुझे इसका चस्का मेरे एक ममेरे भाई ने दिया था। वो मुझसे चार साल बड़े थे, चूंकि मेरी नानी घर और मेरा घर एक ही गांव में और पड़ोस में ही है, तो हमारा आना-जाना चौबीस घंटे लगा रहता था।

मेरे मामा के लड़के का नाम शरद था। मैं कॉलेज मे पढ़ता था। गर्मियों के दिन थे। उस समय हम सब आंगन में सोते थे। एक बार हम सभी छोटे बड़े भाइयों ने एक साथ आंगन में सोने का प्लान बनाया। तो मैं और शरद भैया दोनो एक चारपाई में सोए थे। तब मेरे जीवन की वो पहली रात होने जा रही, जिससे मैं बिल्कुल अंजान था कि आज कुछ बड़ा होने वाला था।

चूंकि हमारा गांव एक पहाड़ी क्षेत्र में है, और जंगल भी है, जिस कारण रात में एक रजाई जरूर लगती है। रात में सब अंताक्षरी चुटकुले पहेली आदि खेल कर शांत हो चुके थे, और सो चुके थे। मैं भी सो चुका था। कुछ देर बाद मुझे महसूस हुआ कि भैया का एक हाथ मेरे छाती के ऊपर आ गया था, और उनका मुंह भी मेरे सामने था।

कुछ देर में ऐसे ही बिना रिएक्ट किए सामान्य नींद की हरकत समझ कर सोया रहा। लेकिन थोड़ी देर बाद भैया ने अपना हाथ मेरे सीने में फिराना चालू किया। मैं घबरा गया। मेरे शांत रहने पर उनकी हिम्मत बढ़ती गई, और उनका हाथ मेरे सीने से होता हुआ मेरे पेट तक जाने लगा। मेरी सांसे तेज होने लगी और उनकी भी।