स्कूल मैडम की जवानी-5

पिछला भाग पढ़े:- स्कूल मैडम की जवानी-4

दोस्तों, जैसे की पहली सेक्स स्टोरीज़ में मैंने आपको बताया था कि कैसे मैंने अपने बेटे की मैडम को और उनकी एक दोस्त को चोदा था। बाद में मैंने मैडम को ट्रेन में भी चोदा, और दोनो को प्रेगनेंट किया। दोनों एकता और साक्षी अपनी प्रेगनेंसी से बहुत खुश थी। लेकिन मुझे कई दिनों से मेरी पत्नी रिया के अलावा किसी की चूत नहीं मिली थी। क्यूंकि एकता के मिलने के बाद मेरी नई-नई चूत मारने की आदत हो गई थी। और जैसे मैंने आपको बताया ट्रेन में एकता ने अपनी और भी सहेलियों को मुझसे चुदवाने का वादा किया था, मेरी चूत मारने की भूख बढ़ती जा रही थी।

वैसे तो मैं कभी-कभी ब्लोजॉब एकता के यहां जा कर ले लेता था। लेकिन उसके प्रेगनेंट होने की वजह से उसकी चूत नहीं मार पाता था। वो बोलती भी थी कि आप ले लो, लेकिन आखिर उसके पेट में भी तो मेरा ही बच्चा था। मैं मशीनरी पोजिशन में मारने का शोकिन हूं, तो उसमें बच्चे को नुकसान हो सकता था। लेकिन एकता ब्लोजॉब देने की भी खिलाड़ी थी। मैं उसी से संतुष्ट हो जाता था, और चुदाई अपनी रिया की कर लेता था।

एक दिन मैं शाम को ऑफिस से सीधा एकता के फ्लैट पर चला गया।

वो मुझे देख कर बोली: अरे आप आज शाम को यहां?

मैंने कहा: रिया अपने अंकल के यहां दो दिन के लिए गई है। उनके यहां एक फंक्शन है, तो मुझे कल जाना है। तो मैंने सोचा आज डिनर आपके साथ ही कर लिया जाए।

वो बोली: ये आपने अच्छा किया। मैं अभी डिनर ऑर्डर कर ही रही थी।

फिर उसने डिनर ऑर्डर किया, और हम बैठ गए। तभी बाथरूम से एक बहुत ही सुंदर अप्सरा जैसी लड़की सिर्फ स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट में बाहर आई। मुझे देख कर वो एक-दम वापस अंदर जाने लगी, पर एकता ने उसे अपने पास बुलाया और बोली-

एकता: ये ही अरुण जी है, जिनके बारे में मैंने तुम्हे बताया था।

उसका नाम निधि था। वो मैडम के स्कूल में नई अप्वाइंट एक कंप्यूटर टीचर के लिए हुई थी। उसका सामान नहीं आने की वजह से वो आज रात एकता को यहीं रुकने वाली थी।

मैं लगातार निधि को देखे जा रहा था। वो थी ही इतनी गजब और शॉर्ट से उसकी जांघें एक-दम दूध जैसी सफेद। क्या गजब का मॉल थी।

तभी एकता बोली: इसे ही देखे जाओगे या हमारी तरफ भी कुछ ध्यान है?

और एकता मेरे बगल में आ कर बैठ गई। फिर उसने मेरे गालों पर किस कर दिया।

मैं बोला: हम दोनों नहीं है, रूम में और भी कोई है। क्या कर रही हो?

तो एकता बोली: कोई बात नहीं, वो भी आपकी हो जायेगी।

मेरा मन तो एक-दम बैचेन हो गया: यार क्या मॉल है। एक बार मेरे बिस्तर पर आ जाए तो पूरा खा जाऊं।

मैं ऐसा सोच ही रहा था कि निधि अपने बाल सुखाने बालकनी में चली गई।

तो मैं एकता से बोला: तुम क्या बोली, वो मेरी ही तो है?

तो एकता बोली: उसे हमारे रिश्ते के बारे में पता है। और वो भी तुम से कराने के लिए बेकरार है।

ओहो, मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

एकता बोली: यार तुम्हे कुछ तो देना था ना। यहीं गिफ्ट समझ लेना।

मैं बोला: मेरी रानी, आज तुम बहुत कीमती गिफ्ट दे रही हो।

और मैंने उसे गले लगा कर होठों पर किस कर दिया। फिर खाना आने पर हमने खाना खाया। खाते हुए एकता बोली-

एकता: मैं निधि से मिलाने के लिए तुम्हें कल दिन में बुलाने वाली थी। मतलब निधि को चुदवाने के लिए।

एकता से ऐसा सुनते ही मेरे लंड में सनसनी मच गई, और लंड पैंट फाड़ कर बाहर आने को हो गया। सामने बैठी निधि चुदवाने का नाम सुनते ही शरमा गई।

एकता बोली: पागल, अभी तो मुझे बोल रही थी मैं कब चुदूंगी। अब आज रात ही तेरी तमन्ना पूरी हो जायेगी, और तू शरमा रही है।

हमने अपना डिनर फिनिश किया, और वहीं सोफे पर बैठ कर बातें करने लगे। एकता ने मुझे किस करना शुरू कर दिया, और निधि को बोली-

एकता: तू भी आ कर हमें ज्वाइन कर ले।

पहले तो वो शरमाई, फिर मेरे बगल में आ कर बैठ गई और कुछ किया नहीं। फिर मैंने ही उसे पकड़ा, और अपने उपर डाल लिया, और उसके मुंह को चूमने लगा। वो एक-दम लाल हो गई। उसका चहरा एक-दम चमक रहा था। उसकी सांसे फूलने लगी। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया।

एकता ने झट से मेरी पैंट उतारी और लंड पकड़ लिया। वो तो अब ब्लोजॉब की उस्ताद हो गई थी। वो लंड को अपने मुंह में लेकर चालू हो गई। मैं निधि के बूब्स दबाने लगा। वो मस्त हो कर सिसकारियां लेने लगी।‌ तभी मैंने एक हाथ उसकी शॉर्ट्स में डाल कर उसकी चूत को महसूस किया। वो हल्की गीली हो गई थी। मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। वो और ज्यादा मचलने लगी।

तभी मेरा छूट गया। एकता मेरा पूरा मॉल पी गई। अब मैंने निधि को गोद में उठाया, और उसे बेडरूम में ले गया। एकता भी हमारे साथ ही बेड रूम में आ गई।

वो बोली: नई चूत है, तो मेरी जरूरत पड़ेगी।

हम तीनों बेड पर आए। मैंने निधि की शॉर्ट्स उतार दी। उसकी चूत देख कर मेरे होश उड़ गए। क्या मस्त चीज थी। छोटे-छोटे बाल, गुलाबी रंग की फांक, और अंदर से एक-दम गुलाबी। मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी, और उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा। मस्त मजा आ रहा था। मैंने अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी, उपर से एकता उसकी चूची दबा रही थी, और उसके लिपलॉक कर रखे थे।

इतने में एकता ने उसकी चूत में लंड डालने का इशारा किया। मैं उठा और लंड उसकी चूत पर सेट किया। फिर एक धक्का दिया तो मेरा हल्का सा ही उसके अंदर जा पाया। क्योंकि उसकी सील पैक चूत थी, और वो इतने में ही दर्द से छटपटाने लगी।

लेकिन उपर से एकता ने और नीचे से मैंने उसे पकड़ रखा था। तो वो हिल भी नहीं सकी। तभी मैंने एक जोर का धक्का मार दिया। मेरा लंड पूरा उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया। वो बुरी तरह से तड़प उठी। शायद उसको इतने दर्द की उम्मीद नहीं थी।

अब मैंने उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू किया, तो करीब पांच मिनट बाद वो नॉर्मल हो गई, और मेरा साथ अपने कूल्हे उठा कर देने लगी। मैं दनादन नई चूत को चोदे जा रहा था।

एकता बोली: तुम दोनों के चक्कर में मेरी चादर गंदी हो गई है।

सील टूटने के कारण निधि की चूत से खून बह रहा था।

मैंने कहा: तुम्हीं ने कहा था कि सील पैक गिफ्ट दिया है।

अब करीब बीस मिनट के बाद मेरा निधि की चूत में सारा मॉल गिर गया, और मैं उसके ऊपर लेट गया। वो उठी और उससे चला नहीं जा रहा था। वो नंगी बाथरूम में चली गई और शावर चला कर नहाने लगी। लेकिन एकता मुझसे आज चुदने की जिद कर रही थी।

तभी उसने मेरे नरम पड़े लंड को पकड़ लिया और हिलाने लगी।‌‌ फिर वो मेरे निप्पल चूसने लगी। ऐसा पांच मिनट करने के बाद मेरा फिर से खड़ा हो गया। फिर वो घोड़ी बन गई, और मैंने उसे उसी पोजिशन में चोद दिया। इतने में निधि शावर लेकर बाहर आ गई। उसने अपने शरीर पर टॉवल लपेट रखा था। वो अब और भी सुंदर लग रही थी। वो हमारे पास आई और हमारी चुदाई को देखने लगी।

वो बोली: मुझे भी ऐसे घोड़ी बन कर करना है।

एकता बोली: तू थोड़ा रुक जा। आज तेरी चुदाई का ही दिन है। जैसे तू बोलेगी अरुण तेरी लेगा।

मैं फटाफट एकता को चोद रहा था। इतने में मेरा छूटने वाला था, तो एकता आगे से हट गई। मेरा लंड बाहर आ गया। फिर उसने एक-दम निधि को मेरे सामने घोड़ी बना दिया, और उसकी चूची दबाने लगी। मैंने भी फटाक से उसकी चूत पर लंड रखा, और धक्का मार दिया। वो चिल्ला पड़ी। ऐसे ही पूरी रात में मैंने निधि को चार बार और चोदा, और हम ऐसे नंगे ही एक बेड पर ही सो गए।

दोस्तों और नई कहानी के साथ मैं जल्दी आऊंगा, और एकता की एक और दोस्त को कैसे मां बनाया बताऊंगा। मैंने एकता की आठ दोस्तों को मां बनाया, और तीन कुंवारी दोस्तो को चोदा। मैंने मुंबई वाली साक्षी की एक दोस्त को भी चोदा, उसी के घर में मुंबई में। ये सभी कहानियां मैं एक-एक करके आपको बताऊंगा।

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी जरूर बताना।

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