होली पर मां की सामूहिक चुदाई-2

पिछला भाग पढ़े:- होली पर मां की सामूहिक चुदाई-1

अरोड़ा अंकल से अब रहा नहीं जा रहा था। “अरे अब देख कर बता भाभी जी चिकनी है कि झांट लेकर होली खेलने आई है?”

त्रिपाठी अंकल 2 सेकंड के लिए अपना मुंह मां के मुंह से बाहर निकाले, और बोले, “अबे शर्मा क्यों रहा है, ख़ुद आकर देख ले ना”। अरोड़ा अंकल अपने लंड को टटोलते हुए पानी में कूद पड़े। वो मां के पीछे खड़े होकर सीधा हाथ उनकी टांग के बीच में डाल कर उनकी चूत को मलने लगे।

“भाभी जी तो चिकनी है”, बोलते-बोलते अंकल ने अपनी उंगली मां की चूत के अंदर डाल दी। दूसरे हाथ से वो मां की गांड को मल रहे थे। मां कोशिश बहुत कर रही थी कि उनको रोके, उनका दिमाग़ कह रहा था कि उन्हें ये नहीं करना चाहिए। लेकिन उनका दिल और उनका शरीर साथ नहीं दे रहे थे।

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