पड़ोसन आंटी और उसकी बेटी

दोस्तों मेरी नई चुदाई कहानी में आपका स्वागत। मेरे फ्लैट के बगल वाले फ्लैट में एक फैमिली रहती है, जिसमे एक अंकल-आंटी, और उनकी एक बेटी रहती है। आंटी की उम्र लगभग 45 साल है। लेकिन उनका फिगर ऐसा है कि वो 25 साल की लगती है। और थोड़ी फ्रैंक है। वो डेली जम कर एक्सरसाइज करती है, और अपने फिगर को मेंटेन रखती।

आंटी का नाम सीमा है। उनको देख कर अच्छे-अच्छे लोगों का खड़ा हो जाता है, और पैंट में ही पानी निकल जाता है। उनकी बेटी की उम्र लगभग बीस साल है। बला की सुंदर है वो। लंबा कद, गोरा रंग, एक-दम जबरदस्त फिगर, बिल्कुल अपनी मां की तरह। हमारा आना-जाना उनके घर पर अक्सर होता रहता है। उन लोगो से हमारे संबंध काफी अच्छे है।

मेरी पर्सनेलिटी भी एक-दम जबरदस्त है, कि कोई भी लड़की और औरत मुझ पर कर मिटती है। मैं बिल्कुल अक्षय कुमार जैसे फिगर का मालिक हूं। मुझे पता था सीमा आंटी और उनकी बेटी कोमल भी मुझ पर फिदा थी। मैं आंटी को कभी-कभी छेड़ देता था, जिसका वो कभी बुरा नहीं मानती थी।

एक दिन मेरी पत्नी रिया अपने बुटीक के काम से कही मार्केट गई हुई थी। तभी आंटी आ गई। उन्होंने एक स्लीवलेस टॉप और नीचे जैगिंग डाल रखी थी। उनके बूब्स एक दम कसे हुए है। टॉप में साफ साफ उनकी शेप नज़र आ रही थी, और जेगिंग भी इतनी टाइट थी कि उनकी गांड के उभार और चूत की शेप दिख रही थी। उन्होंने पैंटी नहीं डाल रखी थी।

आंटी आते ही बोली: अरुण रिया कहा है?

मैं उन्हे देख कर बोला: अरे आंटी, रिया को छोड़ो मुझे पकड़ लो।

वो बोली: बेशर्म, तेरा क्या पकड़ू (वो कुछ मजाक में बोली)!

मुझे पता था वो मुझ पर मरती थी। तभी मैंने उनकी गांड पर एक थपकी मार दी।

मैं बोला: रिया तो बाहर गई है। कोई काम है तो बताओ।

वो बोली: नहीं, रिया से ही काम है।

और वो जाने लगी।

मैं बोला: आंटी आप बड़ी खतरनाक हो। सामने आकर पानी निकलवा कर चली जाती हो। और जाने के बाद मन में हलचल मच जाती है। किसी दिन अपनी देदो।

वो बोली: यार अरुण, तुम्हे कोई ना नहीं बोल सकता। बोलो कब लेनी है? आज ही हो जाए?

मैं बोला: आ जाओ आंटी, नेकी और पूछ-पूछ।

उनको देख कर खड़ा तो मेरा पहले ही हो गया था। आंटी भी मेरे खड़े लंड को देख चुकी थी। मैं अपने लंड पर हाथ लगा कर बोला-

मैं: देख लो इस शैतान को कैसे बाहर झांकने को हो रहा है।

आंटी मेरे पास आई और लंड पर हाथ रख कर बोली: मेरे मुन्ने राजा, आज तुझे अपनी झील की सैर करवा देती हूं।

उन्होंने मेरा लोअर नीचे करके लंड को पकड़ लिया।

वो लंड को देख कर बोली: यार तेरा हथियार भी तेरी तरह मस्त है। देख कर तो मजा आ गया है। अब इसका टेस्ट भी लिया जाए।

इतनी देर में मैंने उनकी जेगिंग के उपर से उनकी चूत की जो लकीर दिखाई दे रही थी, उस पर अपनी उंगली फिराई। ऐसा करके तो आंटी उठी और मेरे होठों को अपने होठों से पकड़ लिया, और काटने और चूसने लगी।

मैंने आंटी के बूब्स दबाने शुरू कर दिए। ऐसा करते ही वो बेकाबू हो गई, और मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी। क्या जबरदस्त चूसा, मैं तो जन्नत में पहुंच गया। मैंने उन्हे खड़ा करके उनके टॉप को निकाल दिया। ब्रा तो उन्होंने पहनी नहीं थी। लेकिन उनके बूब्स काफी टाइट थे।

मैंने उन्हें पकड़ कर मसल दिया। वो कराह उठी। मैंने उनकी जेगिंग खींच कर नीचे कर दी। उनकी चूत को देखा तो एक-दम नई चूत जैसी दिख रही थी। बिलकुल क्लीन शेव हल्की सी, काली, लेकिन अंदर से बिलकुल गुलाबी, किसी सोलह साल की लड़की की चूत जैसी।

मैं बोला: आंटी क्या खजाना ले रखा है आपने। आज मैं इसे लूट लेता हूं।

वो बोली: अरे यार कब से मैं इस खजाने को तुझे सौंपने को मरी जा रही थी। लेकिन कभी मौका ही नहीं मिला।

मैं बोला: आंटी…!

वो बीच में ही मुझे टोकते हुए बोली: अब ये क्या आंटी-आंटी लगा रखा है! यार सिर्फ सीमा बोल।

मैं बोला: चल सीमा, अब घोड़ी बन जा।

वो बोली: ठीक है मेरे राजा।

उसने अपनी जेगिंग पूरी उतारी और मेरे सामने टेबल पकड़ कर झुक गई। मैंने तुरंत अपना लंड पीछे से उनकी चूत पर सेट किया, और जोरदार धक्का मार दिया। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। वो चिल्लाने लगी-

आंटी: अबे यार बाहर निकाल, बहुत मोटा है तेरा।

लेकिन मैंने उसके चूतड़ों को टाइट पकड़ रखा था। इसलिए वो आगे नहीं निकल पाई। मैं दनादन उनकी चूत को चोदने में लगा रहा। अब उनको मजा आने लगा। वो आह आह की आवाज निकाल रही थी। लगभग पंद्रह मिनट के बाद वो झड़ गई। अब चूत से पानी आने की वजह से लंड बहुत आराम से बाहर-भीतर हो रहा था। दस मिनट के बाद मेरे लंड ने भी अपना पूरा मॉल सीमा की चूत में छोड़ दिया।

मैंने फिर उसे सीधा किया, और होठों पर एक किस्स किया। फिर वो अपनी जेगिंग और टॉप लेकर मेरे बाथ रूम में चली गई, और साफ हो कर, कपड़े पहन कर आ गई।

वो बोली: अब मैं जाती हूं। कोमल भी आने वाली होगी।

और वो जाते-जाते एक और किस्स मेरे गालों पर करके बोली।

आंटी: आज तूने खुश कर दिया मेरे राजा। मजा‌ आ गया।

वो बहुत खुश थी। कुछ दिनो के बाद मैं आंटी के घर गया। मैंने अपनी टीशर्ट और शॉर्ट्स डाल रखी थी। मैं उनके घर गया तो घर पर सिर्फ कोमल थी। वो सोफे पर अपने मोबाइल में बिजी थी। मैं जा कर उसके बगल में बैठ गया, तो देखा वो मोबाइल पर पोर्न देख रही थी। मैंने जैसे ही उसके कंधे पर हाथ रखा, तो वो घबरा गई और हड़बड़ा कर अपना मोबाइल बंद करके बोली।

कोमल: अरे अरुण भैया, आप कब आए?

वो मुझ से नज़रे नहीं मिला पा रही थी। उसको पता था मैंने उसे पोर्न देखते हुए देख लिया था।

मैं बोला: कोमल ये सब क्या देख रही हो? मुझे बोलो सच में दिखा देते है।

उसने एक छोटी सी शॉर्ट पहन रखी थी, और उपर सिर्फ ब्रा जैसा टॉप पहन रखा था। मैं उसे भी चोदना तो चाहता था, लेकिन कभी बोल नहीं सकता था। लेकिन आज उसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैं एक कुंवारी लड़की पर मोहित हो गया था।

उसकी जांघें एक-दम गोरी-गोरी चमक रही थी। मैंने उसकी जांघ पर हाथ रख दिया। वो पोर्न देखते हुए पहले से गरम थी। मेरा हाथ उसकी जांघ को सहलाने लगा। वो जोर-जोर से सांसे लेने लगी। तभी मैंने अपने होठ उसके होठों पर रख दिए। उसने भी मुझे पकड़ लिया, और मेरा साथ देने लगी।

मैंने फिर उसकी शॉर्ट्स नीचे कर दी। क्या मुलायम गोरी-गोरी चूत थी उसकी। देख कर ही मजा आ गया। हल्की सी भूरे रंग की झांटे, थोड़े भूरे रंग के चूत के लिप्स, और अंदर से बिलकुल गुलाबी। मेरा लंड उसकी चूत की गहराई नापने के लिए तैयार हो गया।

वो बोली: अरुण तड़पाओ मत, जल्दी से मेरी गरमी निकाल दो। बाद में मम्मी आ जायेंगी।

मैंने तुरंत अपना शॉर्ट्स नीचे किया, तो वो मेरे लंड को देख कर डर गई।

कोमल: ये तो बहुत बड़ा है! अंदर कैसे जाएगा?

मैं बोला: डरो मत, शुरू में थोड़ी प्राब्लम होगी। बाद में सब ठीक हो जायेगा। जैसा तुमने पोर्न में देखा है।

वो बोली: ठीक है।

वो अपनी टांगे चौड़ी करके सोफे पर ही लेट गई। उसकी चूत थोड़ी गीली थी, क्योंकि वो पहले पोर्न देख रही थी। मैंने कोई तेल नहीं लगाया, और सीधा लंड को उसकी चूत पर सेट कर दिया, और पहले हल्का सा धक्का मारा, तो मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में चला गया। उसे थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन वो सहन कर गई।

फिर मैंने एक जोरदार धक्का लगा दिया। लंड सीधा उसकी कुंवारी चूत को चीरता हुआ उसके अंदर चला गया। वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी, मैंने तभी उसके होठों को अपने होठों से कड़ा जकड़ लिया। उसकी आंखों से पानी आने लगा।

मैं उसकी चूत में ऐसे ही लंड डाल कर थोड़ी देर रुक गया, और उसके बूब्स मसलने लगा। फिर जैसे ही वो शांत हुई, मैंने अपना काम स्टार्ट किया, और लंड को बाहर-भीतर करने लगा। पांच मिनट बाद ही वो झड़ गई। अब सब आसानी से होने लगा और उसको मजा आने लगा।

वो अपनी गांड उठा कर चुदाने लगी। करीब पंद्रह मिनट के बाद मैं झड़ने वाला था, तो मैंने उससे बिना पूछे ही लंड को चूत से बाहर निकाल लिया। वो अभी कुंवारी थी, ऐसा सोच कर कोई प्राब्लम ना हो जाए, मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत के उपर बाहर ही छोड़ दिया।

वीर्य पूरा उसकी नाभी से लेकर चूत पर फैल गया। वो उठी, और उसने वीर्य को पूरा टिश्यू पेपर से साफ किया। मैंने देखा मेरा लंड खून से सना हुआ था। मतलब वो अभी कुंवारी थी, और आज मैंने उसकी सील तोड़ी थी।

वो फिर बाथरूम में गई, और सब धो कर आ गई, और मेरे गले लिपट गई। वो बहुत खुश थी। इस तरह मैंने दोनों मां-बेटी को चोदा। अब तो दोनों का जब मन करता है, महीने में एक दो-बार चूत मरवा लेती है।

तो दोस्तों आपको मेरी ये चुदाई कहानी कैसे लगी बताना जरूर।