पिछला भाग पढ़े:- भाई-बहन की वासना-2
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम प्रितंका गुप्ता है। मैं अपनी सेक्स कहानी का अगला पार्ट लेके हाजिर हूं। मेरी कहानी के पिछले पार्ट को आप सब ने बहुत प्यार दिया। उसके लिए मैं आप सब की बहुत आभारी हूं। जिन लोगों ने भी अभी तक पिछला पार्ट नहीं पढ़ा है, तो पहले उसको जरूर पढ़ें।
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मैंने अपने भाई को सिड्यूस करने का काम शुरू कर दिया था। इसके लिए पहले मैंने सामान नीचे गिरा कर उसको अपने मोटी गांड के दर्शन कराए। फिर बेड के नीचे फंस जाने का नाटक करके उसके लंड को अपनी कोमल गांड के स्पर्श का आनंद दिया। फिर मैंने चोट लगने का बहाना करके उससे मालिश करवाती, और उसको अपने नंगे जिस्म के दर्शन करवाने लगी। अब आगे बढ़ते है-
मेरा भाई मेरे नंगे कंधे की मालिश कर रहा था और मैं उसको अपनी क्लीवेज और नंगे बूब का दर्शन करा रही थी। इसके अलावा मैं आह आह की आवाज भी निकाल रही थी। कुछ देर मालिश करवाने के बाद मुझे लगा कि अभी के लिए इतना ही ठीक था, कहीं उसको शक ना हो जाए। इसलिए मैंने उसको थैंक यू बोल कर बस करने को कहा।
फिर हम दोनों अपने-अपने बेड पर सो गए। सुबह जब मैं उठी, तो उठते ही मेरी नज़र अपने भाई के लंड पर गई। पता नहीं नींद में लड़कों का लंड खड़ा कैसे हो जाता है? लेकिन जो भी हो, मुझ जैसी रंडी बहनों को ये सीन देख कर मजा बहुत आता है। उसका लंड देख कर मेरी चूत में कुलबुलाहट सी होने लगी।
एक बार तो मेरा दिल किया, कि मैं उसके लंड को अपने मुंह में लेके चूस लूं। लेकिन अभी वो वक्त आया नहीं था। पर फिर मैंने सोचा कि कम से कम मैं उसके लंड को छू कर तो देख ही सकती थी। ये सोच कर मैं बेड से उतरी, और धीरे से उसके पास जाके उसके लंड पर हाथ रख दिया। वाह! एक-दम सख्त लंड था मेरे भाई का, बिल्कुल किसी लोहे की रॉड जैसा।
उसका लंड छू कर मैं एक-दम गरम हो गई। फिर मैं जल्दी से बाथरूम में गई, और वहां जाके नंगी हो गई। उसके बाद मैं नहाने वाली पीढ़ी पर बैठी, और अपनी चूत में उंगली करने लगी। मैं इतनी गरम हुई पड़ी थी, कि जल्दी ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। फिर मैं फ्रेश हुई, और नहाने लगी।
नहाने के बाद मेरे दिमाग में एक और खुराफात आई। मैंने सोचा क्यों ना मैं भाई के सामने सिर्फ तोलिए में जाऊं, और बहाने से उसके सामने तोलिया गिरा कर अपना नंगा बदन उसको दिखाऊं।
फिर मैंने नहा लिया, और बदन पोंछ कर तौलिया लपेट लिया। मैंने बदन अच्छे से नहीं पोंछा, क्योंकि गीला बदन सूखे बदन से ज्यादा कामुक लगता है। फिर मैं रूम में चली गई। मैंने देखा कि भाई अभी भी सो रहा था। फिर मैंने जान बूझ कर अलमारी के दरवाज़े से आवाज करनी शुरू कर दी, ताकि उसको डिस्टर्बेंस हो, और उसकी नींद खुल जाए। 2 मिनट आवाज करने के बाद वो बंद आंखों से बोला-
भाई: दीदी क्यों आवाज कर रही हो?
मैं समझ गई कि वो जाग चुका था। फिर मैं शीशे के सामने खड़ी हो गई। शीशे में से मेरे भाई का बिस्तर मुझे दिख रहा था। तभी मैंने देखा कि भाई थोड़ी आँखें खोल कर मेरी तरफ देख रहा था। यहीं मेरे एक्शन का वक्त था। फिर मैं अपना मेकअप करने लगी। वो अभी भी मुझे देख रहा था।
तभी मैंने जान-बूझ कर अपनी मेकअप किट नीचे गिरा दी, और बोली-
मैं: ओह हो! अब तुझे क्या हो गया? सारा समान बिखर गया मेरा!
ये बोल कर मैं नीचे बैठ गई, और सारा सामान उठा कर किट में डालने लगी। 2 मिनट में सामान किट में डालने के बाद जब मैं उठने वाली थी, तो मैंने जान-बूझ कर अपने बूब्स पर से तोलिए को ढीला कर दिया। फिर जैसे ही मैं उठी, तो मेरा तोलिया नीचे जमीन पर गिर गया। अब मैं पूरी नंगी खड़ी थी, और मेरा भाई पीछे से मेरे जिस्म का नज़ारा देख सकता था।
मैंने जान-बूझ कर हड़बड़ाने का नाटक किया, और हड़बड़ाहट में बोली-
मैं: ओह शिट!
फिर मैंने हड़बड़ाहट में मेकअप किट फिर से नीचे गिरा दी, और जल्दी से नीचे बैठ गई। अब मेरे भाई को मेरी फैली हुई गांड दिख रही थी। फिर मैंने तोलिया उठाया, और खड़ी होके उसको फिर से लपेट लिया। फिर मैंने पीछे भाई की तरफ देखा, तो वो आँखें बंद करके मुझे ये दिखाने की कोशिश कर रहा था कि वो सोया हुआ था। जबकि सच तो ये था, कि आज उसने वो देखा था, जो उसने सोचा भी नहीं होगा।
फिर मैंने साइड पर हो कर कपड़े पहने, और कमरे से बाहर आ गई। मैं अपना तोलिया जान-बूझ कर वहीं बेड पर छोड़ आई, और मैं ये देखना चाहती थी, कि वो क्या करने वाला था अब। मैं रूम के बाहर तो आई, लेकिन वहीं दरवाजे के पास खड़ी होके अंदर देखने लगी।
मैंने देखा कि मेरा भाई अपने बेड से उठा, और मेरे बेड के पास आया। फिर उसने बेड से मेरा गीला तोलिया उठाया। उसके बाद उसने तोलिए को अपने मुंह पर लगाया, और मेरे बदन की खुशबू को महसूस करने लगा। नीचे उसका लंड खड़ा हुआ उसके पजामे में से दिख रहा था। फिर उसने एक हाथ अपने पजामे के अंदर डाला और मुठ मारने लगा।
मुठ मारते हुए वो मेरे तोलिए को चूम रहा था, चाट रहा था। मैं समझ रही थी कि अब मेरा भाई मेरे बदन को खा जाना चाहता था। मैं ये भी समझ गई थी कि अब ज्यादा देर नहीं लगेगी उसका लंड लेने में। क्योंकि उसकी मुझे पाने की बेताबी काफी बढ़ चुकी थी। अब बस मुझे ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ने वाली थी।
तभी मेरा भाई आह आह करने लगा। मैं समझ गई कि उसका माल निकल चुका था। फिर मैं वहां से चली गई।
इसके आगे की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी। यहां तक की कहानी अपनी कैसी लगी, उसके लिए मुझे [email protected] पर अपनी फीडबैक दीजिएगा।
अगला भाग पढ़े:- भाई-बहन की वासना-4