सहेली के मंगेतर के लंड की ताकत-1

इस सेक्स कहानी में आपको प्यार, भावनाएं, रिश्तों में समझदारी जैसे पहलू ज़्यादा देखने को मिलेंगे। इसका यह मतलब ना निकालें कि चुदाई और वासना इसमें नहीं होंगे। लेकिन एक सच्ची घटना पर आधारित इस कहानी को अगर आप लंड और चूत की नज़र से ना देख कर इंसानो और उनकी ज़रूरतों की नज़र से देखेंगे, तो आपको ज़्यादा मज़ा आएगा।

कहानी में तीन मुख्य पात्र हैं, और कुछ अन्य पात्र भी हैं। आप ये कहानी अलग-अलग पात्रों की जुबानी सुनेंगे। इस पहले भाग में मैं अपना परिचय करवाऊंगी, और फिर आगे के भागों में आपको दूसरों का।

कविता, यानी मैं खुद, 38 साल की औरत हूं, जो मुम्बई में अपने पति के साथ रहती हूं। 5’8″ का कद, गोरा रंग, और कत्थई आंखे मुझे बहुत आकर्षक बना देती हैं। ऊपर से मेरा भरा हुआ बदन, उभरते स्तन, और सुंदर गांड देख कर कई लोग मुझसे संबंध जोड़ने को उत्सुक रहते हैं। लोग आपकी तरफ खिंचते चले आते हों, वो किसे पसंद नहीं? लेकिन मैंने अपने इर्द गिर्द एक लक्ष्मण रेखा बना के रखी है जिसे आज तक कोई गैर मर्द पार नहीं कर पाया।

मेरा पति प्रवीन देश की एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में सेल्स हेड की अच्छी पोस्ट पर है। सेल्स वालों को हमेशा अपनी पर्सनालिटी आकर्षक रखनी चाहिए। इसीलिए प्रवीन ने भी अपना शरीर काफी कसा हुआ रखा है। हमेशा क्लीन शेव रखता है, और बालों को भी समय-समय पर सेट करवाता रहता है। कसरत और सही खुराक से तंदुरुस्त भी रहता है।

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