मुकुल कुलश्रेष्ठ – हंसमुख रंगीला साहिल – भाग 3

साहिल मुकुल को चोद रहा था। साहिल ने मुकुल की कमर कस कर पकड़ी और लम्बे लम्बे हक्के लगाने लगा। मुकुल सिसकारियां ले रही थी बोल रही थी “आह आआह साहिल चोद मेरी गांड, सुजा दे इसे आज, फुला दे “।

साहिल भी बोलने लग गया, “क्या चूतड़ हैं मैडम आपके, क्या गांड है। गद्देदार गठीली आह आआह मजा आ रहा है। ऐसी गांड नहीं चोदी कभी। मेरा मन कर रहा है मैं आपकी गांड चोदता ही रहूं चोदता ही रहूं”।

जैल के कारण जब साहिल के टट्टे गांड से टकराते थे तो आवाज आती थी “फ़ट्ट फ़ट्ट फ़ट्ट फ़ट्ट”। मुकुल नीचे से अपनी चूत का दाना भी रगड़ रहे थी। और “आअह आअह” की आवाजें भी निकल रही थी।

उधर दूसरे कमरे में अशोक भावना की गांड चोद रहा था, पागलों की तरह। “आअह मैडम लड़की की गांड चोदने का अपना ही मजा होता है। क्या मांसल गांड है, भरे भरे चूतड़ l लंड टकराने पर क्या मस्त हिलते हैं”।

“मैडम आपकी गांड तो लगता है पहले नहीं चुदी, पहली बार चुद रही है। आपकी गांड का छेद बड़ा टाइट है। लंड अंदर रगड़ कर जा रहा है”।

अशोक बीच बीच में अपना लंड पूरा बाहर निकालता और बड़ी तेजी के साथ एक झटके के साथ अन्दर धकेल देता था। “ये लो मैडम ये लो आअह ….आअह “।

भावना भी बोलती, “आअह अशोक फिर कर ऐसे ही एक बार और “।

बीच बीच में अशोक भावना की चूत में भी लंड डाल देता था और बीस पच्चीस धक्के चूत में लगा देता था ।

कुछ ही देर की इस चुदाई के बाद भावना झड़ गयी और बोली, जा अशोक अब तू जीजी की गांड चोद और साहिल को भेज दे। उसके लंड का भी मजा ले लूं अपनी आगे चूत मैं और पीछे गांड में।

अशोक मुकुल वाले कमरे में चला गया और साहिल से बोला, “साहिल जा उधर, इनको मैं संभालता हूं। उन मैडम को अब तेरा लंड चाहिए”।

मुकुल अशोक से बोली, “थोड़ा और चोदने दे अशोक। बस झड़ने ही वाली हूं मैं। फिर मुकुल साहिल से बोली, “चल साहिल लगा जोर जोर से और छुड़ा दे मेरा पानी “।

अशोक बोला, मैडम मैं निकालता हूं आपका पानी। उधर भावना मैडम चूतड़ उठा कर साहिल के लंड का इंतज़ार कर रही हैं। अशोक साहिल से बोला, “साहिल तू जा उधर, मुझे निकाले दे इनका पानी “।

साहिल ने लंड मुकुल की गांड में से निकला और दुसरे कमरे की तरफ चल पड़ा। अशोक ने एक झटके से अपना लंड मुकुल की गांड में धकेल दिया “ये लो मैडम बिठा दिया जड़ तक “।

मुकुल ने फिर एक सिसकारी ली “आअह आअह क्या चोदते हो सालो तुम लोग। दोनों एक से बढ़ कर एक हो”। मुकुल बोलती भी जा रही थी और मस्ती में जोर जोर चूतड़ भी घुमा रही थी।

अशोक ने एकदम लंड गांड में से निकाला और बिना देर लगाए चूत में डाल दिया। अपनी उंगली उसने मुकुल की गांड में डाल दी और उंगली टेढ़ी कर के आगे पीछे करने लगा।

मुकुल को इससे बड़ा मजा आया। वो पीछे देखते हुए बोली ,”अब साले अब ये क्या कर रहा है तू – बड़ा मजा आ रहा ह। ऐसे ही कर “।

अशोक कुछ देर ऐसे ही करता रहा। अशोक के लम्बे लंड के लम्बे लम्बे धक्कों और गांड में घुसाई टेढ़ी उंगली की हरकत से मुकुल पांच मिनट में ही झड़ गई।

मुकुल ने चूतड़ हिलने बंद कर दिए। मुकुल को पूरा मजा आ चुका था। मगर अशोक का लंड वैसे ही खड़ा था खूंटे के तरह मुकुल के चूत के अंदर। मुकुल ने पूछा, “क्या हुआ अशोक, तेरा लंड तो अभी भी खड़ा ही है। तू नहीं झडा अभी भी “?

अशोक बोला नहीं झडा मैडम। इतनी टाइट गांड और चूत चुदाई और इतनी देर खड़ा रहने के बाद तो अब हल्का हल्का दर्द भी कर रहा है।

मुकुल अशोक से बोली ,”ऐसी बात है क्या ? चल इधर आ मैं दूर करती हूं तेरे लंड का दर्द। चल निकाल लंड मेरी चूत में से और आजा मेरे मुंह में डाल दे। ऐसे झड़ने वाला तो नहीं तू आज, मैं करती हूं तेरे इस खम्बे का इलाज “।

अधखुली आंखो अशोक ने लंड निकला – ये भी पता नहीं चल रहा था की लंड गांड में था की चूत में – मुकुल से बोला, “आईये मैडम निकालिये मेरे लंड का गर्म पानी और पीजिये “।

अशोक खड़ा हो गया। मुकुल उसका लंड चूसने लगी। बढ़िया से चूस रही थी और अपनी जीभ सुपाड़े के छेद पर घुमा रही थी। अशोक को मजा आ रहा थ। उसने मुकुल का सर पकड़ लिया और बोला , “आह मैडम मजा आरहा है ऐसे ही चूसिये जोर जोर से आअह … निकालिये जो भी है मेरे लंड में अअअअअ मैडम”।

दूसरे कमरे में भावना और साहिल की चुदाई जोरों पर थी। “आआह साहिल क्या मस्त चोदता है तू। लगा धक्के। पूरा लंड निकाल कर फिर अंदर डाल”।

साहिल ने पूरा लंड निकाला और फचाक से अंदर गांड में डाल दिया।

भावना बोली, “आअह ये हुई ना बात साहिल आआह ऐसे ही चोद मुझे तू। मेरी गांड का भुर्ता बना दे आज फुला दे इसको “।

साहिल भी बोल रहा था। “ऐसी गांड चोदने का इतना मजा कभी नहीं आया। क्या टाइट है आपकी गांड। रगड़ कर जा रहा है मेरा लंड”।

भावना बोली, “साहिल झड़ने वाली हूं मैं झड़ने वाली हूं लगा …लगा …लगा। मेरी चूत में डाल साहिल चूत में डाल साहिल आअह”।

साहिल ने अपना लंड भावना की गांड में से निकाला और चूत में एक झटके से पूरा का पूरा अंदर डाल दिया।

साहिल ने लंड भावना की चूत में डाल वो धक्के लगाए कि भावना “आअह साहिल आअह साहिल आअह” की ऊंची आवाज के साथ ही आगे की तरफ ढेर हो गयी।

भावना को मजा आ चुका था। मुकुल ने इतनी जोर से सिसकारी ली थी दूसरे कमरे में मुकुल और अशोक तक भी मुकुल की इस सिसकारी की आवाज पहुंची होगी।

साहिल का लंड नहीं झडा था। साहिल सोफे पर बैठ गया – खड़े लंड के साथ।

कुछ मिनटों के बाद भावना उठी और बोली “मजा आ गया साहिल।

“क्या हुआ साहिल तेरा तो अभी भी खड़ा ही है।अब क्या करना है बता। पता नहीं कितनी बार पानी निकला आज मेरा”।

“बड़ी किस्मत वाली है तेरी भाभी गुंजन जिसे तेरी जैसी मस्त चुदाई करने वाला देवर मिला”।

“अच्छा एक बात बता साहिल गुंजन झेल लेती है तेरी ऐसे जोरदार चुदाई”? मुकुल ने पूछा।

साहिल ने जवाब दिया, “अरे मैडम गुंजन चुदाई का मस्त मजा लेती है और मस्त मजा देती है। मन से चुदवाती है वो, बिलकुल आप दोनों मैडमों की तरह”।

भावना बोली, “साहिल तू बैठ मैं देख कर आती हूं उधर जीजी का क्या चल रहा है फिर आ कर देखते हैं अब क्या करना है। तेरे खड़े लंड का इलाज तो करना पडेगा – ऐसे खड़ा खड़ा थोड़ा छोड़ना है “।

भावना गयी और उलटे पैर लौट आयी। “जीजी अशोक का लंड जोर जोर से चूस रही है साथ ही अपने चूतड़ हिला रही है। लगता है मुंह में पानी छुड़ाएगी”।

“आजा साहिल, तू भी चुसवा मुझसे अपना लंड”।

साहिल सोफे पर बैठा हुआ अपना खड़ा लंड दबा रहा था। बोला “ठीक है मैडम बैठिये बेड पर डालूं लंड आपके मुंह में ।

भावना बेड पर बैठ गयी। साहिल भावना के सामने खड़ा हो गया। भावना ने साहिल का तना हुआ लंड अपने मुंह में ले लिया और बड़े ही प्यार से चूसने लगी।

साहिल को लगा अब मजा आएगा। वो लंड धीरे धीरे आगे पीछे कर रहा था। जल्दी ही साहिल बोला मैडम “अब मैं झडूंगा”।

भावना बोली कुछ नहीं बस सर हिला दिया। भावना लंड चूस रही थी साथ साथ चूत रगड़ रही थी।

थोड़ी सी और चुसाई के बाद साहिल के मुंह से जोर की आवाज निकली “आआह…..ह्हआअह ….भावना मैडम निकल गया मेरा”। और उसने भावना का मुंह अपने गर्म पानी से भर दिया।

दुसरे कमरे में अशोक मुकुल के मुंह में पानी छोड़ चुका था।

एक घंटे की चुदाई ने थका दिया था सब को। साहिल को तो दो घंटे हो गए थे चुदाई करते करते। वो तो बेड पर लेट ही गया।

उधर से मुकुल आयी। वो भी थक चुकी थी। आ कर साहिल के बगल में हे लेट गयी। “क्या मस्त लौड़े हैं तुम्हारे – साले झड़ते भी तो नहीं।

मुकुल भावना से बोली, “भावना थोड़ा आराम कर ले फिर चाय बना दे कुछ नाश्ता करवा दें इनको। हम भी कुछ खा लें”।

भावना बोली हां जीजी जाती हूं पकौड़े निकल लेती हूं पंद्रह मिनट लगेंगे। भावना ने अशोक को आवाज लगाई, “अशोक इधर आ जरा मेरी हेल्प कर”। भावना को भी मालूम था की साहिल ने बहुत ज़्यादा चुदाई की थी।
दोनों के किचन में जाने के बाद मुकुल साहिल से बोली, “साहिल तू मुझे अपना फोन नंबर दे जाना। मेरा चुदने मन करे हुए मैं तुझे बुलाऊं तो तू आएगा ?

“आऊंगा मैडम, क्यों नहीं आऊंगा। मुझे तो खुद भी आपकी चुदाई में बड़ा मजा आया है”।

मुकुल बोली, “कल भी तो आओगे तुम दोनों “?

“हां मैडम कल भी आना है और आगे भी जब भी आप बुलाएंगी मैं जाऊंगा, बस एक दिन पहले बताना आप मुझे”।

मुकुल ने उठ कर साहिल का लंड मुंह में ले लिया।

भावना और अशोक किचन से सामान ले आईं – पकौड़े और चाय।

भावना मुकुल से बोली, “जीजी चाय पी लो फिर चूस लेना”।

नंगे ही बैठे उन्होंने ये नाश्ता कर लिया।

मुकुल ने पूछा। “आज का तो हो गया अब कल का क्या है”?

साहिल बोला, “मैं तो आऊंगा ही”। अशोक बीच में ही बोल पड़ा “मैं भी आऊंगा”।

साहिल बोला , “मैडम कल हम ग्यारह बारह बजे आएंगे और देर तक चुदाई करेंगे”।

भावना बोली “ठीक है”। फिर हंस कर बोली, “हम भी अपनी चूतें और गांड के छेदों के ताले खोल कर इन्हें तैयार रखेंगी”।

साहिल और अशोक ने एक एक बार मुकुल और भावना के होठों को चूमा – चूत और गांड में उंगलियां डाली और हंसते हुए निकल गये।

अगले दिन भी दोनों आये और चुदाई का बढ़िया दौर चला। दो दो तीन तीन बार चूत और गांड के रगड़ाई हुई साहिल ने मुकुल को ज़्यादा चोदा और अशोक ने भावना को। भावना को अशोक से गांड चुदवाने का ज्यादा मजा आया ।

दो दिन फिर कोइ चुदाई नहीं हुई। दोनों ने एक दूसरी की चूत और गांड चाट चाट कर ही मजे ले लिए।

भावना के जाने का दिन भी आ गया।

मुकुल का खस्सी चोदू रामजी भी सूरत से आ वापस आ गया था। मगर अब मुकुल को उसकी तरफ देखने की जरूरत नहीं थी।

भावना बढ़िया मस्त चुदाई का रास्ता बता चुकी थी।

अगले दिन भावना ने टैक्सी बुला ली। टैक्सी में बैठने से पहले बोली, “जीजी मैं नॉएडा जा कर रबड़ के लंड का आर्डर करती हूं। याद रखना कूरियर वाला पैकेट खोलने को बोलेगा”।

“पैकेट खोल लेना देख लेना। मुझे भी पता नहीं जीजी कैसा लंड आएगा। अगर तो सीधा सदा चूत में लेने वाला ही हुआ, तब तो कोइ मुश्किल नहीं, अगर कुछ अलग तरह का हुआ तो कूरियर वाला भी इसको इस्तेमाल करने का तरीका बता कर जाएगा”।

मुकुल ने भावना से पूछा, “भावना ऐसा भी क्या तूने मंगवाया है जो कूरियर वाले को बताना पड़े”।

“जीजी असल में वो नॉएडा वाली दूकान वाला कह रहा था कि एक बिलकुल नए डिज़ाइन का सामान आया है और बहुत डिमांड चल रही है इसकी। दूकान वाले ने मुझे लंड की पिक्चर भी दिखाई थी। जीजी मुझे पिक्चर से तो कुछ ज़्यादा समझ नहीं आया। मुझे यहां आपके पास आने की भी जल्दी थी इस लिए मैंने दूकान वाले से कहा कि अभी तो मैं कहीं जा रही हूं वापस आ कर अच्छे से समझूंगी”।

“मैंने अपने लिए भी एक वैसा ही मंगवा लिया है”।

“जीजी और एक बात, कूरियर वाले से शर्माना मत। इन लंड और इस तरह के और सेक्स टॉयज का इस्तेमाल बताना भी उनके काम का हिस्सा ही है”।

“और जीजी अगर कूरियर वाला लड़का बढ़िया हुआ तो चांस ले लेना। ऐसे लड़के बड़ी मस्त चुदाई करते हैं। जीजी अगर लडक़ा मस्त चुदाई करता हुआ तो मुझे भी बता देना। अगर वो लंड ले कर मेरे पास पहले आ गया तो मैं आप को बता दूंगी”।

मुकुल बोली, “मगर भावना हो सकता है तुम्हारा और मेरे वाला कूरियर वाला एक ना हो”।

भवन ने जवाब दिया, “नहीं जीजी। दिल्ली के इस तरफ ये टॉयज़ बांटने वाला एक ही है। दुकान वाले के तीन चार लड़के ही हैं जो ये रबड़ के लंड, फुद्दीयां, चूतड़ और होंठ ले कर जाते हैं। दूकान वाला अपने ख़ास लड़कों को ही ये काम देता है”।

मुकुल बोली, “भावना तेरी बातें सुन सुन कर मेरी चूत फिर गीली हो गयी है। क्या हो गया है हमारी चूतों को”।

“जीजी मेरा भी आप वाला ही हाल है। लगता है नोएडा पहूंच कर पहला काम इसमें रबड़ का लंड लेने का ही करना पडेगा”।

अच्छा जीजी बाए।

बाए भवना।

इतनी चुदाई के बाद मुकुल कुलश्रेष्ठ और उसकी देवरानी भावना कुलश्रेष्ठ की प्यासी चूतों की आग काफी हद तक ठंडी हो चुकी थी।

भावना मुकुल को चुदाई का जो रास्ता बता गयी थी वो कामयाब था। महीने में एक या दो बार ज़िप ठीक करने वाले आ कर मुकुल के दोनों छेद – चूत और गांड चोद जाते थे। मुंह में भी गर्म गाढ़ा पानी छुड़ा जाते थे। ज़िप ठीक करने वाले अशोक और जनक, अब जिस दिन मुकुल के मुहल्ले में आते, खूब बन ठन कर आते थे।

बीच में मुकुल साहिल को भी बुला लेती। अशोक और जनक ठीक ठाक चोदते थे मगर मुकुल को असली चुदाई का मजा साहिल के साथ ही आता था। हर बार कुछ नया करता था – नए तरीके से चुदाई करता था।

बीच में जब रामजी कहीं बाहर जाता था तो कभी कभी साहिल रात को भी रुक जाता था। जिस रात वो रुकता था पूरी रात चुदाई होती थी I

सब ठीक चल रहा था। फोन पर देवरानी भावना बताया की उसने रबड़ के बिलकुल लेटेस्ट मॉडल के दो लंडों का आर्डर कर दिया है एक मुकुल के लिए और एक अपने लिए। भावना ने बताया की उसने पहले वाले से मोटा लंड मंगवाया है। अब मोटा लंड चूत में लेने का मन करता था।

लंड बैटरी चलित थे और थ्री इन वन थे – मतलब तीन काम करते थी। चूत, गांड और चूत के दाने, तीनो पर अपना कमाल दिखाते थे।

बस अब इंतज़ार ही हो रहा था कि कब कूरियर वाला ये लंड ले कर आये।

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