अगला भाग पढ़े:- ससुराल में साली जी को बजाने का मौका मिला-3
अब मैंने सोनिया जी को पलट कर सीधा कर लिया, और अब मैं पलंग से नीचे आ गया। अब मैंने सोनिया जी टांगे पकड़ कर उन्हें पलंग के किनारे खींच लिया। अब मैंने सोनिया जी की टांगो को ऊपर कर दिया, और फिर सोनिया जी की चूत में लंड सेट करने लगा।
सोनिया जी चुप-चाप चूत में लंड सेट करवा रही थी। फिर मैंने ज़ोर का झटका देकर सोनिया जी की चूत में लंड ठोक दिया।
“आईईईईई मम्मी।”
अब मैं सोनिया जी को झमाझम चोदने लगा। मेरा लंड सोनिया जी ताबड़-तोड़ भाभी जी की चूत में अंदर-बाहर होने लगा। मैं खड़ा-खड़ा सोनिया जी की चूत की बखिया उधेड़ रहा था। सोनिया जी दर्द से झल्ला रही थी।
“आईईईईई आईईईईई ओह आह्ह सिससस्स आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह ओह सिससस्स।”
मैं सोनिया जी की बुरी तरह से ठुकाई कर रहा था। मेरे लंड के झटकों से पलंग चुड़-चुड़ करने लगा था। सोनिया जी आधी बेड पर थी और आधी नीचे लटकी हुई थी। मैं सोनिया जी की चूत में ताबड़-तोड़ लंड पेल रहा था। मेरे लंड के झटकों से सोनिया जी बोबे उछल-उछल कर पड़ रहे थे।
“आईईईईई सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह।”
“ओह सोनिया जी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है, आह्ह आह्ह।”
“आह्हा आह्हा ओह्ह्ह् आह्हा।”
भाभी जी मेरे पास में ही लेटी थी। मैं भाभी जी के सामने ही सोनिया जी की चूत में गांड हिला-हिला कर ज़ोर-ज़ोर से लंड पेल रहा था। भाभी जी फचक-फचक की आवाजे साफ-साफ सुन रही थी। तभी सोनिया जी की चूत में उबाल आ गया, और उनका पानी निकल गया। अब मेरे लंड के झटकों से सोनिया जी का पानी टपकने लगा।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह आईईईई आईईईईई आह्ह ओह।”
“ओह्ह्ह्ह सोनिया जी। आह्हा।”
मैं आज सोनिया जी को बजाने मे कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। मेरे लंड के झटकों से अब सोनिया जी हालत पतली हो रही थी। फिर मैंने सोनिया जी को बहुत देर तक इसी तरह से बजाया।
अब मैं सोनिया जी की गांड बजाना चाहता था। अब मैंने सोनिया जी को पलंग से नीचे उतार लिया, और घोड़ी बनने के लिए कहा। तभी सोनिया जी कहने लगी।
“रोहित जी यहां तो भाभी सो रही है। आप वहां पलंग पर ही मार लो ना।”
“पलंग पर आप अच्छी तरह से घोड़ी नहीं बन पाओगी। वैसे भी भाभी जी को कोई दिक्कत नहीं है। क्यो भाभी जी? ”
लेकिन भाभी जी ने फिर कोई जवाब नहीं दिया। वो बिल्कुल चुप थी। अब मैंने सोनिया जी को वही घोड़ी बना दिया। अब सोनिया जी पलंग को पकड़ कर घोड़ी बन गई। अब मैं सोनिया जी की गांड मे लंड सेट करने लगा।
“रोहित जी थोड़ा आराम से डालना। बहुत दिन हो गए है तो छेद थोड़ा टाइट हो गया है।”
“तो आज आपका छेद ढीला हो जायेगा।”
“हां कर देना लेकिन थोड़ा ध्यान से।”
“हां-हां आप फ़िक्र मत करो।”
तभी मैंने ज़ोर का झटका देकर सोनिया जी की गांड में लंड पेल दिया। मेरा लंड एक ही झटके में सोनिया जी की गांड फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया। तभी सोनिया जी ज़ोर से चिल्ला पड़ी।
“आईईई मम्मी मर्रर्रर्रर्र गाईईई। आईईईईई आईईईईई मम्मी, आईईईईई आईईईईई।”
मेरा लंड सोनिया जी की गांड में बुरी तरह से फंस गया था। तभी मैंने लंड बाहर निकाला और फिर से सोनिया जी की गांड में लंड ठोक दिया। अबकि बार मेरा मोटा तगड़ा लंड सोनिया जी की गांड में पूरा अंदर तक घुस चूका था। तभी सोनिया जी फिर ज़ोर से चीख पड़ी।
“आईईईईई मम्मी, मर गईई।”
अब मैं सोनिया जी की कमर पकड़ कर उनकी की गांड में झमाझम लंड ठोकने लगा। आह! सोनिया जी की गांड मारने में मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लंड फूल स्पीड में सोनिया जी की गांड नाप रहा था। सोनिया जी घोड़ी बन कर गांड मरवा रही थी।
“आहाहाह आह्ह आहाहा आईईईई आईईईई, बहुत दर्द हो रहा है यार। आईईईईई आईईईई धीरे-धीरे डालो। आह्ह आहहह।”
“ओह डालने दो। सोनिया जी आहा क्या मस्त गांड है आपकी।। आज तो मैं आपकी खूब गांड मारूंगा। बहुत दिन हो गए है आपकी गांड मारे।”
“मार लो रोहित जी।”
मैं सोनिया जी की गांड में धमाधम लंड पेल रहा था। सोनिया जी बहुत बुरी तरह से कराह रही थी। भाभी जी सोनिया जी चीखे सुन कर इधर-उधर करवटें बदल रही थी। गांड ठुकाई से सोनिया जी का हाल बेहाल हो रहा था। मैं मस्ती से सोनिया जी की गांड मार रहा था। मेरा मोटा तगड़ा लंड सोनिया जी की गांड के परखच्चे उड़ा रहा था।
“आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह ओह रोहित जी धीरे-धीरे आईईईईई आईईईई ओह मम्मी।”
“आह्ह, बहुत ही मस्त टाइट गांड है। ओहह, सोनिया जी बहुत मज़ा आ रहा है। अहाहा।”
मैं ताबड़-तोड सोनिया जी की गांड मे लंड पेल रहा था। सोनिया जी की मदमस्त गांड मारने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी सोनिया जी का जिस्म अकड़ने लगा, और उनका का पानी निकल गया। अब सोनिया जी का पानी चूत से फर्श पर पड़ने लगा।
“आह्ह आह्ह आह्ह ओह आईईईईई आईईईई अआह आह्ह आह्ह ओह मर्रर्रर्रर्र गईईईई मम्मी। आईईईईई आईईईईई।”
“हाय क्या मस्त गांड है आपकी। अहहा मज़ा आ गया।”
मैं सोनिया जी गांड मे लंड पेले जा रहा था। आज मेरा लंड सोनिया जी की गांड के छेद को ढीला कर चुका था। मेरा लंड अब सोनिया जी की गांड के अंतिम छोर तक घुस रहा था। फिर मैंने सोनिया जी की बहूत देर तक गांड मारी।
अब मैंने सोनिया जी को मेरी तरफ घुमा लिया, और फिर उन्हें नीचे बैठा दिया। अब मैं सोनिया जी के मुंह मे लंड सेट करने लगा। तभी सोनिया ने मुंह खोल दिया, और मैंने सोनिया जी के मुंह मे लंड पेल दिया। अब मैं सोनिया जी के सिर को पकड़ कर गांड हिला-हिला कर सोनिया जी के मुंह को चोदने लगा।
“आह्हा आह्हा ओह्ह्ह् सोनिया जी।”
अब मुझे सोनिया जी के मुंह को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था। सोनिया जी मेरे मोटे तगड़े लंड से अच्छी तरह से चुद रही थी। अब कमरे मे खपाक-खपाक झपाक-झपाक की आवाजे गूंज रही थी। भाभी जी अब चुप-चाप होकर माहौल का मज़ा ले रही थी।
“ओह्ह्ह सोनिया जी उंह बहुत अच्छा लग रहा है, आह्हा।”
मेरा लंड फुल स्पीड में सोनिया जी के मुंह में अंदर-बाहर हो रहा था। मेरा लंड सोनिया जी के थूक से पूरा गीला हो चुका था। तभी मैंने सोनिया जी के गले तक पूरा लंड उतार दिया। पूरा लंड मुंह मे घुसते ही सोनिया जी फड़फड़ा उठी और लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी।
लेकिन मैं लंड बाहर नहीं निकाल रहा था। सोनिया जी बुरी तरह से तड़प रही थी। फिर थोड़ी देर बाद मैंने लंड बाहर निकाला, तब जाकर सोनिया जी की जान मे जान आई।
“रोहित जी आपने तो मेरी जान ही निकाली होती।”
“मज़ा भी तो तभी आता है सोनिया जी।”
अब मैंने सोनिया जी उठाया और उन्हें वापस पलंग पर पटक दिया। अब मैंने फिर से सोनिया जी की टांगे खोल दी।
“ओह्ह रोहित जी आज तो कचूमर बना दिया आपने।”
“वो तो बनना ही था सोनिया जी। बहुत दिनों से आपकी ठुकाई नहीं हुई थी”
तभी मैंने सोनिया जी की चूत में लंड सेट कर तुरंत लंड ठोक दिया। अब मैं सोनिया जी की टांगे उठा कर उन्हें फिर से बजाने लगा। मेरा लंड फिर से सोनिया जी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था।
“उन्ह ओह सिससस्स आहाहाह आह्ह आह्ह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स।”
मैं झमाझम सोनिया जी को बजा रहा था। सोनिया जी की चूत में आज मेरा लंड तर-बतर हो चूका था। मेरा लंड सोनिया जी की रस मलाई खा चुका था। आज तो सोनिया जी की लंड ठुकवा-ठुकवा कर हालात पतली हो चुकी थी।
“आहाहाह आह्ह आह्ह उंह सिससस्स आहाहाह आह्ह ओह बससस्स। अब मेरी बस की बात नहीं है।”
“क्या यार सोनिया जी। आप भी बच्चों के जैसे बातें कर रही हो। अभी चोदने दो।”
“आह्ह आह्ह ओह्ह्ह सिसस उन्ह।”
मैं सोनिया जी को बजाये जा रहा था। तभी सोनिया जी का एक बार फिर से निकल गया। सोनिया जी बहुत बुरी तरह से पानी-पानी हो चुकी थी। मैं अभी भी सोनिया जी की जम कर ले रहा था।
“ओह आहाहाह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स बसस्ससस्स बसस्ससस्स।”
मेरा लंड सोनिया जी को बहुत बुरी तरह से चोद रहा था। सोनिया जी को बजाने का ऐसा मौका मिलेगा? मैंने कभी सोचा नहीं था। मैं तो सोनिया जी की जम कर ले रहा था।
“आह्हा आह्हा ओह्ह्ह् मम्मी आह्हा आह्हा।”
फिर मैंने सोनिया जी को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब सोनिया जी गांड मारने की मेरी फिर से इच्छा होने लगी। तभी मैंने सोनिया जी को पलट दिया। अब मैंने सोनिया जी की गांड मे लंड सेट कर लिया और फिर सोनिया जी के ऊपर चढ़ गया।
अब मैं सोनिया जी को दबा कर उनकी गांड मारने लगा।
“आह आह्हा ओह्ह्ह् उन्ह आह्हा आह्हा।”
“हाय क्या मस्त फूली हुई गांड है आपकी। आह्हा मज़ा आ गया।”
“आह्हा आह्हा ओह्ह्ह उंह आईई आईइ।”
मैं अब पलंग पर सोनिया जी की जम कर गांड ले रहा था। सोनिया जी दर्द से कराह रही थी। सोनिया जी के ऊपर चढ़कर गांड मारने मे मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।
“ओह्ह्ह रोहित जी। आहह आह्हा ओह्ह्ह्ह सिसस उन्ह अहहा।”
मैं सोनिया जी की गांड मे लंड पेले जा रहा था। सोनिया जी की टांगो मे टांगे फसा कर मैं उनकी जम कर गांड ले रहा था। सोनिया जी भी गांड मरवाने मे पीछे नहीं हट रही थी।
“आहहा आह्ह ओह्ह्ह्ह सिसस।”
बहुत देर तक गांड मारने के बाद अब मेरा लंड ऊफ़ान पर पहुंच चुका था। तभी मैंने सोनिया जी गांड मे ही लंड रोक दिया, और फिर सोनिया जी गांड मे लंड का पानी भर दिया।
अब मैं सोनिया जी के ऊपर ही पड़ गया।
“ओह्ह्ह्ह सोनिया जी। मज़ा आ गया।”
“हां रोहित जी, आपने तो मेरी कली-कली खिला दी।”
“मेरे भी लंड का रोम-रोम मस्त हो गया आज।”
“ये सब भाभी की मेहरबानी से हुआ है।”
“हां सोनिया जी।”
“अब अगर भाभी आपका मांगे तो दे देना। कंजूसी मत करना।”
“मैं तो भाभी जी को अभी ही देने को तैयार हूं लेकिन भाभी दे तब ना।”
“उनकी इच्छा हो तब दे देना।”
“हां, सोनिया जी।”
अब मैं उठ गया। अब सोनिया जी पलंग से उतर कर कपड़े ढूंढने लगी। अंधेरा होने की वजह से कपड़े मिल नहीं रहे थे। फिर सोनिया जी ने लाइट जला दी। अब लाइट की रोशनी मे सोनिया जी का नंगा जिस्म चमक रहा था।
सोनिया जी के कातिल जिस्म को देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। अब सोनिया जी ने सारे कपड़े लाकर पलंग पर डाल दिए और लाइट बंद कर दी।
अब सोनिया जी कपड़े पहनने लगी।
“रोहित जी अब आप भी कपड़े पहन लो। सभी लोग आने वाले है अब।”
“हां सोनिया जी पहन रहा हूं।”
अब मैं भी कपड़े पहनने लगा। अब मैं कपड़े पहन कर भाभी जी के कमरे से निकल आया, और आकर दूसरी जगह पर सो गया। सुबह मैं लेट तक सोता रहा।
फिर जब मैं उठा तो भाभी जी मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी।
“रोहित जी अब तो उठ जाओ।”
“हां भाभी जी।”
अब थोड़ी देर बाद मैंने सोनिया जी को देखा। वो आराम से अपना काम कर रही थी। जब कि रातभर मैंने सोनिया जी को खूब बजाया था। यही तो औरत की खूबी होती है।
फिर मैं भी अपने काम मे लग गया।
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