पिछला भाग पढ़े:- तलाकशुदा साली चढ़ी लंड पर-1
नमस्कार दोस्तों, मैं Thor अपनी साली की चुदाई कहानी का अगला पार्ट लेके आया हूं। आप लोगों ने जो मेरी कहानियां पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया दी है, उसके लिए मैं आप सब का तहे दिल से आभारी हूं। चलिए अब कहानी शुरू करते है देवांश की जुबानी।
मेरी कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मेरी साली करिश्मा बहुत खूबसूरत थी, और मैं उसकी चुदाई करना चाहता था। जब वो मेरे घर आई, तो मैंने उस पर हाथ डालने की कोशिश की, लेकिन मुझे थप्पड़ खाना पड़ा। फिर उसकी शादी हो गई, लेकिन 6 महीने बाद उसका डाइवोर्स भी हो गया।
अब उसका मन बदलने के लिए फिर से हम उसको अपने घर ले आए। करिश्मा पहले से ज्यादा सेक्सी हो चुकी थी, लेकिन इस बार मेरी हिम्मत नहीं थी उसको कुछ करने की। फिर एक दिन सुबह करिश्मा की चिल्लाने की आवाज आई। मैं भाग कर उसके रूम के बाहर गया। मैंने पूछा तो उसने मुझे उसको बचाने के लिए कहा। फिर मैं दरवाजे को धक्का दे कर अंदर चला गया। अब आगे की कहानी-
जैसे ही मैं अंदर गया, तो अंदर का नज़ारा देख कर मैं हैरान रह गया। करिश्मा टॉवल बांध कर बेड पर चढ़ी हुई थी, और चिल्ला रही था। मैंने उससे पूछा तो वो जोर से बोली-
करिश्मा: जीजू चूहा!
उसके कमरे में एक मोटा चूहा घुस आया था, जिसको देख कर वो चिल्ला रही थी, क्योंकि उसको चूहों से डर लगता था। फिर मैंने जल्दी से पास से झाड़ू पकड़ा, और चूहे को कमरे से बाहर भगाने लगा। वो चूहा उल्टा बेड की तरफ भाग गया, और करिश्मा चीखती हुई नीचे आने लगी।
वो जब नीचे आने लगी, तो बेड पर रखे कंबल में उसका पैर अटका, और वो गिरने लगी। उसको गिरती देख मैंने झाड़ू छोड़ कर उसको संभाला। वो तेजी से गिर रही थी, तो उसको संभालते हुए मैं भी उसके साथ गिर पड़ा।
अब हम दोनों फर्श पर पड़े थे। मैं नीचे था, और वो मेरे ऊपर। उसका टॉवल खुल चुका था, और नीचे उसने सफेद ब्रा और नीली पैंटी पहनी हुई थी। हम दोनों के चेहरे बिल्कुल करीब थे, और हम दोनों एक-दूसरे की सांसों को महसूस कर पा रहे थे। कुछ सेकंड्स के लिए हम दोनों बिल्कुल स्थिर हो गए।
फिर मैंने उसको अपने ऊपर से हटाया, और चूहा भगाने लगा। दो मिनट में मैंने चूहा बाहर निकाल दिया, और बाहर जाने लगा। जैसे ही मैं बाहर जाने के लिए मुड़ा, तो करिश्मा ने पीछे से मेरा हाथ पकड़ लिया। जब मैंने पीछे मुड़ कर देखा, तो उसकी आंखों में आंसू थे।
ये देख कर मैंने उससे पूछा: अरे तुम रो क्यों रही हो? चूहा तो चला गया ना बाहर।
करिश्मा: मुझे माफ कर दीजिए जीजू।
मैं: इसमें माफी वाली क्या बात है?
करिश्मा: इसके लिए नहीं, उस थप्पड़ के लिए।
दरअसल करिश्मा मुझसे पिछली बार वाले थप्पड़ के लिए माफी मांग रही थी।
करिश्मा: जीजू मेरा डाइवोर्स इसलिए हुआ, क्योंकि मेरा पति मुझे वो प्यार नहीं दे पा रहा था, जो एक औरत अपने पति से चाहती है। और उस दिन वही प्यार जब आप मुझे देने की कोशिश कर रहे थे, तो मैंने आपको थप्पड़ मार दिया। मुझे माफ कर दीजिए जीजू।
और ये बोल कर वो रोते हुए नीचे घुटनों पर बैठ गई। मैंने उसके कंधों पर हाथ रखा, और उसको खड़ा किया। फिर मैंने उसको बोला-
मैं: कोई बात नहीं करिश्मा। उस वक्त हालात कुछ और थे। मैंने तुम्हें माफ किया। अब रोना बंद करो। चलो मैं चलता हूं।
मैं फिर से मुड़ने लगा, तो उसने फिर से मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने घूम कर उसको देखा, तो वो बोली-
करिश्मा: जीजू प्यार नहीं करोगे अपनी साली को?
ये बोल कर उसने अपना टॉवल अपने बदन से निकाल कर दूर फेंक दिया, और ब्रा पैंटी में मेरे सामने खड़ी हो गई। दोस्तों उस दिन थप्पड़ खा कर मुझे बुरा जरूर लगा था। लेकिन इतना भी बुरा नहीं लगा था, की अपनी साली के इस हसीन ऑफर को ठुकरा दूं।
मैं अपनी साली की तरफ बढ़ा, उसकी कमर में हाथ डाल कर उसको खुद से चिपकाया, अपने होंठों को उसके होंठों पर रखा, और उसके होंठ चूसने लगा। साली भी मेरा किस्स में साथ देने लगी। उसके होंठों का स्वाद मस्त था, एक-दम मदहोश करने वाला।
किस्स करते हुए मैं उसके नंगे जिस्म पर हाथ फेरने लगा। बड़ी कोमल त्वचा थी मेरी साली की, दिल कर रहा था कि पूरे बदन पर काट-काट कर निशान बना दूं। मैं पैंटी के ऊपर से साली की कोमल गांड को दबाने लगा। इससे उसकी किस्स और जोरदार होने लगी। हम दोनों पागलों की तरह किस्स कर रहे थे। दोनों की सांसे तेज़ हो गई थी।
फिर मेरी साली नीचे बैठ गई, और मेरी पैंट और अंडरवियर नीचे करके मेरा लंड बाहर निकाल लिया। ऊपर के कपड़े मैंने खुद उतार दिए। मेरा लंड देख कर उसने लंड को चूमा और बोली-
करिश्मा: मैंने तुझे मन किया पिछली बार, मुझे माफ करना।
ये बोल के उसने लंड मुंह में डाल लिया, और उसको किसी प्यासी रंडी की तरह चूसने लगी। मेरी साली का ऐसे मेरा लंड चूसना मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा था। मेरा लंड ये सब देख कर आज कुछ ज्यादा ही सख्त हो गया था।
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने उसको खड़ा किया, और बिस्तर पर धक्का देके लिटा दिया। बिस्तर पर लेटते ही करिश्मा ने अपनी ब्रा पैंटी उतार दी, और पूरी नंगी हो गई। वो तड़प रही थी चुदने के लिए। फिर मैं उसके ऊपर गया, और उसके रसीले बूब्स चूसने लगा।
फिर मैंने उसकी कमर चाटी, और उसकी नाभि में जीभ डाल कर चूसा। अब मैं उसकी हल्के बालों वाली चूत पर आया, और चूत को चूसने लग गया। मैं ऐसे चूस रहा था, जैसे वो कोई जूस की बोतल हो।
फिर मैं अपने लंड को उसकी चूत के पास लाया, और चूत पर रगड़ने लगा। वो आह आह करने लगी। रगड़ते-रगड़ते जब लंड चूत के मुंह पर अटका, तो मैंने एक ही धक्के में पूरा लंड पेल दिया। करिश्मा की चीख निकली, और मैं धड़ा-धड़ उसकी चुदाई करने लगा। कुछ देर तक वो चीखती रही, लेकिन फिर आह आह की मजे भरी सिसकारियां निकालने लगी। वो मुझे अपनी तरफ खींचने लगी, और जोर से करने को बोलने लगी।
मैं भी पागलों की तरह फुल स्पीड में उसकी चूत में लंड पेल रहा था। तकरीबन 10 मिनट मैंने उसको उसी पोजीशन में चोदा। फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया, और पीछे से लंड पेल दिया। उसकी चूत में से बहते पानी की वजह से धक्के मारते हुए चप-चप की आवाजें आने लगी।
15 मिनट मैंने उसको और चोदा। इस दौरान मैंने उसके चूतड़ मसल कर लाल कर दिए, और उसकी पीठ पर नाखूनों के निशान बना दिए। फिर मैंने उसकी गांड पर अपना माल निकाल दिया। तब तक मेरा बीवी भी आ गई, तो मैं वहां से आ गया।
उस दिन के बाद मैं जब चाहे करिश्मा को चोदता, और वो भी मजे से मुझसे चुदवाती। कहानी कैसी लगी gulati.gulati555@gmail.com पर अपनी फीडबैक दें।