दादी माँ की मनोहर कहानियां-2

पिछला भाग पढ़े:- दादी माँ की मनोहर कहानियां-1

मैं: साली बुढ़िया, शर्म है ना लाज। कैसे अपने ही पोते से अपनी चूत चुसवा रही है। ले बहन की लौड़ी, मेरा लौड़ा चूस कर साफ़ कर। मैंने देखा दादी के चेहरे पे एक अलग मुस्कान सी आ गयी। शायद वो भी चाहती थी कि अब मैं उनकी एक रंडी की तरह चुदाई करूं।

दादी मेरे लौड़े को चूसते हुए मेरे आँखों में आँखें डाल कर इशारा कर रही थी कि मैं उनके मुंह को चोदूं। और मैंने उनके मुंह में अपना लौड़ा अंदर-बाहर करना और तेज़ कर दिया।

एक तो मेरा इतना बड़ा लौड़ा, दादी के मुंह से सिर्फ गौ गौ गौ गौ की आवाज़ आ रही थी, और मुंह से पूरा लार नीचे तक टपक रहा था। तेज़ी बढ़ाने के कारण उनके आँखों में आंसू थे। पर उनके चेहरे में एक हवस से भरी ख़ुशी थी। अब दादी लौड़ा चूसते-चूसते थक गयी और जैसे ही मैंने उनके मुंह से अपना लौड़ा निकाला, वो बोल पड़ी-