मेरी खूबसूरत पत्नी को अकेले रहना पसंद नहीं-18

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दर्ज़ी दोनों की बात-चीत सुन रहा था। आनंद को दूसरे के सामने अपनी घरवाली को चोदने में बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था। उसने मन ही मन फ़ैसला किया कि एक-दो दिनों के अंदर ही वह अपने मां-बाप को बुलायेगा। लेकिन उसने कुछ कहा नहीं, घरवाली की चूचियों को मसलते हुए चोदता रहा।

माया: और चाचा तुम! तुम तो बहुत शरीफ़ बनते थे। मैं अभी तेरे दुकान पर जा कर सबको बोल देती हूं कि तू कितना बड़ा बेटीचोद है। औरत का नाप लेने आया और उसे अकेला देख कर चोद लिया। कुतिया तू चुदवा मैं इसकी दुकान पर जाती हूं।

माया वापस जाने लगी। तब सब ने दर्ज़ी की फुर्ती देखी। दर्ज़ी उठा और झटके से माया को उठाया और अंजली के बग़ल में लिटा दिया।

माया क्या आनंद को भी विश्वास नहीं हुआ कि इस 52-53 साल के आदमी इतनी फुर्ती थी, इतनी ताक़त थी। माया अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश करती रही, लेकिन दर्ज़ी ने साड़ी और साया को उसके बदन से बाहर निकाला। एक ही झटके में माया के ब्लाउज़ के सारे बटन खोल डाले। लंड को बूर पर एडजस्ट किया और पूरी ताक़त से पेल दिया।

माया: बाप रे, बहुत मोटा है, बूर फट गई।

दर्ज़ी धक्के पर धक्का मारता रहा।

दर्ज़ी: माया बेटी, मैं तेरा एहसान कभी नहीं भूल सकता हूं। तेरे ही कारण मुझे अंजली बेटी को नंगा देखने का, इस हसीना को प्यार करने का मौक़ा मिला है। तू जब बोल तेरे घरवाले और तेरे भाई के लिए अपनी बेटी को भेज दूंगा। तू मेरी बेटियों से जितना चाहे धंधा करवा, लेकिन किसी से मेरी शिकायत मत कर।

माया को भी अंजली जैसा मज़ा आने लगा था। लेकिन माया को सिर्फ़ चुदवाने का शौक़ नहीं था। वो बहुत प्रैकटिकल औरत थी।

माया: ठीक है, अंजली की बदनामी होगी इसलिए किसी से नहीं कहूंगी कि तुमने अंजली को चोदा है। लेकिन इसके बदले मुझे कुछ चाहिए। बढ़िया चोद रहे हो चाचा।

माया की बात सुन कर आनंद को दुख हुआ कि अंजली की तरह माया को भी दर्ज़ी के साथ की चुदाई बढ़िया लगी। दूसरी तरफ़ माया की बात सुन कर दर्ज़ी बहुत खुश हो गया। और भी जमा-जमा कर पेलने लगा।

दर्ज़ी: माया बेटी, तुम जो बोलो सब करूंगा।

माया: ठीक है। रुखसाना को बोल देना। मैं कल उसे अपने साथ ले जाऊंगी। वो जितना कमायेगी उसका आधा मेरा। बाद में तुम्हारे घर की दूसरी माल से भी धंधा करवाऊंगी। इसके अलावा, हर महीने की पहली तारीख़ को तुम मुझे दस हज़ार दोगे। मैं दूसरों से चुदवाने का 5 हज़ार लेती हूं। लेकिन तुम मेरी इस रंडी बहन के यार हो इसलिए तुम जब भी मुझे चोदोगे 2 हज़ार दोगे।

दर्ज़ी: सब मंज़ूर है माया बेटी। हरामी बिहारी मेरे घर की औरतों को मुफ़्त में चोद रहा है। तुम बिहारी के सामने सभी को अपने कुत्तों से चुदवाओ।

अंजली: माया को अपना काम करने दो। परसों तुम अपनी छोटी बेगम और बिहारी के साथ यहां आओगे। बिहारी के सामने मेरा ये कुत्ता (आनंद) तेरी बेगम को चोदेगा और तुम मुझे चोदना। बिहारी लंड हिलाता रहेगा।

जब दर्ज़ी ने कहा कि बिहारी उसके घर की सभी औरतों को चोदता था, तो कोई भी सोचता कि बिहारी बहुत ही बढ़िया चोदता होगा। तभी किसी घर की सभी औरतें उससे चुदवाती है। अंजली जल्दी से जल्दी बिहारी के लंड को अपनी बूर में लेना चाहती थी।

दर्ज़ी ने दोनों माया और अंजली की सारी शर्त मान ली। दोनों मर्द अपनी-अपनी औरतों को चोदते रहे। एक-दूसरे को दिखाते हुए चूदाई करते रहे। माया ने आनंद से तीन बार चुदवा लिया था। आनंद के साथ चुदवाना उसे बढ़िया लगा था। लेकिन उस समय अंजली की तरह माया को भी लगा कि दर्ज़ी हर तरह से आनंद से बढ़िया था।

लेकिन उसने कहा नहीं। वो अंजली को हमेशा के लिए अपनी रंडी बना कर रखना चाहती थी। इसलिए वो आनंद को भी अपने हाथ में रखना चाहती थी। अब दोनों औरतें मस्ती की सिसकारी मारती हुई चूदाई का मज़ा ले रही थी। दोनों मर्द अपनी-अपनी औरतों के नंगे बदन को रगड़ते हुए चोद रहे थे। कमरे में फचाक फचाक की आवाज़ गूंज रही थी।

दर्ज़ी: माया बेटी, तुम्हारी बहन ने पिछले ही दिन मेरी नियत ख़राब कर दी थी। हमने चूदाई भी की, लेकिन पिछले दिन मैं तेरी बहन को ठंडा नहीं कर पाया था। इसलिए आज फिर आ गया और मेरी किस्मत देखो, दोनों बहनों को चोदने का मौक़ा मिला। तुम भी बहुत ही बढ़िया माल हो।

माया को भी बहुत मज़ा आ रहा था।

माया: चाचा, सच-सच बताओ, जो भी तुमसे नाप लेने आती है सभी को अपना मुसल (लंड) दिखाते हो, सभी को चोदते हो?

दर्ज़ी: बेटी जो कसम चाहे ले लो। 35 साल के बाद पिछले दिन अपनी बेगमों के अलावा किसी दूसरी औरत को छुआ। लेकिन लगता है कि अब वैसा नहीं कर पाऊंगा। तुम दोनों की मस्त जवानी का मज़ा लेने के बाद अब अपने पर कंट्रोल नहीं रहेगा।

अंजली: चाचा कंट्रोल रखने की ज़रूरत ही नहीं है। सिर्फ़ मैं ही अकेली औरत नहीं हूं जिसे हर समय चूदाई चाहिए। दुनिया की हर औरत, मेरी मां, मेरी सास सभी बढ़िया चुदाई की भूखी है। 100 में कम से कम 90 औरतें ऐसी होंगी जिसे चूदाई का वैसा सुख जैसा बिहारी देता है, तुमने हम दोनों के दिया, माया को आनंद के साथ की चूदाई में आता है, नहीं मिलती है।

अंजली: जब औरत या लड़की को यह विश्वास हो जाती है कि आस-पास कोई देखने वाला नहीं है तो थोड़ी बहुत मस्ती हर औरत पसंद करती है। नाप लेते समय अगर तुम मीठी-मीठी बातें करते हुए चूची दबाओगे, गॉड सहलाते हुए नाप लोगे, तो वो मस्ती से सब काम करवायेगी। तुम पहले दर्ज़ी हो जिसने मुझे चोदा है लेकिन पहले जितने भी दर्ज़ी ने मेरी नाप लिया है, सब ने मेरी चूची को दबाया है, बूर को मसला है। किसी को कभी भी सामने से लंड मत दिखाना, लेकिन किसी तरह से उसे विश्वास दिलाओगे कि तुम्हारा लंड मोटा है लंबा है तो वो ख़ुद लंड देखने के लिए खुशामद करेगी। वाह आनंद मज़ा आ गया।

अंजली बोल ही रही थी कि आनंद ने बूर को रस से भर दिया। दूसरी तरफ़ माया मस्ती से चुदवाती रही। क़रीब दस मिनट बाद दर्ज़ी भी झड़ने लगा। माया ज़ोर से चिल्लाई,

“चाचा, मज़ा आ गया।”

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