अंकिता और मेरी कामवासना-2

पिछला भाग पढ़े:- अंकिता और मेरी कामवासना-1

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा मुझे मेरे पास पढ़ने आने वाली एक लड़की बहुत सेक्सी लगती थी। फिर मैंने उसको खुश रखना शुरू किया, और आखिरकार उसने मुझे अपने प्यार का इजहार किया। फिर हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे। लेकिन तभी उसके घर से फोन आ गया।

अंकिता लगातार मुझे देख रही थी, और मैं उसे। उसने अपने घर पर कहा कि वो जया (अंकिता की वो दोस्त जिसका नाम लेकर वो मेरे साथ घूमने लगी थी। जो थी नहीं, बस नाम था) के यहां थी, खाना खा कर आयेगी, और देर हो जाएगी। फोन रख कर अंकिता एक बार फिर मेरी बाहों में थी।

कुछ देर बाद हम दोनों ने कुछ-कुछ अपनी शक्ल सही की, और डिनर के लिए बाहर गए। उस दिन अंकिता दोनों वक्त आते और जाते समय बिल्कुल मुझसे चिपक कर ही बैठी थी, और उसका एहसास मुझे हो रहा था। रात के करीब नौ बज चुके थे। मैंने अंकिता से कहा-

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