पिछला भाग पढ़े:- बेटे के साथ मिल कर मां को चोदा-3
हैलो दोस्तों, मैं विक्रम अपनी साली की चुदाई कहानी का अगला पार्ट लेके आया हूं। उम्मीद है आप सब ने मेरी सेक्स कहानी का पिछला पार्ट पढ़ा होगा, और आप सब को पसंद भी आया होगा। जिन्होंने भी अभी तक पिछला पार्ट नहीं पढ़ा है, वो कृपया उसको पढ़ ले।
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मैंने अपनी साली के साथ सेक्स करने की कोशिश की। पहले तो उसने मना किया, लेकिन जब मैंने उसको उसकी ही फिंगरिंग की वीडियो दिखाई, तो वो मेरा साथ देने लगी। फिर जब वो गरम हो गई, तो उसने खुद कमान संभाल लीं। उसने मुझे सोफ़ा पर बिठाया, और अब उसकी गीली पैंटी मेरे सामने थी। अब आगे-
मेरी साली ने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी। उसकी पैंटी चूत वाली जगह से गीली हो चुकी थी। उसकी चूत की गंध मुझे मदहोश कर रही थी। अब उसका पेटीकोट उसकी गांड तक आ चुका था। अब मुझसे और कंट्रोल नहीं हुआ, और मैंने पैंटी के ऊपर से ही अपनी साली की चूत पर मुंह लगा दिया।
मेरा मुंह लगते ही मेरी साली के मुंह से आह निकल गई। मैं पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लग गया। कुछ देर बाद मैंने उसकी जांघों को चूमना और चाटना शुरू किया। मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी पैंटी पकड़ी, और नीचे खींचने लगा। उसकी पैंटी सरकती हुई उसकी गांड से नीचे आ गई। फिर मैंने उसकी पैंटी को पैरों के रास्ते निकाल दिया।
अब उसकी रसीली चूत मेरे सामने थी। जिस चूत के दर्शन की तमन्ना मैं बरसों से अपने मन में लिए घूम रहा था, आज वो चूत साक्षात मेरे सामने थी। मैंने जरा भी देर नहीं की, और उसकी चूत पर मुंह लगा कर उसमें से निकलता सोम रस पीने लगा। अद्भुत स्वाद आ रहा था उसकी चूत के पानी का। इतना स्वाद मुझे इससे पहले कभी अपने जीवन में नहीं आया था। मेरी साली भी अपना रस पिलाते हुए सिसकियां भर रही थी, और मेरे मुंह को अपनी चूत में दबा रही थी।
वो गांड आगे-पीछे करके पूरा मजा ले रही थे। मैं काफी देर अपनी साली की चूत का रसपान करता रहा। फिर वो पूरी मस्ती में आ गई, और आह आह करते हुई उसने अपनी चूत में से बहुत सारा सफेद पानी छोड़ा। मैंने उसकी चूत से निकला सारा पानी निगल लिया, और एक भी बूंद को व्यर्थ नहीं जाने दिया। उसका पानी पी कर मुझे एक अलग ही संतुष्टि मिली।
अब साली थोड़ी ढीली हो गई। वो मेरे सामने घुटनों के बल बैठ गई, और मुस्कुरा कर मुझे शुक्रिया का इशारा किया। शायद यह शुक्रिया सालों बाद उसकी चूत को शांत करने के लिए था। सौभाग्यशाली तो मैं था जो उसकी चूत का पानी पी रहा था, और ऊपर से शुक्रिया भी वो मुझे कह रही थी।
फिर साली ने अपने हाथ आगे बढ़ाए, और मेरी पैंट की जिप खोलने लगी। जिप खोल कर वो मेरी पैंट नीचे खींचने लगी। मैंने गांड उठा कर उसको पैंट उतारने में मदद की। मेरा लंड मेरे अंडरवियर में पूरा टाइट हुआ पड़ा था, जिसे देख कर साली के चेहरे पर चमक आ गई।
फिर उसने मेरा अंडरवियर नीचे किया, और मेरा लंड उसके सामने आ गया। अंडरवियर उतारने के बाद मेरी साली मेरे लंड को अपने हाथों से सहलाने लगी। फिर उसने लंड पर जीभ फिरानी शुरू की। वो बड़े प्यार से मेरे लंड को चाट रही थी, और इसमें मुझे बड़ा मजा आ रहा था। कुछ देर बाद उसने लंड मुंह में ले लिया, और उसको चूसने लगी। मैं तो मानो जन्नत में पहुंच गया।
वो लंड चूसते हुए जब भी मुझसे नज़र मिलती, तो मेरे पूरे शरीर में करेंट सा लगता, और लंड झटके मारने लगता। कुछ देर में मैंने अपना हाथ उसके सर पर रखा, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मुंह की चुदाई करने लगा। मैं लंड उसके गले तक घुसा रहा था, जिसमें मुझे बड़ा मजा आ रहा था। वो भी पूरा मज़ा ले रही थी। मेरा लंड उसकी थूक से पूरा गीला हो चुका था।
कुछ देर में हम दोनों खड़े हुए, और उसके रूम की तरफ चल दिए। रूम तक पहुंचते हुए हमने अपने बचे-कुचे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों नंगे उसके बिस्तर पर जा कर लेट गए। ये वहीं बिस्तर था, जिस पर उसने कभी अपने पति के साथ चुदाई की होगी। लेकिन आज मेरे लंड पर चढ़ने वाली थे। अब हम दोनों नंगे एक-दूसरे को चूम रहे थे। कभी मैं उसके ऊपर आ रहा था, और कभी वो मेरे ऊपर आ रही थी।
फिर आखिर में मैं उसके ऊपर उसकी टांगों के बीच आ गया। मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुंह पर रखा, और धक्का दिया। मेरा लंड उसकी गीली गरम चूत में आधा चला गया। उसके मुंह से हल्की चीख निकली, क्योंकि वो बहुत देर बाद लंड ले रही थी। उसकी चूत काफी टाइट भी थी।
2-3 धक्के मार कर मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। वो आह आह कर रही थी। उसकी सांसे तेज़ थी, और आंखों से आंसू भी निकल रहे थे। फिर मैंने उसके होंठ चूसने शुरू किए, और लंड चूत में डाले रख कर ही रुक गया। जब उसका थोड़ा दर्द कम हुआ, तो उसने खुद गांड हिला कर मुझे चुदाई शुरू करने का इशारा दिया।
फिर मैंने उसकी चुदाई करनी शुरू की। जिस औरत को मैं सालों से चोदना चाहता था, आज मेरा लंड उसकी गरम चूत के मजे ले रहा था। मैं बता नहीं सकता कि मैं कितना अच्छा महसूस कर रहा था, और मुझे कितना मजा आ रहा था।
अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड तेज़ की, और वो भी तेजी से अह अह करने लगी। मैंने उसकी टांगें उठा कर ऊपर की तरफ मोड़ ली, और तेज़ी से चुदाई करने लगा। मेरी जांघों के उसकी जांघों के साथ टकराने से थप थप की मधुर आवाज जन्म ले रही थी। चूत के पानी की वजह से फच फच की आवाज भी आ रही थी।
कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनाया, और पीछे से उसकी चूत चुदाई करने लगा। वो अब तक 2 बार झड़ चुकी थी। मैं उसकी चूत पागलों की तरह चोद रहा था। 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसके अंदर ही निकाल दिया, और परमसंतुष्टि को हासिल किया।
इसके आगे इस चुदाई कहानी में क्या हुआ, वो आप अगले भाग में पढ़िएगा।
अगला भाग पढ़े:- बेटे के साथ मिल कर मां को चोदा-5