साले की प्यासी बीवी की चुदाई

दोस्तों मेरी हिंदी सेक्स कहानी में आपका स्वागत है। तो शुरू करता हूं-

एक बार मैं और मेरी पत्नी रिया मेरी ससुराल दिल्ली गए हुए थे। मेरी ससुराल में मेरे सास-ससुर, उनका छोटा बेटा विकास, उसकी पत्नी मीनाक्षी, और उनके दो बच्चे है।

मेरे साले विकास और उसकी पत्नी का रिश्ता कुछ खास ठीक नहीं है। लेकिन मीनाक्षी भाभी मुझे बहुत मानती है। क्योंकि मैं ससुराल में थोड़ी बहुत उनकी साइड लेता हूं।

मीनाक्षी भाभी बहुत सुंदर तो नहीं लेकिन ठीक-ठाक फिगर वाली है। लेकिन उनकी आंखे एक-दम कातिल है। वो टेढ़ी नज़रों से जब मुझे देखती है, तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है। उनकी सेक्स लाइफ कुछ ठीक नहीं थी, ऐसा वो मुझे बताती थी।

वो मेरे साथ होने पर मुझे अपनी सारी बात बताती थी। विकास को उनके साथ सोए और संबंध बनाए भी एक साल के उपर हो गया था। दो दिन बाद सभी को किसी फंक्शन में हिसार दो दिन के लिए जाना था। मेरे ऑफिस के क्लाइंट के साथ कोई मीटिंग दिल्ली में थी, तो मैंने जाने से मना कर दिया। सभी लोग भाभी को मेरे पास घर पर ही छोड़ गए।

भाभी बहुत खुश थी, कि उन्हें मेरे साथ अकेले रहने का दो दिन का मौका मिल रहा था। वो रात से जब से उन्हें पता चला कि हम दोनों नहीं जाने वाले थे, चहकने लगी थी। जबकि वो बिल्कुल मायूस रहती है। वो रात से ही मेरे साथ दो दिन बिताने की तैयारी में लग गई थी।

घर के सभी लोगों को भी पता था कि मीनाक्षी मेरे साथ खुश रहती है। घर के सभी लोग जल्दी सुबह निकल गए थे। मैं कमरे में सो रहा था करीब सुबह सात बजे तक। तभी मीनाक्षी भाभी मेरे पास में आ कर लेट गई, और मुझे सोते हुए को छेड़ने लगी।

मैं सोया हुआ था। मैंने सोचा रिया मुझे छेड़ रही थी। मैंने उन्हें कस कर पकड़ लिया और अपना एक पैर उनके उपर रख दिया। उसने भी मुझे पकड़ लिया, और हम ऐसे ही सोते रहे। कुछ देर में मुझे मेरी शॉर्ट्स में कुछ हलचल महसूस हुई। कोई मेरे लंड को दबा रहा था, और लंड खड़ा था।

तभी मेरी आंखे खुली तो देखा मीनाक्षी भाभी मेरे लंड को मसल रही थी, और मेरी छाती पर हाथ फेर रही थी। वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी।

मैं बोला: भाभी क्या बात है, सुबह-सुबह ही खेलने लगी?

वो बोली: मैं तो इससे खेलने के लिये कब से इंतजार कर रही थी। आज मेरी मनोकामना पूरी हुई है।

उसने मेरा शॉर्ट्स नीचे कर दिया, और नीचे से मुझे नंगा कर लिया। उसने अपनी नाइटी भी उतार कर फेंक दी। और अंडरवियर में मेरे उपर आकार पड़ गई। मैं अपनी बनियान उतार कर साइड में रख कर नंगा हो गया, और उन्हें चूमने लगा। वो पागलों की तरह मुझे चूमे जा रही थी, और बीच बीच में मेरे लंड को भी मसल रही थी।

मैंने उन्हें अपने नीचे लिटाया, और उसके उपर चढ़ गया। मैंने उन्हें उपर से नीचे तक चूमना शुरु कर दिया। फिर धीरे-धीरे पहले उनके बूब्स चूसे। फिर उनकी नाभि के चारों तरफ जीभ घुमाई। तो वो पागल हो गई। मैंने उनकी पैंटी उतार दी। मैंने देखा उनकी चूत एक-दम क्लीन थी, जैसे अभी साफ की हो।

मैं बोला: क्या बात है भाभी, पहले से ही तैयारी में थी क्या?

वो बोली: हां, जब से आप नहीं जा रहे है मुझे पता चला, तभी से मैं चुदाने की तैयारी में थी। आज मैं आपका लंड पूरा लेकर ही छोडूंगी। मैंने अभी सुबह ही चूत को क्लीन किया है आपके लिए।

उनकी चूत अंदर से एक-दम गुलाबी और टाइट थी। मैंने उनकी चूत पर अपनी जीभ फिरा दी, और चूत को जीभ से छेड़ने लगा। वो एक-दम मस्त हो गई। वो खड़ी हो कर मेरे उपर आई, और जैसे मैंने किया था वैसे ही करने लगी। मुझे अपने नीचे लिटा कर उपर से नीचे तक चूमने और चाटने लगी।

उसने मेरे निप्पलों को चूस-चूस कर लाल कर दिया। उनके ऐसा करने से मेरा लंड भी एक-दम सख्त हो गया। वो जीभ फेरते हुए नीचे आ कर मेरे लंड पर अपनी जीभ घुमाने लगी। मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया।

अब वो मेरे लंड को चूसने लगी। उसने लंड को कुल्फी समझ रखा था। बार-बार बाहर निकलती और चूसती। मैंने उसके बालो को पकड़ कर उसके मुंह को कड़ा दबा लिया। लंड उसके हलक तक टकरा रहा था। मैं उपर उठ-उठ कर उसके मुंह को चोद रहा था। वो भी एक काबिल रंडी की तरह लंड को लोलीपॉप बना कर चूस रही थी।

उसे पता था कि मुझे लंड चुसवाने में मजा आता है। लेकिन रिया मेरा चूसती नहीं है, बाकी सभी तरह से सेक्स कर लेती है।‌करीब पंद्रह मिनट तक वो मेरा चूसती रही, मुझे मजा आता रहा। तभी मेरा वीर्य निकल गया। वो गपागप वीर्य को पी गई, और लंड को जीभ से चाटने लगी। हम एक बार ढीले हो गए। और बेड पर वो मेरे बगल में लेट गई।

मैं बोला: मजा आ गया भाभी, आज तो आपने मुझे जन्नत में पहुंचा दिया। मैं तो आपसे से ये मजा बहुत पहले से लेना चाहता था। लेकिन बोला नहीं, कहीं आपको बुरा ना लगे।

वो बोली: अरे आप कभी तो आगे बढ़ते। मैं तो कब से तैयार थी आपसे चुदने को। आपके सेक्स के किससे मैंने दीदी के मुंह से सुने है। क्या गजब की किस्मत है दीदी, कि जो उसे आप इतना संतुष्ट रखते हो। दीदी तो मजे में रहती होगी।

फिर मैंने उसे अपने उपर पटक लिया, और उसके उपर लेटे हुए ही उसकी चूत में लंड डालने लगा। उसने लंड को पकड़ कर चूत पर सेट कर लिया, और अपने से ही जोर से लंड पर बैठ गई। वो एक बार चीख पड़ी, क्योंकि मेरा लंड बड़ा है, और वो सीधा एक बार में ही अंदर चला गया। उन्हें भी थोड़ा सा दर्द हुआ, क्योंकि उन्हें चुदाई हुए कई दिन हो गए थे।

वो मेरे उपर से मुझे करीब दस मिनट चोदती रही। फिर मैंने ऐसे ही उसे पलट कर अपने नीचे ले लिया, और उसकी जोरदार चुदाई शुरू कर दी। वो सिसकारियां लेती रही, और मैं अपनी पूरी ताकत से उसे चोदता रहा। करीब पंद्रह मिनट के बाद मैंने मेरा सारा मॉल उसकी चूत में ही छोड़ दिया, और उसे कड़ा दबाए रखा। वो भी मुझसे लिपटी रही और मेरे मुंह को चूमती रही। पांच मिनट में हम दोनों अलग हुए, और बेड पर ऐसे ही नंगे पड़ गए।

वो बोली: आज आपने मेरी बरसों की प्यास बुझा दी जीजा जी। विकास ने आज तक मुझे ऐसे नहीं चोदा। बस दो बच्चे पैदा कर दिए, पर मुझे कभी मजा नहीं आया। उनका सेक्स में इंटरेस्ट ही नहीं है।

हम दोनों खड़े हुए। फिर मैं रेडी हुआ और मीटिंग के लिए निकल गया। दोपहर करीब एक बजे मैं वापस घर आ गया, और लंच करने के बाद हम फिर बेड पर गए, और चुदाई शुरू कर दी। मैंने दो दिन भाभी को खूब चोदा हर स्टाइल में। उनकी गांड भी मारी। वो बहुत खुश थी।

दो दिन बाद सभी आ गए। हम भी बंगलौर के लिए निकल गए। अब जब भी मेरा दिल्ली जाना होता है, तो मैं भाभी को मौका देख कर चोद देता हूं, और वो भी मेरा बेसब्री से इंतजार करती है।

दोस्तो मेरी ये चुदाई कहानी आपको कैसी लगी बताना जरूर।