पिछला भाग पढ़े:- मेरी खूबसूरत पत्नी को अकेले रहना पसंद नहीं-15
दर्ज़ी ने आनंद के सामने अंजली की बूर में पहला ही धक्का मारा, और अंजली ज़ोर से चिल्ला कर बोली-
अंजली: वाह चाचा, आज तो सच में मज़ा आ गया।
अंजली ने इतनी मस्ती से कहा कि आनंद को संदेह हो गया।
आनंद: तुम चाचा से पहली बार चुदवा रही हो?
दर्ज़ी लगातार ज़ोरदार धक्के मारता रहा। अपनी जांघों और बाहों में बांध कर अंजली मस्ती की सिसकारी मारती रही। अंजली की बूर में ज़ोरदार धक्का मारते हुए, चूचियों को मसलते हुए, दर्ज़ी ने पिछले दिन की सारी बात बता दी।
दर्ज़ी: नहीं साहब, बोला ना पिछले दिन भी इसने मुझसे चुदवाया था। आपकी ये घरवाली बहुत ही ज़हरीली खूबसूरत नागिन है। जिस किसी ने भी इसके बदन को एक बार छू लिया, वो साला मरेगा ही। आपकी घरवाली उसे अपना गुलाम बना ही देगी। औरत है तो इसकी प्यारी बूर में कोई ना कोई लंड घुसेगा ही। लेकिन वो चाहे कोई भी हो, कोई भिखारी हो या महाराजा अंजली का गुलाम हो जायेगा।
दर्ज़ी: 19 साल की उम्र में शादी हुई। उस से पहले 6-7 बूर में लंड पेला था। लेकिन पहली बेगम को चोदने के बाद मैंने फ़ैसला लिया था कि अपनी बेगमों के अलावा किसी और को कभी छुऊंगा भी नहीं। 33 साल में चार बेगम के अलावा किसी को हाथ नहीं लगाया। लेकिन आपकी इस पत्नी ने मेरा नीयत ख़राब कर दी।
दर्ज़ी: पिछले दिन पहली बार अंजली से मिला और इस परी ने मेरी नियत ख़राब कर दी। मैंने अपनी कसम तोड़ दी। अंजली को चोदने के बाद से आंखों के सामने अंजली के सिवा और कुछ था ही नहीं। रात में मेरी छोटी बेगम साहीना ने बहुत कहा कि मैं उसे चोदूं, लेकिन मैं सिर्फ़ अंजली को ही चोदना चाहता था। मैंने उससे कहा कि मुझे चोदने का मूड नहीं है।
दर्ज़ी: फिर उस रंडी ने मेरी बाक़ी तीनों बेगम को साथ लिया। फ़ोन कर बिहारी को बुलाया, और मेरे ही घर में मेरी चारों बेगमों ने बिहारी से चुदवाया। चुदवाने के बाद चारों रंडियों ने मेरे सामने आकर कहा कि मेरे साथ चुदवाने में उन्हें कोई मज़ा नहीं आता है।
अंजली चूत्तड़ उचका कर चुदवा रही थी।
अंजली: साली चारों हरामजादी है। जवान मर्द दिखा तो अपने खाबिद को भूल गई। तुम चारों रंडियों को बारी-बारी से यहां लाओ। मैं उनको ऐसा ट्रेनिंग दूंगी कि सभी तुम्हारे लिए धंधा करेगी। और एक दिन उस बिहारी को भी मेरे पास लाओ। तुम दोनों का लंड बिहारी चूसेगा। तुम लोगों ने अभी मेरी क़ाबलियत देखी ही नहीं है।
आनंद अपनी घरवाली के नंगे बदन को सहलाता हुआ देख रहा था कि अंजली कितनी मस्ती से अपने बाप और ससुर से भी 5 साल बड़े उम्र के आदमी से चुदवा रही थी। सुबह में भी और उस समय भी आनंद ने एक घंटा से ज़्यादा देर तक चोदा था, लेकिन दर्ज़ी के साथ की चुदाई देख कर आनंद समझ गया कि सुबह और अभी भी आनंद सिर्फ़ अंजली की बूर में लंड पेल कर अंदर-बाहर कर रहा था। लेकिन चूदाई का मज़ा तो अंजली को दर्ज़ी के साथ की चूदाई में ही आ रहा था।
अंजली मस्ती की सिसकारी मारते हुए मज़ा ले ही रही थी। दर्ज़ी भी दोनों हाथों से नंगे बदन को सहलाते हुए पूरी ताक़त से पेल रहा था।
दर्ज़ी: अंजली मैडम…
अंजली ले चूत्तड़ उचकाया और दर्ज़ी को आगे बोलने से रोक दिया।
अंजली: क्या चाचा, मैं चाचा से चुदवा रही हूं और तुम मैडम-मैडम बोल कर मुझे बेगाना कर रहे हो। बेटी समझ कर चोदोगे तो ज़्यादा मज़ा आयेगा। अब मैडम नहीं बेटी-बेटी बोल कर चोदो।
दर्ज़ी पूरी तरह से अंजली के वश में हो गया था।
दर्ज़ी: सच अंजली बेटी, मैंने बहुतों को नहीं चोदा है। लेकिन कुल मिला कर 7 कुंवारी लड़कियों की चूत फाड़ी है। उन्हें सबसे पहले मैंने चोदा था। लेकिन बेटी, तुम्हारी जैसी बढ़िया माल और कोई नहीं।
आनंद: बस काका, अपनी बेटियों, भाई की बेटियों को चोदोगे तो और मज़ा आयेगा।
दर्ज़ी: मेरी बेटियों को तुम ही चोदो, अब जब तक ज़िंदा हूं अपनी इस प्यारी बेटी, तुम्हारी घरवाली को मैं चोदता ही रहूंगा। सच कहता हूं बेटी, हर औरत के पास वही होता है जो तुम्हारे पास है। लेकिन तुम्हारे बदन और तुम्हारी इस प्यारी चूत में कुछ तो बहुत ख़ास है। मैं जल्दी यह देखना चाहता हूं कि तुम में और मेरी बेटी रुखसार में क्या अंतर है। दोनों को अगल-बगल लिटा कर चोदूंगा।
अंजली की ख़ूबसूरती और जवानी ने एक शरीफ़ आदमी को बेटीचोद बना दिया। आनंद के लंड को चाट चूस कर दर्ज़ी ने ढीला कर दिया था, लेकिन अभी घरवाली को अपने से तीस साल बड़े उम्र के आदमी के साथ मस्ती से चुदवाते देख आनंद का लंड फिर से टाईट हो गया।
आनंद ने घरवाली की चूचियों को हाथ लगाया तो अंजली ने झटक दिया।
अंजली: अभी हाथ मत लगाओ। चुदवाते समय जब कोई औरत किसी दूसरे मर्द का लंड सहलाती है, चूसती है, चूचियों को दबाने देती है तो उसका मतलब है कि उसे चुदवाने में मज़ा नहीं आ रहा है। अभी चाचा अपनी बेटी को बहुत ही मस्त कर रहा है। अभी हाथ मत लगाओ, चाचा को पूरा मज़ा लेने दो। चाचा, अपनी ही माल समझ कर चोदो।
अंजली के चेहरे और आंखों से मस्ती छलक रही थी। शादी के बाद आनंद ने अंजली को इतना खुश पहले कभी नहीं देखा था। उसका पूरा बदन थिरक रहा था।
दर्ज़ी: जानते हो आनंद, जब से चूदाई शुरु की है कम से कम दस हज़ार बार चोदा है। लेकिन अंजली बेटी ने ही पहली बार मुझे औरत की मस्त जवानी दिखाई। इससे पहले किसी ने भी अपने सारे कपड़े नहीं खोले थे। मेरी चारों बेगम साड़ी ही पहनती है। जब चुदवाना होता है तो साड़ी और साया को कमर तक उठा देंगी। बहुत गर्म हो गई तो ब्लाउज़ के बटन खोल देंगी लेकिन इस तरह नंगी पहले कोई नहीं हुई।
आनंद: और चाचा पहली चुदाई से लेकर आज तक मैंने किसी को भी बिना पूरा नंगा किए नही चोदा। मैंने कई दूसरी औरतों को, घर की औरतों को भी बार-बार चुदवाते देखा है। सब की सब पूरी नंगी होकर ही चुदवाती है।
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