मेरे चारों बच्चे मेरी जान-9

अभिषेक आने वाला था, तो मैंने सोचा क्यों ना नहा कर फ्रेश हो जाऊँ। साफ़ सुथरी होकर फिर चुदाई की गन्दगी में कूदने में अच्छा सा लगता है। मैं नहा-धो कर आयी, वो पिंक वाली क्यूट सी बिकिनी पहनी, जो सिर्फ मेरे चूत को एक छोटे से कपड़े से ढक रही थी, और मेरी गांड की दरार पे एक डोरी सी थी।

मेरे दुदू भी बिल्कुल खुले हुए ही थे, और सिर्फ मेरे निप्पल ढके हुए थे। मैंने पिंक रंग की ही लिपस्टिक लगाई। मैंने जब खुद को कमरे के बड़े से आईने में देखा तो खुद को देख कर दंग रह गयी। मैं सच में किसी अश्लील चलचित्र की अभिनेत्री से कम नहीं लग रही थी। मैं बेहद हॉट लग रही थी।

मैं अब अपना ओवरकोट पहन कर इंतज़ार करने लगी। साढ़े दस बजे कमरे की घंटी बजी, मैंने दरवाज़ा खोला तो अभिषेक था। वो अंदर आगया। मैंने रूम लॉक कर दिया और वहीँ खड़े-खड़े अपने ओवरकोट को गिरा दिया। मैं अपने बेटे अभिषेक के सामने उसकी पसंद की डोरियों वाली बिकिनी में थी, और मुझे शर्म आ रही थी।

पता नहीं क्यों, औरतें किसी के सामने नंगी हो जाएँ, उससे चुदवा लें, पर जब वो तैयार हो और उसका प्रेमी उसकी खूबसूरती को देख कायल हो जाए, फिर वो औरत पूरे कपड़े पहने हुए भी शर्मा जायेगी।