मां बेटे की चुदाई – एक मनोचिकित्सक की ज़ुबानी-4

पिछला भाग पढ़े:- मां बेटे की चुदाई – एक मनोचिकित्सक की ज़ुबानी-3

नसरीन अपनी और अपने शौहर की चुदाई की कहानी सुना रही थी। तभी नसरीन को ध्यान सा आया कि उसने अपने कारोबार के बारे में तो मुझे कुछ बताया ही नहीं। इस कारोबार से ही तो नसरीन के असली कहानी जुड़ी हुई थी।

नसरीन ने अपने आगरा के कारोबार के बारे में बताना शुरू किया।

नसरीन बताने लगी, “हम लोगों की आगरा के सदर बाजार में अपनी किताबों की दुकान है, शाह जी बुक स्टोर। दुकान ऊपर नीचे बनी हुई है। ऊपर का कमरा पहले गोदाम के तरह इस्तेमाल होता था। अब ये कमरा काम के दौरान दोपहर को आराम करने के लिए इस्तेमाल होता है।”