पिछला भाग पढ़े:- मेरी खूबसूरत पत्नी को अकेले रहना पसंद नहीं-5
अंजली की बात सुन कर बल्लू ने अंजली का हाथ पकड़ लिया। अंजली दिखाने के लिए हाथ छुड़ाने लगी।
बल्लू: मालकिन, बेवक़ूफ़ी मत किजीए। आप की शादी को 3-4 साल हो गये है। मालिक ने कम से कम एक हज़ार बार आपको चोदा होगा। आपकी प्यारी बुर में लंड पेला होगा। आप इतनी खूबसूरत है कि केडिया नहीं तो कोई और ही आप को नंगा करेगा। हर औरत चुदवाती है।
बल्लू: कोठेवाली जैसी रंडी बनने नहीं बोल रहा हूं। बस एक बार केडिया को अपनी नंगी जवानी का मज़ा दे दोगी, तब उसके बाद कोई भी आपको परेशान नहीं करेगा। नौकरों से नहीं चुदवाना तो मत चुदवाना, केडिया कभी ज़िद नहीं करेगा। फिर भी कम से कम 2 लाख कमा लेगी। सोच लो, अगर हर महीना केडिया को अपना ये प्यारा बुर चूसने दिया, तो हर महिने घर बैठे 2 लाख कमाओगी।
बोलते हुए बल्लू ने सलवार के उपर से बुर को मसला।
अंजली: बल्लू, मत करो, शुक्र दूंगी, जेल जाओगे।
लेकिन बल्लू ने अंजली को चोदने का मन बना लिया था।
बल्लू: मालकिन, आपने कहा ना कि मैंने सीमा को बढ़िया से नहीं चोदा इसलिए उसने मुझे छोड़ दिया। आप ख़ुद देख लो कि मैं कैसा चोदता हूं।
अंजली ना-ना, नहीं-नहीं करती रही, लेकिन बल्लू उसे गोदी में उठा कर बेडरूम में ले गया। बेड पर लिटाया। अंजली झूठ-मूठ का नख़रा करती रही, बल्लू ने सलवार को बाहर निकाल दिया। बेड पर अंजली के एक हाथ से दबाए हुए अपना पैंट और अंडरवियर बाहर निकाला।
“बाप रे बहुत मोटा है, मत करो”
अंजली को क़रीब 8 इंच लंबा और मोटा लंड बहुत पसंद आ गया। बल्लू ने ना होंठों को चूमा, ना ही चूचियों को ही दबाया। सीधा उसके उपर आया, और लंड को बुर पर दबाया।
अंजली: बहुत मोटा है, मत चोदो, बुर फट जायेगी।
लेकिन बल्लू ने अपनी पूरी ताक़त से धक्का मारा। तीसरे धक्के में लंड की पूरी लंबाई बुर के अंदर घुस गयी। कुछ धक्कों के बाद अंजली को भी मज़ा आने लगा, लेकिन उसने कोई मस्ती की आवाज़ नहीं निकाली। अंजली को मज़ा आने लगा था। बल्लू शायद बहुत ही एक्साइट हो गया था। अंजली पूरी तरह से गर्म भी नहीं हुई, और बल्लू झड़ गया। इतना ही नहीं, बिना कोई चुम्मा-चाटी के बेड से उतर गया और कपड़े पहनने लगा।
बल्लू: केडिया साहब की मेहरबानी से तीन सौ से ज़्यादा औरतों को चोदा है, लेकिन आपके जैसी कोई नहीं। केडिया को बोल दूं कि आप कल उसके घर आयेगी।
अंजली कमर के नीचे नंगी थी। उसने ढकने की कोशिश भी नहीं की।
अंजली: अभी सोचने दो, एक दो दिन में बताउंगी।
बल्लू कपड़े पहन कर दरवाज़े के बाहर जाने लगा तो अंजली ने ज़ोर से कहा, “रात में ये खिड़की खुली रहेगी, लाइट भी ऑन रखूंगी। अगर आनंद के साथ की मेरी चूदाई देखनी है तो खिड़की से देखना लेकिन कोई आवाज़ मत करना। दूसरे की चूदाई देखने में भी बहुत मज़ा आता है।”
बल्लू: देखूंगा कि साहब लोग कैसे अपनी खूबसूरत पत्नी को चोदते है। मालकिन, कल फिर चोदूंगा।
अंजली ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर बल्लू चला गया।
अंजली ने ज़ोर से कहा, “इतना बढ़िया लंड है लेकिन अगर ऐसा चोदेगा तो कोई भी साथ नहीं रहेगी, सब भाग जायेगी। बेटीचोद ने ठंडा करने के बदले और गर्म कर दिया।”
पिछले दिन जैसा अंजली नंगी ही रही। नहा-धोकर खाना बनाया, खाया, और सो गई। कई बार कॉल-बेल बजा तो नींद खुली। समय देखा, तीन ही बजा था।
“इस भरी दोपहरी में कौन आया?”
अंजली ने सिर्फ़ एक कुर्ता पहना और दरवाज़ा में चेन लगा रहने दिया। डोर को खोला तो उसने देखा कि सफ़ेद कुर्ता पजामा पहने हुए एक लंबी दाढ़ी वाला आदमी खड़ा था। वो सलमान दर्ज़ी था।
सलमान: मैडम, मैं सलमान दर्ज़ी हूं, वोमेंस कॉलेज के पास मेरी दुकान है। माया ने यहां का एड्रेस देकर कहा था कि किसी को यहां कपड़े का नाप देना है।
अंजली: हां, मैंने बुलाया है, आइये।
अंजली ने दरवाज़ा खोल कर उसे अंदर आने दिया और दरवाज़ा को बंद कर दिया। तीन घंटा पहले 35 साल के बल्लू के साथ अकेले थी, तो बल्लू चोद कर गया। अब एक 52 साल के दर्ज़ी के साथ अकेले थी, तो क्या करेगी अंजली?
अंजली ने दर्ज़ी को सोफ़ा पर बैठने कहा और अंदर से एक ग्लास रुहआफजा शरबत बना कर लाई और दर्ज़ी को दिया।
दर्ज़ी: मैडम, आपको अल्लाह सारी ख़ुशियां दें। अभी इस शरबत की सख़्त ज़रूरत थी। अप्रैल का ही महीना चल रहा है। कितनी गर्मी हो गई है।
अंजली: आपको इतनी गर्मी में बाहर नहीं निकलना चाहिए।
दर्ज़ी ने सारा ग्लास शरबत पी लिया तो अंजली ने पूछा कि और दूं। दर्ज़ी ने अंजली के माथे पर हाथ रखा।
“आपका भगवान आपकी सारी तमन्ना पूरी करे, मैडम बहुत ही नायाब शरबत आपने बनाया है, बिल्कुल अपने जैसा। एक ग्लास और!”
अंजली ने उसे दूसरा ग्लास शरबत बना कर दिया। दर्ज़ी सारा शरबत पी गया।
दर्ज़ी: अगर अभी नहीं आता तो फिर नहीं आ पाता। चार बजे के बाद से इतनी भीड़ हो जाती है कि पूछिए मत! मेरे साथ 5 दूसरे दर्ज़ी भी काम करते है। लेकिन नाप लेने का काम सिर्फ़ मैं और मेरा छोटा भाई ही करता है। लेकिन उस पर मुझे पूरा भरोसा नहीं है। आप बोलिए आपको क्या सिलवाना है कैसे सिलवाना है?
अंजली: लगता है कि मैं कुछ ज़्यादा ही मोटी हो गई हूं। देखो ना ये कुर्ता भी कितना तंग है।
अंजली ने दर्ज़ी के सामने खड़ा होकर एक लंबी सांस ली। माया ने कहा था कि इस दर्ज़ी की नियत कभी किसी के लिए ख़राब नहीं होती।
लेकिन जैसे ही अंजली ने लंबी सांस ली, उसकी चूचियां कपड़ा को फाड़ कर बाहर आने के लिए तड़पने लगी। यह देख कर दर्ज़ी खड़ा हो गया।
दर्ज़ी: मैडम, मुझे माफ़ किजीए, मैं आप का नाप नहीं ले सकता हूं। किसी दूसरे दर्ज़ी के बुला लीजिए। मैं और थोड़ी भी देर यहां रहूंगा तो मेरी नीयत ख़राब हो जायेगी, मुझसे पाप हो जायेगा।
दर्ज़ी की बात सुन कर अंजली बहुत ही ज़्यादा खुश हो गई। वो चेयर पर इस तरह कुर्ता को उपर खींच कर बैठी, कि उसकी उपरी चिकनी और गठीली जांघें दिखने लगी।
अंजली: माया ने तो कहा था कि तुम बहुत शरीफ़ हो!
दर्ज़ी: बहुत शरीफ़ था मैडम। मेरे दादा जी ने ये दुकान चालू की थी। मेरे अब्बू ने चलायी, और पिछले तीस साल से मैं चला रहा हूं। रोज़ पचास के क़रीब हर उम्र की, हर तरह की लड़कियां और औरतें आती है। लेकिन कभी किसी की ओर ठीक से देखा भी नहीं। कुछ ऐसी लड़कियां और औरतें है जे नाप लेते वक्त बहुत बदमाशी करती हैं। हमारा हाथ पकड़ कर अपनी छाती पर और जांघों के बीच भी रखती है। लेकिन अभी तक मैंने किसी की छाती को नहीं दबाया। लेकिन मालूम नहीं, आपके बदन से कैसी आग निकल रही है। मैं अपने को नहीं संभाल पाऊंगा, बहक जाऊंगा। मुझे जाने दीजिए।
दर्ज़ी ने दरवाज़ा को खोला और अंजली ने कुर्ते को अपने बदन से अलग कर दिया।
अंजली: अब देखो, अब नहीं बहकोगे। मुझे चार-चार सेट कुर्ता पजामा सिलवानी है। चार ब्लाउज़ चाहिए और चार चनिया चोली के साथ चार स्कर्ट भी चाहिए। क्या डिज़ाइन होगा, लो कट होगा या हाई तुम ही फ़ैसला करो। बस मैं जो पहनूं मुझे बढ़िया लगने चाहिए। चलो अब देरी मत करो, जल्दी से नाप लो।
दर्ज़ी ने दरवाज़ा को बंद किया। अंजली के पास आया और दोनों हाथों से चूचियों को सहलाने लगा।
दर्ज़ी: हज़ारों चूचियों का नाप लिया है, लेकिन इससे बढ़िया नाप वाली चूची और कोई दूसरी नहीं होगी।
अगले क़रीब आधा घंटे तक कोई कुछ नहीं बोला। जैसा अंजली ने कहा था सलमान ने हर तरह के ड्रेस का नाप लिया।
दर्ज़ी: लंबाई 5 फ़ीट 5 इंच, वजन क़रीब 63 केजी, चूचियां 36 इंच, घुंडी ( निप्पल) आधा इंच लंबा, गोलाई भी आधा इंच, कमर 24 इंच, चूत्तड़ 34 इंच, बुर की घुंडी आधा इंच, बुर के फांक की लंबाई तीन इंच, बुर की उपरी चौड़ाई भी तीन इंच, बुर की गहराई मालूम नहीं, मेरा 12 इंच लंबा पेंसिल अंदर में ग़ायब हो गया था।
अंजली: मेरा सब नाप ले लिया अब मुझे नाप लेने दो।
अंजली ने दर्ज़ी को नंगा कर दिया। उसने टेप से जहां-तहा नाप लिया।
अंजली: कंधा 44 इंच, छाती 52 इंच, कमर 38 इंच और लंड 8.2 इंच। लंड की मोटाई सवा तीन इंच। मैं ढाई इंच की चूड़ियां पहनती हूं। तुमने पेंसिल अंदर घुसाया तो मुझे कुछ भी मालूम नहीं पड़ा। ये भी तो नापो कि मेरी बुर की गुफा कितनी चौड़ी है।
अंजली का बोलना ख़त्म हुआ और दर्ज़ी ने उसे कमर से पकड़ कर उठाया, और बेड पर फेंक दिया।
दर्ज़ी: फूलों से भी ज़्यादा हल्की हो मैडम। देखने दो आपकी गुफा की चौड़ाई कितनी है। बल्लू जैसा इसने भी ना कहीं चूमा या दबाया। लंड को बुर में पेल कर चोदने लगा। दर्ज़ी का धक्के में बल्लू के धक्के जैसी ताक़त नहीं थी, लेकिन ये 52 साल का आदमी 35 साल के बल्लू से कहीं बढ़िया से चोद रहा था। दर्ज़ी पूरे पावर और स्पीड से चोदने लगा। कुछ देर बाद अंजली मस्ती भरी सिसकारी भी मारने लगी। दर्ज़ी को ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया था। अंजली को भी मज़ा आ रहा था। पहले अंजली झड़ी, और उसके कुछ देर बाद दर्ज़ी ने अपने रस से अंजली की बुर को भर दिया।
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