रंडी बहन की चुदाई-1

भाई बहन सेक्स कहानी में आपका स्वागत है। चलिए शुरू करते है-

दोस्तों मेरा नाम राजू है, और मेरी एक बड़ी बहन है तूलिका। मैंने कभी दी को बुरी नज़रों से नहीं देखा था। वो मुझसे 4 साल बड़ी थी। पहले तो मुझे मेरी बहन दिखने में बंदरिया ही लगती थी। तब शायद मैं छोटा भी था, और उसकी भी जवानी फूटी नहीं थी।

पर मेरा नजरिया दी के बारे में बदलना शुरू हुआ जब मैं कॉलेज में पहुंच गया और दी भी कॉलेज में थी। कॉलेज में जाते से ही ना जाने क्या हुआ दी को वो थोड़ा फैलना शुरू हो गई। उनके बोबे और गांड काफी सुडोल होने लगे।

मैं कई बार ना चाहते हुए भी उन्हें घूर-घूर कर देखता था। दीदी के ये बदलाव मेरे दोस्तों ने भी देख लिए थे, और वो कई बार मेरी बहन के बारे में गंदी-गंदी बात भी करते थे। जिस वजह से मेरी उनसे लड़ाई भी हो चुकी थी।

भले ही मैं उनसे लड़ गया हो, पर मन ही मन मैं भी दीदी के बारे में गंदा ही सोचने लग गया था। उन्हें हमेशा हवास की नज़र से ही देखता था। और मस्ती मारते में कई बार उनको छूता भी था। तूलिका मेरी बड़ी बहन बिपाशा बसु से कम नहीं थी। सांवला रंग और भरा पूरा बदन। मोटे रसीले होंठ। पूरा का पूरा पैकेज बन चुकी थी मेरी बहन।

मैं मौका देख कर उनकी अंडरवियर सूंघता था, और अगर गलती से उन्होंने उसे बाथरूम में छोड़ दिया हो, तो नहाते हुए उसमें मुठ भी मारता था। चुपके-चुपके उनके फोटो खींचता था, और रात को सोने के बाद जब दी गहरी नींद में सो गई हो, तो उनकी नरम मुलायम चूचियों को स्पर्श करता और उनकी गांड सहलाता था।

फिर एक दिन दोस्तों के साथ भटक रहा था, तब मेरा एक हरामी दोस्त मुझसे बोला-

दोस्त: और राजू कैसी है तूलिका दीदी? चल फिर तो पा रही है ना ढंग से?

राजू: हां, पर तू ऐसा क्यों पूछ रहा है?

दोस्त: मैंने देखा था ज्यादा चुदने के बाद लड़किया ढंग से चल नहीं पाती है।

राजू: ओए साले, क्या बोल रहा है, मेरी बहन है वो! (ये बोल कर मैंने उसका कॉलर पकड़ लिया)

दोस्त: सच कड़वा ही लगता है। (बस उसने यह कहा ही और मैंने एक चांटा जड़ दिया।)

दोस्त: तेरी बहन कॉलेज की रांड है, पुछवा दू किसी से भी? सब लड़कों का लेती है वो। तब ही तो अचानक बोबे और गांड बड़ी हुए जा रहे है।

एक पल के लिए मैं भी सोच में पड़ गया सुना तो मैंने भी था कि सेक्स करने से लड़कियों का शरीर और सुडोल होता है।

दोस्त: सोच क्या रहा है? सच बोल रहा हूं मैं। और हवास भरी नज़रों से तो तू भी देखता है।

राजू: मैं ऐसा कुछ भी नही करता।

दोस्त: चल बे झूठे, मेरे साथ ही लड़कियां टापता है। मुझे नहीं पता क्या।

राजू: नहीं ये गलत है। वो मेरी बहन है।

दोस्त: बे तू नल्ला का नल्ला ही रहेगा। मैं होता तो अभी तक तो चोद चुका होता।

राजू: ये बहुत हो रहा है। इतना ही शौंक चढ़ रहा है ना चोदने का, तो जाकर अपनी बहन को चोद।

दोस्त: अपनी बहन को तो मैं चोदता ही हूं। तेरे जैसा थोड़ी हूं। अपने घर की पिच की ओपनिंग मैंने ही करी है।

ये बोलते ही उसने फोन निकाला, और उसकी बहन को नंगी तस्वीरें दिखाने लगा। उसमें उसकी बहन उसका लंड चूस रही थी। और फिर उसने पूरा वीडियो दिखाया अपनी बहन को चोदते हुए।

उस रात घर जाकर मैं बहुत सोच में पड़ गया। क्या सही है क्या गलत? चोदना तो मैं भी अपनी बहन को चाहता था। पर कैसे करता? मैं अपने दिमाग में कई कहानियां बनाने लगा कि किस तरह मैं अपनी बहन को चोदूंगा। पर मुझे बस यही डर लग रहा था, कि अगर दीदी ने मना कर दिया तो हमारा रिश्ता हमेशा के लिए खराब हो जाएगा। क्या सोचेंगी वो मेरे बारे में?

कुछ दिन बाद मैंने अपने वहीं दोस्त से पूछा:‌ तूने तेरी बहन को कैसे चोदा? उन्होंने मना नहीं करा?

उसने मुझे एक तरीका बताया जिससे मेरी दीदी खुद मेरा लंड चूसेगी। उसने मुझे पूरा प्लान बताया कि क्या और कैसे करना था।

पापा-मम्मी कुछ दिन के लिए बाहर जाने वाले थे। तब मैंने तैयारी करनी शुरू करी। दोस्त की दी हुई लंड खड़ा करने की दवाई गटक ली मैंने। इससे लंड कई घंटे तक खड़ा रहता है, और झड़ता भी देर से है।

फिर घर वालों के जाने के बाद मैं और दीदी साथ में मूवी देखने लग गए। मैंने जान-बूझ कर ऐसी मूवी लगाई जिसमें काफी सेक्स सीन हो। पहले मैंने ‘365 days’ लगाई और दीदी और मैं साथ में देखने लगे। मैं दीदी के पास ही बैठा था। दीदी ने हमेशा की तरह घर में शॉर्ट्स और टॉप डाल रखा था, और मैंने भी बॉक्सर शॉर्ट डाला था।

आज मैंने अंदर चड्डी नहीं पहनी थी।शुरुआत में तो मैं दीदी के गले में हाथ डाल कर बैठा था। दीदी ने अपना सिर मेरे कंधे पर टिका रखा था, और मेरी गोद में पॉपकॉर्न रखे थे, जिसे हम दोनों ही बारी-बारी से खा रहे थे। जैसे ही मूवी में सेक्स सीन शुरू हुए, हम दोनों ही थोड़ा अनकंफर्टेबल होने लगे।

सेक्स सीन आने तक दवाई ने भी असर दिखाना शुरू कर दिया था, और मेरा लंड मोटा और कड़क हो चुका था, और झटके मार रहा था। उसके झटके मारने की वजह से पॉपकॉर्न का बर्तन हिलने लगा। दीदी की नजर भी पढ़ चुकी थी, और वो थोड़ा सीधा होकर बैठ गई। मैं भी अपने उपर तकिया लेकर बैठ गया।

वहां मूवी में घमासान सेक्स चल रहा था, और यहां हम दोनों शर्म से लाल हो रहे थे। फिर मैं उठा और बाथरूम की तरफ गया। मेरे बॉक्सर में से मेरा मोटा लंबा लंड अलग ही उभरा हुआ दिख रहा था। मैं जैसे ही बिस्तर से उठ कर खड़ा हुआ, मेरे लंड के उपर नीचे हिलने की वजह से पूरा बॉक्सर हिल गया। दीदी की नज़र भी मेरे लंड पर ही थी।

मैंने कहा: दीदी मैं आया वाशरूम से, आप देखो मूवी।

और ये बोल कर मैं बाथरूम की तरफ जाने लगा। मुझे पूरा बेड घूम कर जाना था, इतने लंबे रास्ते में चलते-चलते मेरा लंड हिले जा रहा था। दीदी की नज़रें भी साथ-साथ चल रही थी। लंड सख्त होने की वजह से बॉक्सर में जगह नहीं बची थी और पीछे से बॉक्सर पूरा मेरी गांड पर चिपक गया था।

इसके आगे की बहन की चुदाई कहानी अगले भाग में।

अगला भाग पढ़े:- रंडी बहन की चुदाई-2