होली पर मां की सामूहिक चुदाई-3

पिछला भाग पढ़े:- होली पर मां की सामूहिक चुदाई-2

क़रीब 10-15 मिनट तक त्रिपाठी अंकल मां की चूत चोदे। फिर अपना पूरा पानी वहीं अंदर निकाल दिया। उसके पहले ही मां जैसे उनका कंधा पकड़ कर धक्के मार रही थी। लग रहा था उनका भी झड़ गया था। अब यादव अंकल भी अपना शुरू का लीक निकाल रहे थे। उन्होंने मैदान ख़ाली देख कर मां के मुंह से अपना लंड निकाला, और फिर जल्दी से पानी में उतर कर मां की चूत में डाल दिया, और ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर करने लगे।

मां अब पूरी तरह खो गई थी। थोड़ी बहुत जो झिझक और रुकावट उनके दिल में थी, वो निकल चुकी थी। दोनों अंकल खूब ज़ोर-ज़ोर से और बारी-बारी से मां की दोनों चूचियों को चूस रह थे, और दबा रहे दे। बीच-बीच में वह उनके निपल्स को अपनी उंगलियों के बीच में रख कर उसे चुटकी के बीच रख कर दबा रहे थे। तभी अरोड़ा अंकल अपनी पैंट की ज़िप खोले और बोले यादव को,‌ “चल तू सीधा लेट जा और वंदना को तेरे ऊपर चढ़ने दे। फिर मैं इसकी पीछे से लेता हूं।”

मां बिलकुल से घबरा गई, “नहीं-नहीं मैंने कभी पीछे से नहीं लिया।” वो गिड़गिड़ाती हुई बोली। अचानक जैसे उसको होश आया और समझ में आया कि उसका कोई भी छेद आज सलामत नहीं रहेगा। लेकिन उसकी बात सुनने के लिए कोई नहीं था। यादव अंकल ने मां को अपने ऊपर लिटाया,‌ और वापस चूत में अपना लंड एक धक्के में डाल दिया।

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