किरण की चुसाई से तो ये लग रहा था की अगर ये किरण चुदी नहीं भी है तो भी अपनी सहेलियों के साथ चूत चुसाई जरूर करती है।
कितना बढ़िया चूस रही थी किरण नीना की फुद्दी को। स्कूल कालेज में लड़कियां अक्सर ये करती ही हैं।
किरण की चुसाई से नीना गर्म होने लगी। अब वो किरण का सर अपनी चूत पर दबा रही थी और चूतड़ भी हिला रही थी। मैंने अपना खड़ा लंड नीना के मुंह के आगे किया और उसने फौरन लंड मुंह में ले लिया। दस मिनट की चुसाई के बाद नीना तैयार हो गयी।
किरण का मुंह अपनी चूत से हटा कर नीना मुझ से बोली, “आओ शशी करो चुदाई”।
“लगा दी आग इसने, तैयार कर दी मेरी चूत चुदाई के लिए इस चुदाई की दिवानी किरण ने” नीना ने अपनी चूत की तरफ इशारा कर कर बोली।
नीना बेड के किनारे पर लेट गयी। चूतड़ों तक शरीर बेड पर। चूतड़ों के नीचे नीना ने तकिया रख कर अपनी चूत उठा दी। टांगें उठा कर फैला दी। अब चूत का छेद सामने था। किरण उत्सुकतावश सब देख रही थी।
मैंने नीना की टांगें जांघों से पकड़ कर थोड़ी और चौड़ी की और लंड नीना की चूत के छेद पर रखा और एक ही झटके से चूत के अंदर डाल दिया। किरण ने एक हल्की सिसकारी ली “आआह आआह “।
“लंड नीना की चूत में गया था और मजा कुवांरी चूत किरण को आ रहा था”।
मैंने धुआधार धक्के लगाने शुरू किये। दस मिनट की चुदाई के बाद नीना आआह…आआह की सिसकारियां लेने लगी और जोर जोर से चूतड़ हिलाने लगी। अगले दस मिनट की चुदाई के बाद एक लम्बी आआ…आआह.. शशि आआह की सिसकारी के साथ नीना झड़ गयी। चूतड़ हिलने बंद हो गए।
मैं नहीं झडा था। मैंने अपना मजा रोक लिया था। मैं अपना गर्म लेसदार पानी किरण की चूत में छोड़ना चाहता था।
“कुंवारी लड़की की पहली चुदाई होनी है तो पूरी तरह से तो हो”।
मैंने धीरे से लंड नीना की चूत में से निकाला और किरण को नीना की चूत चूसने का इशारा किया।
किरण घुटनों के बल फर्श पर बैठ कर नीना की चूत खोल कर जोर जोर से चाटने लगी। इतनी जोर जोर से की सपड़ सपड़ सपड़ की आवाज़ें आ रही थी।
नीना की मस्ती उतरी तो उसने किरण का सर अपनी चूत से हटा दिया, और मेरे खड़े लंड को देख कर उसे बोली “जा लेले अपने जीजू का लंड अपनी कुंवारी चूत में – तुड़वा अपनी चूत की सील। तेरे जीजू ने अपने लंड का गर्म पानी भी तेरी चूत में डालने के लिए संभाल कर रखा है”, और फिर मेरी और देख कर बोली,” क्यों शशि “।
“मुझे थोड़ी शर्म आयी जैसे चोरी पकड़ी गयी हो”।
नीना उठी और किरण को पकड़ कर उसके होंठ चूसती हुई बोली, “कितनी उतावली है किरण तू चुदवाने के लिए। क्या सच में ही आज तक नहीं चुदी तेरी ये चूत “? नीना का गुस्सा उतर चुका था। नीना ने किरण की चूत में उंगली डालते हुए पूछा।
किरण ने गले पर हाथ रख कर कहा, “कसम से जीजी नहीं चुदी। बिलकुल कोरी है। जीजू ही पहले हैं – जीजू ही ताला खोलेंगे मेरी चूत का आज, वो भी तुम्हारे सामने “।
नीना ने किरण को लिटा दिया जैसे वो खुद लेटी थी। चूतड़ों तक का शरीर बेड पर। चूतड़ों के नीचे तकिया रख दिया। टांगें ऊपर की और चौड़ी कर दी।
किरण की चूत का गुलाबी छेद इतना टाइट था की दिख ही नहीं रहा था। मैंने आगे बढ़ कर किरण के चूतड़ चौड़े कर दिए। गांड का छेद भी चूट के छेद की तरह ही टाइट था। हल्का गुलाबी भूरा बिलकुल बंद।
मैंने अपनी उंगली पर थूक लगाया और किरण की गांड में उंगली डालने के कोशिश की। किरण चिहुंक गयी, नहीं जीजू दर्द करता है। मैंने गांड के छेद पर अपनी जुबान फेरनी शुरू की और किरण को मजा आने लगा आअह जीजू बड़ा मजा आता है इससे। फिर करो जीजू आअह।
नीना ने मुझे हटाया और फर्श पर बैठ कर किरण की चूत चूसने लगी। उसकी चूत के दाने को दांतों से हल्का हल्का काटने लगी। मस्ती के मारे किरण जोर जोर से आआह… जीजी…ओओह…जीजी ली सिसकारियां ले रही थी।
नीना ने किरण की चूत से मुंह हटा कर किरण से कहा ,”धीरे किरण धीरे, बाहर तक आवाज जा रही होगी “।
जल्दी ही किरण की चूत तैयार हो गई। खूब लेसदार पानी छोड़ चुकी थी। किरण जोर जोर से चूतड़ ऊपर नीचे कर रही थी। लंड मांग रही थी।
नीना बोली ,”शशि ये तैयार है। डालो लंड इसकी चूत में और मजे लो कोरी चूत के आज”।
मैंने नीना से कहा, “नीना एक बार लंड चुसवा लूं किरण से ? इसके होठों ने भी तो लंड का स्वाद नहीं चखा होगा।
नीना बोली, “जाओ चुसवाओ, मजे लो। चल उठ किरण, आजा जीजू के लंड का टेस्ट ले ले “।
मैंने किरण को बिठाया और अपना लंड उसके मुंह के सामने कर दिया। किरण ने लंड मुंह में लिया और चूसने लगी। बड़ी ही जोर जोर से चूस रही थी मेरा लंड किरण।
किरण ने लंड मुंह से निकाला और मुझे कहा, “जीजू चोदो अब मुझे। डालो मेरी चूत में लंड। आपका लंड लेने के लिए मरी जा रही हूं मैं।
मैंने किरण की चूत में उंगली डालने की कोशिश की तो मुझ लगा चूत बहुत टाइट है। मैंने खूब सारा थूक चूत पर डाला और लंड चूत पर रख कर हलके धक्के से लंड अंदर डालने की कोशिश की। लंड अंदर नहीं घुसा। थोड़ा और जोर लगा कर धकेला तो किरण के गले से “आआह दुखता है” की आवाज निकली।
नीना बोली, “शशि थोड़ा और थूक डालो इसकी चूत में, चिकना करो। ऐसे नहीं जाएगा तुम्हारा मोटा लंड”।
मैंने थूक से चूत को और चिकना किया और लंड को जोर से अंदर की तरफ धकेला। किरण ने अपने मुंह पर हाथ रख कर अपनी चीख रोकी।
मैंने नीना से कहा, “नीना इसकी चूत बहुत टाइट है। अगर लंड जबरदस्ती डाला तो इसको दर्द होगा। कहीं जोर से चिल्ला ही ना पड़े”।
नीना ने कुछ सोचा,” शशि, अब यहां तक पहुंच कर इसकी चुदाई तो जरूर होनी चाहिए। दर्द के बावजूद इसकी चूत में आग लगी हुई होगी। मैं करती हूं इसका इलाज”।
नीना बेड के ऊपर चढ़ी, अपनी दोनों टांगे फैला कर किरण के सर दोनों तरफ रख दी और अपनी चूत की फांकों को चौड़ा कर के चूत किरण के मुंह पर रख दी। नीना की पीठ मेरी और थी। सर घुमा कर बोली, “शशि एक बार थूक से और चिकना कर लो इसकी चूत को और डाल दो अंदर। अगर अब चिल्लाई तो मैं देख लूंगी”।
मैंने थूक किरण की चूत के छेद पर मला, एक दो बार उंगली अंदर की। फिर दो उंगलिया थोड़ी सी अंदर की। दो उंगलयां गयी तो सही मगर किरण की फुद्दी बड़े टाइट थी।
मैंने इस बार लंड किरण की चूत के छेद पर रखा और जोर लगा कर धकेल दिया। लंड रगड़ खाता हुआ छेद के अंदर चला गया और किरण ने जोर से चीखने की कोशिश की मगर नीना ने अपनी चूत उसके मुंह पर दबा दी। किरण की चीख नीना की चूत में ही दब गयी।
नीना ने कहा, “शशि चोदो अब इसको दबा कर – रगड़ो इसकी चूत। इसके चिल्लाने की परवाह मत करना। जल्दी ही इसे मजा आने लगेगा”।
मैंने किरण की टांगे और चौड़ी की और चुदाई करने लगा आ..आह.. उऊंह…आआह… उऊंह। किरण ने चिल्लाने की कोशिश मगर नीना ने अपनी चूत को किरण के मुंह से सटाये रखा – और तब तक सटाये रखा जब किरण के मुंह से चीखों की जगह मजे की सिसकारियां नहीं निकलने लगी।
“आआह …जीजी …आआह …जीजू अब आया मजा आ आअह…जीजी…आअ…मजाआ गया ये होती है चुदाई आह जीजू चोदो, और चोदो।
जल्दी ही किरण अपने चूतड़ जोर जोर से हिलाने लगी। नीना किरण के ऊपर से उठ गयी और उसकी चूचियां चूसने लग गयी।
किरण मस्त थी “आआह… जीजू मजा आ गया जीजी वाह्ह्ह…जीजी मजा आ गया”।
नीना ने किरण की चूचियां चूसते चूसते एक हाथ नीना के होठों पर रख दिया – मगर दबाया नही। सिसकारियों की आवाजे दब रही थी – धीरे हो गयीं थीं ।
किरण ने मेरी कमर पकड़ ली और जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगी। “क्या झड़ने वाली थी”?
दस मिनट की ज़बरदस्त चुदाई के बाद किरण एक लम्बी सिसकारी आआआह….जीजी…गयीईइ…जीजू आआह…के साथ झड़ गयी। साथ ही मैंने भी अपना गर्म लेसदार पानी किरण की चूत में डाल दिया।
किरण निढाल हो गयी थी। मस्त मजा आया लगता था।
मैंने धीरे से लंड चूत में से बाहर निकाला – थोड़ा खून लगा हुआ था। मैंने नीना को कहा, “नीना ये किरण कुंवारी ही थी। सील नहीं टूटी थी। खून निकला है। देखो तो आ कर “।
नीना आई और किरण की चूत को खोल कर देखा। थोड़ा खून लगा हुआ था। नीना एक साफ़ कपड़ा लाई और किरण की चूत साफ़ की। अभी भी बूंद बूंद खून रिस रहा था। नीना ने चूत को हल्का हल्का दबाया। जल्दी ही खून रिसना बंद हो गया। नीना फर्श पर बैठ गयी और किरण की चूत धीरे धीरे चाटने लगी।
किरण ने आंखें खोली और “बोली जीजी आप के कारण आज स्वर्ग दिखा दिया जीजू ने, मजा ही आ गया चुदाई करवाने का”।
मैं अभी वही खड़ा था। किरण उठी और मेरा लंड चूस लिया। फिर नीना की तरफ मुड़ी और उसके होंठ चूसने लगी। फिर अलग हो कर नंगी ही बेड पर बैठ गयी।
नीना अपने पर्स में से एक गोली लाई और किरण को पकड़ा दी। साथ एक गिलास पानी भी ले आयी, ” ले खा ले “।
“ये क्यों जीजी”? किरण ने पूछा।
नीना ने बोला,” किरण, तेरे जीजू ने मलाई तेरे अंदर छोड़ी है। कहीं प्रेगनेंट ही ना हो जाये इस लिए है ये गोली। आगे से कभी भी अगर चुदाई करवाए तो याद रखना – या तो कंडोम या फिर गर्भनिरोधक गोली”।
किरण ने गोली निगली और नीना का हाथ पकड़ कर बोली, “धन्यवाद जीजी”। फिर रुक कर बोली, ” जीजी आज रात एक बार और चुदाई हो सकती है “?
नीना हंसी, “किरण, मेरी छोटी सी बहना, अब मैं क्या कहूं। अब जब तू एक बार मेरे सामने, मेरे साथ ही चुद चुकी है अब और मजे ले ले”।
“एक काम कर तू इस बेड पर जीजू के साथ आ जा, मैं वहां फोल्डिंग पर चली जाती हूंI मजे करो आज की रात – जितनी बार मर्जी चुदाई करो,जैसे मर्ज़ी चुदाई करो ।
फिर नीना मेरी तरफ देख कर हंस कर बोली, “लो शशि और चोद लो इसकी टाइट चूत को आज जितनी बार भी चोद सकते हो “। और फिर नीना ने अपने पर्स में से चेहरे पर लगाने वाले वैसलीन की डिबिया निकल कर दी और बोली, “और ये लो, अगर ये मान जाए तो आज इसकी गांड चुदाई का भी मुहूर्त कर देना”।
किरण ने ये सुनते ही फिर से नीना के होठों पर एक चुम्मा जड़ दिया, “मेरी प्यारी जीजी”।
“मुझे तो अपने भाग्य पर विश्वास ही नहीं हो रहा था”।
उस रात जलती लाइट में ही किरण की दो बार और चुदाई हुई।
फिर मैंने किरण से पूछा, “किरण गांड चुदवाएगी”।
किरण बोली, “जीजू, याद नहीं जीजी ने क्या कहा था ? जितनी बार मर्जी चुदाई करो, जैसे मर्ज़ी चुदाई करो। जीजू आज की रात आप जो करना चाहो। चूत चोदना चाहो चूत चोदो । गांड चोदना चाहो गांड चोदो। बोलो जीजू कैसे लेटूं गांड चुदवाने के लिए”।
नीना तो जाग ही रही थी। एक चूत चुद रही हो, वो भी जलती लाइट में तो दूसरी चूत को कहां चैन आ सकता है।
नीना उठ कर आ गई, ” मैं बताती हूं किरण कैसे गांड चुदवाते हैं। देख ऐसे बेड पर उल्टी लेट जा “। और नीना अपने घुटनों और कुहनियों के बल बेड के किनारे पर उलटा लेट गयी और चूतड़ पीछे कर के उठा दिए।
नीना के चूतड़ देख कर किरण मस्त हो गयी। किरण ने नीना के चूतड़ खोले और गांड का छेद चूसने लगी।
किरण चूतड़ चूसती ही जा रही थी चूसती ही जा रही थी। नीना भी उसको मना नहीं कर रही थी। नीना ने सर घुमा कर किरण से कहा, “बस किरण अब तो मुझे भी गांड चुदवानी पड़ेगी। आग लगा दी तूने मेरी गांड में। अजा दोनों गांड चुदवाएंगी इक्क्ठे”।
किरण भी नीना के बगल में चूतड़ से चूतड़ सटा कर वैसे ही उकडू हो कर लेट गयी। दो दो मांसल गांड के छेद देख कर मेरी हालत खराब हो रही थी। मैंने बारी बारी से दोनों की गांड के छेद चाटे। किरण भी मस्त हो चुकी थी।
“जीजू बस करो अब, लंड डालो मेरी गांड में”।
मैंने ढेर सारी वैसलीन नीना और किरण की गांड के छेद पर मली। पहले मैंने किरण के छेद में लंड डालने की कोशिश की। लंड अंदर नहीं जा रहा था।
बड़ी कोशिशों के बाद लंड का टोपा बैठ अंदर गया। किरण ने दर्द के कारण कमर आगे की मगर मैंने कमर कस कर पकड़ ली।
किरण को एक बार तो दर्द होना ही था। पहली बार गांड चुदवाने में सब को होता है।
नीना को भी हुआ था। अब तो नीना खूब मस्ती से गांड चुदवाती है।
मैंने किरण की कमर पकड़ी और धीरे धीरे लंड पूरा अंदर बिठा दिया। किरण ने दर्द के कारण सर नीचे किया हुआ था।
नीना किरण से बोली, “किरण गांड ढीली छोड़ दे”।
फिर नीना दुबारा बोली, “अच्छा किरण एक काम कर। एक हाथ से अपनी चूत को रगड़, चूत गर्म होगी तो गांड अपने आप ढीली हो जाएगी”।
नीना का ये तरीका कामयाब रहा। अब किरण की गांड में लंड थोड़ा आगे पीछे हो रहा था। मैंने एक बार लंड बहार निकल कर थोड़ी वेसलीन और लगाई और लंड जड़ तक बिठा दिया।
किरण एक बार चिहुंकी आह जीजू, मगर फिर शांत हो गयी। किरण जोर जोर से चूत का दाना रगड़ रही थी, और मैं लगातार गांड में धक्के लगा रहा था। जल्दी ही किरण ने चूतड़ हिलने शुरू कर दिये और आह आह आह जीजू की सिसकारियां लेने लगी।
कुछ ही और धक्कों के बाद एक लम्बी सिसकारी के साथ किरण झड़ गयी आआह जीजू गयी मैं। मैंने किरण की कमर पकड़ कर जोरदार धक्के लगाए। किरण हिलना बंद हो गयी थी। अब नीना चूतड़ हिला रही थी। किरण बेड पर ढेर हो चुकी थी।
नीना की गांड चोदने में कोई कठिनाई नहीं थी। नीना को गांड चुदवाने का शौक था और वो अक्सर मुझसे हफ्ते पंद्रह दिन में जब मन करे गांड चुदवा लेती थी।
नीना की गांड में लंड डालते ही मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए। नीना चूतड़ हिला हिला कर लंड अंदर ले रही थी। उधर नीना एक हाथ से अपनी चूत रगड़ रही थी, इधर मैं नीना की कमर पकड़ कर ज़बरदस्त धक्के लगा रहा था।
एकाएक नीना ने इतनी जोर से चूतड़ हिलाये की लंड गांड के छेद से बाहर निकलता निकलता रह गया। दोनों ही आअह…आआह…उऊंह की आवाजों के साथ झड़ गए। मेरा गर्म गर्म पानी नीना की गांड के अंदर निकला और नीना बोली, “आआह…शशि कितना गर्म है।
अब सब शांत था। ना अब नीना और किरण में चुदने का दम था, ना मुझमे चोदने का।
मेरी ज़िंदगी में ऐसी धुआधार चुदाई नहीं हुई थी – और अब शायद होगी भी नहीं। कोइ और साली भी तो नहीं थी मेरी।
समाप्त – The End