मेरा नाम विशाखा बत्रा है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ। मेरे मम्मी पापा एक लड़को का पेइंग गेस्ट (पेइंग गेस्ट) चलाते हैं जहाँ दिल्ली में पढ़ने या काम करने के लिए आये लड़के रहते हैं।
मेरी हाल-फिलहाल ही शादी हुयी है लेकिन जो चुदाई का सुख मुझे एक पेइंग गेस्ट ने दिया, वो सुख मेरे पति नहीं दे पाते। मुझे चुदना, वो भी रगड़ के चुदना बहुत पसंद है।
बात है आज से 4 साल पहले की जब मुझे मेरे जीवन का सबसे ज़बरदस्त चुदाई मिला।
हम ऊपर वाले तल्ले में रहते हैं और निचे 6 कमरे हैं जिसमे 1 कमरे में एक पेइंग गेस्ट रहते हैं। उनमे से एक था प्रशांत। प्रशांत लखनऊ का रहने वाला था और दिल्ली विश्विद्यालय में स्नातक की पढ़ाई करने के लिए आया था। वो एक साल से हमारे यहाँ रह रहा था।
प्रशांत ऊँचे कद-काठी का था, अच्छी बॉडी थी उसकी, और बहुत ही शांत और सुशिल स्वाभाव का था। मेरी कभी बात नहीं हुयी थी उससे लेकिन जब भी आमने सामने आते तो वो स्माइल करता और मैं भी बस स्माइल करके आगे बढ़ जाती।
लेकिन एक दिन मुझे अपने लिए एक ड्रेस खरीदना था और उस वेबसाइट पे कैश ऑन डेलिवेरी का ऑप्शन नहीं था, मेरे पापा मेरा अकाउंट चेक करते हैं इसलिए मैं अपने अकाउंट से नहीं कर सकती थी, मम्मी या पापा को बोलना मुश्किल था क्यूंकि वो इतनी मेहेंगी ड्रेस के लिए मना कर दिए थे।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की मैं कैसे ये ड्रेस मँगवाऊं। तो मैं चिंता में टहलने के लिए निचे चली गयी। मैंने देखा प्रशांत भी किताब पढ़ते हुए टहल रहा था। पहले मैं वापस जाने का सोची लेकिन उतने में प्रशांत ने मुझे देखा और स्माइल किया। मैंने सोचा क्यों न इससे बात की जाए। उस वक़्त न मेरे घर पे कोई था और न कोई पेइंग गेस्ट।
मैं – हेलो। कैसे हो?
प्रशांत – हाई। मैं ठीक हूँ। आप बताईये।
मैं – हाँ, मैं भी ठीक हूँ। अच्छा, मुझे एक फेवर चाहिए था तुमसे अगर तुम्हे कोई ऐतराज़ ना हो।
प्रशांत – हाँ हाँ, बिलकुल। बताईये ना।
मैं – दरअसल मुझे एक ड्रेस आर्डर करना है और कैश ऑन डेलिवेरी का ऑप्शन नहीं है। तो क्या तुम मेरे लिए आर्डर कर दोगे? मैं तुम्हे अभी कैश दे दूंगी। मैं अपने
अकाउंट से नहीं कर सकती ना ही मम्मी पापा से बोल सकती।
प्रशांत – ठीक है ठीक है। मैं कर दूंगा आप मुझे ड्रेस का लिंक भेज दीजिये।
मैं – थैंक यू, प्लीज़ पापा मम्मी को मत बोलना।
प्रशांत – ठीक है, नहीं बोलूंगा। लेकिन कितने की है ड्रेस?
मैं – पांच हज़ार।
प्रशांत अचंभित होकर
प्रशांत – पांच हज़ार? बाप रे! कोई स्पेशल ड्रेस है क्या?
मैं (हँसते हुए) – हाँ, स्पेशल तो है।
वो ड्रेस मैं अपने बॉयफ्रेंड के बर्थडे पार्टी में पेहेनने वाली थी।
मैं – अभी कोई नहीं है, चलो न तुम्हारे रूम में, प्लीज़ अभी आर्डर कर दो। मैं तुम्हे कल कैश दे दूंगी।
मैं उसके साथ उसके रूम में घुसी तो मैं देख के दंग रह गयी। मैंने आज तक किसी लड़के के कमरे को इतना साफ़ सुथरा और सजा हुआ नहीं देखा।
प्रशांत – आप बिस्तर पे बैठ जाईये। मैं लैपटॉप खोल के आर्डर कर देता हूँ।
जब तक वो लैपटॉप ऑन कर रहा था, मैंने सोचा उससे ज़रा बात की जाए।
मैं – तुम कौनसे कोर्स में हो?
प्रशांत – मैं मैथ्स होनोर्स कर रहा हूँ।
मैं – माय गॉड, तुम तो बिलकुल पढ़ाकू टाइप के हो फिर तो। सॉरी सॉरी, मैं तुम्हारा टाइम वेस्ट कर रही हूँ।
प्रशांत – अरे नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है। आपके आने से मुझे भी ब्रेक मिल गया। और आपको जानने का मौका भी मिल गया।
उतने में उसने मुझसे उस ड्रेस का लिंक माँगा। तो मैं आगे बढ़ कर उसके लैपटॉप में वेबसाइट खोल के उस ड्रेस को सर्च करने लगी। मैंने नोटिस किया की प्रशांत मेरे पतली कमर को घूर रहा था। जैसे ही मैंने ड्रेस खोज के दिखाया तो प्रशांत की आँखे बड़ी बड़ी हो गयी।
प्रशांत – वॉव! ये तो काफी हॉट ड्रेस है।
ड्रेस एक ब्लैक कलर की बिलकुल टाइट वन पीस ड्रेस थी।
मैं – अच्छी है न? मुझे कौनसा साइज आएगा?
मैंने जान बुझ कर ये सवाल पूछा।
प्रशांत – आपके वेस्ट (कमर) के हिसाब से स्मॉल (सबसे छोटी साइज) ही फिट होगा आपको।
मैं शर्मा गयी लेकिन ये शुरू मैंने ही किया था। और मुझे उसका कॉन्फिडेंस बहुत पसंद आया।
मैं – ओह हो। तुमने तो काफी नोटिस किया है मेरे वेस्ट (कमर) को।
और मैंने उसे आँख मार दी।
प्रशांत – ऐसा कुछ भी नहीं है । आपने पूछा तो मैंने देख लिया। काफी हॉट ड्रेस है। आप पे अच्छी लगेगी।
मैं – और मैं? सिर्फ ड्रेस अच्छी लगेगी? मैं नहीं?
प्रशांत – आप सेक्सी लगोगी।
मैं फिर शर्मा गयी। क्यूंकि प्रशांत बिलकुल स्ट्रैट-फॉरवर्ड बात करता था।
उतने में उसने आर्डर कर दिया। मैंने उसे अपना व्हाट्सप्प नंबर दिया ताकि जब आ जाए तो वो मुझे बता दे और मैं उससे पैकेट ले लूँ। मुझे उससे बात करने में काफी मज़ा आ रहा था। लेकिन अचानक मुझे मेन दरवाज़े के खुलने की आवाज़ आयी और मैं हड़बड़ा के ऊपर की और भागी।
उसी दिन रात में करीबन 11 बजे मुझे व्हाट्सप्प पे एक मैसेज आया। जिसमे प्रशांत ने मेरे ड्रेस आर्डर के निकलने का मैसेज भेजा था जो उसके नंबर पे आया था।
मैंने उसे व्हाट्सप्प पे रिप्लाई किया –
मैं – थैंक यू। तुमने मेरी बहुत बड़ी मदद की।
प्रशांत – इसमें थैंक यू बोलने वाली कोई बात नहीं। आपको किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे कह सकती हैं।
मैं – तुम सच में इतने अच्छे हो या सिर्फ बनते हो?
प्रशांत – आपको बनावटी लगता है तो मत बात कीजिये।
मैं – अरे अरे अरे, मैं तो मज़ाक कर रही थी।
प्रशांत – मैं भी।
और उसने हसने वाली स्माइली भेजी।
फिर हमने करीबन 4 बजे सुबहे तक बात की, उसके घर पे कौन कौन है, मैंने कहाँ से पढ़ाई की, आगे का क्या प्लान है, मैंने अपने अकाउंट से ड्रेस आर्डर क्यों नहीं की (जिसे सुनकर प्रशांत 5 मिनट तक हंसा), और इधर उधर की बातें जो आप किसी नए को जानने के लिए करते हो।
फिर उसने कहा –
प्रशांत – अब सोना चाहिए, काफी समय हो गया। मुझे फिर जल्दी उठ के कॉलेज भी जाना है।
मैं – हाँ, चलो साथ में सोते हैं।
प्रशांत – क्या?
मैं – कुछ नहीं, गुड नाईट!
प्रशांत – ओके, गुड नाईट!
और वो ऑफलाइन हो गया। लेकिन मेरी नींद उड़ गयी थी। सच कहूं तो कुछ देर और बात करने का मन कर रहा था। लेकिन मैंने सोचा की अगर ज़ोर करुँगी तो सोचेगा की मैं चेंप हो रही हूँ।
इतने में मैंने देखा की मेरी चुत गीली हो गयी है। मैं अपने पाठको को बता दूँ की जैसे लड़को का किसी लड़की से बात करके या किसी लड़की के सिर्फ छूने पे मुठ छूटता है वैसे ही कई लड़कियों का लड़को से भी बात करके उनका पानी छूटता है।
मैंने अपने चुत में ऊँगली डाल के काफी देर ऊँगली की और झड़ गयी। और फिर मैं सो गयी।
सुबहे जब उठी तो मुझे फिर से प्रशांत से बात करने की इच्छा हुयी। व्हाट्सप्प खोल के देखा तो कोई मैसेज नहीं। तो मैंने ही उसे हेलो लिख कर भेज दिया।
उसका दोपहर में मैसेज आया।
प्रशांत – हेलो।
मैंने झट से उसे रिप्लाई किया।
मैं – हेलो मिस्टर बीज़ी बी। पुरे दिन गायब।
प्रशांत – मैं कॉलेज में था। कॉलेज में फ़ोन इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं।
मैं – ओके।
और साथ में मैंने एक उदास होने वाला स्माइली भेजा।
तो प्रशांत का रिप्लाई आया –
प्रशांत – आप हमें मिस कर रही थी क्या?
बस, इसी लम्हे से हमारी बातें शुरू हुयी। मैं ठीक प्रशांत के ऊपर वाले कमरे में रहती थी लेकिन ना कॉल पे बात कर सकती ना उसके साथ बैठ कर। व्हाट्सप्प ही एक मात्र सहारा था।
पुरे हफ्ते में जब भी समय मिलता, मैं प्रशांत से व्हाट्सप्प पे बातें करने लगी। मेरा बॉयफ्रेंड भी कहता की मैं दिन भर ऑनलाइन हूँ लेकिन उसे रिप्लाई क्यों नहीं दे रही? दोस्तों सच कहूं तो मेरे बॉयफ्रेंड ने भी मेरी खूब चुदाई की है लेकिन सिर्फ उससे बात करने पे मेरी चुत कभी गीली नहीं हुयी।
मुझे अपने ऑफिस में भी मन नहीं लगता। दिन भर मन करता प्रशांत से बातें करती रहूं। बेचारा वो भी कोशिश करता रात में देर तक बात करने की।
शुक्रवार का दिन था, मेरे मम्मी पापा फर्रुखाबाद चले गए दो – तीन दिन के लिए। मुझे भी जाने को कहा लेकिन मैं ऑफिस में काम का हवाला दे के रुक गयी। और रविवार को एक त्यौहार था तो पेइंग गेस्ट के सारे लड़के घर चले गए थे क्यूंकि वे आस पास के गांव-शहर के ही थे, लेकिन प्रशांत नहीं गया क्यूंकि उसका घर दूर था।
मेरा मन कर रहा था की निचे उसके कमरे में चली जाऊं लेकिन डर लग रहा था। हमारी हर रोज़ के तरह व्हाट्सप्प पे ही बातें हुयी।
शनिवार का दिन था, वो अपने कॉलेज चला गया, मैं भी ऑफिस चली गयी। 10 बजे उसका मैसेज आया।
प्रशांत – आपका पार्सल आज डेलिवर होगा 11 बजे तक, ले लीजियेगा।
लेकिन मैं उस वक़्त किसी भी हालत में आ नहीं सकती थी क्यूंकि एक ज़रूरी मीटिंग रख दी थी हमारे बॉस ने। मैंने झट से प्रशांत को कॉल किया।
मैं – प्रशांत, प्लीज़ तुम मेरा ड्रेस ले लो। मैं घर पे नहीं हूँ और मैं अभी आ भी नहीं सकती क्यूंकि मीटिंग है।
प्रशांत – मेरा भी अभी क्लास है, मैं कैसे छोड़ के जाऊ? आप किसी पड़ोसी को बोल दीजिये वो ले लेंगे। आप शाम को ले लीजियेगा।
मैं – नहीं नहीं। वो तो सारी बातें फिर मम्मी को बता देंगे। प्लीज़ तुम घर जाके ले लो न मेरा ड्रेस। प्लीज़ प्लीज़। तुम जो मांगोगे मैं वो दूंगी तुमको। एक लास्ट हेल्प, उसके बाद कभी परेशान नहीं करुँगी।
मैंने किसी तरह उसे मनाया। प्रशांत ना चाह कर भी अपनी क्लास छोड़ के जल्दी से आया और उसने ड्रेस की डेलिवेरी ली।
उसका मैसेज आया –
प्रशांत – ड्रेस रिसीव्ड, मैडम ! अपना प्रॉमिस याद रखियेगा।
मैं – यस यस ! जो तुम कहो। थैंक यू सो सो सो मच।
फिर मैं मीटिंग में व्यस्त हो गयी।
शाम में जब घर लौटी तो फ्रेश होकर मैंने प्रशांत को कॉल किया। आज पहली बार ही मैंने उसे कॉल किया क्यूंकि घर पे कोई नहीं था।
प्रशांत – हेलो !
मैं – हेलो! तुम ड्रेस देने आओगे या मैं लेने आऊं।
प्रशांत – लेने आ जाईये मैडम, क्यूंकि मैं आपके लिए कॉलेज छोड़ के आया, काफी थका दिया आपने।
मैं – अच्छा जी? अच्छा मैं आती हूँ! तुम कुछ खाओगे? कुछ स्पेशल बना के लाती हूँ तुम्हारे लिए। मैग्गी खाओगे? मैं बहुत अच्छी चिकन मैग्गी बनाती हूँ।
प्रशांत – ओके। आज मैग्गी पार्टी करते है फिर। मैं कोल्ड ड्रिंक लेके आता हूँ।
मैं – ओके। मिलती हूँ तुमसे 8 बजे।
मैंने मैग्गी बनायी और ठीक 8 बजे उसके दरवाज़े पे दस्तक दी। उसने दरवाज़ा खोला। वो बिलकुल तैयार होकर था।
मैं – कहीं निकलने का प्लान है क्या? इतना तैयार हो?
प्रशांत – नहीं नहीं। आपके साथ मैग्गी डेट है तो सोचा कुछ स्पेशल किया जाए।
मुझे अच्छा लगा लेकिन मैंने थोड़ा शरारत करने का सोचा। उससे चिढ़ाने का सोचा।
मैं – ओ हेलो, मैं पहले से ही रिलेशनशिप में हूँ।
प्रशांत – तो? साथ में खाना खाने से क्या मैं आपका बॉयफ्रेंड बन जाऊँगा? खाना किसी के साथ भी खाया जा सकता है।
मैं – ठीक है ठीक है। चलो, पहले खा लो, ठंडी मैग्गी अच्छी नहीं लगती।
फिर हमने साथ में बिस्तर पे बैठ के मैग्गी खायी। घर पे कोई नहीं था इस वजह से किसी का डर भी नहीं था। मैं आराम से उससे बातें कर सकती थी। खाने के बाद मैं वापस ऊपर जाने का नाटक करने लगी। तो प्रशांत ने कहा –
प्रशांत – आपने कुछ वादा किया था।
मैं अनजानी बनते हुए,
मैं – क्या?
प्रशांत – आपने प्रॉमिस किया था कुछ अगर मैं आपकी ड्रेस ले लूँ तो।
मैं – अच्छा अच्छा। खिलाया तो मैग्गी।
प्रशांत – नहीं। मैग्गी आपने ऑफर किया। मैंने मांगा नहीं।
मैं (हँसते हुए) – अच्छा। क्या चाहिए तुम्हे?
प्रशांत – मैं आपको इस ड्रेस में देखना चाहता हूँ।
मैं – लेकिन ये मैंने अपने बॉयफ्रेंड को सरप्राइज देने के लिए ख़रीदा है।
प्रशांत – मुझे पता है। लेकिन मैं फिर भी देखना चाहता हूँ।
मैं अंदर से खुश थी।
मैं – ओके। मैं ऊपर जाके इससे पेहेनके तुम्हे फोटोज़ भेजती हूँ।
प्रशांत – नहीं। आप इससे यहीं पहनो। मैं आपको अपने आँखों से देखना चाहता हूँ।
मैं – लेकिन यहाँ कैसे?
प्रशांत – मैं आँखें बंद कर लेता हूँ।
ये कहकर उसने अपनी आँखें बंद कर ली। मैं असमंजस में पड़ गयी लेकिन प्रशांत मुझे इस ड्रेस में देखना डिज़र्व करता था। वो ना होता तो शायद ये ड्रेस मैं मंगवा ना पाती।
मैंने अपने लोअर और टी-शर्ट को खोला और ड्रेस पहनकर उसे आँखें खोलने को कहा।
उसने जैसे ही आँखें खोली, वो देख के दंग रह गया। मेरी ड्रेस बिलकुल छोटी से थी। उसमें मेरे बूब्स आधे बहार दिख रहे थे। ड्रेस सिर्फ मेरी चुत और गांड को कवर कर रहे थे। मेरी पतली कमर और पतली लग रही थी और बूब्स और बड़े बड़े। मेरा पूरा पैर नंगा था।
प्रशांत – माय गॉड! यू आर लुकिंग सो हॉट !
मैं ये सुन के शर्मा गयी।
मैं – अब खुश? चलो मैं अब जा रहीं हूँ ऊपर।
जैसे ही मैं मुड़ी, उसने मेरे हाँथ को पकड़ा, मुझे अपनी ओर खिंच के मेरे चेहरे को पकड़ा और सीधा मेरे होंठो पे अपना होंठ रखकर चूमने लगा। दोस्तों, उन चंद सेकण्ड्स में मैंने कोई बहाना ना करने का निर्णय लिया और मैं भी उसका चुम्बन में साथ देने लगी। करीब 5 मिनट तक चूमते हुए हमारा सांस फूलने लगा तो उसने मुझे छोड़ा। और छोड़ते ही कहा –
प्रशांत – मैं आपको पसंद करने लगा हूँ।
मैं – प्रशांत, तुम बहुत अच्छे लड़के हो, मैं भी तुम्हे पसंद करती हूँ लेकिन मैं पिछले 4 साल से रिलेशनशिप में हूँ।
प्रशांत – तो क्या? मैं भी रिलेशनशिप में हूँ। इसका मतलब ये नहीं की हम अपने फीलिंग्स को दबा कर रखें। मैं रिग्रेट नहीं करता। जो फील होता है मैं कह देता हूँ। मैं आपको पसंद करता हूँ और आयी वांट टू मेक लव टू यू।
मैं – लेकिन…
मेरे इतना कहते ही उसने मुझे फिर पकड़ा और किस करने लगा।
मैंने भी अपने असमंजस को छोड़ कर खुद को उसे समर्पित कर दिया।
आगे की कहानी अगले पार्ट में।