सौतेले बेटे ने की मां की चुदाई-1

दोस्तों मेरा नाम सलमा है। मैं उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले से हूं। मेरी उमर 38 साल है, और मैं एक शादी-शुदा औरत हूं। मेरी शादी 8 साल पहले एक रंडवे मर्द से हुई थी, जिनका नाम अब्दुल है। अब्दुल की बीवी को मरे काफी साल हो गए थे, और उस वक्त वो अपने इकलौते बेटे के साथ रहते थे। अब्दुल का बेटा उस वक्त 14 साल का था,‌ और उनकी अपनी उमर 37 साल की थी।

मैं दिखने में काफी खूबसूरत हूं। रंग मेरा गोरा है, और बदन मेरा गदराया हुआ है। इस वक्त मेरा फिगर 36-32-38 है। जब मेरी शादी हुई थी तब 2-2 इंच कम थी सारी चीजें। अब आप सोच रहे होंगे कि अगर मैं इतनी ही खूबसूरत हूं, तो एक रंडवे से शादी क्यों की? तो इसका कारण ये था कि मेरा परिवार बहुत गरीब था। इसलिए उन्होंने मुझे एक रंडवे के पल्ले बांध दिया।

अब्दुल के पास अच्छा-खासा पैसा था, तो उससे शादी करके मुझे ऐश तो मिली, लेकिन कभी वो शारीरिक सुख नहीं मिला, जो हर औरत चाहती है। ऊपर से उसके 14 साल के बेटे को मैं एक आंख नहीं भाती थी। उसको पता नहीं क्यों लगता था कि मैं उसके अब्बू को उससे दूर करना चाहती थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था।

फिर ऐसे ही वक्त बीतता गया, और मैं असंतुष्टि भर जीवन जीती रही। इस बीच मेरा एक बार एक जवान लड़के से चक्कर भी चला, लेकिन इससे पहले मैं उसके साथ कुछ कर पाती, अब्दुल ने मुझे उसके साथ बातें करते पकड़ लिया। फिर जैसे-तैसे मैंने कहानियां गढ़ कर अब्दुल को मनाया कि ऐसा कुछ नहीं था। पर उसके बाद मेरी हिम्मत नहीं हुई दोबारा ऐसा करने की।

7 साल बीत गए। आज भी मेरा सौतेला बेटा मुझसे नफरत करता था। फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे सब बदलना शुरू हो गया। सुबह का वक्त था, और मैं हर रोज की तरह सबसे पहले उठ कर नहाने के लिए बाथरूम में चली गई। उन दिनों बाथरूम के दरवाजे की कुंडी खराब थी, इसलिए सब को बोला गया था, कि अंदर आने से पहले दरवाजे पर दस्तक जरूर दे। वैसे भी घर में एक से ज्यादा बाथरूम थे, तो किसी को उस बाथरूम में जाने की जरूरत नहीं पड़ती थी। लेकिन मैं सालों से उस बाथरूम को इस्तेमाल कर रही थी, इसलिए वहीं जाती था।

मैं बाथरूम में गई और अपना सलवार-कमीज उतारने लगी। फिर मैंने अपनी ब्रा और पैंटी उतारी, और नंगी हो गई। उसके बाद मैं नीचे बैठ गई, और बाल्टी में से पानी लेके अपने जिस्म पर डालने लगी। मैंने साबुन लिया, और अपने जिस्म पर मलने लगी। दोस्तों में अपनी चूत को रोज साबुन से जरूर धोती हूं। उस दिन भी मैं ऐसा ही कर रही थी।

जब मैं चूत पर साबुन रगड़ रही थी, तो अचानक मेरा साबुन मेरे हाथ से फिसल गया। वो सामने जाके बाथरूम के दरवाजे के पास पहुंच गया। फिर मैं बैठी-बैठी ही आगे हुई उस साबुन को उठाने के लिए।

बाथरूम का दरवाजा जमीन से तकरीबन 3 इंच ऊपर है। जब मैंने साबुन उठाया, तो मुझे दरवाजे के नीचे से किसी की परछाई दिखाई दी। मुझे लगा कि कोई बाहर खड़ा था। फिर मैंने और नीचे होके देखा, तो मुझे 2 पैर नज़र आए। ये पैर मेरे बेटे के थे। मुझे समझ नहीं आया कि वो बाथरूम के बाहर क्यों खड़ा था?

पहले मैंने सोचा कि नहा कर बाहर निकल जाती हूं। लेकिन फिर मैंने सोचा, कि ऐसे-कैसे वो मेरे बाथरूम के बाहर खड़ा हो सकता था? वो भी तब, जब मैं अंदर नहा रही थी। ये सोच कर मैं खड़ी हुई, कुंडी से तोलिया उतार कर अपने बदन पर लपेटा, और झट से दरवाजा खोल दिया।

दरवाजा खुलते ही मैंने जो देखा, मैं हैरान रह गई। मेरा सौतेला बेटा सामने खड़ा था। उसका कच्छा और पजामा उसके पैरों में था, और उसका लंड उसके हाथ में था। उसका लंड पूरा खड़ा हुआ था, और वो उसको आगे-पीछे करके फुल स्पीड में हिलाए जा रहा था।

मुझे उसको ऐसे देख कर बहुत गुस्सा आया, और मैंने ऊंची आवाज में उससे पूछा-

मैं: ये क्या बदतमीजी है!?

लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। इस वक्त उसकी नज़र मेरी जांघों पर थी, जो तोलिए से बाहर नज़र आ रही थी, और जिन पर हल्की पानी की बूंदे भी दिखाई पड़ रही था। वो जांघों को ऐसे देख रहा था, जैसे खा जायेगा, और लंड हिलाता जा रहा था।

लगभग 2 मिनट मेरा सौतेला बेटा मेरे जिस्म को देखते हुए, मेरी आंखों के सामने अपना लंड हिलाता रहा। फिर उसके मुंह से आह आह की आवाजें निकलने लगी, जिससे मैं समझ गई कि उसका काम होने वाला था।

तभी उसके लंड से एक माल की पिचकारी निकली, जो हवा में उड़ती हुई सीधे मेरी जांघों पर आ गिरी। उसने अपनी आँखें बंद कर ली, और लंड हिलाता रहा, जब तक कि उसके लंड का पूरा माल खाली नहीं हो गया। फिर उसने अपनी आँखें खोली, और मुझे एक अंजनी नज़र से देखा, और फिर चुप-चाप वहां से चला गया।

मैंने उसको आवाज दी, लेकिन वो मुझे अनसुना करके चला गया। पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया। लेकिन फिर मुझे मामले की गंभीरता का एहसास हुआ। मेरा बेटा मेरे सामने मुठ मार कर चला गया। और वो बाथरूम के बाहर से मुझे नंगी देख रहा था। मुझे ये भी नहीं पता था कि वो कब से ऐसा कर रहा था।

इससे एक बात तो पक्की थी, कि उसने मुझे कभी मां नहीं माना था, और ना ही कभी मानने वाला था। लेकिन वो मेरे बारे में ऐसा सोचेगा ये मैंने कभी सोचा भी नहीं था। अब मैं सोचने लगी, कि आज उसने मेरे सामने मुठ मारी थी, तो कल को कुछ और भी कर सकता था। इसलिए इससे पहले कि वो कोई ऐसी-वैसी हरकत करे, उससे पहले ही अपने शौहर से बात करके उनको सब बता दूं। ये सोच कर मैं कमरे में गई, अपने कपड़े पहने, और अपने शौहर से बात करने के लिए उनको जगाने लगी।

इसके आगे इस हिंदी सेक्स कहानी में क्या हुआ, वो आपको इसके अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी पढ़ कर आपको कैसा लगा आप authorcrazyfor@gmail.com पर बता सकते है।

अगला भाग पढ़े:- सौतेले बेटे ने की मां की चुदाई-2