हाय फ्रेंड्स, आशा करता हूं कि आप सभी अच्छे होंगे। मैं बहुत सालों से सेक्स कहानियां पढ़ता आ रहा हूं। पहले लगता था कि ये सब कहानियां सिर्फ काल्पनिक होंगी, पर 2015 में मेरे साथ एक ऐसी घटना हुई जिससे मुझे विश्वास हो गया कि दुनिया में ऐसा सच में होता है। यह मेरी पहली कहानी है। आशा करता हूं कि आपको ये कहानी पसंद आएगी। तो आप लड़के अपने हाथ में अपना अपना लंड लेलें, ताकि कहानी पढ़ते जाए, और लड़कियां भाभी आंटी अपनी बुर में ऊंगली करने के लिए तैयार हो जाए।
अब आप लोगों का ज्यादा समय खराब ना करते हुए मैं अपनी कहानी शुरू करता हूं।
यह घटना मेरे साथ 2015 में हुई। मैं आकाश कुमार देहरादून से हूं, और आज कल दिल्ली रहता हूं। मेरी उम्र उस वक्त 25 साल थी। मेरी नयी-नयी शादी हुई थी, और वाइफ अपने घर गयी हुई थी। मेरे सामने वाले घर में एक परिवार रहता था, जिसमें एक भैया और भाभी अपने 2 बच्चो के साथ रहते थे।
भैया की उम्र उस वक़्त 40 साल और भाभी की उम्र 32 साल थी। बड़ा बेटा 9 साल, और छोटा बेटा 6 साल का था। भाभी की हाइट 5 फुट 7 इंच, भरा हुआ शरीर, फिगर साइज 38-32-40 था, जो कि मुझे बाद में पता चला। जब वो चलती थी, तो उनके दोनों कूल्हे मटकते हुए किसी भी इंसान की जान निकाल दे। भाभी बहुत हसी-मजाक वाली, पर बहुत कड़क मिजाज़ वाली औरत थी।
एक बार मैं ऑफिस से आया तो मम्मी ने बोली कि भाभी को अपने साथ ले जा, और मार्किट से कुछ सामन दिला कर ले आ। मैं आप को बताना भूल गया कि भैया अपने बिज़नेस के काम से साल में 8-9 महीने दिल्ली से बहार रहते थे। जब हम दोनों मार्किट से वापस आ रहे थे, तो बात करते-करते मैंने कहा-
मैं: भाभी बच्चे बड़े हो रहे है थोड़ा ध्यान रखा करो।
इस पर भाभी ने कहा: मेरे बच्चे बहुत सीधे है। उन्हें फ़ालतू की कोई भी चीज़ो में कोई भी इंटरेस्ट नहीं है।
इसी तरह की बातें करते हुए हम घर पहुंच गए, और रास्ते में हम दोनों ने एक-दूसरे के फ़ोन नंबर ले लिए। रात में मैं ऑनलाइन था तो भाभी का मैसेज आया कि-
भाभी: सोये नहीं?
मैंने कहा: नींद नहीं आ रही है।
फिर मैंने पूछा: आप क्यों नहीं सोई?
तो उन्होंने कहा: मुझे भी नींद नहीं आ रही है।
मैंने पूछा: अकेले में दिल लग जाता है?
उन्होंने कहा: लगता नहीं है, पर लगाना तो पड़ता है ना।
ऐसे ही हमने बहुत सारी बात की।
लास्ट में मैंने कहा: अगर आपको बुरा ना लगे तो क्या मैं आपको गले लगा सकता हूं एक दोस्त कि तरह?
तो भाभी ने कहा: हां लगा सकते हो, पर सिर्फ एक बार।
मैंने पूछा: कब और कहां?
तो भाभी ने कहा: कल सुबह मेरे घर पर।
मैंने कहा: ठीक है।
फिर हमने एक-दूसरे को गुड नाईट कहा और ऑफलाइन हो गए। पर सच कहूं इन सब के बाद मुझे पूरी रात नींद नहीं आयी। बस मैं सुबह का इंतज़ार करता रहा। सुबह हुई तो मैंने नहा धो कर नाश्ता किया, और भाभी को मैसेज किया कि कब आऊं?
तो भाभी ने कहा: मैं कपड़े धोने ऊपर जा रही हूं। नीचे बच्चे है, ऊपर आ जाओ। पर सिर्फ एक बार फ्रेंडली हग।
मैंने कहा: ठीक है।
फिर मैं थोड़ी देर बाद भाभी के घर में ऊपर चला गया, जहां भाभी कपड़े धो रही थी।
मैंने कहा: आओ एक बार हग देदो।
तो भाभी अंदर कमरे में चली गयी, और मैं भी भाभी के पीछे कमरे में चला गया। वहां जा कर मैंने बाहें फैला दी। तो भाभी अपनी जगह खड़ी रही। मेरे कई बार कहने पर भाभी ने अपने हाथ आगे किये। जैसे ही मैंने भाभी के हाथ अपने हाथ में पकड़े, तो मैंने महसूस किया कि भाभी पूरी तरह से कांप रही थी। मैंने धीरे से भाभी के हाथ पकड़ कर अपनी और खींचा, और भाभी को गले से लगा लिया।
भाभी मेरे सीने से चिपक गयी। फिर मैंने धीरे से भाभी के कान पर किस्स किया, तो भाभी बिलकुल मुझसे चिपक गयी।
फिर मैंने कहा: एक किस्स कर लूं?
तो भाभी मुझे मना करने लगी। पर हैरानी की बात ये थी कि भाभी मुंह से मना कर रही थी, और मुझे अपनी तरफ खींच रही थी। फिर मैंने धीरे से भाभी को होठों पर किस्स किया, और हम 10-12 मिनट तक एक-दूसरे को किस्स करते रहे। मैंने धीरे से भाभी का हाथ पैंट के ऊपर से ही अपने लंड पर रखवा दिया। भाभी ने मेरे लंड पर हाथ रख कर दबाया, तो मैंने उनको नीचे बैठने को कहा।
भाभी ने मना किया तो मैंने कहा: भैया के साथ भी करती हो ना?
तो भाभी हस्ते हुए नीचे बैठ गयी, और मैंने पैंट की चैन खोल कर अपना लंड उनके मुंह के सामने कर दिया। भाभी मेरी आँखों में देखते हुए धीरे से मेरे लंड को पकड़ कर, मुंह में लेकर चूसने लगी। मैं शादी-शुदा था, पर उस समय किसी ने पहली बार मेरा लंड मुंह में लिया था। मैं आप को बता नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि मैं किसी स्वर्ग में था।
भाभी ने लगभग 10 मिनट तक मेरा लंड चूसा और बोली: अब जाओ, मेरे मुंह में दर्द हो गया है। इतनी देर में तुम्हारे भैया झड़ कर सो भी जाते। अब तुम जाओ, बच्चे ऊपर आ गए तो प्रॉब्लम हो जाएगी।
उनसे फिर शाम को मिलने का वादा लेकर मैं अपने घर आ गया, और शाम के बारे में सोचते-सोचते कब सो गया पता ही नहीं चला।
शाम को मैं भाभी के घर गया, जब बच्चे ट्यूशन चले गए थे। मैं भाभी के पास पंहुचा तो भाभी मुझे देख कर बहुत खुश हुई। फिर जैसे ही मैंने भाभी को गले लगाया, तो भाभी मुस्कुराते हुए मेरे सीने से चिपक गयी, और बहुत देर तक मुझे गले लगाए रखा।
फिर मैंने कहा: मुझे अभी भी ये सब सपना ही लग रहा है, कि आप जैसे परी मेरी बाहों में है।
तो भाभी मुझे किस करने लगी। फिर मैंने भाभी का चेहरा अपने हाथों में लिया, और जैसी ही मैंने उनकी तरफ देखा, तो उन्होंने अपनी आखें बंद कर ली। फिर मैंने भाभी के माथे को चूमा, और उनकी बंद हुई आँखों को चूमा। फिर धीरे-धीरे उनके गालों को सहलाते हुए उनके गले पर किस करने लगा।
भाभी ने अपनी आँखें खोल कर कहा: इस तरीके से कभी मेरे पति ने भी मुझे प्यार नहीं किया। सिर्फ अपना झाड़ने के लिए हमेशा मेरा इस्तेमाल किया मेरे पति ने। आज पहली बार मुझे इस तरह से प्यार से किसी ने पहली बार छुआ है।
यह कह कर भाभी अपने आप नीचे घुटनों के बल बैठी और मेरा लंड निकाल कर चूसने लगी। उनके लंड चूसने से लग रहा था कि वो मुझे बहुत सारा प्यार देना चाहती थी। धीरे-धीरे हम दोनों के सारे कपड़े कब उतर गए हमें पता ही नहीं चला। मैंने भाभी के पूरे बदन को चूमना-चाटना शुरू किया, तो भाभी तड़पने लगी और बार-बार मुझे अपनी आगोश में लेने लगी।
मैंने बहुत देर तक भाभी के बूब्स छुए, दबाये, उनके निप्पल्स पर जीभ को घुमाया। पर हैरानी की बात ये थी कि इस उम्र में भी भाभी के बूब्स किसी कुंवारी लड़की की तरह टाइट थे। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि कभी किसी ने उनके बूब्स को छुआ भी था। बाद में भाभी ने बताया कि उनके पति कभी उनके बूब्स दबाते या चूसते नहीं थे, सिर्फ लंड अंदर डालते थे, 8-10 धक्के मार कर झड़ जाते थे, और सो जाते थे, और वो पूरी रात तड़पती रह जाती थी।
धीरे-धीरे भाभी और मैं एक-दूसरे के पूरे शरीर को चूमते हुए 69 की पोजीशन में आ गए, और मैं भाभी की चूत और भाभी मेरा लंड चूसने लगी। काफी देर बाद हम दोनों एक-दूसरे के मुंह में झड़ गए। फिर हम दोनों ने एक-दूसरे को चाट कर साफ़ कर दिया। इसके बाद भाभी ने फिर से मेरा लंड चूसना शुरू किया।
वो मुझसे बोली: आज मुझे प्यार करो और मेरी प्यास बुझा दो। मैं बहुत सालो से प्यासी हू।
मैंने भाभी को कमर से बेड पर लिटाया, और उनकी टांगे अपने कंधे पर रख कर अपना लंड भाभी की चूत पर लगाया।
तो भाभी बोली: धीरे से डालना, तुम्हरा लंड तुम्हरे भैया से बड़ा और मोटा है।
मैं धीरे-धीरे लंड अंदर डाल रहा था, तो भाभी दर्द से अपनी आँखें बंद कर रही थी, और मुझ रुकने का इशारा कर रही थी। मैं थोड़ी देर रुका, और फिर से लंड अंदर डालने लगा। धीरे-धीरे मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया और किस करते हुए झटके लगाने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने भाभी से घोड़ी बनने को कहा तो भाभी मुस्कुराते हुए घोड़ी बन गयी।
फिर मैंने भाभी को पीछे से चूत में लंड डाल कर चोदना शुरू किया। 30 मिनट से ज्यादा चुदाई करने के दौरान भाभी 2 बार झड़ चुकी थी। जब मैं झड़ने को हुआ, तो मैंने भाभी को बताया कि मैं झड़ने वाला था।
तो भाभी ने कहा: मेरे मुंह में झाड़ो। मैं तुम्हारे प्यार के इस रस को पीना चाहती हूं।
ये कह कर भाभी ने मेरा लंड मुंह में ले लिया, और मेरा सारा रस पी गयी। उस दिन हमने एक बार और चुदाई की। इसके बाद मैंने भाभी की गांड भी मारी।
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