ससुराल में साली जी को बजाने का मौका मिला-1

सभी पाठको को मेरा प्रणाम। मैं रोहित 26 साल अच्छा खासा दिखने वाला लौंडा हूं। मेरा लंड 6 इंच लम्बा है, जो किसी भी चूत की गहराई में उतर कर उसकी बखियां उधेड़ सकता है। मेरे लंड को अकसर पकी-पकाई चूते बहुत पसंद है। ऐसी पकी-पकाई चूतें मेरे लंड को बहुत मज़ा देती है।

अभी कुछ टाइम पहले मेरी बीवी प्रेग्नेंट थी। उस टाइम मेरी बीवी से मिलने के लिए मेरी बड़ी साली जी यानि सोनिया जी मिलने के लिए आई थी। जब मैं सोनिया जी को छोड़ने उनके घर गया था, तो मैंने सोनिया जी की लेली थी। मैंने पिछली कहानी में आपको बताया था। उसके बाद मैंने सोनिया जी को खेत में बजाया था।

सोनिया जी लगभग 36 साल की मस्त बिंदास औरत है। उनका गोरा चिकना जिस्म, मस्त टाईट बड़े-बड़े बोबे, शानदार सेक्सी गांड किसी को भी लंड मसलने पर मजबूर कर सकता है। वो पके हुए अमरुद की तरह एक-दम से गदराई हुई सी है।

सोनिया जी के बोबे लगभग 34″ साइज के है। वो अपने बोबों को अच्छी तरह से ढक कर रखती है। कभी भी सोनिया जी उनके बोबों की झलक देखने का मौका नहीं देती थी। उनके ही घर में मैंने सोनिया जी के बोबों को जम कर चूसा था।

सोनिया जी का मस्त पेट एक दम मक्खन जैसा है। सोनिया जी की बल खाती हुई चिकनी कमर लगभग 32″ साइज की है। मस्त चिकनी कमर के नीचे सोनिया जी की सेक्सी गांड लगभग 34″ साइज की है। साड़ी में से सोनिया की गांड की झलक अच्छी तरह से नजर आती है। मैंने सोनिया जी की टाइट गांड में जम कर लंड पेला था।

अभी कुछ दिनों पहले ही मेरे ससुराल में शादी थी। शादी में सब रिश्तेदार आये हुए थे। वहां मेरी बड़ी साली यानि सोनिया जी भी आई थी। सोनिया जी मुझे देखते ही मुस्कुरा गई। मेरा लंड भी सोनिया जी को देखते ही फुफ्कार मारने लगा।

सोनिया जी अपने काम में बिजी थी, लेकिन मेरी नजर बार-बार सोनिया जी पर पड़ रही थी। सोनिया जी को देख-देख कर मेरे लंड का करंट बढ़ता जा रहा था। तभी मैंने सोचा सोनिया जी की लेने का इंतज़ाम करना ही पड़ेगा।

सोनिया जी से मेरा सेटिंग पहले से ही चल रहा था जिसे मैं पिछली कहानियों में बता चुका हूँ। अब मैं ससुराल में भी सोनिया जी को बजाने का प्लान बनाने लगा।

काम थोड़ा मुश्किल था, लेकिन असंभव नहीं था। तभी मुझे थोड़ी देर सोनिया जी से बात-चीत करने का मौका मिला।

“सोनिया जी बहुत सेक्सी लग रही हो।”

“आपको तो मैं हमेशा ही सेक्सी लग लगती हूँ।”

“अब आप हो ही इतनी मस्त, तो फिर सेक्सी तो लगोगी ही।”

“हाँ-हाँ ठीक है। बताओ किस काम के लिए बुलाया? ”

“काम तो उसके अलावा क्या होगा? बहुत दिन हो गये है आपको बजाए हुए। मेरा लंड आपकी चूत के लिए तड़प रहा है।”

“तड़प तो मैं भी रही हूँ, लेकिन रोहित जी यार यहाँ कैसे हो पायेगा? ”

“कोशिश करेंगे तो सब हो जायेगा।”

“मैं तो तैयार हूं। आप जहां कहो वहां चुदने के लिए तैयार हूं। लेकिन कोई सही जगह मिले। अब आज बहुत सारे महमान है।”

“भाभी जी की हेल्प लेनी पड़ेगी। वो सब जानती ही है, तो उन्हे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।”

“भाभी! लेकिन रोहित जी इतने सब महमानों के बीच में भाभी कैसे जगह का जुगाड़ करेगी?”

“आप उसकी चिंता मत करो। मैं उनसे सब बात कर लूंगा।”

“ठीक है तो आप भाभी को पटा लो। मैं चुदने के लिए तैयार हूं।”

तभी मैंने सोनिया जी पर पंच मारा “भाभी को पटाओ!” मतलब उन्हें भी लेने के लिए तैयार करूँ क्या?

तभी सोनिया जी मुस्कुरा पड़ी “हां, आप तो चाहते ही यही हो। वैसे पटा लो। अच्छा ही है। एक की बजाए दो-दो को बजाने का मौका मिलेगा।”

“अरे नहीं, आज तो सिर्फ आपको ही बजाने का प्लान है। अगर भाभी आगे होकर ही देदे तो बात अलग है।”

“अब भाभी की भी लेने के बारे में सोच रहे हो क्या?”

“अरे नहीं, मैं तो मज़ाक कर रहा हूँ।”

“कोई बात नहीं आप भाभी को भी पटा लो। मुझे कोई दिक्कत नहीं है।”

“देखता हूँ मैं। अगर भाभी जी पट जाए तो ठीक है, नहीं तो आपकों तो बजाना ही है।”

तभी सोनिया जी वापस अपने काम में बिजी हो गई। अब मैं सोनिया जी को बजाने के काम में लग गया। फिर बड़ी मुश्किल से भाभी जी से बात करने का मौका मिला।

“और बताओ रोहित जी। सब‌अच्छा चल रहा है ना?”

“हाँ, भाभी जी सब अच्छा चल रहा है।”

“और बताओ? ”

“और तो सब ठीक है। सोनिया जी को बजाने का इंतज़ाम कर दो आप तो।”

“अच्छा!”

“हां भाभी जी।”

“सोनिया जी तैयार है क्या? ”

“हाँ वो तो तैयार है।”

“लेकिन यार रोहित जी। आज थोड़ा मुश्किल है। इतने महमानों के बीच जुगाड़ कैसे हो पायेगा?”

“आप कोशिश करो तो क्यो नहीं हो पाएगा? ”

“मैं कोशिश करके देखती हूं। अगर इंतजाम हो जायेगा तो मैं आपको बता दूँगी।”

आज खाने का प्रोग्राम था। बहुत सारे महमान आ रहे थे। अब मैं भी महमानों के साथ बिजी हो गया। फिर रात को बिंदोरी का प्रोग्राम था। अब सब बिंदोरी के प्रोग्राम में लग गए। अब सोनिया जी और भाभी जी भी प्रोग्राम में चली गई।

आज सोनिया जी अच्छी तरह से सजी हुई थी। मेकअप से सोनिया जी का जिस्म बहुत ज्यादा चमक रहा था। उपर से गुलाबी रंग की साड़ी में सोनिया जी कहर ढा रही थी।

अब मेरी नजर सोनिया जी पर थी। मैं बार-बार सोनिया जी को ताड़ रहा था। सोनिया जी की मस्त जवानी को देख देख कर मेरे लंड का पारा बढ़ता जा रहा था। सोनिया जी भी मेरी नजरों को पढ़ रही थी।

फिर थोड़ी देर बाद सोनिया जी और भाभी जी बिंदोरी में से वापस आ गई। तभी मैं समझ गया था, कि प्लान अब काम करने वाला था। भाभी जी मुझे थोड़ी देर बाद आने का इशारा कर गई थी। मैं भाभी जी का कॉल आने का इंतज़ार कर रहा था। तभी थोड़े इंतज़ार के बाद भाभी जी का कॉल आ गया।

अब मैं तुरंत निकल पड़ा और घर आ गया। घर के बाहर कुछ मेहमान सो रहे थे। मैं तुरंत अंदर चला गया। अब भाभी जी ने मुझे उनके कमरे में ही बुला लिया।

“रोहित जी बड़ी मुश्किल से प्लान सेट किया है। अब आप जल्दी से आपका काम कर लो।”

तभी सोनिया जी ने कहा “फिर भाभी आप कहाँ सोएंगी? ‘

“भाभी जी भी यही सो जायेंगी। पलंग पर हम अपना काम कर लेंगे, और भाभी जी बच्चो के साथ सो जायेंगी।”

“रोहित जी ये आप क्या कह रहे हो? ”

“सोनिया जी मैं सही कह रहा हूँ। अगर भाभी जी बाहर सोयेंगी तो किसी को भी शक हो सकता है। इसलिए भाभी जी को अंदर ही रहने दो। क्यो भाभी जी? ”

“हाँ, रोहित जी सही कह रहे हो आप। मुझे कोई दिक्कत नहीं। आप अपना काम कर लेना।”

“लेकिन भाभी, आपके सामने?”

“अरे कोई बात नही, लाइट बंद करके कर लेना।”

“अब सोनिया जी, आप इतने नखरे क्यों कर रही हो? टाइम बहुत ही कम है। अब शर्म वर्म छोड़ो।”

“रोहित जी यार…”

तभी मैंने सोनिया जी को मेरी तरफ खींच लिया और उनके रसीले होंठो को चूसने लगा। मैं सोनिया जी के होंठो पर लगी लिपस्टिक को चूस रहा था। आज तो सोनिया जी के जिस्म से गजब की महक दौड़ रही थी। अब मैं किस करता हुआ सोनिया जी की गांड मसलने लगा।

तभी कमरा आउछ पुच्च पुच्छ आउछ की आवाज़ों से गूंजने लगा। हम दोनों अब एक-दूसरे के जिस्म के साथ खेल रहे थे। भाभी जी अब बच्चो के साथ कमरे के कोने में लेट गई।

तभी सोनिया जी पीछे सरकती हुई दीवार से जा सटी। अब मैं सोनिया जी को किस करते हुए उनकी मदमस्त गांड सहला रहा था। सोनिया जी कसी हुई गांड सहलाने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। हमारे घमसान के साथ ही सोनिया जी के कंगन और पायल बार-बार बज रहे थे। आज तो सोनिया जी गुलाबी रंग की साड़ी में कहर ढा रही थी।

अब मैंने सोनिया जी के पल्लू को खींच डाला और फिर मैं ब्लाउज के ऊपर से ही सोनिया जी के बोबे मसलने लगा। सोनिया जी बोबे मसलने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। अब मेरा लंड सोनिया जी की फाड़ने के लिए बेताब हो रहा था। सोनिया जी भी अब गर्म हो चुकी थी।

तभी मैंने दूसरा हाथ सोनिया जी के पेटीकोट में घुसा दिया और अब मैं सोनिया जी के बोबों के साथ साथ उनकी चूत भी सहलाने लगा। सोनिया जी की चूत भट्टी की तरह जल रही थी। अब सोनिया जी मेरे हाथ को चूत पर से हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं तो सोनिया जी की चूत में खलबली मचाये जा रहा था।

अब मैंने सोनिया जी के होंठों को छोड़ दिया और उनकी चूत का मज़ा लेने लगा। अब मैं जोर-जोर से सोनिया जी की चूत में उंगलिया पेलने लगा। तभी सोनिया जी की सिसकरियां फूट पड़ी।

“आह्हा आह्ह सिसस ओह्ह्ह आहह।”

अब भाभीजी सोनिया जी की सिसकरियां सुन कर करवटे बदलने लगी।

“ओह्ह्ह सोनिया जी बहुत मज़ा आ रहा है।”

“आईई आईई आह्हा आह्हा ओह्ह्ह।”

मैं सोनिया जी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था। अब सोनिया जी की चूत लंड मांग रही थी, लेकिन सोनिया जी शर्म के मारे कह नही पा रही थी। मैं उनकी चूत की बखिया उधेड़ रहा था।

“आईई मम्मी आह्हा आह्हा सिसस बसस रोहित जी।”

“करने दो सोनिया जी बहुत मज़ा आ रहा है।”

“मत करो रोहित जी। आह्हा आह्हा बहुत दर्द हो रहा है।”

“होने दो सोनिया जी।”

मैं उंगलियां घुमा-घुमा कर सोनिया जी की चूत में खलबली मचा रहा था। तभी सोनिया जी पसीने से भीग गई, और उनका पानी निकल आया। अब मेरी उंगलियां सोनिया जी के पानी में भीग चुकी थी।

अब मैंने सोनिया जी उठाया और उन्हे पलंग पर पटक दिया। अब मेरा लंड ज्यादा इंतज़ार करने के मूड में नहीं था। अब मैंने सोनिया जी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, और फिर सोनिया जी की चड्डी, पेटीकोट और साड़ी को एक साथ खोल फेंका।

तभी सोनिया जी के कपड़े भाभी जी के ऊपर जा पड़े। अब सोनिया जी नीचे से नंगी हो चुकी थी। अब मैंने मेरे भी कपड़े खोल फेंके। अब मैंने सोनिया जी की टाँगो को खोला और फिर उनकी चूत में लंड सेट कर दिया।

अब मैंने ज़ोर का झटका दिया। मेरा लंड एक ही झटके में सोनिया जी की चूत के पड़खच्चे उड़ाता हुआ अंदर घुस गया। चूत में मेरा मोटा तगड़ा लंड घुसते ही सोनिया जी बुरी तरह से हिल गई और वो चीख पड़ी।

“आईईईईई मम्मी मर्रर्रर्रर्र गईईईई। आईईईईई बहुत दर्द हो रहा है। ओह्ह रोहित जी।”

एक ही शॉट में मेरा लंड सोनिया जी की चुत के पेंदे में पहुँच चुका था। अब मैं सोनिया जी की धुआंधार ठुकाई करने लगा। तभी सोनिया जी की चीखे कमरे में गूंजने लगी।

“आईईईई आईईईई आह्ह आह्ह आह्ह उन्ह आहाहाह आह्ह आह्ह आईईईईई धीरे-धीरे आह्ह आह्ह। ओह्ह्ह रोहित जी। आह्ह आहह आह्हा।”

“ओह्ह्ह सोनिया जी आहह बहुत ठंडक मिल रही है मेरे लंड को आह्ह।”

“ओह्ह्ह रोहित जी धीरे-धीरे चोदो। भाभी भी सो रही है।’

“तो सोने दो ना। भाभी जी तो सब जानती है।”

मेरे लंड को आज जन्नत मिल चुकी थी। मैं सोनिया जी की चूत में बुरी तरह से लंड ठोक रहा था।

कहानी जारी रहेगी….

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