दोस्तों मेरा नाम विशाल है, और मैं आप सब रीडर्स का अपनी मां की चुदाई कहानी में स्वागत करता हूं। चलिए अब बिना कोई वक्त गंवाए सीधे कहानी पर चलते हैं।
उस दिन मैं ऑफिस जा रहा था, और जब नाश्ता करने बैठा तो मैंने देखा मां आज अच्छे से तैयार हुई थी। ये देख कर मैंने मां से पूछा-
मैं: क्या बात है मां, आज कहीं जाने की तैयारी है क्या?
मां: हां मेरी सहेली के घर में सत्संग है। उसने कहा आना ज़रूर, तो जा रही हूं।
मैं: चलो बढ़िया है, सारा दिन घर में रह कर भी बोर हो जाती होगी। इसी बहाने बाहर घूमना हो जाएगा।
मां: हां।
मां ने उस दिन काले रंग का पजामी सूट पहना था। उसमें वो काफी सेक्सी लग रही थी। वैसे मेरी मां 46 साल की है। उनका रंग दूध जैसा गोरा है, और फिगर 36-34-38 का है। उन्होंने अपने आप को काफी फिट रखा हुआ है, इसलिए वो अपनी उम्र से 10 साल कम ही लगती है।
फिर मैं ऑफिस चला गया। आज मुझे मेरे बास ने एक क्लाइंट से मिलने भेजा। वो क्लाइंट मुझे मॉल में मिलने वाला था। मैं मॉल में गया, और उसको फोन लगाया। उसने मुझे एक रेस्टोरेंट में उसकी वेट करने को कहा। मैं फिर रेस्टोरेंट में जाके बैठ गया।
कुछ करने के लिए नहीं था, तो मैं इधर-उधर लड़कियां ताड़ने लगा। तभी मेरी नज़र एक टेबल पर पड़ी जहां मैंने अपने मौसा जी को बैठे देखा। वो किसी औरत के साथ बैठे थे, जो मुझे लगा कि मौसी होगी। लेकिन जब मैंने ध्यान से देखा तो वो मौसी नहीं मां थी। मां को देख कर मैं सोच में पड़ गया कि वो वहां क्या कर रही थी। क्योंकि उनको तो सत्संग में जाना था।
तभी मां ने अपना सर मौसा जी के कंधे पर रख लिया। ये देख कर मेरे मन में शक पैदा होने लगा। तभी वो दोनों उठे, और वहां से जाने लगे। अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। अगर मैं उनके पीछे जाता, तो क्लाइंट से नहीं मिल पाता। अभी मैं सोच ही रहा था कि मैं क्या करूं, कि तभी मुझे क्लाइंट का फोन आया। उसने कहा कि वो अभी नहीं आ पाएगा, तो हम शाम को मिलेंगे।
मैंने भगवान का शुक्रिया किया, और उनके पीछे चला गया। मां और मौसा जी गाड़ी में बैठे, और गाड़ी चल पड़ी। मैं बाइक पर था, तो मैं भी उनके पीछे चल पड़ा। उनकी गाड़ी हमारे घर की ही तरफ जा रही थी। फिर गाड़ी हमारे घर के बाहर रुकी, और दोनों उतर कर अंदर चले गए। घर के बाहर एक बॉक्स है, जहां हमने इमरजेंसी के लिए एक और चाबी रखी हुई है। मैंने वो चाबी ली, और पीछे के दरवाज़े से घर के अंदर घुस गया।
अंदर जाके मैंने देखा, वो दोनों मां के कमरे में थे। मैं खिड़की से मां के कमरे में झांकने लगा। अंदर देखते ही मैं हैरान हो गया। मौसा जी ने मेरी मां को अपनी बाहों में भर हुआ था, और दानों एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे। मैं समझ नहीं पा रहा था, कि मां पिता जी के होते हुए ये सब मौसा जी के साथ क्यों कर रही थी।
तभी मां मौसा जी से अलग हुई और बोली: जीजू हम ये गलत कर रहे है।
मौसा जी: क्यों गलत क्यों? तुम्हारा पति तुम्हें खुश नहीं रखता, और मेरी बीवी मुझे। हमें भी खुश रहने का अधिकार है कि नहीं? वैसे भी तुम तो मेरी साली हो, आधी घरवाली हो।
और इस बात पर दोनों हंसने लगे। फिर दोनों दोबारा किस्स करने लगे। किस्स करते हुए मौसा जी मां की गांड दबा रहे थे, और मां हम्म हम्म कर रही थी। फिर मौसा जी ने मां का शर्ट उतार दिया। अब मां ब्रा और पजामी में थी। मैंने पहली बार अपनी मां को ब्रा में देखा था। बहुत सेक्सी लग रही थी मां।
मौसा जी मां की क्लीवेज चाटते हुए ब्रा के ऊपर से ही मां के बूब्स दबाने लगे। फिर उन्होंने ब्रा भी उतार दी, और मां के पिंक निप्पलों पर टूट पड़े। मौसा जी पागलों की तरह मां के निप्पल चूस रहे थे, और मां उनके मुंह को अपने बूब्स पर दबा रही थी। फिर मां बोली-
मां: जब भी तुम मुझे छूते हो, तो मेरे बदन में आग लग जाती है।
ये सुन कर मैं समझ गया, कि ये वो पहली बार नहीं कर रहे थे।
मौसा बोले: साली-जीजा का प्यार ही ऐसा है।
फिर मौसा जी ने मां को बेड पर लिटा दिया, और उनके पेट को चूमने लगे। मां पूरी तरह से मदहोश हुई पड़ी थी। पेट से नीचे आते हुए मौसा जी ने मां की पजामी और पैंटी दोनों निकाल दी। अब मां पूरी नंगी उनके सामने लेटी थी। मां की चूत बिल्कुल चिकनी और पिंक थी। मौसा जी ने देखते ही चूत पर अपना मुंह लगा लिया, और चूसने लग गए। इधर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था।
चूत चुसाई की वजह से मां पागल हो रही थी। फिर वो मौसा जी को चोदने के लिए बोलने लगी। ये सुनते ही मौसा जी नंगे हो गए। उनका लंड कम से कम 7 इंच का था। लंड देखते ही मां जल्दी से घुटनों पर आई, और किसी रंडी की तरह उसको मुंह में लेके चूसने लगी। मौसा जी आंखे बंद करके मजा ले रहे थे। फिर उन्होंने मां के बाल पकड़े, और जोर-जोर से उनका मुंह चोदने लगे।
कुछ देर की लंड चुसाई के बाद मौसा जी ने मां से कहा: चल मेरी साली, अब सीधी हो जा।
मां सीधी हो गई, और अपनी टांगे खोल ली। फिर मौसा जी मां की टांगों के बीच आए, और उनकी चूत पर लंड रगड़ते हुए एक ही झटके में अंदर डाल दिया। मां की चीख निकली, और मौसा जी जोर-जोर से लंड चूत में अंदर-बाहर करके चोदने लगे। वो बोले-
मौसा जी: हाय मेरी साली, तेरी चूत में आज भी उतनी ही गर्मी है।
अब मां को मजा आने लगा, और उन्होंने अपनी टांगे मौसा जी की कमर पर लपेट ली। दोनों पागलों की तरह किस्स करते हुए चुदाई कर रहे थे। साथ में मौसा जी मेरी मां के बूब्स भी चूस रहे थे। कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मौसा जी मां के ऊपर से हटे, और उनको घोड़ी बना लिया।
क्या मस्त लग रही थी मां की गांड घोड़ी बन कर। दिल कर रहा था अभी अन्दर जाके मां की चूत में लंड डाल दूं। फिर मौसा जी ने पीछे से मां की चूत में लंड डाला, और कमर पकड़ कर चोदने लगे। वो मां के चूतड़ों को मसल रहे थे, और थप्पड़ भी मार रहे थे। ऐसे ही 15 मिनट चोदने के बाद उन्होंने अपने माल की पिचकारी मां कि चूतड़ों पर निकाल दी। फिर दोनों वैसे ही नंगे लेट गए।
मैं वहां से आ गया। मैं सोचने लगा कि क्या करूं, पिता जी को बताऊं के नहीं। फिर मैंने सोचा कि अगर बताया तो घर टूट सकता था, तो मैंने चुप रहने का फैसला लिया। दोस्तों जीजा-साली की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी जरूर बताना।